आज फिर से सोना-चांदी सस्ता हो गया है. MCX पर इंट्राडे में 50,000 के नीचे फिसला सोने का भाव. MCX पर चांदी 58,744 के करीब ट्रेड कर रहा है. वहीं मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में कच्चे तेल के मई महीने में डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत 173 रुपये या 2.12% प्रतिशत की तेजी के साथ 8,347 रुपये प्रति बैरल हो गयी. बाजार विश्लेषकों ने कहा कि कारोबारियों द्वारा अपने सौदों का आकार बढ़ाने से वायदा कारोबार में कच्चातेल कीमतों में तेजी आई. वैश्विक स्तर पर न्यूयॉर्क में वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI)क्रूड 1.63% प्रतिशत की तेजी के साथ $107.76 प्रति बैरल हो गया। वहीं ब्रेंट क्रूड 1.63% प्रतिशत की तेजी के साथ $109.08 प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. कमोडिटी में कहां मिलेगा मुनाफा? आपके इलाके में कब होगी बारिश? वक्त से पहले कहां-कहां कमोडिटीज एक्सचेंजों को समझना मॉनसून? आज Commodities Live में देखिए IMD के DGM का LIVE इंटरव्यू मृत्युंजय कुमार झा के साथ.
Stock Market- स्टॉक मार्केट
क्या होता है स्टॉक मार्केट?
स्टॉक मार्केट (Stock Market) बाजारों और एक्सचेंजों के एक संग्रह को संदर्भित करता है, जहां पब्लिकली हेल्ड कंपनियों के शेयरों की खरीद, बिक्री और जारी करने की नियमित गतिविधियां होती हैं। ऐसी वित्तीय गतिविधियां संस्थाकृत औपचारिक एक्सचेंजों या ओवर द काउंटर (ओटीसी) मार्केटप्लेसों के जरिये संचालित होती हैं जो नियमनों के एक निर्धारित सेट के तहत ऑपरेट कमोडिटीज एक्सचेंजों को समझना करती हैं। किसी एक देश या क्षेत्र में विविध स्टॉक ट्रेडिंग स्थान हो सकते हैं जो स्टॉक्स और सिक्योरिटीज के अन्य प्रकारों में ट्रांजेक्शन की अनुमति देते हैं। हालांकि इसके लिए स्टॉक मार्केट और स्टॉक एक्सचेंज दोनों का ही परस्पर उपयोग किया जाता है, स्टॉक एक्सचेंज अक्सर स्टॉक मार्केट का एक सबसेट होता है।
अगर कोई यह कहता है कि वह स्टॉक मार्केट में ट्रेड करता है तो इसका अर्थ है कि वह किसी स्टॉक एक्सचेंज पर शेयरों/इक्विटियों की खरीद या बिक्री करता है, जो कुल स्टॉक मार्केट का एक हिस्सा है। अमेरिका के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों में न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवाईएसई), नास्दक और शिकागो बोर्ड ऑप्शंस एक्सचेंज (सीबीओई) शामिल हैं। भारत के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) हैं।स्टॉक मार्केट या इक्विटी मार्केट, मुख्य रूप से स्टॉक/इक्विटीज, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ), कॉरपोरेट बॉन्ड की ट्रेडिंग के लिए जाना जाता है और स्टॉक मार्केट में अन्य फाइनेंशियल सिक्योरिटीज व स्टॉक, कमोडिटीज और बॉन्ड्स पर आधारित डेरिवेटिव की भी ट्रेडिंग होती है।
बेहद आसान भाषा में समझें कमोडिटी वायदा बाजार (Commodity Futures Market) में ट्रेडिंग का तरीका
कमोडिटी वायदा बाजार (Commodity Future Market) में ट्रेडिंग (Trading) के लिए निवेशकों को बाजार की सही जानकारी का होना जरूरी है. हालांकि अभी भी बहुत से लोगों में कमोडिटी वायदा बाजार को लेकर जानकारी का अभाव है. यही वजह है कि कमोडिटी बाजार में ट्रेडिंग के लिए उतरे नए निवेशकों में निरंतर डर बना रहता है.
इस रिपोर्ट में हम ऐसे ही निवेशकों के लिए जो कमोडिटी फ्यूचर मार्केट में ट्रेडिंग शुरू करना चाहते हैं, उनको बेहद आसान भाषा में बाजार की बारीकियों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं. तो आइए जानते हैं कि कमोडिटी वायदा बाजार में ट्रेडिंग के वे बेहद आसान तरीके क्या हैं.
आपके इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के लिए कितना जरूरी है कमोडिटी, यहां समझें पूरा गणित
इन्वेस्टमेंट (Investment) के मामले में पंकज बड़े सीधे से कॉन्सेप्ट पर चलते हैं. पोर्टफोलियो में FD, म्यूचुअल फंड, PPF और स्टॉक्स होने चाहिए. एक दिन उनका कॉन्सेप्ट हिल गया. हुआ यूं कि उनके एक दोस्त ये जानकर हैरान रह गए कि पंकज का कमोडिटीज में कोई निवेश नहीं है. तो क्या कमोडिटीज (Commodities) में भी पैसा लगाना चाहिए था? क्या मैं पैसा बनाने से चूक गया? ये सोचकर पंकज चकराए हुए थे. फिर पंकज ने खुद को तसल्ली दी कि यार कमोडिटीज के बारे में अपन जब कुछ जानते ही नहीं तो पैसा लगाना क्या ही ठीक होता. तब तो पंकज अपने दोस्त के सामने टालमटोल करके निकल गए. लेकिन, बात मन में अटक गई थी. ठान लिया कि गुरु, कमोडिटीज की गुत्थी सुलझा कर ही दम लूंगा. बस शुरू हो गया रिसर्च का दौर.
कमोडिटी कारोबार होता क्या है
पहली बात आई कि आखिर कमोडिटी कारोबार कमोडिटीज एक्सचेंजों को समझना होता क्या है? खंगाला तो पता चला कि कमोडिटीज एक खास एसेट क्लास है. मोटे तौर पर शेयरों या बॉन्ड से इसका कोई रिश्ता नहीं होता. तो इसका क्या फायदा होता है? होता ये है कि कमोडिटीज में पैसा लगा हो तो स्टॉक और बॉन्ड पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने में मदद मिलती है. आई बात समझ!! ना. पंकज सोच रहे हैं ऐसा कैसे होता है?
तो बात ये है कि इसमें एक तो महंगाई से कवर मिलता है. दूसरा, आपको मिलेगा डायवर्सिफिकेशन. तीसरा, शेयरों और बॉन्ड के झंझटों का कोई असर नहीं. है ना फायदे की बात. पंकज सोच में पड़ गए कि यार कमोडिटीज में निवेश मंहगाई से कैसे बचाता है. मसला जटिल नहीं है. ऐसा होता है कि जब महंगाई बढ़ती है तो कमोडिटीज की कीमतें ऊपर जाती हैं. इससे शेयर बाजार पर प्रेशर पड़ता है. दूसरी तरफ, महंगाई न बढ़े तो मार्केट और बॉन्ड बाजार बढ़िया परफॉर्मेंस करते हैं. ये तो बात आ गई समझ. अब पंकज के दिमाग में बड़ा सवाल ये आया कि आखिर कमोडिटीज में भी कहां लगाया जाए पैसा? तो ऐसा है कि गोल्ड एक सेफ एसेट के तौर पर मशहूर है. उथल-पुथल वाले कमोडिटीज एक्सचेंजों को समझना हालात में ये खूब कमाई कराता है. और महंगाई बढ़ी तो हो गई बल्ले-बल्ले. क्योंकि तब तो गोल्ड और ऊपर भागता है.
एग्री कमोडिटीज में पैसा लगा सकते हैं छोटे निवेशक
अब पंकज सोच रहे हैं कि क्या गोल्ड में पैसा लगाना सही होगा? अब उन्होंने ली एक्सपर्ट कमोडिटीज एक्सचेंजों को समझना एडवाइज. तो मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट नवनीत दमानी कहते हैं कि आप एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं. आप ETF या डिजिटिल गोल्ड के जरिए भी निवेश कर सकते हैं. दाम गिरें तो खरीद लीजिए. छोटे निवेशक एग्री कमोडिटीज में भी पैसा लगा सकते हैं.
पंकज सोच रहे हैं इनमें क्या आता है. अरे भाई… तिलहन, वनस्पति तेल, मसाले, दाल, अनाज में होती है ट्रेडिंग. एग्रीकल्चर कमोडिटीज को MCX और NCDEX पर लिस्ट किया जाता है. इनवेस्टोग्राफी की फाउंडर और CFP श्वेता जैन कहती हैं, ‘छोटे निवेशक अपने एसेट का 10 फीसद हिस्सा गोल्ड और सिल्वर में रख सकते हैं. निवेशकों को हमेशा अपने टारगेट पर चलना चाहिए.<
कमोडिटी में निवेश कर चमकाएं अपना पोर्टफोलियो
घरेलू शेयर बाजार में पिछले करीब दो-तीन साल से जारी उठा-पटक और अनिश्चतता के माहौल ने बहुत से इक्विटी निवेशकों को दूसरे विकल्पों के बारे में सोचने को मजबूर किया है। दूसरी ओर सोने-चांदी की आसमान छूती कीमतों के चलते काफी तादाद में छोटे निवेशक बुलियन में निवेश से छिटक गए हैं।
इन दोनों ही बाजारों से किनारा करने वाले निवेशकों की दिलचस्पी हाल के दिनों में कमोडिटी में बढ़ी है। ऐसे में अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने और जोखिम को बैलेंस करने के लिए कमोडिटी में पैसे लगाने का चलन बढ़ता दिख रहा है। कमोडिटी निवेश में निवेशकों की रुचि बढ़ने की एक अहम वजह यह भी है कि कमोडिटी बाजार काफी हद तक आर्थिक हालात के अनुरूप ही प्रतिक्रिया देता है। यह खूबी न केवल आम निवेशक के लिए कमोडिटी बाजार की चाल को समझना आसान बनाती है, बल्कि पोर्टफोलियो का जोखिम घटाने में भी मदद करती है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 243