IRFC IPO: बोली लगाने का आज अप कैपिटल क्या हैं आखिरी दिन, क्या कहते हैं जानकार
भारतीय रेलवे वित्त निगम (IRFC) के आईपीओ पर बोली लगाने का आज आखिरी दिन है। यह 18 जनवरी को खुला था और 19 जनवरी को दूसरे दिन की समाप्ति तक उसके तय अप कैपिटल क्या हैं आकार से 1.22 गुना अभिदान मिल गया था। एनएसई के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इस पेशकश के अप कैपिटल क्या हैं लिए 1,24,75,05,993 शेयरों को रखा गया था जिसके एवज में 1,52,64,04,775 शेयरों के लिए आवेदन प्राप्त हो गये। कंपनी के आईपीओ के लिये मूल्य दायरा 25 से 26 रुपये प्रति शेयर रखा गया है।
IRFC IPO: बोली लगाने का आज आखिरी दिन, क्या कहते हैं जानकार
लॉट साइज 575 शेयरों का
अगर आप IRFC के आईपीओ में पैसा लगाने की सोच रहे हैं तो बता दें कि आपको कम से कम 575 शेयर खरीदने होंगे, क्योंकि इसका लॉट साइज 575 शेयरों का है। यानी आपको कम से कम 14,375-14,950 रुपये इस आईपीओ में निवेश करने होंगे। यह भी ध्यान रखना होगा कि कोई भी निवेशक अधिकतम 13 लॉट ही खरीद सकता है। यानी इसमें एक निवेशक अधिकतम 1,86,875-1,94,350 रुपये ही निवेश कर सकता है।
कितने शेयर हुए हैं जारी
IRFC के आईपीओ में 1,78,20,69,000 यानी करीब 178 करोड़ शेयर जारी किए गए हैं। इसमें 1,18,80,46,000 यानी करीब 118 करोड़ शेयर तो फ्रेश हैं, जबकि 59,40,23,000 यानी करीब 59.4 करोड़ शेयर ऑफर फॉर सेल के हैं। IRFC ने अपनी पूरी पेड-अप कैपिटल का करीब 13.64 फीसदी शेयर इस आईपीओ के जरिए जारी किए हैं
एंकर निवेशकों से जुटाए 1398 करोड़ रुपये
भारतीय रेलवे वित्त निगम (आईआरएफसी) ने अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IRFC IPO) से पहले अप कैपिटल क्या हैं शुक्रवार को एंकर निवेशकों से करीब 1,398 करोड़ रुपये जुटाए। कंपनी ने एक बयान में कहा कि अप कैपिटल क्या हैं कुल 31 एंकर निवेशकों को 26 रुपये प्रति शेयर की दर से 3,34,563,007 इक्विटी शेयर जारी किए गए। आईआरएफसी का निर्गम सोमवार को खुलेगा। इस मूल्य पर आईआरएफसी ने निवेशकों से कुल 1,398.63 करोड़ रुपये जुटाए। इन एंकर निवेशकों में एचडीएफसी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड, निप्पॉन लाइफ इंडिया ट्रस्टी लिमिटेड, सिंगापुर सरकार, कुवैत इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी फंड, कोटक महिंद्रा (इंटरनेशनल) लिमिटेड, गोल्डमैन सैक्स (सिंगापुर) पीटीई और टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड अप कैपिटल क्या हैं शामिल हैं।
आईआरएफसी में निवेश कितना फायदेमंद?
विश्लेषकों का कहना है कि आईआरएफसी का बिजनस मॉडल खास है इसलिए अप कैपिटल क्या हैं इसकी वैल्यूएशन की तुलना दूसरे पैमानों पर नहीं की जा सकती। हालांकि इसके वित्तीय नतीजों और संभावना को देखते हुए लगता है कि यह आईपीओ अंडर वैल्यूड है। अगर रेल मंत्रालय कंपनी से जुड़े किसी नीतिगत फैसलों में कोई बदलाव करता है तो इसके मुनाफे पर असर पड़ सकता है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि आईआरएफसी का इश्यू प्राइस आकर्षक है। हालांकि आईआरएफसी के आईपीओ का टकराव इंडिगो पेंट्स से हो सकता है फिर भी हाल के दिनों में आए आईपीओ की तरह निवेशकों के बीच इसकी भी मांग देखी जा सकती है। ज्यादा ब्रोकरेज ने इसे सब्सक्राइव करने की सिफारिश की है।
Small Companies Definition: सरकार ने बदली छोटी कंपनियों की परिभाषा, बढ़ेगा दायरा, होंगे ये बड़े फायदे
small companies definition: सरकार ने छोटी कंपनियों के लिए के लिए पेड-अप कैपिटल और कारोबार सीमा में संशोधन किया है और सीमाएं बढ़ा दी हैं. अब और कंपनियां इसके दायरे में आएंगी.
सरकार ने छोटी कंपनियों की परिभाषा को बदल कर कारोबार की सीमाओं को बढ़ा दिया है.
Ease of Doing Business: सरकार ने छोटी कंपनियों की परिभाषा को बदल कर कारोबार की सीमाओं को बढ़ा दिया है. इससे अब कई और कंपनियां भी छोटी कंपनियों के दायरे में आएंगी. इससे उन्हें कई तरह के नियमों में राहत मिलेगी और काम करने में आसानी होगी. सरकार ने आज छोटी कंपनियों के लिए के लिए पेड-अप कैपिटल और कारोबार सीमा में संशोधन किया है और सीमाएं बढ़ा दी हैं. जिससे अब और कंपनियां इसके दायरे में आ सकेंगी और उनका अनुपालन बोझ कम हो जाएगा.
नियमों में मिलती है छूट
बता दें कि छोटी कंपनियों को कई नियमों में छूट मिलती है. नई सीमा के बाद कई और कंपनियों को इस छूट का लाभ मिलेगा. सरकार काफी समय से कारोबारी सुगमता पर जोर बढ़ा रही है. परिभाषा में बदलाव इसी दिशा में उठाया गया कदम है. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कारोबार करने में सुगमता को और बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह बदलाव किया है.
नियमों में हुआ ये बदलाव
कुछ नियमों में संशोधन करते हुए छोटी कंपनियों के लिए चुकता पूंजी की सीमा को मौजूदा “2 करोड़ रुपये से अधिक नहीं” से बढ़ाकर “4 करोड़ रुपये से अधिक नहीं” कर दिया गया है. वहीं कारोबार को “20 करोड़ रुपये से अधिक नहीं” से बदलकर “40 करोड़ रुपये से अधिक नहीं” कर दिया गया है. नई परिभाषा आने से अब अधिक संख्या में कंपनियां ‘छोटी कंपनी’ की श्रेणी में आ जाएंगी.
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इस कटेगिरी में क्या हैं बेनेफिट
मंत्रालय के मुताबिक छोटी कंपनियों को वित्तीय लेखा-जोखा के अंग के रूप में नकदी प्रवाह का लेखा-जोखा तैयार करने की जरूरत नहीं होती है.उन्हें लेखा परीक्षक के अनिवार्य रोटेशन की जरूरत भी नहीं होती है. सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार छोटी कंपनी के लेखा-परीक्षक के लिए जरूरी नहीं रहा कि वह आंतरिक वित्तीय नियंत्रणों के औचित्य पर रिपोर्ट तथा अपनी रिपोर्ट में वित्तीय नियंत्रण की संचालन क्षमता प्रस्तुत करे. इसके अलावा इस श्रेणी की कंपनियों के निदेशक मंडल की बैठक वर्ष में केवल दो बार की जा सकती है.
जुर्माना राशि भी कम
‘छोटी कंपनी’ श्रेणी की इकाइयों को मिलने वाले अन्य लाभ यह हैं कि कंपनी के वार्षिक रिटर्न पर कंपनी सेक्रटेरी हस्ताक्षर कर सकता है. कंपनी सेक्रेटरी के न होने पर कंपनी का निदेशक हस्ताक्षर कर सकता है. इसके अलावा छोटी कंपनियों के लिए जुर्माना राशि भी कम होती है. हाल के समय में सरकार ने व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं. इनमें कंपनी अधिनियम, 2013 और सीमित देयता भागीदारी अधिनियम, 2008 के विभिन्न प्रावधानों को अपराध के वर्ग से निकालना शामिल हैं.
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जोमैटो ने कर्मचारियों को 1-1 रुपए में दिए शेयर: कंपनी ने 4.66 करोड़ शेयर बांटे, जोमैटो के शेयर्स में लौटी तेजी
फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो के शेयर्स में जारी गिरावट के बीच जोमैटो ने अपने कर्मचारियों को 1-1रुपए में 4.66 करोड़ शेयर बांटने का फैसला किया है। कंपनी ये शेयर ESOP (एंप्लॉयी स्टॉक ऑप्शन प्लान) के तहत दे रही है। 26 जुलाई को स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कंपनी ने बताया कि इसके बोर्ड के नॉमिनेशन एंड रेमुनरेशन कमिटी ने 4,65,51 ,600 इक्विटी शेयर्स को स्टॉक ऑप्शन के तहत कर्मचारियों को देने के फैसले को पास कर दिया है। जोमैटो के मौजूदा शेयर प्राइस के हिसाब से देखें तो 4.66 करोड़ शेयर्स की अप कैपिटल क्या हैं वैल्यू अभी 193 करोड़ रुपए होगी।
जोमैटो के शेयर्स में आज तेजी
जोमैटो के शेयर्स में आज तेजी दिख रही है। अप कैपिटल क्या हैं दोपहर 12.40 बजे जोमैटो के शेयर 3.48% ऊपर 43.10 रुपए पर ट्रेड कर रहे थे। हालांकि, इससे पहले पिछले दो दिनों में 21% तक टूट चुके हैं। वहीं कल यानी 26 जुलाई को जोमैटो का शेयर 41.60 रुपए पर आ गया था।
एक साल का लॉक-इन पीरियड खत्म
जोमैटो के शेयर्स में गिरावट के कारण पर IIFL सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) अनुज गुप्ता ने कहा, “Zomato के शेयर 23 जुलाई 2021 को भारतीय बाजारों में लिस्ट हुए थे जिसका मतलब है एम्पलॉइज, कंपनी के फाउंडर जैसे लोगों के लिए एक साल का लॉक-इन पीरियड खत्म हो गया है। चूंकि ये शेयरहोल्डर जोमैटो के टोटल पेड अप कैपिटल का लगभग 78% (613 करोड़ शेयर) हिस्सा हैं, इसलिए इसमें बिकवाली का दबाव है।
70-75 रुपए तक जा सकता है शेयर
मार्केट अप कैपिटल क्या हैं एक्सपर्ट प्रकाश दीवान का मानना है कि जोमैटो के लिए डाउनसाइड बिजनेस स्टैंडपॉइंट से काफी सीमित है। यदि आप धैर्य रखते हैं, तो शायद आप जोमैटो को किसी समय फिर से 70-75 रुपए के स्तर को देखेंगे।
76 रुपए का इश्यू प्राइस, 115 पर लिस्ट
जोमैटो के शेयर 23 जुलाई 2021 को BSE और NSE पर 51% से ज्यादा के मजबूत प्रीमियम पर 115 रुपए पर लिस्ट हुए थे। इसका इश्यू प्राइस 76 रुपए था। बंपर लिस्टिंग के बाद, इसके शेयर्स ने 16 नवंबर 2021 को 52 हफ्ते के उच्च स्तर 169.1 रुपए को छुआ था। हालांकि, ये शेयर अपने लाइफ-टाइम हाई पर चढ़ने के बाद से ही बिकवाली का सामना कर रहा है और पिछले कुछ सत्रों से नया 52-वीक लो बना रहा है।
Tata Group की इस कंपनी में LIC की हिस्सेदारी 5% के पार, ब्रोकरेज ने कहा खरीद लो, मिल सकता है 28% रिटर्न
Stocks to Buy: इंश्योरेंस कंपनी ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा, Tata Motors में उसकी हिस्सेदारी 16,59,48,741 से बढ़कर 16,61,98,741 इक्विटी शेयर हो गई. 31 अक्टूबर 2022 को कंपनी में होल्डिंग 5% के पार हो गई.
Stocks to Buy: देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की टाटा ग्रुप (Tata Group) की ऑटो कंपनी टाटा मोटर्स लिमिटेड (Tata Motors Ltd) में हिस्सेदारी 5 फीसदी से ज्यादा हो गई है. एलआईसी इस ऑटो कंपनी में पिछले 10 महीने से हिस्सेदारी बढ़ा रही है और इसने 11.39 करोड़ रुपए निवेश किया है.
इंश्योरेंस कंपनी ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा, Tata Motors में उसकी हिस्सेदारी 16,59,48,741 से बढ़कर 16,61,98,741 इक्विटी शेयर हो गई. ऑटो में कंपनी की हिस्सेदारी अब पेड-अप कैपिटल की 4.997% से बढ़कर 5.004% हो गई. 31 अक्टूबर 2022 को कंपनी में होल्डिंग 5% के पार हो गई. 3 दिसंबर 2021 से 31 अक्टूबर 2022 के दौरान 455.69 रुपए के औसत भाव पर शेयर खरीदे. रेगुलेटरी नियमों के मुताबिक, लिस्टेड कंपनियों को जब किसी कंपनी में उनकी हिस्सेदारी 5% से अधिक हो जाए तब स्टॉक एक्सचेंजों बताना जरूरी होता है.
राकेश झुनझुनवाला की हिस्सेदारी 1% से अधिक
LIC के अलावा,दिवंगत दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला की Tata Motors में 1 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी है. उनके पास टाटा ग्रुप की ऑटो कंपनी के 3,67,50,000 इक्विटी शेयर हैं. भारतीय शेयर बाजार का 'बिग बुल' कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला का इस साल अगस्त में निधन हो गया था.
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Tata Motors 9 नवंबर को वित्त वर्ष 2022-23 के अपनी दूसरी तिमाही के नतीजे जारी करेगी. पिछले एक साल में ऑटो कंपनी का शेयर 13.70% गिरा है, जबकि इस साल अब तक यह 15% से अधिक टूटा है. हालांकि, एक महीने में इसमें करीब 6 फीसदी की तेजी आई है.
खरीदारी की दी सलाह
ग्लोबल ब्रोकरेज जेफरीज (Jefferies) ने Tata Motors में खरीदारी की सलाह दी है. उसने कहा, जगुआर लैंड ओवर (JLR) के लिए नियर टर्म में मैक्रो चुनौतियों बावजूद हम टाटा को भारतीय ट्रकों और पैसेंजर व्हीकल (PV) में एक मजबूत साइक्लिकल रिकवरी, भारतीय PV में एक बेहतर फ्रैंचाइजी और एक मजबूत ईवी (EV) फोकस के साथ जारी रखना चाहते हैं. ब्रोकरेज ने शेयर का टारगेट प्राइस 540 रुपए रखा है. मौजूदा भाव से इसमें आगे 28% का रिटर्न मिल सकता है.
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