अच्छी बात यह भी है कि एक बार नारियल की रोपाई करके 80 साल तक फलों सबसे अच्छा न्यूनतम न्यूनतम दलाल 2023 क्या है का प्रोडक्शन ले सकते हैं. साथ ही, बागों में खाली पड़ी जगहों पर काली मिर्च, इलायची या दूसरी मसाला फसलों की खेती करके अतिरिक्त आय भी अर्जित कर सकते हैं. भारतीय और विदेशी बाजारों में अब नारियल और इससे बने उत्पादों की मांग बढ़ रही है. सबसे ज्यादा डिमांड नारियल के तेल की होती है, इसलिए आप चाहें तो खेती के साथ-साथ नारियल का प्रोसेसिंग बिजनेस करके भी अच्छा रिटर्न ले सकते हैं.

पंजाब के सबसे बड़े कृषि संघ के महासचिव ने कहा कि स्वामीनाथन फार्मूले की सिफारिश के अनुसार गेहूं का एमएसपी लगभग 40% कम है और हम इसे मामूली वृद्धि कहते हैं, जिससे किसानों को कोई वास्तविक लाभ नहीं मिलने वाला है.

Rabi Season 2023: 'खोपरा' नारियल के न्यूनतम समर्थन मूल्य को कैबिनेट ने दी मंजूरी, नई कीमतों पर किसानों को मिलेगा अच्छा रिटर्न

By: ABP Live | Updated at : 24 Dec 2022 11:35 AM (IST)

सरकार ने खोपरा के नए न्यूनतम समर्थन मूल्य को दी मंजूरी ( Image Source : Pixabay )

Copra MSP: किसानों की आय को दोगुना करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार प्रयासरत है. आए दिन कृषि नीति और कानून में किसान हितौषी बदलाव किए जा रहे हैं. खेती की लागत को कम करने के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही है. अब केंद्र सरकार ने एक सबसे अच्छा न्यूनतम न्यूनतम दलाल 2023 क्या है और घोषणा की है, जिससे नारियल की खेती करने वाले किसानों को ना सिर्फ अच्छा रिटर्न मिलने सबसे अच्छा न्यूनतम न्यूनतम दलाल 2023 क्या है लगेगा, बल्कि नारियल का रकबा बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने मिलिंग खोपरा (नारियल) के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 270 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया है. साथ ही, बॉल खोपरा के न्यूनतम समर्थन (MSP) मूल्य भी 750 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिए हैं. इससे नारियल के किसानों को अच्छी आमदनी होगी और भविष्य में नारियल की खेती और प्रसंस्करण बिजनेस (Food Processing) की तरफ बढ़ने में भी खास मदद मिलेगी.

नारियल उत्पादक किसानों को नए साल का तोहफा, सरकार ने बढ़ाई कोपरा की एमएसपी

कैबिनेट ने 2023 सीजन के लिए कोपरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी दी

कैबिनेट ने 2023 सीजन के लिए कोपरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी दी

  • Noida ,
  • Dec 24, 2022,
  • Updated Dec 24, 2022, 12:57 PM IST

भारत दुनिया के सबसे बड़े नारियल उत्पादक देशों में से एक है. वहीं भारत में नारियल की खेती कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और गोवा सहित कई राज्यों में की जाती है जिससे देश के लगभग करोड़ों किसान जुड़े हुए हैं. भारत में नारियल की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाई जा सकती है की भारत में कृषि मंत्रालय के अंतर्गत नारियल विकास बोर्ड (सीडीबी) की स्थापना की गई है. जो इससे संबंधित उत्पादों को विकसित करता है.

पिछले सीजन की तुलना में हुई बढ़ोतरी

2023 सीजन के लिए, मिलिंग कोपरा की उचित औसत गुणवत्ता के लिए 10860/- रुपये प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा के लिए 11750/- रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी निर्धारित किया गया है. पिछले सीजन की तुलना में यह मिलिंग कोपरा के लिए 270/- रुपये प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा के लिए 750/- रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि है.

यह अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत (All India Weighted Average Cost of Production) पर मिलिंग कोपरा के लिए 51.82 प्रतिशत और बॉल कोपरा के लिए 64.26 प्रतिशत का लाभ सुनिश्चित करेगा. 2023 सीजन के लिए कोपरा की घोषित एमएसपी बजट 2018-19 में सरकार द्वारा घोषित उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर एमएसपी तय करने के सिद्धांत के अनुरूप है.

नारियल उत्पादकों के लिए महत्वपूर्ण

केंद्र सरकार के अनुसार, यह नारियल उत्पादकों के लिए बेहतर पारिश्रमिक रिटर्न सुनिश्चित करने और उनके आर्थिक स्थिति में पर्याप्त सुधार लाने की दिशा में महत्वपूर्ण और प्रगतिशील कदमों में से एक है.

सरकार के अनुसार, नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नेफेड) और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन (एनसीसीएफ) मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत कोपरा और छिलके वाले नारियल की खरीद के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसियों (सीएनए) के रूप में काम करना जारी रखेंगे.

Stocks to buy: हेल्थकेयर सेक्टर का यह स्टॉक भर देगा आपकी झोली, अभी 100 रुपए के निवेश पर होगी 40 रुपए की कमाई!

Stocks to buy: न्यू-एज कंपनियां जैसे हेल्दियन, टाटा 1एमजी प्रिवेंटिव हेल्थ पैकेज का रेट बढ़ रही हैं जिससे मेट्रोपोलिस हेल्थ और लाल पैथ लैब्स जैसी कंपनियों को फायदा मिल रहा है. ब्रोकरेज सबसे अच्छा न्यूनतम न्यूनतम दलाल 2023 क्या है ने इन दो स्टॉक्स में 40 फीसदी तक की तेजी का अनुमान लगाया है. जानिए टारगेट प्राइस क्या है.

Stocks to buy: न्यू-एज कंपनियां जैसे Healthians, Tata 1mg ने डॉयग्नॉस्टिक रिपोर्ट के लिए चार्ज में 20-30 फीसदी की बढ़ोतरी की है. प्रिवेंटिव हेल्थ पैकेज का भी रेट बढ़ाया गया है. इसका फायदा डॉयग्नास्टिक सेक्टर की अन्य कंपनियों को भी मिल रहा है. ब्रोकरेज फर्म BNP Paribas की रिपोर्ट के सबसे अच्छा न्यूनतम न्यूनतम दलाल 2023 क्या है मुताबिक, इन न्यू-एज कंपनियों का कैश बर्निंग इतना ज्यादा हो गया है कि आने वाले समय में चार्जेज में फिर से बढ़ोतरी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. प्राइसिंग रिवीजन का मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर और डॉ लाल पैथलैब जैसी कंपनियों को फायदा मिलता दिख रहा है. ब्रोकरेज ने इन दो कंपनियों में निवेश की सलाह दी है. इनमें 40 फीसदी से ज्यादा का उछाल संभव है. मतलब इन स्टॉक्स में अगर 100 रुपए का निवेश करते हैं तो आपको 40 रुपए से ज्यादा का रिटर्न मिलेगा.

Metropolis Healthcare का टारगेट क्या है?

Metropolis Healthcare के लिए 2052 रुपए का टारगेट प्राइस दिया गया है. वर्तमान में यह शेयर 1470 रुपए के स्तर पर है. टारगेट प्राइस 40 फीसदी से ज्यादा है. इस स्टॉक का 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 3580 रुपए और न्यूनतम स्तर 1318 रुपए है. इस साल इस स्टॉक में अब तक 57 फीसदी से ज्यादा का करेक्शन आया है.

Dr Lal सबसे अच्छा न्यूनतम न्यूनतम दलाल 2023 क्या है Pathlabs में भी खरीदारी की सलाह दी गई है और टारगेट प्राइस 2952 रुपए का रखा गया है. इस समय यह शेयर 2440 रुपए के स्तर पर है. टारगेट प्राइस 21 फीसदी के करीब सबसे अच्छा न्यूनतम न्यूनतम दलाल 2023 क्या है है. 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 3945 रुपए और न्यूनतम स्तर 1805 रुपए है. इस साल अब तक इस शेयर में 36 फीसदी की भारी गिरावट आई है.

प्राइस हाइक का मिलेगा फायदा

रिपोर्ट के मुताबिक, इन कंपनियों ने बीते 4-5 साल में प्राइस हाइक को लेकर बड़ा कदम नहीं उठाया है. न्यू-एज कंपनियों से तगड़ा कॉम्पिटिशन मिल रहा था. अब न्यू-एज कंपनियां भी पैकेज चार्ज बढ़ा रही हैं, जिससे इन्हें प्राइसिंग में फायदा मिलेगा. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि न्यू-एज कंपनियों का अस्तित्व केवल प्रिवेंटिव हेल्थकेयर चेक-अप में है, जिसका मार्केट शेयर टोटल मार्केट का महज 10 फीसदी है. बड़ी कंपनियों का अभी भी बड़े बाजार पर दबदबा है. आने वाले समय में रेवेन्यू में 12-15 फीसदी के औसत ग्रोथ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. इसी के कारण स्टॉक प्राइस में रिवर्सल की उम्मीद जताई जा रही है.

जैसा कि ब्रोकरेज रिपोर्ट में इन दो स्टॉक्स में 40 फीसदी तक उछाल की संभावना जताई गई है, उस आधार पर अगर कोई निवेशक 100 रुपए का निवेश करता है तो उसे 40 रुपए का रिटर्न मिलेगा. चूंकि, इन स्टॉक्स की वैल्यु 1500 और 2500 के सबसे अच्छा न्यूनतम न्यूनतम दलाल 2023 क्या है करीब है. ऐसे में कम से कम 2500 रुपए निवेश जरूर करना होगा. अगर कोई निवेशक Metropolis Healthcare का 100 शेयर आज खरीदता है तो उसकी वैल्यु 145000 के करीब रुपए होगी. टारगेट प्राइस मीट होने के बाद इस पोर्टफोलियो की वैल्यु बढ़कर 205200 रुपए हो जाएगी. मतलब 1.45 लाख का निवेश बढ़कर 2 लाख 5 हजार रुपए हो जाएगी.

पंजाब के किसानों ने गेहूं की MSP को सबसे अच्छा न्यूनतम न्यूनतम दलाल 2023 क्या है किया खारिज, इन सिफारिशों का दिया हवाला

केंद्र सरकार ने सोमवार को गेहूं सहित 6 रबी फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी कर दी, लेकिन इसके बावजूद भी किसान खुश नजर नहीं आ रहे हैं. खबर है कि पंजाब के किसानों ने मंगलवार को केंद्र द्वारा गेहूं की फसल के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को खारिज कर दिया. खास बात यह है कि किसानों ने यह कहते हुए खारिज किया कि यह बढ़ी हुई इनपुट लागत और एमएस स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफारिशों से काफी कम है.

केंद्र सरकार ने सोमवार को गेहूं सहित 6 रबी फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी कर दी, लेकिन इसके बावजूद भी किसान खुश नजर नहीं आ रहे हैं. खबर है कि पंजाब के किसानों ने मंगलवार को केंद्र द्वारा गेहूं की फसल के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को खारिज कर दिया. खास बात यह है कि किसानों ने यह कहते हुए खारिज किया कि यह बढ़ी हुई इनपुट लागत और एमएस स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफारिशों से काफी कम है.

उर्वरक की मात्रा

गड्डों को तैयार करते समय उनमें 15 किलो के आसपास पुरानी गोबर की खाद और रासायनिक उर्वरक के रुप में प्रति हेक्टेयर 90 से 120 किलो नाइट्रोजन , 90 किलो सिंगल सुपर फास्फेट , 90 किलो पोटाश डाला जाता है. उर्वरक की ये मात्रा साल में तीन बार पौधों की कटिंग के बाद देनी चाहिए. इसके अलावा खेत में सल्फर की कमी होने पर खेत मे जिप्सम का छिड़काव शुरुआत में ही कर देना चाहिए.

इसके लिए पौधों की रोपाई के 20 से 25 दिन बाद गुड़ाई करें. इसके बाद बीच-बीच में साल में तीन से चार बार गुड़ाई करें.

चाय की खेती में खरपतवार नियंत्रण प्राकृतिक तरीके से निराई-गुड़ाई के माध्यम से की जाती है. इसके लिए इसके पौधों की रोपाई के लगभग 20 से 25 दिन बाद पहली गुड़ाई कर दें. इसके पौधों को शुरुआती साल में खरपतवार नियंत्रण की जरूरत ज्यादा होती है. लेकिन जब इसका पौधा पूर्ण रूप धारण कर लेता हैं , तब इसके पौधे की साल में तीन से चार गुड़ाई काफी होती हैं.

पौधों की देखभाल

चाय के पौधों की लंबाई काफी ज्यादा बढ़ सकती है , इसके लिए बीच-बीच में पौधों की कटिंग करते रहना चाहिए.

चाय के पौधे खेत में रोपाई के लगभग एक साल बाद ही तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं. इसकी पत्तियों की तुड़ाई साल में तीन बार की जाती है. पहली बार पत्तियों की तुड़ाई मार्च में होती है. सर्दियों के मौसम में पौधे विकास करना बंद कर देते हैं इसलिए अक्टूबर-नवम्बर में उनकी तीसरी तुड़ाई के बाद इसके पौधे अप्रैल माह में फिर से तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं.

रोग-रोकथाम

चाय के पौधों में लाल कीट और शैवाल , फफोला अंगमारी , काला विगलन कीट रोग सबसे ज्यादा होते हैं. इसके अलावा भूरी अंगमारी , गुलाबी रोग , शीर्षरम्भी क्षय , काला मूल विगलन , अंखुवा चित्ती , चारकोल विगलन , मूल विगलन और भूरा मूल विगलन रोग भी देखने को मिलते हैं. इसके लिए कृषि विशेषज्ञ की सलाह लेकर रासायनिक कीटनाशकों का छिड़काव करें.

इसकी पैदावार प्रति हेक्टेयर 600 से 800 किलो तक होती है. चाय की एक हेक्टेयर भूमि से डेढ़ से दो लाख तक की कमाई आसानी से कर लेते हैं. इसकी फसल में एक बार पौध लगाने के बाद पौधों की देखरेख में सामान्य खर्च आता है. लेकिन पैदावार हर बार बढ़ने से कमाई में भी इज़ाफा देखने को मिलता है.

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