जब भी कोई कंपनी IPO निकालती है उससे पहले इसका एक समय किया जाता है जो 3-5 दिन का होता है। उसी समय में उस कंपनी का IPO ओपन भारतीय निवेशकों पर क्या सीमा है रहता है। जैसे शेयर मार्केट से हम एक, दो या अपने चुनाव से शेयर खरीदते है यहां ऐसा नहीं होता। यहां आपको कंपनी द्वारा तय किए गए लॉट में शेयर खरीदना होता है। ये शेयर की कीमत के हिसाब से 10, 20, 50, 100, 150, 200 या अधिक भी हो सकता है। वहां आपको 1 शेयर की कीमत भी दिखाई देती है।
काम की खबर: नजारा का IPO तो खुला, लेकिन जानिए कैसे करें IPO में निवेश, डीमैट अकाउंट है जरूरी
हमारे देश में बचत के पैसे लगाने यानी निवेश करने के कई तरीके हैं। इन्ही में से एक है 'इनीशियल पब्लिक भारतीय निवेशकों पर क्या सीमा है ऑफर' यानि IPO। निवेश का ये तरीका आज कल ट्रेंड में है। अगर आप भी IPO में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं या करना चाहते हैं तो सबसे पहले ये समझ लीजिए कि IPO क्या होता है? दरअसल, भारतीय निवेशकों पर क्या सीमा है जब कोई कंपनी अपने स्टॉक या शेयर्स छोटे-बड़े निवेशकों के भारतीय निवेशकों पर क्या सीमा है लिए जारी करती है तो उसका जरिया IPO होता है। इसके बाद कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होती है।
IPO होता क्या है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपनी कंपनी के शेयर्स को लोगों को ऑफर करती है तो इसे IPO कहते हैं। कंपनियों द्वारा ये IPO इसलिए जारी किया जाता है भारतीय निवेशकों पर क्या सीमा है जिससे वह शेयर बाजार में आ सके। शेयर बाजार में उतरने के बाद कंपनी के शेयरों की खरीदारी और बिकवाली शेयर बाजार में हो सकेगी। यदि एक बार कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग की इजाजत मिल जाए तो फिर इन्हें खरीदा और बेचा जा सकता है। इसके बाद शेयर को खरीदने और बेचने से होने वाले फायदे और नुकसान में भागीदारी निवेशकों की होती है।
Global Investors Summit 2023 उत्तर प्रदेश भारतीय निवेशकों पर क्या सीमा है में निवेश के लिए उत्साहित हैं भारतीय कारोबारी, लखनऊ जाकर सीएम योगी से मिले
प्रतीकात्मक तस्वीर
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar भारतीय निवेशकों पर क्या सीमा है Pradesh) में जब से योगी आदित्यनाथ की सरकार आई है। कारोबारियों (businessmen) के लिए एक अवसर सा मिला है। यहां कारोबार करने के लिए इच्छा जता रहे हैं। देश दुनियां की तमाम कंपनियां यहां निवेश (investment) करना चाहती हैं। भारतीय कारोबारियों भारतीय निवेशकों पर क्या सीमा है का एक ग्रुप बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से मिला और राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की।
राज्य सरकार द्वारा जारी भारतीय निवेशकों पर क्या सीमा है एक प्रेस नोट के मुताबिक, इस प्रतिनिधिमंडल ने ‘ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट 2023′ में भागीदारी के लिए इच्छा व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ में 10 से 12 फरवरी तक यह ‘ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट 2023′ आयोजित कर भारतीय निवेशकों पर क्या सीमा है रही है।
Post Office Scheme: स्कीम हो तो ऐसी, हर रोज 50 रुपये जोड़कर मिल रहे 35 lakh रुपये, जानिए प्रोसेस
Post Office Scheme: अगर आप ज्यादा जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं तो पोस्ट ऑफिस आपके पैसे का निवेश करने का एक अच्छा मंच है। पोस्ट ऑफिस एक सेफ प्लेटफॉर्म है और बदले में अच्छा रिटर्न देता है। डाकघर ग्राम सुरक्षा योजना (Post office Gram Suraksha Scheme) एक ऐसी योजना है जो कम जोखिम के साथ प्रभावशाली रिटर्न प्रदान करती है। परिपक्वता के समय लगभग 31 से 35 लाख रुपये प्राप्त करने के लिए निवेशकों को हर महीने 1500 रुपये जमा करने होंगे।
डाकघर ग्राम सुरक्षा योजना पात्रता और आयु सीमा
डाकघर ग्राम सुरक्षा योजना 19 से 55 वर्ष के बीच के सभी भारतीय नागरिकों के लिए खुली है। इस कार्यक्रम के तहत न्यूनतम बीमा राशि भी 10,000 रुपये से 10 लाख रुपये तक हो सकती है। डाकघर ग्राम सुरक्षा योजना मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक या वार्षिक आधार पर निवेशकों से भुगतान स्वीकार करती है। निवेशक प्रीमियम भुगतान के लिए 30 दिन की छूट अवधि के पात्र हैं।
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निवेशक संपार्श्विक के रूप में डाकघर ग्राम सुरक्षा योजना का उपयोग करके पैसे उधार ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम में नामांकन के तीन साल बाद, आप पॉलिसी रद्द कर सकते हैं। हालांकि, निवेशकों को सरेंडर करने पर लाभ नहीं होगा।
रोजाना 50 रुपये निवेश कर पाएं 35 लाख रुपये?
गणना के अनुसार, यदि कोई निवेशक 19 वर्ष की आयु में 10 लाख रुपये की न्यूनतम राशि के साथ योजना में निवेश करना शुरू करता है, तो उसे 55 वर्ष की आयु में लगभग 31.60 लाख रुपये प्राप्त करने के लिए प्रति माह 1515 रुपये का प्रीमियम देना होगा। 58 वर्ष की आयु में 33.40 लाख रुपये प्राप्त करने के लिए प्रति माह 1463 रुपये और 60 वर्ष की आयु में लगभग 34.60 लाख रुपये प्राप्त करने के लिए 1411 रुपये भुगतान करने पड़ेंगे।
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स्टॉक एक्सचेंज के मुताबिक आज आईटी सेक्टर को छोड़ कर ज्यादातर सेक्टर बिकवाली के दबाव की वजह से लाल निशान में बंद हुए। बाजार में गिरावट आने की वजह से बीएसई में लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन में भी आज जबरदस्त गिरावट आई। आज दिनभर का भारतीय निवेशकों पर क्या सीमा है कारोबार खत्म होने के बाद बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन घटकर 280.48 लाख करोड़ रुपये हो गया। जबकि कल यानी बुधवार के कारोबार के बाद बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपीटलाइजेशन 282.95 लाख करोड़ रुपये था। इस तरह आज की गिरावट की वजह से मार्केट में निवेशकों के 2.47 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
पिछले 3 दिनों के दौरान सेंसेक्स में अभी तक करीब एक हजार अंकों की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। सोमवार को सेंसेक्स 61,806.19 अंक के स्तर पर बंद हुआ था। जो पिछले तीन कारोबारी दिनों में आई गिरावट के कारण आज गिरते हुए 60,826.22 अंक तक पहुंच गया। इन 3 दिनों की इस गिरावट की वजह से बीएसई में लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन में भी जोरदार गिरावट आई है। इसके कारण इन 3 दिनों में निवेशकों के अभी तक करीब 7.42 लाख करोड़ रुपये डूब चुके हैं।
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