अब बिटकॉइन में भारी गिरावट का दौर देखने को मिल रहा है. 1 सितंबर को एक बिटकॉइन की कीमत करीब 3.5 लाख रुपये पर पहुंच गई थी. 14 सितंबर को भाव गिरकर 2.4 लाख रुपये पर आ गया. यानी महज दो हफ्ते में 31 फीसदी की भारी गिरावट. चीन में ऑनलाइन टोकन (इनीशियल कॉइन ऑफरिंग) पर रोक के बिटकॉइन की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली है.
Bitcoin क्या है | क्या Bitcoin में पैसा इन्वेस्ट करना सही है
Bitcoin क्या है, क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है क्या Bitcoin में पैसा इन्वेस्ट करना सही है, यह आज के समय में चर्चा का विषय बना हुआ है और बहुत से लोग आज इसके बारे में जानने के क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है लिए बहुत ही ज्यादा उत्सुक हैं। यह कैसे डिजिटल transaction के क्षेत्र में क्रांति लाने वाला है यह आज बहुत बड़ा प्रश्न है।
टेबल ऑफ कंटेन्ट
Bitcoin एक cryptocurrency है, जो असल में कोई वास्तविक मुद्रा नहीं है, यह एक आभासी मुद्रा है। इसका कोई भौतिक स्वरूप नहीं है। इसे हम स्पर्श नहीं कर सकते हैं।
Bitcoin का इतिहास क्या है?
इस virtual currency (आभासी मुद्रा) का निर्माण जापानी नागरिक Satoshi Nakamoto ने की थी। और इसका चलन 3 जनवरी 2009 से शुरू हुआ था। शुरुआती दिनों में इसकी कीमत लगभग 36 पैसे के बराबर थी ।
वर्तमान में इसकी कीमत अमरीकी डॉलर $33000 के आस पास है, यदि हम इसे भारतीय मुद्रा रुपये में बदले तो इसकी कीमत 24 लाख 60 हजार रुपये के आसपास है। इसका मतलब यह दोस्तों यदि हम सन् 2009 में इसके बारे में जानते और केवल 100 रूपये इस मुद्रा में निवेश करते तो आज हमारे पास 10 से 11 करोड़ रुपये होते। यदि कोई अपने पास Bitcoin रखता है तो वह आम ख़रीदारी की तरह ही डिजिटल रूप से ख़रीदारी कर सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी क्या हैं?
एक क्रिप्टोकरेंसी, मोटे तौर पर आभासी या डिजिटल पैसा है जो टोकन या “सिक्कों” का रूप लेता है। हालांकि कुछ क्रिप्टोकरेंसी ने क्रेडिट कार्ड या अन्य Projects के साथ भौतिक दुनिया में कदम रख चुके हैं परंतु अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से अमूर्त हैं।
क्रिप्टोकरेंसी में जटिल क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है यह Peer to Peer Electronic System के आधार पर कार्य करता है। जो विकेंद्रीकृत प्रणालियों में डिजिटल मुद्राओं और उनके लेनदेन और प्रसंस्करण की अनुमति देता है। इस प्रकार के लेनदेन में केंद्रियों बैंकों का नियंत्रण नहीं होता है।
क्रिप्टोकरेंसी को सरकारी नियंत्रण से मुक्त होने के लिए डिज़ाइन किया गया है, हालाँकि जैसे-जैसे वे अधिक लोकप्रिय होते गए हैं, इनका विरोध भी कई देशों में शुरू हो गया है और यही मूलभूत पहलू जो की सरकारी नियंत्रण में न होना है इसके वजह से चपेट में आ गया है।
क्या है Bitcoin? कैसे करते हैं इस वर्चुअल करेंसी में ट्रेडिंग, जानिए आपके काम का सबकुछ
Bitcoin की शुरुआत 2009 में हुई थी. शुरुआती कुछ सालों में बिटकॉइन में धीरे-धीरे बढ़ रही थी. लेकिन, 2015 के बाद से इसमें बड़ी तेजी देखने को मिली और यह दुनिया की नजरों में आ गई.
बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान रहती है. इसलिए इसकी ट्रेडिंग मशहूर हो गई. (Reuters)
दुनियाभर में क्रिप्टोकरंसी (CryptoCurrency) बिटकॉइन (Bitcoin) का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. बिटकॉइन में निवेश क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है करने वाले अमीर लोग इस ऑनलाइन करंसी (Online Currency) के जरिए अपनी पूंजी को तेजी से बढ़ाना चाहते हैं. यही वजह है कि इसके दाम भी नई ऊंचाइयां छू रहे हैं. 3 साल बाद एक बार फिर बिटकॉाइन में बड़ी तेजी देखने को मिली है. साल 2017 में बिटकॉइन में अपना रिकॉर्ड हाई (Bitcoin record High) बनाया था. इसके बाद नीचे की तरफ फिसलती गई. लेकिन, अब 3 साल का नया हाई क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है बना दिया है. दुनियाभर में इस करंसी में लोग पैसा लगा रहे हैं. लेकिन, भारत सरकार (India Government) का मानना है कि उसके पास वर्चुअल करंसी (Virtual currency) का कोई डेटा नहीं है और इसलिए इसकी ट्रेडिंग में खतरा हो सकता है.
तारीख को लेकर हैं मतभेद
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बिटकॉइन किस दिन शुरू हुआ था इसे लेकर लोगों में आज भी मतभेद हैं. लेकिन माना जाता है कि ये व्हाइटपेपर पर 28 अक्टूबर 2008 को जारी हुआ था लेकिन 3 जनवरी 2009 को इसकी मिंट डेट माना जाता है. ऐसे में इस क्रिप्टोकरेंसी को फॉलो करने वाले कुछ लोग जहां 28 अक्टूबर को बिटकॉइन का बर्थडे मानते हैं.
वहीं बहुत से लोग मानते हैं कि बिटकॉइन का जन्मदिन 3 जनवरी को होता है. भले ही इसके बर्थ डेट पर लोगों में मतभेद हों लेकिन ये बात सभी मानते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में अगर किसी करेंसी का सिक्का चलता है तो वो है बिटकॉइन. आज क्रिप्टोकरेंसी अगर ऊंचाइयों तक है क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है तो उसमें बिटकॉइन का बड़ा सहयोग रहा है.
आभासी मुद्रा का आभासी मालिक
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कमाल की बात ये है कि इस आभासी मुद्रा को शुरू करने वाले शख्स की पहचान भी आज तक आभासी ही है. भले ही Bitcoin बनाने वाले Satoshi Nakamoto का स्टैच्यू को हंगरी के बुडापेस्ट में लग चुका हो मगर आज तक ये कोई नहीं जान पाया कि असल में ये शख्स है कौन. ये कांस्य की मूर्ति वर्चु्अल करेंसी को दुनिया के सामने लाने के लिए इनके योगदान के सम्मान में लगाई गई थी. यह एक हुडी पहने हुए व्यक्ति की मूर्ति है जिस पर बिटकॉइन का लोगो बनाया गया है.
लोगों के हिसाब से उन्हें फरक नहीं पड़ता कि Satoshi Nakamoto कौन है, वे मानते हैं कि बिटकॉइन वैल्यू बनाता है यही बहुत है. बता दें कि एक आभासी नाम सातोशी नाकामोतो के वॉलेट में अभी करीब 73 बिलियन डॉलर के बिटकॉइन मौजूद हैं. आश्चर्य की बात ये है कि एक तरफ जहां दुनिया पैसों के लिए क्या कुछ नहीं कर रही वहीं सालों से वॉलेट में मौजूद 73 बिलियन डॉलर में से एक रुपया नहीं खर्च किया गया.
निवेशकों को दिया बड़ा फायदा
CNBC
बता दें कि नाकामोतो ने 3 जनवरी को बिटकॉइन का ऑरिजिनल ब्लॉक रिलीज किया था, जिसे अब जेनेसिस ब्लॉक के नाम से जाना जाता है. शुरुआत में इस ब्लॉक में मात्र 50 बिटकॉइन थीं. जुलाई 2010 में इसकी कीमत 0.09 डॉलर हो गई और नवंबर 2021 में यह 68,790 डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई थी. अभी बिटकॉइन 34,75,365.02 रुपये पर ट्रेड कर रहा है.
रोज के छोटे मोटे उतार चढ़ाव को अगर नजरअंदाज कर दिया जाए तो इस क्रिप्टोकरेंसी ने हमेशा निवेशकों को फायदा ही पहुंचाया है. एक समय ऐसा भी आया था जब इसकी कीमत 50 लाख रुपये तक पहुंच गई थी. आज बुलंदियों की ओर तेजी से बढ़ रही ये क्रिप्टोकरेंसी जब शुरू हुई तब इसकी कीमत मात्र क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है 0.0008 डॉलर यानी करीब छह पैसे थी.
क्यों है ये क्रिप्टोकरेंसी इतनी कीमती?
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नाकामोतो ने जब इस बिटकॉइन की शुरुआत की तब उन्होंने यह घोषणा कर दी थी कि बिटकॉइन के यूनिट की संख्या कभी भी 2.10 करोड़ से अधिक क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है नहीं हो सकती. बता दें कि अगस्त 2021 तक मार्केट में 1.87 करोड़ बिटकॉइन यूनिट उपलब्ध हो चुके थे. इस तरह अब बिटकॉइन के सिर्फ 23 लाख यूनिट की माइनिंग की जा सकती है. बिटकॉइन की यही माइनिंग लिमिट इसकी वैल्यू को बढ़ाने में मदद करती है.
क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग के क्या हैं फायदे और नुकसान, सब कुछ जानें
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- नई दिल्ली,
- 14 नवंबर 2021,
- (Updated 14 नवंबर 2021, 11:59 AM IST)
क्या है क्रिप्टोकरेंसी
देश में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का क्रेज बड़ी तेजी से बढ़ रहा है. आकर्षक मुनाफा पाने की चाहत में बड़ी संख्या में लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं. इसे देखते हुए शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है क्रिप्टो ट्रेड’ विषय पर एक व्यापक बैठक की. आखिर क्या है क्रिप्टो करेंसी और लोग इसकी तरफ क्यों आकर्षित हो रहे हैं, आइये जानते हैं.
क्या है क्रिप्टोकरेंसी
मार्केट कैप के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को वर्चुअल वॉलेट में रखा जाता है,जिनकी यूनीक कीज होती है. बिटकॉइन और अन्य डिजिटल सिक्के नकदी के बराबर हैं, लेकिन ये इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होते हैं. ये एक तरीके की वर्चुअल मुद्रा होती है, जिसका फिजिकल एक्सिस्टेंस नहीं होता है. डिजिटल मुद्रा को ब्लॉकचेन क्या बिटकॉइन का पैसा आभासी है नामक एक बही प्रणाली द्वारा विकेंद्रीकृत किया जाता है और यह किसी बैंक या केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित नहीं होता.
क्यों डूब सकता है बिटकॉइन में लगा आपका पैसा, ये हैं वजहें
पेठे ने बताया कि जब मैंने कंपनी को कई बार फोन और दूसरे तरीके से संपर्क साधा तो अंत में तीन महीने बाद उनके अकाउंट में पैसा आया. पेठे का कहना है कि अब मुझे इस बात का डर लगने लगा है कि इस क्रिप्टोकरेंसी की स्कीम में मेरा किया हुआ निवेश डूबेगा तो नहीं. इसे देखकर पेठे जल्द से जल्द अपना पैसा निकालना चाहते हैं. और भविष्य में वह इस तरह के निवेश से बचना चाहते हैं.
Bitcoin is a cryptocurrency, or a digital currency, that uses rules of cryptography for regulation and generation of units of currency.
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