What is Cyrptocurrency: क्या है क्रिप्टोकरंसी, जिसके खतरों ने भारत समेत दुनियाभर की सरकारों की नींद उड़ा कर रख दी
What is Bitcoin: क्रिप्टोकरंसी की ओर लोगों की बढ़ती रुचि ने सरकारों को टेंशन में डाल दिया है. सिडनी डायलॉग में खुद पीएम नरेंद्र मोदी इस पर चिंता जता चुके हैं.
By: ABP Live | Updated at : 19 Nov 2021 07:19 AM (IST)
Cyrptocurrency News: क्रिप्टोकरंसी की ओर लोगों की बढ़ती रुचि ने सरकारों को टेंशन में डाल दिया है. सिडनी डायलॉग में खुद पीएम नरेंद्र मोदी इस पर चिंता जता चुके हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि क्रिप्टोकरंसी को लेकर दुनिया भर की सरकारों को साथ काम करना चाहिए. अगर यह गलत नेटवर्क Bitcoin का मालिक कौन है में चला गया तो युवाओं की जिंदगी तबाह हो सकती है. 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार इसे लेकर बिल ला सकती है.
सबसे पहले जानें क्या है क्रिप्टोकरंसी?
क्रिप्टोकरंसी में कंप्यूटरों का एक नेटवर्क क्रिप्टोग्राफी तकनीक से लेनदेन करवाता है. इस क्रिप्टोग्राफी तकनीक में ना तो पेमेंट लेने वाले की पहचान और न ही पेमेंट देने वाले की पहचान सामने आती है. बिटकॉइन भी एक तरह की क्रिप्टोकरंसी है. बिटकॉइन की तरह कई और क्रिप्टोकरंसी इस वक्त बाजार में मौजूद Bitcoin का मालिक कौन है हैं. जैसे डार्क कॉइन, लाइट क्वाई, बाइनस कॉइन वगैरह. इन सब में सबसे प्रचलित क्रिप्टोकरंसी बिटकॉइन है. बिटकॉइन का अपना माइनिंग एक्सचेंज है.
बिटकॉइन पर किसी सरकार, राज्य या बैंक का कंट्रोल नहीं होता है. इसे ना तो जब्त किया जा सकता है ना ही इसके ट्रांजेक्शन को कोई सरकार रोक सकती है. इस मुद्रा का असली मालिक कौन है? और उसने किस-किस को भुगतान किया है? इसका पता लगाना असंभव है. अपने ट्रांजेक्शन को केवल वही देख सकता है, जिसने वो भुगतान लिया है या दिया है. इसमें लेनदेन करने वालों की पहचान एक डिजिटल "की" यानी चाबी के रूप में रहती है. इस करंसी में किसी नाम या पते की कोई जरूरत नहीं है.
क्रिप्टोग्राफी क्या होती है?
बिटकॉइन एक क्रिप्टोकरंसी है. यानी इसका लेनदेन क्रिप्टोग्राफी तकनीक पर होता है. क्रिप्टोग्राफी का मतलब होता है गोपनीय संचालन. यानी एक सुरक्षित कम्युनिकेशन. इस तकनीक में Bitcoin का मालिक कौन है कंप्यूटरों के एक नेटवर्क में डेटा को इस तरह इनक्रिप्ट किया जाता है, जिससे केवल बिटकॉइन लेने और देने वालों के अलावा इस सूचना को कोई ना देख पाए. यहां तक कि क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज का ऑपरेटर भी इससे दूर रहता है. ये सारा काम केवल मशीनों के जरिए संचालित होता है. मशीन को भी असली लेने वाले और देने वाले की पहचान नहीं दी जाती. वो इन्हें केवल एक नंबर की तरह समझता है और ये नंबर केवल दो लोगों के पास होता है जो बिटकॉइन खरीद रहा है और जो बेच रहा है.
क्रिप्टोकरंसी यानी बिटकॉइन की माइनिंग कैसे होती है ?
माइनिंग का मतलब होता है खुदाई. चूंकि बिटकॉइन का कोई आकार नहीं है, जैसे परंपरागत करंसी का होता है. ये एक वर्चुअल यानी डिजिटल करंसी है. इसे क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज से क्रिएट किया जाता है. इसे ही माइनिंग कहते हैं. यानी जितनी ज्यादा माइनिंग उतना ज्यादा प्रचलन. चूंकि एक्सचेंज में बिटकॉइन एक सीमित संख्या में होता है. इसलिए इसकी माइनिंग जब ज्यादा होगी यानी मांग ज्यादा होगी तो इसकी कीमत बढ़ती है और अगर इसकी मांग कम हो तो कीमत कम हो जाती है.
क्रिप्टोकरंसी पर भारत सरकार का पक्ष क्या है?
भारत सरकार बिटकॉइन को अपनी अर्थव्यवस्था में मान्यता नहीं देती. 2007 और 2017 में रिजर्व बैंक ने इस करंसी के इस्तेमाल को लेकर अलर्ट जारी किया था. इसमें कहा गया था कि इस मुद्रा के प्रचलन की आधिकारिक अनुमति नहीं दी गई है और इसका लेनदेन जोखिम भरा है.
सरकार के लिए बिटकॉइन के खतरे क्या हैं?
चूंकि बिटकॉइन में इस मुद्रा के लेन-देन करने वालों की जानकारी लेना असंभव है. इसलिए किसी भी सरकार के अपनी अर्थव्यवस्था नियंत्रित करने के सारे साधन बिटकॉइन पर लागू नहीं होंगे और आपात स्थिति में सरकार अपनी अर्थव्यवस्था के जोखिम को नियंत्रित नहीं कर पाएगी. इस करंसी में मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद, हथियार और ड्रग्स के कारोबार के संचालन और उसके अपराधियों की पहचान करना असंभव होगा और इसे रोकना बेहद मुश्किल हो जाएगा.
अगर ये करंसी किसी भी देश की परंपरागत मुद्रा से ज्यादा मात्रा में उस देश में प्रचलित हो जाएगी तो वहां के बैंक और सरकारों को अपने नागरिकों की आय या फिर टैक्स प्रणाली में उन्हें शामिल करना असंभव हो जाएगा. राज्य की आर्थिक शक्ति कंप्यूटरों के हाथ में चली जाएगी. यानी सरकार की मुद्रा जारी करने की शक्ति और उसकी संप्रभुता दोनों खत्म हो जाएगी.
आम आदमी के लिए खतरे
आप इसे खरीदने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन इसे बेचना पूरी तरह से इसके खरीददारों या फिर क्रिप्टो एक्सचेंज पर निर्भर करता है. यानी आप इस दुनिया में अपनी मर्जी से शामिल तो हो सकते हैं लेकिन इससे पूरी तरह निकलने में सिर्फ आपकी मर्जी नहीं चलेगी. अगर आपके साथ धोखा होता है. आपकी क्रिप्टोकरंसी चोरी कर ली जाती है या फिर उसे लूट लिया जाता है तो आप को वो वापस कभी नहीं मिलेगी. क्योंकि एक्सचेंज को भी ये नहीं पता होगा कि जो क्रिप्टोकरंसी लूटी गई है उसके असली मालिक आप ही थे.
लूटने वाला आराम से उससे खरीददारी कर लेगा और उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा क्योंकि उसके असली नाम और पते के बारे में भी एक्सचेंज को कुछ नहीं पता होगा. इसकी कीमतें कैसे बढ़ रही हैं और कब कम होंगी इसका कोई भी प्रमाणिक और पारदर्शी तरीका नहीं है. यानी इसकी आर्टिफिशियल हाइक और डिप क्रिएट कर के आपको लूटा भी जा सकता है.
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Published at : 19 Nov 2021 07:15 AM (IST) Tags: Cryptocurrency Cryptocurrencies Bitcoin News cryptocurrency news हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
Bitcoin, Dogecoin, जैसी क्रिप्टोकरेंसी में क्यों डूबे करोड़ों-इन गलतियों से बचें
Bitcoin फिलहाल 20 हजार डॉलर के नीचे कारोबार कर रहा है.
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बाजार में खलबली मची है, दुनियाभर में बढ़ती महंगाई और नकारात्मक वैश्विक संकेतों का असर केवल शेयर बाजारों (Share Market) पर ही नहीं बल्कि क्रिप्टो मार्केट पर भी दिखाई दे रहा है. बात बिटकॉइन (Bitcoin) की हो या ईथिरियम (Ethereum), डॉजकॉइन (Dogecoin) हो या पॉलिगन (Polygon) सबका हाल बुरा है, खासकर बिटकॉइन. काफी नीचे है.
लेकिन आपके मन में दो जरूरी सवाल होंगे कि आखिर क्रिप्टो में लगाया हुआ पैसा डूब क्यों रहा है, पोर्टफोलियो में गिरावट क्यों है और निवेशक इस वक्त क्या कर सकते हैं.
नमस्कार, मेरा नाम प्रतीक वाघमारे है और इस वीडियो में हम क्रिप्टो के डाउनफॉल को समझेंगे. लेकिन क्रिप्टो की किचकिच से पहले हफ्ते की वो सुर्खियां समझते हैं जो आपकी जेब पर असर डालती हो-
Ministry of Statistics and Programme Implementation के अनुसार, इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून तक अर्थव्यवस्था ने 13.5 फीसदी की दर से वृद्धि की है. इससे पहले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में में भारत की GDP 4.1 फीसदी की दर से बढ़ी थी.
कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में 1 सितंबर से 100 रुपये की कटौती की गई है. दिल्ली में 19 किलो इंडेन की कीमत 91.50 रुपये है, कोलकाता में 100 रुपये, मुंबई में 92.50 रुपये, चेन्नई में 96 रुपये है.
1 सितंबर से कार, जीप, वैन और अन्य हल्के मोटर वाहनों के लिए टोल टैक्स के रेट में 2.50 रुपये प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर 2.65 किलोमीटर कर दिया गया है. यानी प्रति किलोमीटर 10 पैसे की वृद्धि की गई है.
IRDAI ने जनरल इंश्योरेंस के नियमों में बदलाव कर तय किया कि एजेंटों को 30 से 35 फीसदी की बजाय 20 फीसदी कमिशन ही मिलेगा. इसके बाद लोगों की प्रीमियम के अमाउंट में कमी आएगी. यह नियम 15 सितंबर 2022 से लागू हो जाएगा.
अब बात क्रिप्टो की. क्रिप्टो करेंसी के गिरने के पीछे क्या क्या वजहें हैं और इंवेस्टर्स के पास क्या क्या ऑप्शन हैं, वो क्या कर सकते हैं. ये सब जानिए वीडियो में.
700 करोड़ की क्रिप्टोकरंसी खत्म करेगी ये कंपनी, जानिए अब खरीदने वालों का क्या होगा
इथीरियम के को-फाउंडर विटालिक ब्यूटेरिन ने शिबा इनू में बड़े पैमाने पर निवेश किया है. अब वे उसमें से हटना चाहते हैं. शिबा इनू का निर्माण अगस्त 2020 में किया गया था.
क्रिप्टोकरंसी इथीरियम (cryptocurrency Ethereum) के को-फाउंडर विटालिक ब्यूटेरिन ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि शिबा इनू होल्डिंग्स में इथीरियम (Ethereum) का 90 फीसद हिस्सा वे खत्म कर देंगे. बाकी के बचे 10 परसेंट कॉइन को दान में बांट देंगे. ब्यूटेरिन के इस ऐलान से क्रिप्टो (cryptocurrency) की दुनिया में तहलका मच गया है. इथर में पैसा लगाने वालों को कुछ सूझ नहीं रहा कि वे क्या करें, उनके निवेश का आगे भविष्य क्या है.
‘बिजनेस Bitcoin का मालिक कौन है इनसाइडर’ की एक रिपोर्ट बताती है कि ब्यूटेरिन के ऐलान के बाद मार्केट से 40 परसेंट तक इथीरियम को लोगों ने हटा लिया है. ब्यूटेरिन ने कहा है कि उनके सामने अभी दो ही रास्ते बचते हैं. या तो इथर को खत्म (burning) कर दें या उसे दान में बांट दें. इसके बाद तेजी से मार्केट से इथीरियम हटाए जाने लगे हैं. इथीरियम के जितने भी शिबा इनू (shiba Inu holdings) टोकन या कॉइन हैं, उसमें आधा हिस्सा उन लोगों ने दिया है जो कॉइन की माइनिंग करते Bitcoin का मालिक कौन है हैं, उसे तैयार करते हैं. ब्यूटेरिन शिबा इनू होल्डिंग से हटना चाहते हैं और इसके लिए वे या तो इथर को खत्म करें या फिर लोगों में बांट दें, यही अंतिम विकल्प है.
कब शुरू हुआ था शिबा इनू
शिबा इनू बिटकॉइन, इथर या डोजकॉइन की तरह डिजिटल करंसी है. इसे क्रिप्टोकरंसी भी कहते हैं. इथीरियम के को-फाउंडर विटालिक ब्यूटेरिन ने शिबा इनू में बड़े पैमाने पर निवेश किया है. अब वे उसमें से हटना चाहते हैं. शिबा इनू का निर्माण अगस्त 2020 में किया गया था. तब इसे रयोशी के नाम से पुकारा जाता था. इसे जोक कॉइन का नाम भी दिया गया है. साल भर पहले डोजकॉइन का बड़ा नाम हो रहा था. उसे रोकने के लिए शिबा कॉइन की इजाद की गई. देखते-देखते शिबा इनू ने डोजकॉइन का रास्ता रोक दिया. डोजकॉइन के कस्टमर्स शिबा में निवेश करने लगे. इस करंसी का नाम जापानी कुत्ते की प्रजाति शिबा इनू के नाम पर रखा गया.
कैसे करते हैं ट्रेडिंग
भारत में शिबा इनू की ट्रेडिंग वजीरएक्स एक्सचेंज के जरिये होती है. ब्यूटेरिन के ऐलान के बाद शिबा इनू के दाम में बड़ी गिरावट देखी जा रही है. वजीरएक्स के अलावा शिबा इनू (Shiba Inu) की ट्रेडिंग यूनीस्वैप और कॉइनडीसीएक्स से भी कर सकते हैं. यह एक्सचेंज इथीरियम और उस पर आधारित टोकन-कॉइन को बेचने और खरीदने का काम करता है. शिबा इनू को डॉलर या BUSD यानी कि बिनेंस यूएस डॉलर में ही खरीद Bitcoin का मालिक कौन है और बेच सकते हैं.
बर्निंग का मतलब क्या है
ब्यूटेरिन ने शिबा इनू (shiba Inu holdings) को ‘बर्न’ करने की बात कही है. यहां बर्न से मतलब शिबा इनू को खत्म करना है. क्रिप्टो कॉइन को खत्म करने का भी एक प्रोसेस होता है जो पूरी तरह से डिजिटल होता है. शिबा इनू में पैसा लगाने वाले या बाकी लोगों को भी बर्निंग का प्रोसेस समझना चाहिए. कोई भी क्रिप्टो कॉइन या करंसी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से बनाई जाती है. यह सबकुछ एक कोड में होता है जो खरीदने वालों की कंपनी या उसके डेवलपर की ओर से दी जाती है. यह जानकारी पूरी तरह से सीक्रेट होती है और कोड के बारे में खरीदार और बेचने वाले को ही जानकारी होती है. कोड की हैकिंग न हो सके, इसके लिए अलग से वॉलेट बनाया जाता है जो इंटरनेट से जुड़ा नहीं होता.
इतने रुपये की खत्म होगी करंसी
बेचने वाले लोग इसी कोड को बेचते हैं और उसका ट्रांजेक्शन डॉलर आदि में करते हैं. शिबा इनू को बर्न किया जाएगा, यानी कि इसके कोड तक लोगों की पहुंच नहीं होगी. जो कॉइन पहले से है, वह बेकार हो जाएगी. अब तक 40 परसेंट शिबा इनू (shiba Inu holdings) बर्न कर दिया गया है. यह पूरी राशि 7 अरब डॉलर की है और इसमें 410 खरब कॉइन को खत्म किया गया है. ब्यूटेरिन के इस ऐलान के बाद निवेशकों में चिंता बढ़ गई है. निवेशकों को लग रहा है कि शिबा इनू का आगे क्या होगा और क्रिप्टोकरंसी कहां जाएगी.
Bitcoin, Dogecoin, जैसी क्रिप्टोकरेंसी में क्यों डूबे करोड़ों-इन गलतियों से बचें
Bitcoin फिलहाल 20 हजार डॉलर के नीचे कारोबार कर रहा है.
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बाजार में खलबली मची है, दुनियाभर में बढ़ती महंगाई और नकारात्मक वैश्विक संकेतों का असर केवल शेयर बाजारों (Share Market) पर ही नहीं बल्कि क्रिप्टो मार्केट पर भी दिखाई दे रहा है. बात बिटकॉइन (Bitcoin) की हो या ईथिरियम (Ethereum), डॉजकॉइन (Dogecoin) हो या पॉलिगन (Polygon) सबका हाल बुरा है, खासकर बिटकॉइन. काफी नीचे है.
लेकिन आपके मन में दो जरूरी सवाल होंगे कि आखिर क्रिप्टो में लगाया हुआ पैसा डूब क्यों रहा है, पोर्टफोलियो में गिरावट क्यों है और निवेशक इस वक्त क्या कर सकते हैं.
नमस्कार, मेरा नाम प्रतीक वाघमारे है और इस वीडियो में हम क्रिप्टो के डाउनफॉल को समझेंगे. लेकिन क्रिप्टो की किचकिच से पहले हफ्ते की वो सुर्खियां समझते हैं जो आपकी जेब पर असर डालती हो-
Ministry of Statistics and Programme Implementation के अनुसार, इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून तक अर्थव्यवस्था ने 13.5 फीसदी की दर से वृद्धि की है. इससे पहले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में में भारत की GDP 4.1 फीसदी की दर से बढ़ी थी.
कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में 1 सितंबर से 100 रुपये की कटौती की गई है. दिल्ली में 19 किलो इंडेन की कीमत 91.50 रुपये है, कोलकाता में 100 रुपये, मुंबई में 92.50 रुपये, चेन्नई में 96 रुपये है.
1 सितंबर से कार, जीप, वैन और अन्य हल्के मोटर वाहनों के लिए टोल टैक्स के रेट में 2.50 रुपये प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर 2.65 किलोमीटर कर दिया गया है. यानी प्रति किलोमीटर 10 पैसे की वृद्धि की गई है.
IRDAI ने जनरल इंश्योरेंस के नियमों में बदलाव कर तय किया कि एजेंटों को 30 से 35 फीसदी की बजाय 20 फीसदी कमिशन ही मिलेगा. इसके बाद लोगों की प्रीमियम के अमाउंट में कमी आएगी. यह नियम 15 सितंबर 2022 से लागू हो जाएगा.
अब बात क्रिप्टो की. क्रिप्टो करेंसी के गिरने के पीछे क्या क्या वजहें हैं और इंवेस्टर्स के Bitcoin का मालिक कौन है पास क्या क्या ऑप्शन हैं, वो क्या कर सकते हैं. ये सब जानिए वीडियो में.
रोजाना 76 बिलियन डॉलर की ट्रेडिंग, बिना ऑफिस और लाइसेंस के कैसे दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो एक्सचेंज बन गया Binance
Binance इस समय दुनिया का सबसे बड़ा cryptocurrency exchange है. खास बात ये है कि इस कंपनी का ना तो ऑफिस है, ना ही कारोबार का लाइसेंस मिला है और ना ही कंपनी का मालिक अपने लोकेशन के बारे में दुनिया को बताता है.
अगर आप Cryptocurrency में निवेश करते हैं या फिर इसके बारे में जानकारी रखते हैं तो Binance का नाम जरूरत जानते होंगे. यह दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज है. यह एक ऐसी कंपनी है जिसका कोई ऑफिस एड्रेस नहीं है. कई देशों में यह ऑपरेशनल तो है, लेकिन इसके पास लाइसेंस नहीं है, साथ ही कंपनी का बॉस हाल फिलहाल तक दुनिया से छिपा हुआ था.
इस कंपनी की स्थापना महज चार साल पहले 2017 में हुई थी. कंपनी का रजिस्ट्रेशन Cayman Islands में है. यह इतना बड़ा क्रिप्टो एक्सचेंज है कि एक दिन में इस प्लैटफॉर्म पर 76 बिलियन डॉलर की ट्रेडिंग होती है. इस मामले में यह अपने कॉम्पिटिटर से काफी आगे है. यह जानकारी CryptoCompare की तरफ से शेयर की गई है.
फाइनेंशियल रेग्युलेटर्स के उड़े होश
Binance जैसे डिजिटल एक्सचेंजों का आकार और लोकप्रियता इस कदर बढ़ रही है कि दुनिया भर के फाइनेंशियल रेग्युलेटर्स डिजिटल असेट की बढ़ती स्वीकार्यता पर चिंता जता रहे हैं. बैंक ऑफ इंग्लैंड के अधिकारी जॉन कनलिफ ने एकबार कहा था कि जब फाइनेंशियल सिस्टम में कुछ चीजें रेग्युलेशन के अभाव में बहुत तेजी से बढ़ रही हों या विस्तारित हो रही हो तो रेग्युलेटर्स को इस बारे में गंभीरता से सोचने की जरूरत होगी.
कई देशों ने यूजर्स को बचने की सलाह दी है
Binance वर्तमान में उसी तरह का प्लैटफॉर्म बन गया है जिसने दुनियाभर के रेग्युलेटर्स का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है. दर्जनों ऐसे देश हैं जहां रेग्युलेटर्स ने यूजर्स से ऐसे किसी भी प्लैटफॉर्म से बचने की सलाह दी है. वे इस बात को साफ-साफ कह रहे हैं कि Binance जैसे एक्सचेंज अनरजिस्टर्ड हैं और यूजर्स का निवेश यहां सुरक्षित नहीं है. आपको जो तमाम सुविधाएं मिल रही हैं वह कानून द्वारा सुरक्षित नहीं है.
SEC भी कर रहा है जांच
अमेरिकी सिक्यॉरिट एंड एक्सचेंज कमीशन इस बात की जांच कर रहा है कि Binance अमेरिकी बाजार में किस तरह काम कर रहा है. इस बिजनेस मॉडल को किन राज्यों से मान्यता मिली है. ऐसा तो नहीं है कि इस प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में किया जा रहा है.
बिजनेस मॉडल पूरी तरह लीगल है
एक तरफ रेग्युलेटर्स और जांच एजेंसियां इसके बिजनेस मॉडल को जांच कर रही हैं, दूसरी तरफ बाइनेस के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर Changpeng Zhao का कहना है कि हमारा बिजनेस मॉडल पूरी तरह लीगल है. हमारा ग्रोथ इतना तेजी से हुआ, क्योंकि यूजर्स ने हमपर भरोसा किया है. वर्तमान में केवल 2 फीसदी आबादी ने क्रिप्टोकरेंसी को स्वीकार किया है. ऐसे में अगर हमें बाकी 98 फीसदी आबादी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करना है तो इसके लिए अलग-अलग स्तर पर रेग्युलेटर्स से मंजूरी जरूरी है.
अब ऑफिस बनाने पर भी हो रहा है विचार
Zhao ने कहा कि कंपनी अब लोकल ऑफिस बनाने पर विचार कर रही है. पूर्व में उन्होंने हेडक्वॉर्टर और लोकल ऑफिस बनाने के आइडिया को खारिज किया था. हालांकि, रेग्युलेटर्स ने इसे जरूरी बताया है. अगस्त में बाइनेस ने अपनी वेबसाइट पर कहा था कि यूजर्स के लिए आइडेंटिटी चेक जरूरी है. ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनी अपने प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल गलत कामों में नहीं करने देना चाहती है.
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