अगर आप एक हफ्ते के आगे तक अगर कोई शेयर होल्ड करते हैं तो आप पोज़िशनल(Positional) ट्रेडिंग कर रहे हैं और अगर आप 1 महीने से ज़्यादा कोई शेयर रखते है तो फिर आप ट्रेडिंग नहीं इन्वेस्टिंग कर रहे हैं क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग की अधिकतम अवधि 2 महीने है। उसमे भी लोग एक हफ्ते से ज़्यादा किसी शेयर को होल्ड नहीं करते तो एक महीना तो बहुत दूर की बात है।

Trading in Hindi | ट्रेडिंग कैसे सीखें | ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?

Trading क्या होती है और कैसे की जाती है? अगर आपके मन में भी सवाल है तो आपको आज बहुत मज़ा आने वाला है क्योंकि आज हम ट्रेडिंग से जुड़ी सभी जानकारी आपके साथ शेयर करने वाले हैं। हम जानेंगे कैसे दुनिया में लोग मात्र एक दिन में ट्रेडिंग से हज़ारों रूपये कमा लेते हैं और आप ऐसा कैसे कर सकते हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के 100 सबसे अमीर आदमियों की लिस्ट में 2 ट्रेडर भी शामिल है जिन्होंने अपनी ट्रेडिंग कला के बल पर बेशुमार दौलत इकट्ठा की है। हालाँकि ऐसे भी लाखों उदाहरण हैं जहाँ ट्रेडिंग ने लोगो को डुबो दिया । ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने ट्रेडिंग साइकोलॉजी से जुड़ी किताबें नहीं पढ़ी थी।

मार्किट लोगों के मूड से चलता है और अगर आपको पब्लिक के मन का नहीं पता तो आप एक सफल ट्रेडर नहीं बन पाओगे इसलिए पहले शेयर मार्किट की बेस्ट किताबें पढ़कर ज्ञान अर्जित करें और उसके बाद ही ट्रेडिंग करना शुरू करें।

Trading मीनिंग इन हिंदी

आसान हिंदी भाषा में ट्रेडिंग का मतलब होता है ‘व्यापर’ या ‘लेनदेन’। अब व्यापार तो वैसे किसी भी चीज़ का हो सकता है लेकिन क्योंकि हम यहाँ शेयर मार्किट की बात कर रहे हैं तो यहाँ ट्रेडिंग का मतलब है शेयर खरीदने टेक्निकल एनालिसिस अब हुआ आसान और बेचने की प्रक्रिया।

जब आप किसी कंपनी के शेयर को कम दाम पर खरीदते हैं और कुछ मिनट, घंटे, या दिनों बाद उस शेयर की कीमत बढ़ जाने के बाद ज़्यादा दाम पर बेचते हैं तो इसी को हम सफल ट्रेडिंग कहते हैं। एक ट्रेडर को सफल तभी कहा जा सकता है जब वह कोई भी शेयर मुनाफे के साथ बेचे अन्यथा अपना नुकसान तो वे लोग भी करते हैं जिन्हे ट्रेडिंग का T भी नहीं पता।

Trading meaning in hindi

ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?

अब जैसा की हमने आपसे ट्रेडिंग की परिभाषा में कहा की आप किसी शेयर को कुछ मिनटों से लेकर हफ्ते भर तक होल्ड कर सकते है। उसी समय अवधि के अनुसार ट्रेडिंग को मुख्य रूप से दो प्रकार में विभाजित किया गया है:

इंट्राडे ट्रेडिंग(Intraday Trading):

इंट्राडे का हिंदी में मतलब है ‘दिन के अंदर’। जब आप किसी शेयर को एक ही दिन में खरीदते और मार्किट बंद होने से पहले बेच देते हैं तो उस प्रकार की ट्रेडिंग को इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है। इसमें आपको सुबह मार्किट खुलते ही पोजीशन बनानी होती है क्योंकि अच्छे मौके सुबह ही मिलते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग का ही एक और टाइप होता है जिसे हम कहते है स्कल्पिंग(Scalping) जिसमे मार्किट खुलने के एक घंटे के अंदर ही शेयर का खरीदना और बेचना दोनों हो जाता है।

स्विंग ट्रेडिंग(Swing Trading)

स्विंग का हिंदी में मतलब होता है ‘झूलना’ और ट्रेडिंग जगत में भी इसका मतलब होता है किसी शेयर को एक से ज़्यादा ट्रेडिंग सेशन तक पकड़ के रखना और कुछ दिन या हफ़्तों बाद बेचना। हम ऐसा कह सकते है कि आपको एक शेयर लेकर कुछ दिनों या हफ़्तों तक झूलना है और जब उसकी कीमत आपके मुताबिक बढ़ जाये तो उसे बेच देना है। अब क्योंकि स्विंग Trading में हम एक दिन से ज़्यादा शेयर को होल्ड करते हैं इसे हम डिलीवरी(Delivery) ट्रेडिंग भी कहते है।

ट्रेडिंग कैसे सीखें? How to Learn Trading in Hindi?

ट्रेडिंग एक ऐसी चीज़ है जो आपको एक दिन में नहीं आएगी। इसके लिए आपको रोज़ पढ़ना पड़ेगा। जिस प्रकार अच्छी किताबें और अच्छे लोग तुरंत समझ में नहीं आते उन्हें पढ़ना पड़ता है। वैसे ही ट्रेडिंग का ज्ञान लेने के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस और Trading Psychology से जुड़ी किताबों को पढ़ना पड़ेगा तब जाकर कुछ बात बनेगी।

इसके बाद भी सिर्फ पढ़ने से काम नहीं चलेगा। आपको मार्किट का रुख देखकर अपनी खुद की स्ट्रेटेजी बनानी पड़ेगी और जिस शेयर में ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं उसके कैंडलस्टिक चार्ट को देखकर उसका तकनिकी विश्लेषण करना होगा। इसके बाद ही आपको पता चल पायेगा कि वो शेयर ऊपर जायेगा या नहीं।

मार्किट से बड़ा गुरु कोई नहीं है इसलिए अगर आप Trading सीखना चाहते हैं तो लाइव ट्रेडिंग सेशन के दौरान किसी भी स्टॉक को पकड़ लें जिसके प्राइस में तेजी से बदलाव हो रहे हो। उस शेयर के पीछे के पैटर्न को देखकर आने वाले पैटर्न का अंदाज़ा लगाएं और खुद का टेस्ट करें।

अंदरूनी सूचनाओं पर ट्रेडिंग है गुनाह

कानून कहता है कि अगर कंपनी का कोई भी प्रवर्तक, कर्मचारी या बैंकर व संस्थाएं अंदर की अघोषित सूचना के आधार पर ट्रेड करता पाया गया तो उसे इनसाइडर ट्रेडिंग के अपराध की सज़ा भुगतनी होगी। टेक्निकल एनालिसिस अब हुआ आसान पूंजी बाज़ार नियामक संस्था, सेबी इस गुनाह में रिलायंस इंडस्ट्रीज़ जैसी रसूखदार कंपनी तक पर करीब 1000 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा चुकी है। अमेरिका में तो इस अपराध में जेल भी जाना पड़ सकता है। अब चलाएं बुधवार की बुद्धि…और और भी

शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग से कमाना जानकारियों का खेल है। जिसके पास कंपनी के बारे में जितनी सटीक जानकारी, वो उससे उतना ही ज्यादा फायदा उठा सकता है। मगर, सारा बाज़ार ऐसे नियमों से बांधा गया है कि हर किसी को समान मौका मिल सके। टेक्निकल एनालिसिस अब हुआ आसान मसलन, कंपनी के बारे में सबसे ज्यादा जानकारी उसके प्रवर्तकों, बैंकरों या उनसे जुड़ी वित्तीय संस्थाओं को होती है। लेकिन ऐसी सूचनाओं पर ट्रेड करना कानूनन गुनाह है। अब मंगल की दृष्टि…और और भी

स्मॉल-कैप बनते भगदड़ के शिकार

शेयर बाज़ार में ट्रेड करते वक्त युद्धरत दो सेनाओं को बराबर याद रखें। कमाल यह है कि दोनों ही सेनापतियों के मुख्य हथियार ऐसे मिडकैप और लार्जकैप स्टॉक्स बनते हैं जिन्हें सूचकांकों या खासकर सेंसेक्स व निफ्टी में जगह मिली हुई है। हालांकि स्मॉल-कैप भी उनका ज़रिया बनते हैं। लेकिन बाज़ार की दशा-दिशा में ज्यादा भूमिका न होने के कारण इनको खास तवज्जो नहीं मिलती। हां, ये भगदड़ के शिकार ज़रूर बनते हैं। अब शुक्र का अभ्यास…और और भी

वित्तीय बाज़ार में वही ट्रेडर सफल होता है जो सैनिकों जैसे दृढ़ अनुशासन का पालन करता है। एकदम सर्जिकल स्ट्राइक जैसा उसका तरीका होता है। सटीक निशाना चुनकर सही वक्त पर हमला करना और योजना के अनुसार काम पूरा होने पर बाहर निकल लेना। दुर्भाग्य से ज्यादातर ट्रेडर बाज़ार में अनुशासन के बजाय थ्रिल व मौज के लिए सौदे करते हैं। समझते भी नहीं कि गलती कहां की। अंततः भारी नुकसान उठाते हैं। अब गुरु की दशा-दिशा…और और भी

परख, योजना, प्रायिकता और रिस्क

शेयर बाज़ार में चल रहे युद्ध में ट्रेडर को शक्ति-संतुलन की बारीक परख के साथ योजना बनाकर उतरना पड़ता है। अन्यथा उसे दो खेमों के बीच में पिसते देर नहीं लगती। सफल ट्रेडर बाज़ार की हर हरकत पर उछलता-गिरता नहीं, बल्कि पूरा धीरज बरतते हुए हिसाब लगाता है, स्टॉक्स चुनता है और गिनता है कि उनके बढ़ने या गिरने की प्रायिकता कितनी है। फिर अपने रिस्क को तौलकर दांव लगाता है। अब लगाते हैं बुधवार की बुद्धि…और और भी

शेयर बाज़ार, दरअसल दो सेनाओं के युद्ध जैसा है। एक सेना भावों को बराबर उठाते जाना चाहती है, जबकि दूसरी सेना भावों को बराबर नीचे ले जाने में लगी रहती है। दोनों में बराबर युद्ध चलता रहता है। कभी एक का पलड़ा भारी तो कभी दूसरे का। कभी-कभी मामला बीच में अटका रहता है। ट्रेडर का कोई खेमा नहीं होता। उसे बाज़ार के संतुलन के हिसाब से कमाने की कला सीखनी पड़ती है। अब मंगलवार की दृष्टि…और और भी

हर दिन चले चोटी-तलहटी का खेल

सूचकांक भले ही नई ऊंचाइयां छूते जा रहे हों। लेकिन पूरे शेयर बाज़ार में जहां हर दिन कुछ शेयर 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर बना लेते हैं, वहीं कुछ शेयर न्यूनतम स्तर पकड़ लेते हैं। मसलन, बीते शुक्रवार को एनएसई में जहां 92 शेयर शिखर पर पहुंच गए, वहीं 40 शेयर साल भर के न्यूनतम स्तर तक जा गिरे। हमें ट्रेडिंग करते हुए इन उठते-गिरते शेयरों पर बारीक नज़र रखनी चाहिए। अब परखते हैं सोमवार का व्योम…और और भी

हमारे शेयर बाज़ार के आगे अमेरिका या ब्रिटेन की राजनीतिक अनिश्चितता के साथ-साथ घरेलू अस्थिरता का भी रिस्क आ खड़ा हुआ है। आर्थिक रिस्क पहले टेक्निकल एनालिसिस अब हुआ आसान ही चौथी तिमाही में जीडीपी के कमज़ोर आंकड़ों के रूप में झलक दिखला चुका है। पहली जुलाई से देश भर में जीएसटी लागू होने जा रहा है। व्यापारी तबका इसको लेकर बहुत परेशान है। कहीं यह ‘आसान’ टैक्स महीनों तक सब कुछ जाम न कर दे। अब करते हैं शुक्र का अभ्यास…और और भी

Trading Kya Hoti Hai ?

हम अक्सर स्टॉक मार्केट में Trading के बारे में सुनते हैं।
कितने लोग Trading करके लाखों में प्रॉफ़िट्स कमा लेते हैं।
वहीं कितनो को लॉस भी होता है।
तो आखिर Trading होता क्या है?
ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट में क्या फर्क है?
ट्रेडिंग के कितने टाइप्स होते हैं?
और क्या ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम कमाया जा सकता है?
आज हम इस Post में इन सारे सवालों के जवाब जानेंगे।

नमस्कार दोस्तों,
स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग Me
जो इंवेस्टिंग पर बेस्ड है।
अगर आप इंवेस्टिंग मे इंट्रेस्टेड हैं। इंवेस्टिंग सीखना चाहते हैं
तो Bell Notification on करें।
आईये चलते हैं पहले सवाल पर।
ट्रेडिंग क्या होता है?
दोस्तों ट्रेडिंग को हिंदी में व्यापार बोलते हैं। जिसका मतलब होता है किसी चीज़ को खरीदना और फिर उसे बढ़े हुए दाम पर बेचना ताकि प्रॉफिट हो सके।
ठीक इसी तरह स्टॉक मार्केट में शेयर्स को बाय करना और जैसे ही उस शेयर की प्राइस बढ़ जाये उसे बेच कर प्रॉफिट कमाने को ही हम स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग कहते हैं।
अब आप सोच रहे होंगे कि इन्वेस्टमेंट में भी तो यही होता है। तो दोस्तों आप सही भी हैं और नही भी। आईये चलते हैं दूसरे सवाल पर ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट में क्या फर्क है?
दोस्तों इन्वेस्टमेंट में हम शेयर्स को लंबे समय तक होल्ड करते हैं। जैसे 1 साल, 5 साल या 10 साल।
लेकिन ट्रेडिंग में हम शेयर्स को बहुत कम समय तक होल्ड करते हैं। जैसे 1 मिनट, 1 घंटा या कुछ महीने।
इन्वेस्टमेंट में हम ध्यान से अच्छी कंपनियों के शेयर्स को बाय करते हैं। क्योंकि हम इन्वेस्टमेंट में कंपनियों के शेयर्स को लंबे समय तक होल्ड करते हैं।
जबकि ट्रेडिंग में हम बिना कंपनी की डिटेल्स जाने बस प्राइस देख कर शेयर्स बाय करते हैं।
क्योंकि ट्रेडिंग में हमे बस प्राइस के मूवमेंट से मतलब होता है। और जैसे ही प्राइस बढ़ती है, हम शेयर को बेचकर प्रॉफिट कमा लेते हैं।
इन्वेस्टमेंट में पैसे लंबे समय मे बनते हैं। पर रिस्क कम होता है। क्योंकि हम अच्छी कंपनियों के शेयर्स को बाय करते हैं।
वहीं ट्रेडिंग में पैसे बहुत जल्दी बन जाते हैं। पर यहाँ रिस्क थोड़ा ज्यादा होता है। क्योंकि प्राइस की मूवमेंट शॉर्ट टर्म में रैंडम होती है।
दोस्तों, इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग में सबसे बड़ा फर्क नज़रिये का होता है।
अगर हमने किसी कंपनी को स्टडी करके, उसके बिज़नेस को समझकर और ये सोचकर शेयर्स बाय किया है कि कंपनी लंबे समय में बहुत ग्रो करेगी
तो हम इसे इन्वेस्टमेंट कहेंगे। और अगर हमने किसी कंपनी के शेयर्स बिना कंपनी को स्टडी किये बस प्राइस के पैटर्न्स को देखकर किया है
ताकि जैसे ही प्राइस बढ़े हम उसे बेच कर प्रॉफ़िट्स कमा लें, तो हम इसे ट्रेडिंग कहेंगे।
दोस्तों, कंपनीयों को ध्यान से स्टडी करना और उसके बिज़नेस को समझने को हम फंडामेंटल एनालिसिस कहते हैं। और हमे इन्वेस्टमेंट करने से पहले कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस ज़रूर करना चाहिए पर अगर हम
बस कंपनियों के शेयर्स के प्राइस को स्टडी करते हैं और उसके पैटर्न को प्रेडिक्ट करने की कोशिश करते हैं तो हम इसे टेक्निकल एनालिसिस कहते हैं।
और हमे ट्रेडिंग करने से पहले शेयर्स का टेक्निकल एनालिसिस ज़रूर करना चाहिए। अगर आपको फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस के बारे में पता नही है
तो हमने इनके ऊपर एक वीडियो बनाया हुआ है। आप उस वीडियो को ज़रूर देखें।
आईये अब चलते हैं तीसरे सवाल पर। ट्रेडिंग के कितने टाइप्स होते हैं?
दोस्तों, ट्रेडिंग में बेसिकली 4 टाइप्स होते हैं। पहले टाइप के ट्रेडिंग को हम स्कैल्पींग कहते हैं।
इस तरह के ट्रेडिंग में हम शेयर्स को कुछ मिनट्स के लिए बाय करते हैं। और जैसे ही प्राइस थोड़ी सी भी बढ़ती है हम उसे बेचकर प्रॉफ़िट्स कमा लेते हैं। एग्जाम्पल के लिए अगर हम एक कंपनी के 10 हज़ार शेयर्स 100 रुपये के प्राइस पर बाय करें और कुछ मिनट्स बाद जब शेयर्स की प्राइस 100 रुपये से बढ़कर 100.50 रुपये हो जाये
तो उसे बेचकर 5000 रुपये का प्रॉफिट कमा लें तो इसे हम स्कैल्पींग कहेंगे।
दूसरे टाइप के ट्रेडिंग को हम इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं। इस तरह की ट्रेडिंग में हम शेयर्स को कुछ घंटों के लिए रखते हैं। और सेम डे, मार्केट क्लोज होने से पहले तक शेयर्स को सेल करके प्रॉफिट कमाते हैं। तीसरी टाइप की ट्रेडिंग को हम स्विंग ट्रेडिंग टेक्निकल एनालिसिस अब हुआ आसान कहते हैं।
इस तरह की ट्रेडिंग में हम शेयर्स को कुछ दिनों तक होल्ड करते हैं। और एक या दो वीक्स के अंदर शेयर्स को सेल करके प्रॉफ़िट्स कमाते हैं। और चौथे टाइप के ट्रेडिंग को हम पोजीशन ट्रेडिंग कहते हैं। इस तरह के ट्रेडिंग में हम शेयर्स को कुछ वीक से लेकर कुछ मन्थ्स तक होल्ड करते हैं।
और फिर उनको सेल करके प्रॉफिट कमाते हैं।
दोस्तों, अब हम आ गए हैं अपने आख़िरी सवाल पर। क्या ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम कमाया जा सकता है?
दोस्तों, ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम कमाना बिल्कुल पॉसिबल है। पर आसान नहीं। ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम कमाने के लिए हमे सबसे पहले पैसो की ज़रूरत होगी। क्योंकि ट्रेडिंग में अगर हम प्राइस की छोटी मूवमेंट से अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं
तो हमे ज्यादा शेयर्स लेने पड़ेंगे। जिसके लिए हमे ज्यादा पैसो की ज़रूरत पड़ेगी। पैसो के साथ-साथ हमे टेक्निकल एनालिसिस की अच्छी नॉलेज होनी चाहिए।
तभी हम प्राइस के पैटर्न को समझ सकेंगे। और सही टाइम पर शेयर्स को बाय या सेल कर पाएंगे। इसके साथ-साथ हमे लॉस को कम से कम रखने के लिए स्टॉपलॉस के यूज़ को अच्छे से समझना होगा। स्टॉपलॉस के ऊपर हमने अलग से एक वीडियो बनाया हुआ है
आप उस वीडियो को ज़रूर देखें। और दोस्तों ट्रेडिंग में सबसे इम्पॉर्टेन्ट है लगातार अपनी गलतियों से सीखना।
और हार ना मानना। क्योंकि हर सक्सेसफुल ट्रेडर सक्सेसफुल तभी होता है जब वो लगातार अपनी ट्रेडिंग को अच्छा करता जाता है। तो अगर आप भी एक सफल ट्रेडर बनना चाहते हैं तो इन सारे पॉइंट्स को अच्छे से फॉलो करें।
तो दोस्तों, ये था हमारा आज का Post ट्रेडिंग के ऊपर।
इसमे हमने जाना कि ट्रेडिंग क्या होता है?
ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट में क्या फर्क है?
ट्रेडिंग के कितने टाइप्स होते हैं?
और क्या ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम कमाया जा सकता है?

Keep Learning

आपको हमेशा कुछ न कुछ सीखते रहना है। ऐसा नही करना की एक बार loss हुआ तो जिंदगी भर investment नही करोगे। आप Book पढ़ के, video देख के, news से सीख कर improvement लाना है ओर ग्रो करना है। ज्यादा से ज्यादा सीखना है, केसे?, क्या?, कब? करे?

शेर मार्केट के एक्सपेर्ट के बारे मे जानना शुरू करो। उनकी books पढ़ो। जेसे warrant buffet, Rakesh Jhunjhunwala. ,Radhakishan Damani., Ramesh Damani. ,Raamdeo Agrawal.,Vijay Kedia.,Nemish Shah., Porinju Veliyath.,Dolly Khanna. उनके experience जानो ।

Company’s के बारे मे जाने

आपने सब जान लिया की केसे स्टॉक खरीदे ओर चुने लेकिन आपको ये भी पता होना चाहिए की कोनसी कोनसी कंपनी होती है क्या करती है मार्केट मे उस कंपनी के बारे मे क्या चल रहा है। ये सब मतलब आपको कंपनी के बारे मे idea लेने है तो इसके लिए आपको business magazine पढ़नी चाहिए, blogs पढ़ने चाहिए, business news देखनी चाहिए।

हमे अपना सारा पैसा एक ही जगह या एक ही कंपनी मे इन्वेस्ट नही करने चाहिए। थोड़ा थोड़ा करके एक से ज्यादा कंपनी मे करना चाहिए क्यूकी अगर कोई एक कंपनी मे नुकसान हो तो दूसरे मे प्रॉफ़िट हो तो हमे ज्यादा loss नही होगा।

एक साथ सारा पैसा सारी कंपनी मे loss हो वो chance कम है। इसलिएएक ही टोकरी मे सारे अंडे रखने की बजाय अलग अलग मे रखो।

सट्टे बाजारी से सावधान

share मार्केट शॉर्ट टर्म मे उपर नीचे होता है लेकिन लंबे समय मे प्रॉफ़िट ही होता है अगर आपने सही कंपनी मे invest किया है तो! share market मे रोज भाव उपर नीचे होते है

तो आपको इसमे घबराना नही है ओर रोज रोज अपने शेर खरीदने-बेचने नही है। ओर अगर आप ऐसा करेगे तो ज्यादा ध्यान आपका उस साइड ज्याएगा ओर लॉन्ग टर्म के लिए आप ज्यादा प्रॉफ़िट नही कमा पाएगे।

आप शेर मार्केट मे रातो रात अमीर नही बनते है. उसके लिए टाइम लगता है पैसा double हो फिर भी आप लखपति नही बन सकते, क्यूकी अगर आप 15000 रूपय लगा रहे हो तो ज्यादा से ज्यादा 30000Rs होगे उसमे आप लखपति नही बन सकते जल्दी! हा Long Term मे हो सकते हो अगर आप daily investment करते हो तो।

saving मे ज्यादा से ज्यादा 7% return है लेकिन सही Investment से आपको 12-13% शेर मे मिलता है जो लगभग डबल है!

लाइव चार्ट्स

Investing.com भारत का रियल-टाइम चार्टिंग उपकरण एक मज़बूत, तकनीकी रूप से आधुनिक रिसोर्स है जो इस्तेमाल में आसान है, तो यह शुरुआत करने वालों के लिए ज्ञान युक्त है लेकिन एडवांस्ड यूजर्स के लिए काफी शक्तिशाली भी है। आप इनपुट फील्ड- शेयर, इंडीसीस, कमोडिटीज, मुद्रा, ETFs, बांड्स, तथा वित्तीय वायदा के माध्यम से हजारो उपकरणों को खोज तथा चयन कर सकते टेक्निकल एनालिसिस अब हुआ आसान हैं। आप उसी चार्ट पर विभिन्न उपकरणों की तुलना कर सकते हैं। उपकरण, एक से अधिक चार्ट प्रकार, फ्लेक्सिबल अनुकूलित विकल्प तथा कई तकनीकी संकेतक तथा ड्राइंग उपकरण प्रस्तुत करता है। चार्ट्स को पूरी स्क्रीन मोड पर देखा जा सकता है तथा स्क्रीनशॉट बटन के माध्यम से साझा भी किया जा सकता है। आपके आराम के लिए, टेम्पलेट को सेव तथा पुनः लोड किया जा सकता है।

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