इसके बाद से ही लगातार सिंधु का प्रदर्शन अच्छा जारी रहा. 2012 में चीन की ओलंपिक मेडलिस्ट ली ज्याओरी ओलंप व्यापार अकादमी को हराकर उन्होंने खेल में अपना दबदबा बनाया. 2013 में 17 साल की उम्र में उन्होंने एशियन जूनियर चैंपियनशिप जीती. और इसी उम्र में मलेशियन ओपन टाइटल भी जीत लिया. 2014 में BDF की कई सीरीज में उन्होंने जीत हासिल की थी.
Tokyo Olympics 2020: ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद टीम इंडिया पर इनामों की बौछार, जानें अब तक हुआ कितने के नकद इनाम का एलान
By: एबीपी न्यूज | Updated at : 05 Aug 2021 02:46 PM (IST)
Tokyo Olympics 2020: टोक्यो ओलंपिक में भारत की पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल के पदक के सूखे को खत्म करते हुए इस इवेंट का ब्रॉन्ज मेडल जीत एक नया इतिहास रच दिया है. ब्रॉन्ज मेडल के मैच में भारत ने जर्मनी को 5-4 के अंतर से मात दी. इस एतिहासिक जीत के साथ ही टीम इंडिया में शामिल अपने अपने राज्य के खिलाड़ियों के लिए वहां की सरकारों ने नकद इनाम का एलान करना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने भी ओलंपिक में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए नकद इनाम की घोषणा कर रखी है.
इनाम की घोषणा करने वाले राज्यों की लिस्ट में सबसे पहला नाम पंजाब का आता है. पंजाब की अमरिंदर सरकार ने एलान किया है कि वो टीम इंडिया में शामिल राज्य के प्रत्येक खिलाड़ी को एक - एक करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार देंगे. राज्य के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने आज इस बात का एलान किया.
ओलिम्पिक हाकी : खोया गौरव लौटा
हाकी का सम्राट, हाकी शान और हाकी की जादूगरी किसके नाम है तो भारत का नाम ही उभरता है। हाकी हमारा राष्ट्रीय खेल है, लेकिन हाकी में हमारा गौरव कहीं खो गया था। लेकिन 41 वर्ष बाद भारतीय हाकी टीम ने टोक्यो ओलिम्पिक में जर्मनी की टीम को 5-4 से हराकर भारत के खोये हुए गौरव को फिर से हासिल कर लिया है।
भारतीय हाकी टीम 135 करोड़ देशवासियों की उम्मीदों पर खरी उतरी। आज भारतीय हाकी टीम की जीत पर जिस तरह से देशवासियों ने जश्न मनाया, शहर-शहर, गांव-गांव झूम उठा, उससे एक बार फिर साबित हो गया है कि हाकी भारतीयों के रग-रग में है। भारतीय हाकी ओलंप व्यापार अकादमी में खिलाड़ियों ने गजब का खेल दिखाया।
भारत ने न सिर्फ लगातार गोल बल्कि जर्मनी के खिलाड़ियों को खासा छकाया। जर्मनी की टीम के खिलाड़ी काफी दबाव में नजर आए और वहीं भारतीय खिलाड़ी लगातार गोल की तलाश में दिखे। एक लम्हा तो ऐसा आया जब मैच खत्म होने में कुछ सैकेंड ही बचे थे तो जर्मनी को पैनल्टी स्ट्रोक मिला था।
PV Sindhu ने ऐसे ही नहीं जीता ओलंपिक मेडल, जी तोड़ मेहनत से ओलंप व्यापार अकादमी हासिल किया ये मुकाम
भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु (ओलंप व्यापार अकादमी PV Sindhu) टोक्यो ओलंपिक में भले ही स्वर्ण पदक (Gold Medal) की रेस से बाहर हो गई हों, लेकिन उन्होंने अपने ओलंप व्यापार अकादमी बेहतरीन खेल की बदौलत भारत को एक और पदक जिता दिया है.
उन्होंने चीन की ही बिंग जियाओ को हराकर कांस्य पदक (Bronze Medal) अपने नाम कर लिया है. सिंधु टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए पदक लाने वाली दूसरी खिलाड़ी बन गई हैं. इससे पहले मीराबाई चानू ने भारत को पदक दिलाया था. हमारा एक और मेडल लवलीना से तय है.ओलंप व्यापार अकादमी
पीवी सिंधु ने 5 साल पहले भी रियो ओलंपिक में भारत को रजत पदक (Silver Medal) दिलाया था.
56 किलोमीटर दूर ट्रेनिंग लेने जाती थीं सिंधु
5 जुलाई 1995 में हैदराबाद के ओलंप व्यापार अकादमी एक सामान्य परिवार में सिंधु का जन्म हुआ. पीवी सिंधु का परिवार शुरुआत से ही खेल से जुड़ा रहा है. उनके माता-पिता दोनों ही वॉलीबॉल के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रह चुके हैं. पीवी सिंधु के पिता को अर्जुन अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है.
शुरुआत में पीवी सिंधु डॉक्टर बनने का सपना देखा करती थीं, लेकिन वक्त गुजरने के साथ उनकी भी खेल में रुचि बढ़ती गई. आगे जाकर पुलेला गोपीचंद जैसे महान खिलाड़ी से उन्होंने ट्रेनिंग हासिल की. सिंधु को खेल का नशा आगे ऐसा चढ़ा कि वे अपने घर ओलंप व्यापार अकादमी से 56 किलोमीटर दूर पुलेला गोपीचंद के बैडमिंटन एकेडमी में ट्रेनिंग लेने जाया करती थीं. साथ में उनकी पढ़ाई भी चलती ओलंप व्यापार अकादमी रही.
बैडमिंटन खेलते खेलते पीवी सिंधु ने अंडर 10 और अंडर 14 उम्र के खेलों में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से कई मेडल और टाइटल जीते. और 2009 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय खेल जगत में अपना पहला कदम रखा.
समाचार और प्रेस विज्ञप्तियां
Prime Minister Narendra Modi will visit Meghalaya and Tripura on Sunday. He will inaugurate, dedicate and lay the foundation stone of projects worth over 6,800 crore rupees.
India is making defence products not just for the domestic market but also to meet global requirements, said Raksha Mantri Rajnath at the 95th FICCI Annual General Meeting in New Delhi on Saturday.
The Bhartiya Janata Party, BJP on Saturday held nationwide protests against Pakistan foreign minister Bilawal Bhutto’s derogatory statement relating to Prime Minister Narendra Modi.
In Chattogram cricket test, chasing a target of 513 runs, Bangladesh were 272 for six at Stumps against India on fourth day of the match.
Sakshi was inspired to see the Olympic medal, beat her three times: साक्षी को ओलिम्पिक मेडल देखकर प्रेरित हुईं, उन्हें तीन बार हराया
पिछले दिनों आगरा में राष्ट्रीय महिला कुश्ती चैम्पियनशिप में हरियाणा की सोनम ने अपने शानदार प्रदर्शन से समां बांध दिया। उन्होंने रियो ओलिम्पिक की ओलंप व्यापार अकादमी मेडलिस्ट साक्षी मलिक को पिछड़ने के बाद शानदार जीत हासिल की। यह उनकी साक्षी पर साल भर में तीसरी जीत थी। सोनम सोनीपत के मदीना गांव में सुभाषचंद्र बोस एकेडमी में कुश्ती का अभ्यास करती हैं और उनका सपना ओलिम्पिक पदक है।
सोनम जूनियर से सीनियर में आई हैं जबकि साक्षी 62 किलो वर्ग की बेजोड़ पहलवान रही हैं। जब इन दोनों का सामना एशियाई चैम्पियनशिप के ट्रायल के लिए हुआ तो सोनम ने पहली बार साक्षी मलिक का सामना किया था लेकिन उन्हें अपने अभ्यास पर भरोसा था और उन्होंने वह कर दिखाया, जिसकी उम्मीद उनके पिता और कोच कर रहे थे। यह साक्षी की राष्ट्रीय स्तर पर किसी भारतीय महिला के हाथों पहली हार थी लेकिन जब एशियाई चैम्पियनशिप की तारीखें आगे खिसक गईं तो इसके लिए इनके ट्रायल को दोबारा कराना पड़ा जिससे साक्षी को एक बार फिर उम्मीद जगी लेकिन सोनम ने एक बार फिर उन्हें शिकस्त देकर उनकी उम्मीदों को खत्म कर दिया।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 879