I will resign as CEO as soon as I find someone foolish enough to take the job! After that, I will just run the software & servers teams. — Elon Musk (@elonmusk) December 21, 2022

Biggest Tech Fails of 2022: मस्क के ट्विटर खरीदने से लेकर मेटा के घाटे तक, ये है इस साल के बड़े टेक फेल

वैसे तो इस साल के टेक फेल (Tech Fails) की लिस्ट काफी लंबी है लेकिन हमने आपके लिए इस आर्टिकल में टॉप 5 टेक फेल (Top 5 Tech Fails of 2022) को सेलेक्ट किया है.

बिग टेक के लिए 2022 काफी मुश्किल साल रहा. इस साल में मल्टीबिलियन-डॉलर कॉरपोरेट के लॉसेस से लेकर छंटनी (Layoffs) तक कई चीज़े देखने को मिली. वैसे तो इस साल के टेक फेल (Tech Fails) क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? की लिस्ट काफी लंबी है लेकिन हमने आपके लिए इस आर्टिकल में टॉप 5 टेक फेल (Top 5 Tech Fails of 2022) को सेलेक्ट किया है.

एलन मस्क ने ट्विटर खरीदा (Elon Musk Buys Twitter)

मस्क-ट्विटर सागा (Musk Twitter Saga) ने 2022 के दूसरे हाफ को परिभाषित किया है. Elon Musk ने जनवरी में Twitter के शेयर खरीदे और अप्रैल में कंपनी के सबसे बड़े शेयरहोल्डर बन गए. 14 अप्रैल को वो कंपनी को $44 बिलियन (44 Billion Dollar) के लिए खरीदने का ऑफर देते हैं, लेकिन जुलाई में वापस हट हैं. लीगल ड्रामा के बाद, मस्क ने 27 अक्टूबर को ट्विटर को खरीदा, और Twitter को एक प्राइवेट कंपनी बनाया दिया. ट्विटर को खरीदने के बाद, मस्क ने कई टॉप एक्जीक्यूटिव को फायर कर दिया और ग्लोबल वर्कफोर्स के लगभग आधे को ले ऑफ (Layoff) कर दिया.

इसके बाद ट्विटर पर रोलर कोस्टर राइड देखने को मिली. प्लैटफॉर्म के कोर फंक्शनिंग पर काई अनपेक्षित चेंजेस हुए, जिनमें सबसे बड़ा चेंज ब्लू चेकमार्क (Paid Blue Tick) को पेड बनाना था, और कई पहले से प्रतिबंधित खातों को रिस्टोर भी किया गया.

मस्क के ट्विटर को हैंडल करने पर लोगों की प्रतिक्रिया ज्यादातर नकारात्मक रही. मस्क ने कुछ दिनों पहले ट्विटर पोल (Twitter Poll) में पूछा कि उन्हें सीईओ (CEO) पद छोड़ देना चाहिए, तो इस पर 58 प्रतिशत प्रतिभागियों ने हां में जवाब दिया. इसके बाद मस्क ने कहा की इस रोल के लिए जब कोई फूल मिल जाएगा तब वे पोजीशन छोड़ देंगे.

I will resign as CEO as soon as I find someone foolish enough to take the job! After that, I will just run the software & servers teams.

— Elon Musk (@elonmusk) December 21, 2022

मेटा का कैश ब्लीडिंग (Cash Bleeding Of Meta)

मेटावर्स (Metaverse) फ्यूचर जरूर है, लेकिन ये फ्यूचर अभी थोड़ा दूर है. Mark Zuckerberg ने 2021 में पैरेंट कंपनी फेसबुक (Facebook) का नाम मेटा (Meta) रख दिया, लेकिन वर्चुअल रियलिटी (Virtual Reality) अभी भी मेनस्ट्रीम नहीं है. इसके साथ ही मेटा का निवेश ऐसे प्लेटफॉर्म में हो रहा था, जिससे कंपनी की शुरुआत में कोई रेवेन्यू हासिल नहीं हो रहा था. इस वजह से कंपनी का प्राइमरी एड रेवेन्यू ग्लोबल इकोनॉमी के कमजोर होने की वजह से गिर गया. ऐसे में इनवेस्टर्स ने जुकरबर्ग को मेटावर्स इन्वेस्टमेंट्स को 50 फीसदी से कम करने को कहा.

इतना ही नहीं, Facebook ने अपने यूजर्स को खोना भी शुरू कर दिया है. उदाहरण के लिए, मई में फेसबुक पर 11 मिलियन मंथली एक्टिव यूजर्स (Monthly Active Users) थे, जो मई 2020 के मुकाबले 25.4 प्रतिशत कम हैं. लगातार हो रहे घाटे की वजह से मेटा ने 2022 में 11,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल भी दिया है.

आईफोन 14 प्रो में देरी (Delay in iPhone 14 Pro)

अगर आप 2022 का ऐपल (Apple) का बेहतरीन आईफोन खरीदना चाहते हैं तो चांस हैं कि अभी तक आप आईफोन 14 प्रो (iPhone 14 Pro) को ना खरीदे पाए हों. फॉक्सकॉन (Foxconn) के चाइना प्लांट की समस्याओं की वजह से, आईफोन 14 प्रो और प्रो मैक्स (iPhone 14 Pro Max) का प्रोडक्शन बहुत ज्यादा बाधित हुआ है. प्लांट के पेमेंट सिस्टम्स में "तकनीकी त्रुटि" (Technical issue) होने की वजह से हिंसक विरोध हुए, जिनके वजह से प्लांट का काम रुक गया था. ये प्लांट 200,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार देता है.

गूगल स्टेडिया का बंद होना (Google Stadia)

गूगल स्टैडिया क्लाउड गेमिंग (Cloud Gaming) में रेवेलूशन लाने के लिए 3 साल पहले लॉन्च हुआ था. क्लाउड गेमिंग कॉन्सेप्ट एक्सबॉक्स गेम पास (X-Box Game Pass) और एनवीडिया जीफोर्स नाउ (Nvidia GeForce Now) के साथ काफी अच्छा चल रहा है. फिर स्टेडियम को इस साल क्यों बंद कर दिया गया है? शुरुआती तकनीकी गड़बड़ियां प्लेटफॉर्म के लिए डिजास्टर बन गयी, जहां अर्ली अडॉप्टर्स (Early Adopters) को लैग्स (Lags) और क्रैश एक्सपीरियंस हुआ. स्टेडिया का गेम कलेक्शन लिमिटेड (Limited Game Collection) होने की वजह से भी आलोचना का सामना करना पड़ा. इन सभी फैक्टर्स ने, Google को निवेश वापस लेने और प्लेटफार्म को बंद करने पर मजबूर कर दिया.

क्रिप्टो क्रैश (Crypto Crash)

नवंबर 2021 के बाद क्रिप्टो एसेट (Crypto Assets) $2.2 ट्रिलियन के वैल्यू ड्राप के साथ 73 प्रतिशत नीचे आ चूका है. इसके अलावा एक लोकप्रिय क्रिप्टो एक्सचेंज (Popular Crypto Exchange) FTX इस साल नवंबर में कोलेप्स हो गया है. इस प्लेटफॉर्म पर यूजर फंड और एसेट्स को मिसएप्रोप्रिएट करने के आरोप भी लगे. इस वजह से इसके प्रतिद्वंद्वी प्लेटफॉर्म बाइनेंस (Binance) इसे खरीदने का प्लान चेंज कर देता है. FTX पर क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन शुरू हुई, जिसने क्रिप्टो सेक्टर (Crypto Sector) में कंज्यूमर कॉन्फिडेंस को काफी कम कर दिया.

तो ये थे साल 2022 के सबसे बड़े टेक फेल (Biggest Tech Fails of 2022). हम उम्मीद करते हैं कि इनमें से कई टेक फेल को आने वाले साल 2023 में कुछ हद तक ठीक कर लिया जायेगा.

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने के लिए विधेयक लाएगी सरकार, मार्केट क्रैश

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने के लिए विधेयक लाएगी सरकार, मार्केट क्रैश

केंद्र सरकार प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक लेकर आएगी। मंगलवार को सरकार ने लोकसभा में पेश किए जाने वाले विधेयकों की सूची जारी कि जिनमें क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक भी शामिल है। इस विधेयक में सरकार ने खुद की आधिकारिक डिजिटल करेंसी लाने का प्रावधान भी किया है। विधेयक का क्रिप्टो बाजार पर बुरा असर हुआ है और यह क्रैश कर गया। सभी बड़े सिक्के लगभग 15-20 प्रतिशत नीचे हैं।

विधेयक में क्या होगा?

द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 की प्रस्तावना में लिखा हुआ है कि इसका मकसद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल करेंसी के निर्माण के लिए फ्रेमवर्क तैयार करना है। इसमें आगे लिखा है, "इसका मकसद भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करना भी है, हालांकि कुछ अपवादों को मंजूरी दी जाएगी ताकि क्रिप्टोकरेंसी की तकनीक और इसके उपयोगों को बढ़ावा दिया जा सके।"

खबर आते ही क्रैश हुआ मार्केट, 15 से 20 प्रतिशत तक की गिरावट

सरकार के प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने के लिए विधेयक लाने क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? की ये खबर रात को आई और इसके चंद मिनटों के अंदर ही क्रिप्टो मार्केट क्रैश कर गया। देर रात मार्केट थोड़ा संभला, लेकिन सुबह होते ही ये फिर से गिर गया अभी बिटकॉइन में लगभग 16 प्रतिशत की गिरावट है, वहीं ईथेरियम 15 प्रतिशत की गिरावट पर ट्रेंड कर रहा है। सोलाना में भी लगभग 17.50 प्रतिशत की गिरावट आई है, वहीं रिपल में 15 प्रतिशत गिरावट है।

पिछले काफी समय से क्रिप्टो संबंधित कानून पर विचार कर रही थी सरकार

बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार पिछले काफी समय से देश में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य पर विचार कर रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संबंध में RBI, वित्त मंत्रालय, गृह मंत्रालय और विशेषज्ञों के साथ बैठक की थी। इसके अलावा संसदीय समिति ने भी मामले पर बैठक की थी। इन बैठकों के बाद खबर आई थी कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से बैन करने की बजाय इसे रेगुलेट करने पर विचार कर रही है।

क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ है RBI, मैक्रो-इकोनॉमिक्स के लिए बताया खतरा

गौरतलब है कि भारत के केंद्रीय बैंक RBI का रुख क्रिप्टो के खिलाफ है और इसे बैन करने के सरकार के फैसले में RBI के इस रुख का अहम योगदान है। RBI ने क्रिप्टो को देश की वित्तीय स्थिरता और मैक्रो-इकोनॉमिक्स के लिए खतरा बताया था। उसने क्रिप्टो की ट्रेडिंग करने वाले लोगों की संख्या और इसकी मार्केट वैल्यू पर क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? भी क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? शक व्यक्त किया था और इन्हें बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए जाने की आशंका जताई थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने भी दी थी क्रिप्टो को लेकर चेतावनी

प्रधानमंत्री मोदी ने भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चेतावनी जारी की थी। उन्होंने कहा था कि सभी लोकतांत्रिक देशों को क्रिप्टोकरेंसी पर एक साथ काम करना होगा और ये सुनश्चित करना होगा कि ये ऐसे गलत हाथों में न पड़े जो युवाओं को बिगाड़ सकते हैं।

क्रिप्टो निवेशकों की संख्या के मामले में दुनिया में नंबर एक है भारत

बता दें कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा था और पूरी दुनिया में भारत में सबसे ज्यादा लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है। ब्रोकरचूज के अनुसार, अक्टूबर में ही भारत में 10 करोड़ से अधिक क्रिप्टो निवेशक हो गए थे। विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारत में लोगों ने क्रिप्टो मार्केट में क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? लगभग क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? 40,000 करोड़ रुपये का निवेश किया हुआ है। हालांकि इस आंकड़े का सटीक अनुमान नहीं है।

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) क्रैश क्यों हुई? निवेशक अब क्या करें, यहां मिलेगा हर सवाल का जवाब

हालांकि, कई लोग अभी भी Bitcoin और दूसरी Cryptocurrency को लेकर बुलिश बने हुए हैं, लेकिन कुछ फाइनेंशियल एडवाइजर्स ने इस क्रैश का पहले ही अंदाजा लगा लिया था.

  • Kartik Malhotra
  • Updated On - May 20, 2021 / 01:58 PM IST

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) क्रैश क्यों हुई? निवेशक अब क्या करें, यहां मिलेगा हर सवाल का जवाब

बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमतें बुधवार को 30 फीसदी गिरकर 30,000 डॉलर के लेवल पर आ गईं. इस तरह से पूरी दुनिया में Cryptocurrency निवेशकों की करीब 500 अरब डॉलर की पूंजी स्वाहा हो गई.

इसके चलते निवेशकों में अफरातफरी फैल गई और लोग अपनी होल्डिंग्स को हड़बड़ी में बेचने के लिए दौड़ पड़े. दूसरी तरफ, कुछ निवेशकों ने इन्हें सस्ते दाम पर खरीदने के लिए भी कोशिशें शुरू कर दीं. इसके चलते भारत समेत पूरी दुनिया में क्रिप्टो एक्सचेंज (Cryptocurrency) क्रैश हो गए.

भारत के सबसे बड़े एक्सचेंज WazirX के सीईओ निश्चिल शेट्टी ने कहा, “कीमतों में तेज गिरावट के चलते तमाम लोग सस्ते दाम पर खरीदारी के लिए उत्साहित हुए और ऐसे में भारी ट्रैफिक पैदा हो गया. हम पिछले महीने के मुकाबले करीब 400% ज्यादा ट्रैफिक देख रहे हैं. आज के तगड़े मार्केट क्रैश के चलते कुछ टॉप इंटरनेशनल क्रिप्टो (Cryptocurrency) एक्सचेंजों में आउटेज भी पैदा हो गया.”

बिटकॉइन क्रैश क्यों हुए?
टेस्ला के बॉस एलन मस्क ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की दुनिया को ये झटका दिया है. उन्होंने 13 मई को एक यू-टर्न लेते हुए कहा कि उनकी कार कंपनी टेस्ला अब अपनी कारों की खरीदारी के लिए बिटकॉइन (Bitcoin) में पेमेंट नहीं लेगी.

इसके चलते बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमतों में गिरावट आने लगी. इसके बाद पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट ट्रांजैक्शंस के लिए वैध नहीं माना जा सकता है. इसके चलते इनमें और गिरावट आई.

भारत की रेगुलेटरी अनिश्चितता
ये क्रैश ऐसे वक्त पर आया है जबकि खबरों के मुताबिक, भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) रेगुलेशंस के लिए एक नया पैनल बनाने पर विचार कर रही है.

पहले RBI ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर बैन लगा दिया था, इसके बाद मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इस बैन को खारिज कर दिया.
भारतीय बैंक हालांकि, अभी भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक्सचेंजों को ट्रांजैक्शंस के लिए इजाजत नहीं देते हैं.

दूसरी तरफ, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कह चुकी हैं कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) रेगुलेशंस के लिए एक नपीतुली एप्रोच पर काम किया जाएगा.

नए पैनल के बनाए जाने की खबरों से क्रिप्टोकरेंसी निवेशक और इससे जुड़े पक्षों में उत्साह बना हुआ था. यहां तक कि कंपनी मामलों के मंत्रालय ने भी कंपनियों से कहा है कि वे अपनी क्रिप्टो होल्डिंग्स का खुलासा करें. इसे भी एक सकारात्मक कदम के तौर पर देखा जा रहा था.

ZebPay के Co-CEO अविनाश शेखर ने मनी9 को बताया था, “कंपनी मामलों के मंत्रालय ने एक सही दिशा में कदम उठाया क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा? है. हमारा मानना है कि इस निर्देश के बाद क्रिप्टो के इर्दगिर्द एक व्यापक रेगुलेशंस का माहौल बनेगा. ऐसा पहली बार है जबकि सरकार ने औपचारिक तौर पर क्रिप्टो (Cryptocurrency) को एक एसेट क्लास के तौर पर मान्यता दी है.”

क्या ये क्रैश तय था?
कई लोग हालांकि, अभी भी बिटकॉइन (Bitcoin) और दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज (Cryptocurrency) को लेकर बुलिश बने हुए हैं, लेकिन कुछ फाइनेंशियल एडवाइजर्स ने इस क्रैश का पहले ही अंदाजा लगा लिया था. इन्होंने अपने क्लाइंट्स को पहले ही सुरक्षित निवेश में पैसा लगाने की सलाह दी थी.

वीकेंड इनवेस्टिंग के फाउंडर आलोक जैन कहते हैं, “चीन के क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की ट्रेडिंग पर पाबंदी लगाने और भारत के इनकी ट्रेडिंग पर तकरीबन बैन लगाने का मन बनाने के साथ ही यहां पर क्रिप्टो का रास्ता खत्म होता दिख रहा है. दुनिया की एक-तिहाई इसे नकार चुकी है. हां, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को स्वीकारा जाएगा, लेकिन कोई भी केंद्रीय बैंक इसके मॉनेटरी कंट्रोल को नहीं लेना चाहता. मुझे गता है कि ट्रेडिंग के लिहाज से ये एक अच्छा इंस्ट्रूमेंट है, लेकिन यह पूंजी इकट्ठा करने का जरिया नहीं है.”

जो पोर्टफोलियो मैनेजर पहले NRI क्लाइंट्स को अपने एसेट एलोकेशन में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को शामिल करने की सलाह दे रहे थे वे भी अब सुरक्षित पोजिशन लेने की सलाह दे रहे हैं.

एड्रॉयड PMS के पोर्टफोलियो मैनेजर अमित कुमार गुप्ता के मुताबिक, “हम सोमवार को ही बिटकॉइन (Bitcoin) से निकल गए थे. हमारा करीब 40 फीसदी एलोकेशन बचा था. हम अब इनमें खरीदारी की कोई जल्दबाजी नहीं करेंगे.”

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