सवाल : क्या डिजिटल करेंसी आम लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगी?
रुपए का इतिहास | Bharat ki mudra rupya ki janakri
भारतीय रुपये का इतिहास बहुत पुराना है। भारतीय मुद्रा की कई इकाइयां रही हैं जिनके बारे में शायद आपको भी न पता हो। लेकिन ये ज़रूरी है कि भारतीय मुद्रा के इस सफर की सभी इकाइयों के बारे में आप खुद खुद के लिए सबसे सुरक्षित मुद्रा कौन सी है भी जानें और अपने बच्चों को भी बताएं।
भारतीय रुपया का चिह्न ₹ है। इसका बाज़ार नियामक और जारीकर्ता भारतीय रिज़र्व बैंक है। नये प्रतीक चिह्न के आने से पहले रुपये को हिन्दी में दर्शाने के लिए 'रु' और अंग्रेजी में Re. (१ रुपया), Rs. का प्रयोग किया जाता था।
भारत के अधिकांश भागों में रुपये को अलग अलग नामों से भी जाना जाता है। हिन्दी में रुपया, गुजराती (રૂપિયો) में रुपियो, तेलुगू (రూపాయి), तुलू भाषा (ರೂಪಾಯಿ) और कन्नड़ (ರೂಪಾಯಿ) में रूपाइ, तमिल (ரூபாய்) में रुबाइ, मलयालम (രൂപ) में रूपा, मराठी (रुपये) में रुपये या संस्कृत से निकले शब्द रूप्यकम्, रूप्यकं इत्यादि अन्य नाम से भी बोला जाता है। पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मिज़ोरम, उड़ीसा और असम में रुपये को आधिकारिक रूप से संस्कृत के तनक नाम से जाना जाता है। इसलिए रुपये को बंगाली में टका (টাকা), असमिया में तोका (টকা) और उड़िया में टन्का (खुद के लिए सबसे सुरक्षित मुद्रा कौन सी है ଟଙ୍କା) के नाम से जाना जाता है और रोमन अक्षर 'T' से भारतीय बैंकनोटों में दर्शाया जाता है।
भारतीय मुद्रा रुपया के बारे में कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट
भारतीय मुद्रा के लिए एक आधिकारिक प्रतीक-चिह्न दिनांक 15 जुलाई, 2010 को चुना गया है जिसे आईआईटी गुवाहाटी के प्रोफेसर डी. उदय कुमार ने डिज़ाइन किया है।
अमेरिकी डॉलर, ब्रिटिश पाउण्ड, जापानी येन और यूरोपीय संघ के यूरो के बाद रुपया पाँचवी ऐसी मुद्रा बन गया है, जिसे उसके प्रतीक-चिह्न से पहचाना जाएगा।
रुपया शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम शेर शाह सूरी ने भारत मे अपने शासन १५४०-१५४५ के दौरान किया था। शेर शाह सूरी ने अपने शासन काल में जो रुपया चलाया वह एक चाँदी का सिक्का था जिसका भार १७८ ग्रेन (११.५३४ ग्राम) के लगभग था। उसने तांबे का सिक्का जिसे दाम तथा सोने का सिक्का जिसे मोहर कहा जाता था, को भी चलाया।
शेर शाह सूरी के शासनकाल के दौरान आरम्भ किया गया 'रुपया' आज तक प्रचलन में है। भारत में ब्रिटिश राज के दौरान भी यह प्रचलन में रहा, इस दौरान इसका भार ११.६६ ग्राम था और इसके भार का ९१.७ प्रतिशत तक शुद्ध चाँदी थी।
कागज के नोटो की शुरूआत
शुरूआत मे बैंक ऑफ बंगाल द्वारा जारी किए गए कागज के नोटो पे केवल एक तरफ ही छपा होता था। इसमे सोने की एक मोहर बनी थी और यह १००, २५०, ५०० आदि वर्गो मे थे। बाद के नोट मे एक बेलबूटा बना था जो एक महिला आकृति, व्यापार का मानवीकरण दर्शाता था। यह नोट दोनो ओर छपे होते थे, तीन लिपिओं उर्दू, बंगाली और देवनागरी मे यह छपे होते थे, जिसमे पीछे की तरफ बैंक की छाप होती थी। १८०० सदी के अंत तक नोटों के मूलभाव ब्रितानी हो गए
मुद्रा के तौर पर आज हम जिस रुपये का प्रयोग करते हैं उसका चलन भारत में सदियों से है, फर्क सिर्फ इतना है कि तब भारत में मुद्रा के तौर पर चांदी और सोने के सिक्के चलन में थे। यह चलन 18वीं सदी के पूर्वार्ध तक बरकरार था लेकिन जब यूरोपीय कंपनियां व्यापार के लिए भारत में आयीं तब उन्होंने अपनी सहूलियत के लिए यहां निजी बैंक की स्थापना की, और फिर इसके बाद से ही चांदी और सोने की मुद्रा की जगह कागजी मुद्रा का चलन शुरू हो गया। भारत की सबसे पहली कागजी मुद्रा कलकत्ता के बैंक ऑफ हिंदोस्तान ने 1770 में जारी की थी। इन ब्रिटिश कंपनियों का व्यापार जब बंगाल से बढ़कर मुंबई, मद्रास तक पहुंच गया, तब इन जगहों पर अलग-अलग बैंकों की स्थापना शुरू हुई। इसके भारत में काग़ज़ का नोट सबसे पहले जनरल बैंक ऑफ बंगाल एंड बिहार ने 1773 में शुरू किया था.इसके बाद बैंक ऑफ बंगाल, बैंक ऑफ बंबई और बैंक ऑफ मद्रास ने कागजी मुद्राएं जारी की थी । इन बैंकों को अपने-अपने सर्किल में नोट जारी करने के अधिकार एक चार्टर के तहत दिया गया था
आजाद भारत और कागजी मुद्रा
आधुनिक भारत के रुपये का इतिहास 1947 में आजादी के बाद से शुरू होता है। आजाद भारत का पहला नोट एक रुपये का था, जिसे1949 में जारी किया गया था। इस नोट पर सारनाथ का अशोक स्तंभ अंकित था। इसके बाद नोट में कई बदलाव हुए और उस पर गेटवे ऑफ इंडिया, बृहदेश्वर मंदिर के चित्र भी छापे गये। वर्ष 1953 में भारत सरकार द्वारा जो नोट छापा गया उस पर हिंदी भाषा में भी लिखा गया। इन नोटों के जारी होने के दशकों बाद 1996 और 2005 में जारी नोट पर महात्मा गांधी की फोटो छपनी शुरू हुई। इसके बाद रुपये की नकल को रोकने के लिए उसमें कई सारे सिक्योरिटी फीचर्स डाले गये। दृष्टिहीनों की सहूलियत के लिए भी आज के नोट में कई फीचर्स डाले गये हैं. आज की अगर बात करें, तो 5, 10, 20, 50, 100, 500 और 2000 के कागजी नोट चलन में हैं।
आठ नवंबर, 2016 की रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के संबोधन में पैसों की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए, भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने घोषणा करते हुए 1000 के नोट को बंद किया जाये और पांच सौ और हजार के पुराने नोटों को हटा कर पांच सौ और दो हजार के नये नोटों को चलन में लाया गया। ताकि नोटबन्दी करके भ्रष्टाचार, काला-धन, नकली नोट जैसी गतिविधियों पर काबू पाया जा सके। मुद्राओं के रंग-रूप और मूल्य कई बार बदले गये हैं तथा उनमें जालसाजी रोकने के लिए सुरक्षा के उपाय समय समय पर किये जाते रहे हैं।
भास्कर एक्सप्लेनर: कैसा होगा RBI का 'डिजिटल रुपया', क्या ये लेगा बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की जगह? जानिए सब कुछ
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 में डिजिटल रुपया खुद के लिए सबसे सुरक्षित मुद्रा कौन सी है लॉन्च करने की घोषणा की है। यह सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी, यानी CBDC होगी। RBI इस डिजिटल करेंसी को नए वित्त वर्ष की शुरुआत में लॉन्च करेगा। डिजिटल रुपया, या CBDC को डिजिटल इकोनॉमी के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है। साथ ही भारत इस तरह से आधिकारिक तरीके से अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने वाला पहला बड़ा देश बन जाएगा।
ऐसे में आइए जानते हैं कि CBDC क्या है? सरकार को इसकी जरूरत क्यों पड़ी? आम लोगों के लिए यह कितना सुरक्षित और फायदेमंद होगा?
सवाल : डिजिटल करेंसी CBDC को कौन लॉन्च करेगा?
स्विट्जरलैंड
स्विट्जरलैंड को अगर घूमने के तौर पर देखा जाए तो ये बेहद ही खूबसूरत जगह है। स्विट्जरलैंड को सबसे आकर्षक देशों में गिना जाता है। स्विट्जरलैंड की राइन नदी का नजारा देखने लायक है और उसके पास घास के मैदान यहां की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं। स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न भी एक लोकप्रिय टूरिस्ट प्लेस है। ग्लोबल पीस इंडेक्स (JPI) के सर्वे के अनुसार स्विट्जरलैंड को दुनिया का सातवां सबसे शांतिपूर्ण देश माना गया है। महिलाओं के लिए स्विट्जरलैंड बहुत ही सेफ जगह है, यहां महिलाएं मौज-मस्ती के साथ अकेले घूम सकती हैं।
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया दुनिया खुद के लिए सबसे सुरक्षित मुद्रा कौन सी है खुद के लिए सबसे सुरक्षित मुद्रा कौन सी है का सबसे खूबसूरत देश होने के साथ-साथ महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन स्थल भी है। ऑस्ट्रेलिया की मजेदार जगहों पर घूमने के लिए आप कार किराए पर ले सकते हैं। यहां की सुंदर घाटियां यात्रा को और मेमोरेबल बना देती हैं। आप यहां पैदल यात्रा करते हुए ऑस्ट्रेलिया का आनंद उठा सकते हैं।
अगर आप अकेले घूमने की योजना बना रही हैं, तो जापान से बेहतर जगह और कोई नहीं हो सकती। यहां आपको बेहतरीन स्थल देखने को मिलेंगे, साथ ही महिलाओं के लिए भी देश काफी सुरक्षित है। ग्लोबल पीस इंडेक्स के सर्वे के अनुसार दुनिया के सबसे शांतिपूर्ण देशों में जापान को छठा स्थान दिया गया है। जापान की राजधानी टोक्यो है और टोक्यो सबसे साफ स्थानों में गिना जाता है। जापान दुनिया में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सबसे ज्यादा विकसित है। जापानी महिलाएं यहां बिल्कुल सुरक्षित महसूस करती हैं।
एम्सटर्डम
दुनिया के आकर्षक स्थानों में से एक है एम्स्टर्डम। यहां आपको पुरानी संस्कृति के कई साक्ष्य देने को मिलेंगे, जिन्हें जानकार लोगों का ज्ञान बढ़ता है। एम्स्टर्डम खुशियां मनाने में सबसे आगे रहता है। अकेली महिला पर्यटक के लिए ये स्थान बेहद सुरक्षित है।
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'New currency'
विश्लेषकों का मानना है कि रुपया 80 डॉलर आंकड़े के करीब पहुंच रहा है. ऊपर से यूएस में महंगाई के आंकड़ों से रुपये पर और दबाव पड़ा है. आशंका है कि फेडरल रिजर्व बैंक बेंचमार्क रेट में 75 बेसिस पॉइंट तक की बढ़ोतरी कर सकता है, ऐसे में रुपया और गिर सकता है.
FTX गेमिंग नाम का यह क्रिप्टो सर्विस प्लेटफॉर्म गेमिंग कंपनियों को टोकन क्रिएट करने और कस्टमर्स को NFT के लिए सपोर्ट देने का काम करेगा।
न्यूयॉर्क के नए चुने गए मेयर Eric Adams को लगता है कि अब समय आ गया है जब स्कूलों में क्रिप्टो को पाठ्यक्रम में एक विषय के रूप में शामिल करना शुरू कर देना चाहिए।
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