3. फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स- मानकीकृत किए जाते हैं और माध्यमिक बाजार में इनका ट्रेड किया जा सकता है। वे आपको भविष्य में डिलीवर किए जाने वाले एक निर्दिष्ट कीमत पर अंतर्निहित एसेट खरीदने/बेचने की सुविधा देते हैं।

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Muhurat Trading 2022: आज सिर्फ 1 घंटे के लिए खुलेगा बाजार, जानिए मुहूर्त ट्रेडिंग से जुड़ी हर जानकारी

Muhurat Trading 2022: दिवाली के दिन से हिंदू संवत वर्ष 2079 (Samvat 2079) की शुरुआत हो रही है। हिंदू संवत के पहले दिन दीपावली (Diwali 2022) यानि सोमवार 24 अक्टूबर को प्रमुख शेयर बाजार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में एक घंटे की ट्रेडिंग होगी। इसे ‘मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading)’ कहा जाता है।

जानिए कब शुरू होगी मुहूर्त ट्रेडिंग

BSE और NSE ने अलग-अलग सर्कुलर में बताया कि यह कारोबारी सत्र शाम को शेयर बाजार में ट्रेडिंग क्या है 6:15 PM से 7:15 PM के बीच होगा। ब्लॉक डील सेशन शाम 5.45 से शाम 6 बजे तक होगा और प्री-ओपनिंग सेशन शाम 6 बजे से शाम 6.08 बजे के बीच होगा।

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Muhurat Trading की क्या है परंपरा?

दिवाली और लक्ष्मी पूजन के कारण इस दिन नियमित ट्रेडिंग बंद रहेगी। शेयर बाजार बस Muhurat Trading के लिए शाम में एक घंटे के लिए खुलेंगे। यह एक प्रतीकात्मक और पुरानी परंपरा है जिसे ट्रेडिंग कम्युनिटी ने पिछले 100 सालों से अधिक समय से बनाए रखा है और इसे हर साल मनाते हैं। ऐसी मान्यता है कि ‘मुहूर्त’ के दौरान सौदे करना शुभ होता है और यह वित्तीय समृद्धि लाता है।

ऑनलाइन ब्रोकरेज फर्म अपस्टॉक्स (Upstox) के डायरेक्टर पुनीत माहेश्वरी ने बताया, "किसी भी नई चीज की शुरुआत करने के लिए दीपावली को सबसे अच्छा वक्त माना जाता है। बाजार में निवेशकों का सेंटीमेंट पॉजिटिव है और विभिन्न सेक्टर्स में खरीदारी हो रही है। माना जाता है कि इस सत्र के दौरान खरीदारी करने पर निवेशक को सालभर लाभ मिलता है।"

ट्रेडिंग क्या होता है? What’s Trading in Stock Market Hindi

Table of Contents

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग क्या है? इसे जानने से पहले हमें शेयर मार्केट क्या है? यह जानना ज़रूरी है, तो “जहाँ पर कंपनियों के शेयर्स अथवा हिस्सेदारी की ख़रीद या बिक्री होती है उसे शेयर मार्केट(Share Market) या शेयर बाजार कहते हैं.”

अब बात आती है ट्रेडिंग क्या होता है? अगर आसान शब्दों में समझें की ट्रेडिंग का क्या मतलब होता है तो किसी भी वस्तु की सेवा का ख़रीद और बिक्री करके मुनाफ़ा कमाना ही ट्रेडिंग कहलाता है. यदि दूसरे शब्दों में समझें तो शेयर मार्केट में किसी भी कंपनी के शेयर्स को एक दिन से एक वर्ष तक होल्ड करके रखने की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं.

trading

ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं? Types of Trading in Stock Market Hindi

स्टॉक मार्केट(Stock Market) में ट्रेडिंग को मुख्यतः चार पार्ट में डिवाइड किया गया है.

  1. इंट्राडे ट्रेडिंग
  2. स्कैल्पिंग ट्रेडिंग
  3. स्विंग ट्रेडिंग
  4. पोजिसनल ट्रेडिंग

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? What’s Intraday Trading in Hindi

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? शेयर मार्केट में जब किसी स्टॉक को एक दिन के लिए ख़रीदा और बेचा जाता है तो उसे इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) कहा जाता है, इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको एक ही दिन के अंदर स्टॉक शेयर बाजार में ट्रेडिंग क्या है को ख़रीदना और बेचना पड़ता है अगर आपने इंट्राडे ट्रेडिंग में किसी भी एक ही दिन में नहीं बेचा तो आपका ब्रोकर उसे बेच देगा फिर चाहे आपको मुनाफ़ा हुआ रहे या फिर नुकसान. केवल एक दिन में ख़रीदने और बेचने की वजह से इसे डे ट्रेडिंग भी कहा जाता है, इसमें रिस्क और मुनाफ़ा दोनों ही बहुत ही ज्यादा होता है.

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में क्या अंतर है? Trading vs Investing in Hindi

अगर बहुत ही सरल शब्दों में समझें तो ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में शेयर बाजार में ट्रेडिंग क्या है मुख्य अंतर यही होता है की ट्रेडिंग में किसी भी शेयर को बहुत ही शार्ट टर्म के लिए ख़रीदा और बेचा जाता है और इन्वेस्टिंग में किसी कंपनी के शेयर को लॉन्ग टर्म के लिए ख़रीदा और बेचा जाता है. इसके अलावा भी आइये जानते है ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में क्या फ़र्क होता है?

ट्रेडिंग इन्वेस्टिंग
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कम समय के लिए होता है जैसे- कुछ मिनट, कुछ घंटे, एक दिन, कुछ हफ़्तों या फिर एक वर्ष तकशेयर मार्केट में इन्वेस्टिंग लॉन्ग टर्म के लिए होता शेयर बाजार में ट्रेडिंग क्या है है जैसे- एक वर्ष से कई सालों तक
शेयर मार्केट के किसी भी स्टॉक में ट्रैड करने के लिए स्टॉक बहुत ही कम शेयर बाजार में ट्रेडिंग क्या है पैसों में मिल जाता है.इन्वेस्टिंग में किसी शेयर्स को पूरा ख़रीदना पड़ता है क्योंकि वह लंबे समय तक होल्ड पर होता शेयर बाजार में ट्रेडिंग क्या है है.
ट्रेडिंग में किसी भी स्टॉक का टेक्निकल एनालिसिस करना होता है जबकिइन्वेस्टिंग में किसी भी स्टॉक का फंडामेंटल एनालिसिस करना पड़ता है.
ट्रेडिंग में ट्रेडर बहुत ही कम समय में बहुत ही ज्यादा पैसा कमाते है.इन्वेस्टिंग में इन्वेस्टर को ज्यादा रिटर्न पाने के लिए लंबे समय तक शेयर को होल्ड करके रखना पड़ता है.
इसमें जितना कम समय में अच्छा मुनाफ़ा होता है उतने ही कम समय में पैसा भी डूब जाता है. यानी रिस्क ज्यादा होता है.इसमें इन्वेस्टर लॉन्ग टर्म के लिए किसी भी स्टॉक को होल्ड करके रखता है इसलिए पैसे डूबने का रिस्क बहुत ही कम हो जाता है.
ट्रेडिंग में कम समय के अन्दर किसी भी स्टॉक को ख़रीदने और बेचने वालों को ट्रेडर कहा जाता है.इन्वेस्टिंग में लंबे समय तक किसी भी स्टॉक को होल्ड रखने वालों को इन्वेस्टर कहा जाता है.

शेयर बाजार में हाथ आजमाने वाले लोग ट्रेडिंग करने से पहले ‘फ्यूचर और ऑप्शंस’ के बारे में समझ लें

फ्यूचर और ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स डेरिवेटिव ट्रेडिंग के प्रमुख साधनों में से एक हैं। डेरिवेटिव्स शुरुआत करने वालों के लिए एक प्रकार के कॉन्ट्रैक्ट्स होते हैं जिनका मूल्य अंतर्निहित संपत्तियों या परिसंपत्तियों के सेट पर ही निर्भर करता है।

ब्रांड डेस्क, नई दिल्ली। अक्सर आपने सुना होगा कि शेयर बाजार से दिन दोगुना रात चौगुना पैसा कमाया जा सकता है। लेकिन क्या यह इतना आसान है? क्या इस बाजार में कोई भी पैसे लगा सकता है? क्या इस बाजार में पैसा लगाने में किसी भी तरह का कोई जोखिम नहीं होता है? क्या इसके कुछ खास नियम भी हैं?

अगर आपके मन में भी इस तरह के सवालों को लेकर संशय बना हुआ है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस आर्टिकल में शेयर मार्केट से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की गई हैं, जो आपको शेयर मार्केट की दुनियां में कदम रखने में सहायक साबित हो सकती हैं।

शेयर बाजार कैसे काम करता है?

शेयर बाजार में पैसा बनाने के अनेक विकल्प हैं जो इसे अत्यंत रोचक बनाते हैं I साथ ही निवेशकों के लिए सीख-कर व समझ-कर अपनी पसंद के उत्पाद में निवेश से लाभ कमाने का अवसर प्रदान करते हैं। इन्हीं उत्पादों में से दो प्रमुख उत्पाद हैं- फ्यूचर और ऑप्शंस। इन्हें समझने से पहले आपके लिए यह जानना आवश्यक है कि शेयर बाजार, कमोडिटी बाजार या मुद्रा बाजार में सबसे अधिक प्रभाव कीमतों का होता है।

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कैसे फ्यूचर और ऑप्शन है फायदेमंद?

फ्यूचर और ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स डेरिवेटिव ट्रेडिंग के प्रमुख साधनों में से एक हैं। डेरिवेटिव्स, शुरुआत करने वालों के लिए एक प्रकार के कॉन्ट्रैक्ट्स होते हैं, जिनका मूल्य अंतर्निहित संपत्तियों या परिसंपत्तियों के सेट पर निर्भर करता है। इनमें कोई एसेट बॉन्ड, स्टॉक, मार्केट इंडेक्स, कमोडिटी या करेंसी हो सकते हैं।

स्वैप, फॉरवर्ड, फ्यूचर और ऑप्शन सहित चार प्रमुख प्रकार के डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट होते हैं।

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1. स्वैप- जैसा कि नाम से पता चलता है, ऐसे कॉन्ट्रैक्ट होते हैं जहां दो पार्टी अपनी देयताओं या नकदी प्रवाह का आदान-प्रदान कर सकते हैं।

फ्यूचर और ऑप्शन के फायदे

बाजार में अस्थिरता की आशंका को कम करने के लिए विकल्प एक अन्य जरिया है। फ्यूचर एंड ऑप्शन का कॉन्ट्रैक्ट शेयर बाजार में ट्रेडिंग क्या है सामान होता है पर इस संदर्भ में खरीददार या विक्रेता के पास यह अधिकार होता है जिस से वो कॉन्ट्रैक्ट का इस्तेमाल करने के लिए बाध्य नहीं होता।

आमतौर पर विकल्प दो प्रकार के होते हैं, जिसमें पहला है CALL ऑप्शन और दूसरा PUT ऑप्शन। जहां CALL ऑप्शन में खरीददार के पास एक निश्चित मूल्य और भविष्य में तय तारीख़ पर परिसंपत्ति (एसेट) के हिस्से की खरीद-फरोख्त करने का विकल्प सुरक्षित रहता है और उसे इस कॉन्ट्रैक्ट का पालन नहीं करने की भी छूट होती है।

वहीं, PUT ऑप्शन में विक्रेता के पास यह अधिकार होता है कि वो एक निश्चित मूल्य और भविष्य में तय तारीख पर कोई परिसंपत्ति (एसेट) के हिस्से का खरीद-फरोख्त करेगा या नहीं। उसके पास भी इस कॉन्ट्रैक्ट का पालन नहीं करने की छूट होती है।

Trading Tips Share Market: अगर आप ऐसे करेंगे ट्रेडिंग, तो शेयर मार्केट में कभी नहीं डूबेगा आपका पैसा

By: ABP Live | Updated at : 24 Aug शेयर बाजार में ट्रेडिंग क्या है 2022 03:46 PM (IST)

Edited By: Sandeep

Trading Tips In Share Market : आज के दौर में शेयर बाजार (Share Market) में शेयर बाजार में ट्रेडिंग क्या है काफी उतार-चढ़ाव चल रहा है, ऐसे में जो आदमी इसमें अपना मेहनत का पैसा लगता है, उसे काफी हद तक सतर्क रहने की जरूरत होती. उसे शेयर मार्केट पर बारीक़ निगाह रखनी पड़ती है, ट्रेडर्स पर निगाह गड़ाए रखना होता है. जिससे आपका पैसा मार्केट में अच्छा बैकअप दे और डूबे नहीं. आपको ट्रेंडिंग करते समय कुछ बातो का ध्यान रखते है, तो आपका शेयर मार्केट में कभी नहीं डूबेगा. ये निम्न बातें है-

  • शेयरों की खरीद-फरोख्त से पहले आपको रिसर्च करना चाहिए. इससे आसानी होगी कि किस भाव पर आपको अपनी पोजिशन को स्क्वॉयर ऑफ करना है.
  • Share Market से पैसे बनाने के लिए आपको आंकलन करना चाहिए. बाजार के रूझानों की बजाय स्पष्ट संकेत मिलने पर ट्रेडिंग करें. फंडामेंटल रूप से मजबूत कंपनी में निवेश कपना बेहतर फैसला है.
  • बाजार को लेकर सटीक अनुमान से आप बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं. फॉरेक्स ट्रेडर्स तकनीक का जमाना आ गया है जिससे ट्रेडर्स को रीयल टाइम में मार्केट डेटा मिल जाता है.
  • Share Market में ट्रेडि्ंग पिरामिड (Trading Pyramid) अप्रोच के साथ शेयर बाजार में ट्रेडिंग क्या है करें. शेयर मार्केट में आपको रिस्क के बारे में पहले ही सोचना होगा कि आप कितनी पूंजी गंवाने की क्षमता रखते हैं.
  • आपको ऐसा पैसा निवेश करना होगा जिसे आप अफोर्ड कर सकते हैं. रिस्क पिरामिड (Risk Pyramid) का मतलब है कि रिस्क के हिसाब से अपनी पूंजी को बांटकर ट्रेडिंग कर सके.
  • रिस्क मैनेज के लिए जरूरी है कि आप स्टॉप लॉस (Stop Loss) का इस्तेमाल करें और अपने प्रॉफिट को सुरक्षित करें.
  • स्टॉप लॉस का मतलब सौदा शुरू करने से पहले ऐसा प्राइस लेवल तय करना है जिसके नीचे आप रिस्क नहीं लेना चाहते हैं.
  • वहीं दूसरी तरफ टेक प्रॉफिट (Take Profit) एक लिमिट ऑर्डर है जिसका इस्तेमाल एक खास भाव पहुंचने पर मुनाफा कमाने के लिए किया जाता है.
  • अगर आप ट्रेडिंग करते हैं तो आपको एक स्ट्रेटजी के साथ मार्केट में एंट्री करनी होगी. इससे आप किस तरह से ट्रेड करते है.
  • जब आप स्ट्रेटजी के हिसाब से चलेंगे तो न सिर्फ आपका समय बचेगा बल्कि आप बड़े स्तर पर चीजों को देख-समझ सकेंगे.

Trading Tips Share Market: अगर आप ऐसे करेंगे ट्रेडिंग, तो शेयर मार्केट में कभी नहीं डूबेगा आपका पैसा

By: ABP Live | Updated at : 24 Aug 2022 03:46 PM (IST)

Edited By: Sandeep

Trading Tips In Share Market : आज के दौर में शेयर बाजार (Share Market) में काफी उतार-चढ़ाव चल रहा है, ऐसे में जो आदमी इसमें अपना मेहनत का पैसा लगता है, उसे काफी हद तक सतर्क रहने की जरूरत होती. उसे शेयर मार्केट पर बारीक़ निगाह रखनी पड़ती है, ट्रेडर्स पर निगाह गड़ाए रखना होता है. जिससे आपका पैसा मार्केट में अच्छा बैकअप दे और डूबे नहीं. आपको ट्रेंडिंग करते समय कुछ बातो का ध्यान रखते है, तो आपका शेयर मार्केट में कभी नहीं डूबेगा. ये निम्न बातें है-

  • शेयरों की खरीद-फरोख्त से पहले आपको रिसर्च करना चाहिए. इससे आसानी होगी कि किस भाव पर आपको अपनी पोजिशन को स्क्वॉयर ऑफ करना है.
  • Share Market से पैसे बनाने के लिए आपको आंकलन करना चाहिए. बाजार के रूझानों की बजाय स्पष्ट संकेत मिलने पर ट्रेडिंग करें. फंडामेंटल रूप से मजबूत कंपनी में निवेश कपना बेहतर फैसला है.
  • बाजार को लेकर सटीक अनुमान से आप बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं. फॉरेक्स ट्रेडर्स तकनीक का जमाना आ शेयर बाजार में ट्रेडिंग क्या है गया है जिससे ट्रेडर्स को रीयल टाइम में मार्केट डेटा मिल जाता है.
  • Share Market में ट्रेडि्ंग पिरामिड (Trading Pyramid) अप्रोच के साथ करें. शेयर मार्केट में आपको रिस्क के बारे में पहले ही सोचना होगा कि आप कितनी पूंजी गंवाने की क्षमता रखते हैं.
  • आपको ऐसा पैसा निवेश करना होगा जिसे आप अफोर्ड कर सकते हैं. रिस्क पिरामिड (Risk Pyramid) का मतलब है कि रिस्क के हिसाब से अपनी पूंजी को बांटकर ट्रेडिंग कर सके.
  • रिस्क मैनेज के लिए जरूरी है कि आप स्टॉप लॉस (Stop Loss) का इस्तेमाल करें और अपने प्रॉफिट को सुरक्षित करें.
  • स्टॉप लॉस का मतलब सौदा शुरू करने से पहले ऐसा प्राइस लेवल तय करना है जिसके नीचे आप रिस्क नहीं लेना चाहते हैं.
  • वहीं दूसरी तरफ टेक प्रॉफिट (Take Profit) एक लिमिट ऑर्डर है जिसका इस्तेमाल एक खास भाव पहुंचने पर मुनाफा कमाने के लिए किया जाता है.
  • अगर आप ट्रेडिंग करते हैं तो आपको एक स्ट्रेटजी के साथ मार्केट में एंट्री करनी होगी. इससे आप किस तरह से ट्रेड करते है.
  • शेयर बाजार में ट्रेडिंग क्या है
  • जब आप स्ट्रेटजी के हिसाब से चलेंगे तो न सिर्फ आपका समय बचेगा बल्कि आप बड़े स्तर पर चीजों को देख-समझ सकेंगे.
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