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SEBI का बड़ा फैसला, गेहूं, चना, सरसों समेत 7 कमोडिटी की फ्यूचर ट्रेडिंग पर रोक लगाई

By: ABP Live | क्या रिटेल निवेशक ऑयल की कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं Updated at : 20 Dec 2021 02:20 PM (IST)

Edited By: Meenakshi

SEBI Order: बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने एक साल के लिए सात कमोडिटीज की फ्यूचर ट्रेडिंग (Future Trading) पर रोक लगा दी है. सेबी ने सोमवार को क्या रिटेल निवेशक ऑयल की कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं शेयर बाजारों को अगले आदेश तक गेहूं, कच्चे पाम तेल, मूंग और कुछ दूसरी कमोडिटी में नए डेरिवेटिव कॉन्ट्रेक्ट शुरू नहीं करने का निर्देश दिया है. ये नियम तत्काल प्रभाव से लागू भी हो गया है और अगले एक साल के लिए जारी रहेगा.

जानें सभी कमोडिटी के बारे में
धान (गैर-बासमती), गेहूं, सोयाबीन, कच्चे पाम तेल और मूंग के लिए नए कॉन्ट्रेक्ट की शुरूआत पर सेबी ने अगले आदेश तक रोक लगा दी है. इस लिस्ट में चना, और सरसों के बीज और इसके डेरिवेटिव भी शामिल हैं. इन कमोडिटी में डेरिवेटिव कॉन्ट्रेक्ट को इस साल की शुरुआत में निलंबित कर दिया गया था. पहले से चल रहे कॉन्ट्रेक्ट के संबंध में कोई भी नया सौदा करने की मंजूरी नहीं दी जाएगी और केवल सौदे को पूरा करने की अनुमति होगी.

शेयर बाजार में क्या है कमोडिटी ट्रेडिंग, जानिए कैसे करते हैं खरीद-बेच, कितना फायदेमंद

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  • News18Hindi
  • Last Updated : May 06, 2021, 09:25 IST

मुंबई. जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीद बेच होती है. शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) कहते हैं. यह कंपनियों के शेयरों यानी इक्विटी मार्केट की ट्रेडिंग से थोड़ी अलग होती है. कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट में होती है. भारत में 40 साल बाद 2003 में कमोडिटी ट्रेडिंग पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया था.

यदि रास नहीं आ रहे हैं शेयर खरीदने-बेचने के बारीक नियम तो कमोडिटी मार्केट से बनाएं बड़ा मुनाफा

अब अगर हम शेयर मार्केट की बात करें तो इक्विटी मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं जिसमें शेयरहोल्डर को आंशिक रूप से कंपनी का मालिक भी माना जाता है। इक्विटी शेयरों की कोई समाप्ति तिथि नहीं होती है जबकि कमोडिटी में ऐसा संभव नहीं है।

ब्रांड डेस्क, नई दिल्ली। शेयर मार्केट इन क्या रिटेल निवेशक ऑयल की कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं दिनों काफी चर्चा में है। बीते कुछ महीनों में इस बाजार की ओर रुख करने वाले लोगों की संख्या में भी लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। निवेशकों की संख्या में हर दिन होने वाली इस बढ़त ने पिछले दिनों में एक रिकॉर्ड भी बनाया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2022 के अगस्त महीने में डीमैट अकाउंट की संख्या पहली बार करीब 10 करोड़ के पार पहुंच चुकी है। ऐसे में शेयर बाजार में अब आम लोगों का भी दिलचस्पी साफ दिखाई देने लगी है।

शेयर के अलावा कैसे बना सकते हैं बड़ा मुनाफा

क्या आपको पता है कि शेयर मार्केट के अलावा भी एक मार्केट है, जिसमें ठोस वस्तुओं में पैसे लगाकर बड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है। इस मार्केट को कहते हैं कमाोडिटी मार्केट। जब कभी शेयर बाजार में कमजोरी का ट्रेंड रहता क्या रिटेल निवेशक ऑयल की कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं है तो लोग ऐसे समय में कमोडिटी मार्केट में सोने और चांदी जैसी चीजों में अधिक पैसा लगाने लगते हैं जिससे इसकी मांग में भी तेजी देखने को मिलने लगती है। लेकिन अब सवाल है कि क्या आप कमोडिटी मार्केट और इक्विटी यानी शेयर मार्केट के बीच के अंतर को समझते हैं?

कमोडिटी मार्केट (Commodity Market) ऐसा मार्केटप्लेस है जहां निवेशक मसाले, कीमती मेटल्स यानी धातुओं, बेस मेटल्स, एनर्जी , कच्चे तेल जैसी कई अन्य कमोडिटीज की ट्रेडिंग करते हैं। यह मूलत: दो तरह की होती हैं , जिनमें से क्या रिटेल निवेशक ऑयल की कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं क्या रिटेल निवेशक ऑयल की कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं एक है एग्री कमोडिटीज इसे सॉफ्ट कमोडिटी भी कहते हैं, इसके अंतर्गत मसाले जैसे काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च, सोया बीज, मेंथी ऑयल, गेहूं, और क्या रिटेल निवेशक ऑयल की कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं क्या रिटेल निवेशक ऑयल की कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं चना जैसी वस्तुएं आती हैं। वहीं नॉन-एग्री या हार्ड कमोडिटीज क्या रिटेल निवेशक ऑयल की कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं में सोना, चांदी, कॉपर, जिंक, निकल, लेड, एन्युमिनियम, क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस शामिल हैं।

कैसे करें कमोडिटी डेरिवेटिव में कारोबार?

निवेश

कमोडिटी डेरिवेटिव सेगमेंट में कारोबार करना कोई रॉकेट साइंस नहीं है. हालांकि, इसके लिए कई पहलूओं को समझना जरूरी है.

प्रश्न: कौन-कौन से एक्सचेंज पर सीडीएस सेवा उपलब्ध है?
उत्तर:एमसीएक्स सबसे बड़ा और सूचीबद्ध मेटल और ऊर्जा एक्सचेंज हैं. एग्री कमोडिटी में खरीद-फरोख्त एनसीडीईएक्स पर किया जा सकता है. आईसीईएक्स पर डायमंड और स्टील डेरिवेटिव्स का सौदा होता क्या रिटेल निवेशक ऑयल की कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं है.

इसके अलावा, सेबी के नए नियमों के बाद बीएसई और एनएसई भी सीडीएस सेवाएं दे रहे हैं. कुछ शर्तें पूरी करने के बाद एमसीएक्स भी इक्विटी सेवा प्रदान करने वाला है,

प्रश्न: क्या डिलीवरी अनिवार्य है?
उत्तर: क्या रिटेल निवेशक ऑयल की कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं खाद्य तेल, मसालों जैसे एग्री फ्यूचर्स में डिलीवरी अनिवार्य हैं. मगर आप अपने सौदों का निपटारा (स्क्वेयर ऑफ) डिलीवरी से पहले भी कर सकते हैं. गैर-एग्री सौदों, जैसे सोना और चांदी, में ज्यादातर सौदे गैर-डिलीवरी आधारित होते हैं. अब इनमें भी डिलीवरी अनिवार्य बनाने की तैयारी हो रही है.

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कैस्टर ऑयल उत्पादन में भारत कहां?

भारत में कैस्टर ऑयल के उत्पादन पर नजर डालें तो भारत में उत्पादन दुनिया में सबसे ज्यादा है। दुनिया के कुल उत्पादन का 90% भारत में होता है। कैस्टर सीड के प्रोडक्ट की मांग बढ़ रही है। कैस्टर सीड के प्रोडक्ट बायोडिग्रेडेबल होते हैं। कैस्टर सीड के प्रोडक्ट इको फ्रेंडली होते हैं। गुजरात में 75% क्या रिटेल निवेशक ऑयल की कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं ऑयल का उत्पादन होता है।

कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल

इसके इस्तेमाल ल्यूब्रिकेशन, हाइड्रोलिक ब्रेक फ्लूइड,पेंट, कोटिंग,इंक,ठंड रोकने वाले प्लास्टिक, वैक्स और पॉलिश, नायलॉन, फार्मास्यूटिकल्स, डाई और परफ्यूम में होता है।

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