जब व्यापार करने के लिए नहीं
अस्वीकरण :
इस वेबसाइट पर दी की गई जानकारी, प्रोडक्ट और सर्विसेज़ बिना किसी वारंटी या प्रतिनिधित्व, व्यक्त या निहित के "जैसा है" और "जैसा उपलब्ध है" के आधार पर दी जाती हैं। Khatabook ब्लॉग विशुद्ध रूप से वित्तीय प्रोडक्ट और सर्विसेज़ की शैक्षिक चर्चा के लिए हैं। Khatabook यह गारंटी नहीं देता है कि सर्विस आपकी आवश्यकताओं को पूरा करेगी, या यह निर्बाध, समय पर और सुरक्षित होगी, और यह कि त्रुटियां, यदि कोई हों, को ठीक किया जाएगा। यहां उपलब्ध सभी सामग्री और जानकारी केवल सामान्य सूचना उद्देश्यों के लिए है। कोई भी कानूनी, वित्तीय या व्यावसायिक निर्णय लेने के लिए जानकारी पर भरोसा करने से पहले किसी पेशेवर से सलाह लें। इस जानकारी का सख्ती से अपने जोखिम पर उपयोग करें। वेबसाइट पर मौजूद किसी भी गलत, गलत या अधूरी जानकारी के लिए Khatabook जिम्मेदार नहीं होगा। यह सुनिश्चित करने के हमारे प्रयासों के बावजूद कि इस वेबसाइट पर निहित जानकारी अद्यतन और मान्य है, Khatabook किसी भी उद्देश्य के लिए वेबसाइट की जानकारी, प्रोडक्ट, सर्विसेज़ या संबंधित ग्राफिक्स की पूर्णता, विश्वसनीयता, सटीकता, संगतता या उपलब्धता की गारंटी नहीं देता है।यदि वेबसाइट अस्थायी रूप से अनुपलब्ध है, तो Khatabook किसी भी तकनीकी समस्या या इसके नियंत्रण से परे क्षति और इस वेबसाइट तक आपके उपयोग या पहुंच के परिणामस्वरूप होने वाली किसी भी हानि या क्षति के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।
We'd love to hear from you
We are always available to address the needs of our users.
+91-9606800800
Business Loss: ठप व्यापार के साथ अगर बढ़ता जा रहा है कर्जा तो यह सरल उपाय देंगे लाभ, लक्ष्मी जी की होगी कृपा
Business Loss Solution: जब कभी समस्याएं आए व्यापार गति ना पकडे अवरोध उत्पन्न जब व्यापार करने के लिए नहीं हो तब एक बार किसी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें साथ ही समस्याओं के निदान हेतु वैदिक उपायों का प्रयोग करें। जिससे स्थितियां अनुकूल होकर व्यवस्थित बनी रहें।
- फिजूल खर्ची पर लगाम लगाए
- समस्याएं उतपन्न होने पर ज्योतिषीय परामर्श लें
- वैदिक उपायों का प्रयोग करें
Astro Solution for Business Loss: आजकल आपने बहुत से ऐसे लोगों को सुना होगा जो कहते हैं कि उनका व्यापार बहुत अच्छा चल रहा था परंतु पिछले कुछ समय से व्यापार में परेशानियां आ रही हैं। पहले बिक्री खूब अच्छी होती थी किंतु अचानक उस में गिरावट आ जाती है। लाभ का प्रतिशत भी घट जाता है और समस्या विकट हो जाती है। आप कुशल व्यवसाई हैं, व्यवसाय चलाने का अनुभव भी आपके पास है लेकिन अच्छे भले चलते व्यवसाय में अचानक रुकावट आ जाती है। अच्छा माल बेचते हैं, व्यवहार कुशल भी हैं लेकिन इतना सब होते हुए भी व्यापार निरंतर घाटे में चला जाता है। इन्हीं समस्याओं के चलते कर्ज भी सर पर बढ़ जाता है। क्योंकि व्यापारिक गतिविधियां निर्बल हो जाती है। सब कुछ इंसान के हाथ मे नही होता है। यह सब कर्म और नसीब पर भी आधारित होता है। हर व्यक्ति के जीवन में अच्छे बुरे दौर आते है। व्यापार की गति कम पड़ने की तमाम सारी वजह हो सकती है। अगर आपके भी व्यवसाय में समस्याएं आ रही है। तो आप भी इन उपायों के माध्यम से अपने द्वारा पोषित व्यापार को फिर से पटरी पर ला सकते है।
इस प्रकार की समस्या आपके साथ तो नही होती
आइए पहले जान लेते हैं अगर आपके व्यापार में किसी प्रकार का बंधन लगा हुआ है। तो व्यापार बहुत प्रभावित होता है। आप अपने ऑफिस या दुकान पर जाते हैं। तो मन आशंकित हो जाता है। तरह-तरह के डरावने विचार आने लगते हैं। व्यापार में मन नहीं लगता। दुकान में साफ सफाई जब व्यापार करने के लिए नहीं पूजा पाठ करने का भी मन नहीं करता। दुकान में रखे हुए सामान पर जाले और धूल लगी रहती है। सफाई कभी कभी ही हो पाती है। ग्राहक आता है। लेकिन आपके व्यक्तित्व से वह प्रभावित नहीं हो पाता और आप उसको सन्तुष्ट नहीं कर पाते वह खाली हाथ चला जाता है। कमाई धीरे धीरे घटने लगती है। मन निराश होने लगता है। जहां से आप सामान लेकर आते हैं। वहां से संबंध खराब होने लगते हैं। अगर आपने उधारी की हुई है तो वह रुक जाती है। नए ग्राहक नहीं बन पाते। पिछले वाले टूटने लगते हैं। इन सब से व्यक्ति मानसिक रूप से इतना कमजोर हो जाता है। सुबह उठ कर दुकान खोलने जाने से भी कतराते है।
फिजूल खर्ची तो आपकी दुश्मन नही
कई बार बेवजह के खर्चे कर्ज बढ़ा बढ़ा देते हैं। जितनी भी कमाई होती है ऐसे कामों पर खर्च हो जाती है। जहाँ नहीं होनी चाहिए। जैसे बीमारी कोर्ट कचहरी मुकदमा आदि। व्यक्ति इन सभी में फस कर रह जाता है। इन सब समस्याओं से व्यक्ति का मानसिक स्तर इतना दुर्बल हो जाता है कि वह खुद का नुकसान करने लगता है। और उसको पता भी नहीं चलता। इस तरह समस्याओं से जब व्यापार करने के लिए नहीं समझ लेना चाहिए। आपके या तो ग्रह नक्षत्र अनुकूल नही या कोई तंत्र बाधन की वजह से व्यापारिक स्थितियों में अवरोध उतपन्न हो रहे है।
इन सरल उपायों से जब व्यापार करने के लिए नहीं फिर से व्यापार होगा मजबूत
-प्रत्येक मंगलवार पीपल के 11 पत्ते लें और लाल चंदन से प्रत्येक पत्ते पर राम राम लिखें। इन पत्तों को हनुमान जी के मंदिर में चढ़ा दें।
-सोमवार को 11 बेलपत्र लें तथा उनपर केसर से 'ऊं नमः शिवाय' लिखकर भगवान शिव को मंत्र बोलकर चढ़ाएं। व्यवसायिक आपदा दूर हो जाएंगी। यह कार्य 16 सोमवार तक करें।
-7 कौड़ी 7 कमलगट्टे 7 गोमती चक्र अपने व्यापारिक प्रतिश्ठान में लाल कपड़े में बांध कर रखें
-बांसुरी पर लाल कलावा लपेट कर मोर पंखी के साथ व्यापारिक स्थान पर रखें। लाभ होगा।
-सुबह उठकर मुरली जब व्यापार करने के लिए नहीं जब व्यापार करने के लिए नहीं बजाते श्री कृष्ण की तस्वीर के दर्शन करें और कर्ज मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।
-प्रत्येक बुद्ध और शुक्रवार को मछलियों को आटे की गोलियां पक्षियों को दाना डालने से कर्ज से भी मुक्ति मिलेगी साथ ही व्यापारिक सम्पन्नता बढ़ेगी
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 634