क्या भारत जोड़ो यात्रा की घेराबंदी का बड़ा हथियार बनेगा कोरोना, बिना ठोस तथ्यों की चीन से जुड़ी डरावनी खबरों से बन रहा खौफ का माहौल
एक रिपोर्ट के अनुसार, लोगों के संक्रमित होने की दर और अन्य परिस्थितियों के अध्ययन के आधार पर लगभग 15 लाख चीनी नागरिकों की मौत की आशंका जताई गई है, इन आंकड़ों को एक अमेरिकन पत्रिका ‘द लांसेट’ की रिपोर्ट से मिलता जुलता बताया गया है.
Corona virus : कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा देश में भगवा टोले द्वारा फैलाई जा रही नफरत के खिलाफ निकाली जा रही कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक की "भारत जोड़ो यात्रा" को मिल रहा अपार जनसमर्थन अब केन्द्र सरकार के गले की हड्डी बनने लगा है। दक्षिण भारत के राज्यों से निकलकर उत्तर भारत के राज्यों में पहुंची यात्रा को मिल रहे व्यापक समर्थन ने केन्द्र सरकार को सांसत में डाल दिया है।
इसी सबसे विश्वसनीय संकेतक आप कभी नहीं सुना है के साथ अचानक से भारतीय मीडिया में चीन के तथाकथित कोविड को लेकर भी छपने वाली खबरों में भी अप्रत्याशित वृद्धि होने लगी है। बीते एक सप्ताह से पिछले दिन की अपेक्षा हर अगले दिन चीन के कोविड से जुड़ी कोई न कोई खबर नई सुर्खी लेकर आ रही है। इन खबरों में कोविड-19 के कथित नए बहुरुप से पैदा हुई स्थिति को लेकर विभिन्न आंकड़ों के विश्लेषण के हवाले से बताया जा रहा है कि चीन में सख्त 'जीरो कोविड नीति' वापस लिए जाने के बाद वहां संक्रमण में भारी वृद्धि हुई।
चीन में बिना किसी स्वतंत्र स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स के बजाए काल्पनिक ढंग से वहां बड़ी संख्या में लोगों की मौत की आशंका से भरी इन खबरों के आधार पर ही भारत में केन्द्र सरकार के सुर भी बदलने लगे हैं, लेकिन जिस तरह से बिना किसी तथ्यपरक आंकड़ों के सरकार की ओर से सीधे भारत जोड़ो यात्रा को निशाना बनाया जा रहा है उससे इस बात की आशंका को पूरा बल मिल रहा है कि सरकार का प्रथम काम इस यात्रा में किसी न किसी बहाने से रुकावट ही डालना है।
केन्द्र सरकार की इस मुहिम में मदद करती 'द इकोनामिस्ट' में प्रकाशित हाल की एक रिपोर्ट के अनुसार, लोगों के संक्रमित होने की दर और अन्य परिस्थितियों के अध्ययन के आधार पर लगभग 15 लाख चीनी नागरिकों की मौत की आशंका जताई गई है। इन आंकड़ों को एक अमेरिकन पत्रिका 'द लांसेट' की रिपोर्ट से मिलता जुलता बताया गया है। कोरी कल्पनाओं के आधार पर बनाए गए इन आंकड़ों में बताया गया है कि चीन में पाबंदियों में ढील दिए जाने के बाद कोरोना संक्रमण से 13 लाख से 21 लाख लोगों की "मौत हो सकती है।"
'द लांसेट' की रिपोर्ट में भी डराते हुए यही कहा जा रहा है कि "मरने वालों की संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल है। यह बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि बुजुर्गों और कमजोर लोगों को कितनी संख्या में कोविड-रोधी टीके लगाए गए हैं।" एक और पश्चिम देश ब्रिटेन के "सीरोलाजिकल" के अध्ययनों में देश में लगभग सभी में सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ प्रतिरक्षी होने का दावा करते हुए सफगोई से यह भी स्वीकार किया गया है कि "चीन के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन उनमें प्राकृतिक प्रतिरक्षा का स्तर निश्चित रूप से कम होगा।"
अपने इन आंकड़ों को विश्वसनीयता दिलाने के लिए पश्चिम के आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में महामारी विज्ञान के प्रोफेसर झेंगमिंग चेन से चीन की कोविड नीति में बदलाव के समय पर सवाल उठवाते हुए कहा है कि "चीन ने कोविड पाबंदियों को हटाने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए। उन्हें टीकाकरण को बढ़ावा देना चाहिए था और मीडिया, स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और आम जनता को तैयार करना चाहिए था। मैंने पिछले छह महीने में इनमें से कुछ भी होते हुए नहीं देखा है।"
इन्हीं सब खबरों के बीच और हालिया कई राज्यों के विधानसभा चुनाव निपटते ही अचानक से भारत में भी बुधवार को कोविड-19 स्थिति की समीक्षा होनी शुरू हो गई। पिछले सप्ताह तक कोविड से जुड़ी रिपोर्ट्स तक अपडेट न करने वाले (उत्तराखंड में) स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी तेजी से सक्रिय होने लगे। अधिकारियों को सजग रहने और निगरानी तंत्र मजबूत करने का निर्देश के साथ विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा के क्या परिणाम निकले, यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन राहुल गांधी तक भारत जोड़ो यात्रा को स्थगित करने के संकेत दिए जाने लगे। अधिकारी जहां कह रहे हैं कि "कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।" तो वहीं भारत जोड़ो यात्रा में शामिल राहुल के निकटवर्ती सूत्रों ने केंद्र सरकार की यात्रा स्थगित करने की साजिश में न फंसने के संकेत दिए हैं। साफ है कि यात्रा अपने मुकाम पर ही जाकर खत्म होगी।
Glowing skin : अगर आप ग्लोइंग स्किन पाना चाहती हैं तो आजमाएं ये 5 टिप्स
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Glowing skin : 2023 आने ही वाला है और हो सकता है कि आप इस साल अपनी ब्यूटी और स्किन केयर रूटीन को बढ़ाना चाहें। क्या आपने कभी सोचा है कि प्रसिद्ध ( famous ) हस्तियां अपनी बेदाग़ त्वचा (skin ) को कैसे बनाए रखती हैं? साथ ही अगर आप भी उनकी तरह ग्लोइंग स्किन पाना चाहते हैं
आज मेकअप आर्टिस्ट ( artist ) और कीवेस्ट एकेडमी ऑफ ब्यूटी एंड मेकअप की संस्थापक founded ) छाबड़ा आपके साथ टॉप 5 सेलेब्रिटी ब्यूटी सीक्रेट्स शेयर कर रही हैं, जो आपको सेलेब्रिटी जैसी फ्लॉलेस और ग्लोइंग स्किन पाने में मदद कर सकते हैं।
1. Glowing skin : रात को अच्छी नींद लें
क्या आप जानते हैं कि बेदाग़ त्वचा पाने में नींद बहुत अहम भूमिका (Role ) निभाती है? आपने कभी किसी सेलेब्रिटी को फूली हुई आंखों से नहीं देखा होगा। खैर, यह एक रहस्य है कि वह अपने सोने के कार्यक्रम ( Program ) का बहुत सटीक तरीके से पालन करते हैं, खासकर जब उन्हें कार्यक्रमों में शामिल होना होता है।
फाइन लाइन्स और झुर्रियां (wrinkles ) नींद की कमी या पर्याप्त नींद न लेने के कारण हो सकती हैं। इसलिए रात को अच्छी नींद बहुत जरूरी है। जब आप सोते हैं, तो त्वचा नए कोलेजन का उत्पादन (Production ) करती है जो सैगिंग को कम करता है और रोकता है।
2. Glowing skin : रात के समय की व्यवस्था
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सेलिब्रिटीज स्किनकेयर उत्पादों (products ) का क्या उपयोग करते हैं, एक चीज जो वे कभी नहीं भूलते हैं, वह है अपना मेकअप बंद करके सोना। वे बिस्तर पर जाने से पहले अपने चेहरे को धोना और मॉइस्चराइज़ ( moisturize ) करना सुनिश्चित करते हैं।
रात में स्किन केयर रूटीन फॉलो करना जरूरी है। मेकअप ( Makeup ) पहनने से रोम छिद्र बंद हो सकते हैं और खुजली, चकत्ते, सूजन आदि हो सकते हैं।
3. Glowing skin : हरी सब्जियां खाएं और खूब पानी पिएं
मशहूर हस्तियों के लिए हाइड्रेट करना और मौसमी ( seasonal ) और हरी सब्जियां खाना सख्त नियम है। उनका मानना है कि जो आपके शरीर में जाता है वह आपकी त्वचा में परिलक्षित होता है। पानी आपके शरीर से विषाक्त (toxic ) पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, आपकी त्वचा को भीतर से चमकदार बनाता है और त्वचा की लोच में सुधार करता है।
दूसरी ओर, सब्जियां पोषक तत्वों और विटामिन (vitamins ) से भरपूर होती हैं जो कोलेजन उत्पादन में मदद करती हैं और त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करती हैं।
4. Glowing skin : सनस्क्रीन है जरूरी
यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण उत्पाद है। सेलिब्रिटीज (celebrities ) हमेशा अपने चेहरे पर सनस्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं। यह सनस्क्रीन सनबर्न, समय से पहले बुढ़ापा, झुर्रियां और त्वचा के कैंसर से बचाता है।
जी हां, यूवीबी किरणें सनबर्न और स्किन कैंसर (skin cancer ) के लिए जिम्मेदार होती हैं। यूवी प्रकाश के दो अन्य भाग हैं, यूवीसी किरणें (जो पृथ्वी के वायुमंडल से नहीं गुजरती हैं) और यूवीए किरणें (जो त्वचा के कैंसर के साथ-साथ त्वचा की उम्र बढ़ने के लिए जिम्मेदार हैं)। एक व्यापक स्पेक्ट्रम ( Spectrum ) सनस्क्रीन यूवीबी और यूवीए किरणों दोनों से बचाता है।
5. Glowing skin : फेस मास्क का प्रयोग
किसी भी खास फंक्शन (function ) से पहले हमेशा अपने चेहरे पर फेस मास्क लगाएं। चूंकि ये हस्तियां अक्सर मेकअप लगाती हैं, इसलिए मेकअप लगाने से पहले वे बहुत ही अनुशासित त्वचा देखभाल दिनचर्या का पालन करती हैं। एक अच्छा फेस मास्क (face mask ) हमेशा त्वचा में नमी बनाए रखने में मदद करता है।
Glowing skin : फेस मास्क अतिरिक्त तेल को हटाने में मदद करते हैं। उम्र बढ़ने के संकेतों को कम करने में मदद करें और अपने छिद्रों की उपस्थिति ( appearance ) में सुधार करें। आप अपनी त्वचा के प्रकार के आधार पर विभिन्न प्रकार के फेस मास्क का उपयोग कर सकते हैं जैसे नीम का पैक, हल्दी, चावल के पानी की चादर आदि।
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क्या भारत जोड़ो यात्रा की घेराबंदी का बड़ा हथियार बनेगा कोरोना, बिना ठोस तथ्यों की चीन से जुड़ी डरावनी खबरों से बन रहा खौफ का माहौल
एक रिपोर्ट के अनुसार, लोगों के संक्रमित होने की दर और अन्य परिस्थितियों के अध्ययन के आधार पर लगभग 15 लाख चीनी नागरिकों की मौत की आशंका जताई गई है, इन आंकड़ों को एक अमेरिकन पत्रिका ‘द लांसेट’ की रिपोर्ट से मिलता जुलता बताया गया है.
Corona virus : कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा देश में भगवा टोले द्वारा फैलाई जा रही नफरत के खिलाफ निकाली जा रही कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक की "भारत जोड़ो यात्रा" को मिल रहा अपार जनसमर्थन अब केन्द्र सरकार के गले की हड्डी बनने लगा है। दक्षिण भारत के राज्यों से निकलकर उत्तर भारत के राज्यों में पहुंची यात्रा को मिल रहे व्यापक समर्थन ने केन्द्र सरकार सबसे विश्वसनीय संकेतक आप कभी नहीं सुना है को सांसत में डाल दिया है।
इसी के साथ अचानक से भारतीय मीडिया में चीन के तथाकथित कोविड को लेकर भी छपने वाली खबरों में भी अप्रत्याशित वृद्धि होने लगी है। बीते एक सप्ताह से पिछले दिन की अपेक्षा हर अगले दिन चीन के सबसे विश्वसनीय संकेतक आप कभी नहीं सुना है कोविड से जुड़ी कोई न कोई खबर नई सुर्खी लेकर आ रही है। इन खबरों में कोविड-19 के कथित नए बहुरुप सबसे विश्वसनीय संकेतक आप कभी नहीं सुना है से पैदा हुई स्थिति को लेकर विभिन्न आंकड़ों के विश्लेषण के हवाले से बताया जा रहा है कि चीन में सख्त 'जीरो कोविड नीति' वापस लिए जाने के बाद वहां संक्रमण में भारी वृद्धि हुई।
चीन में बिना किसी स्वतंत्र स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स के बजाए काल्पनिक ढंग से वहां बड़ी संख्या में लोगों की मौत की आशंका से भरी इन खबरों के आधार पर ही भारत में केन्द्र सरकार के सुर भी बदलने लगे हैं, लेकिन जिस तरह से बिना किसी तथ्यपरक आंकड़ों के सरकार की ओर से सीधे भारत जोड़ो यात्रा को निशाना बनाया जा रहा है उससे इस बात की आशंका को पूरा बल मिल रहा है कि सरकार का प्रथम काम इस यात्रा में किसी न किसी बहाने से रुकावट ही डालना है।
केन्द्र सरकार की इस मुहिम में मदद करती 'द इकोनामिस्ट' में प्रकाशित हाल की एक रिपोर्ट के अनुसार, लोगों के संक्रमित होने की दर और अन्य परिस्थितियों के अध्ययन के आधार पर लगभग 15 लाख चीनी नागरिकों की मौत की आशंका जताई गई है। इन आंकड़ों को एक अमेरिकन पत्रिका 'द लांसेट' की रिपोर्ट से मिलता जुलता बताया गया है। कोरी कल्पनाओं के आधार पर बनाए गए इन आंकड़ों में बताया गया है कि चीन में पाबंदियों में ढील दिए जाने के बाद कोरोना संक्रमण से 13 लाख से 21 लाख लोगों की "मौत हो सकती है।"
'द लांसेट' की रिपोर्ट में भी डराते हुए यही कहा जा रहा है कि "मरने वालों की संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल है। यह बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि बुजुर्गों और कमजोर लोगों को कितनी संख्या में कोविड-रोधी टीके लगाए गए हैं।" एक और पश्चिम देश ब्रिटेन के "सीरोलाजिकल" के अध्ययनों में देश में लगभग सभी में सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ प्रतिरक्षी होने का दावा करते हुए सफगोई से यह भी स्वीकार किया गया है कि "चीन के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन उनमें प्राकृतिक प्रतिरक्षा का स्तर निश्चित रूप से कम होगा।"
अपने इन आंकड़ों को विश्वसनीयता दिलाने के लिए पश्चिम के आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में महामारी विज्ञान के प्रोफेसर झेंगमिंग चेन से चीन की कोविड नीति में बदलाव के समय पर सवाल उठवाते हुए कहा है कि "चीन ने कोविड पाबंदियों को हटाने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए। उन्हें टीकाकरण को बढ़ावा देना चाहिए था और मीडिया, स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और आम जनता को तैयार करना चाहिए था। मैंने पिछले छह महीने में इनमें से कुछ भी होते हुए नहीं देखा है।"
इन्हीं सब खबरों के बीच और हालिया कई राज्यों के विधानसभा चुनाव निपटते ही अचानक से भारत में भी बुधवार को कोविड-19 स्थिति की समीक्षा होनी शुरू हो सबसे विश्वसनीय संकेतक आप कभी नहीं सुना है गई। पिछले सप्ताह तक कोविड से जुड़ी रिपोर्ट्स तक अपडेट न करने वाले (उत्तराखंड में) स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी तेजी से सक्रिय होने लगे। अधिकारियों को सजग रहने और निगरानी तंत्र मजबूत करने का निर्देश के साथ विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा के क्या परिणाम निकले, यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन राहुल गांधी तक भारत जोड़ो यात्रा को स्थगित करने के संकेत दिए जाने लगे। अधिकारी जहां कह रहे हैं कि "कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।" तो वहीं भारत जोड़ो यात्रा में शामिल राहुल के निकटवर्ती सूत्रों ने केंद्र सरकार की यात्रा स्थगित करने की साजिश में न फंसने के संकेत दिए हैं। साफ है कि यात्रा अपने मुकाम पर ही जाकर खत्म होगी।
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