GST: छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत, हर महीने रिटर्न भरने से छुटकारा, 50 हजार की खरीद पर पैन जरूरी नहीं
GST Council Meeting Today News: निर्यातकों से जुड़े मसलों पर गौर करने के लिए राजस्व सचिव हसमुख अधिया की अध्यक्षता में गठित समिति अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट आज सौंप सकती है।
वित्त मंत्री अरुण जेटल ( Photo : PTI)
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की आज (06 अक्टूबर को) 22वीं बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की। बैठक में छोटे व्यापारियों को राहत देते हुए उन्हें हर महीने रिटर्न भरने से छूट देने का फैसला लिया गया है। डेढ़ करोड़ रुपये तक छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना के टर्नओवर पर पहले हर महीने रिटर्न भरने का प्रावधान था जिसे अब त्रैमासिक कर दिया गया है। इसके अलावा 50,000 रुपये तक की खरीद पर पैन की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया गया है। सरकार ने जेम्स एंड ज्वेलरी पर से जीएसटी हटा लिया है। जल्द सरकार ने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था में लघु एवं मझोले उद्यमों (एसएमई) को आज बड़ी राहत दी। जीएसटी परिषद ने ‘कंपोजिशन’ योजना अपनाने वाली कंपनियों के लिये कारोबार की सीमा 75 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दी। इस योजना के तहत एसएमई को कड़ी औपचारिकताओं को पूरा किये बिना एक से पांच प्रतिशत के दायरे में कर भुगतान की सुविधा दी गई है। छोटी इकाइयों और कारोबारियों की जीएसटी व्यवस्था में अनुपालन बोझ को लेकर शिकायत थी। परिषद ने उन करदाताओं को तथाकथित ‘कपोजिशन स्कीम’ का विकल्प देने का फैसला किया है जिनका सालाना कारोबार एक करोड़ रुपये या उससे कम है। अब तक यह सीमा 75 लाख रुपये थी।
आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री वाई रामकृष्णुडू ने कहा कि वित्त मंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने आज हुई 22वीं बैठक में एसएमई के लिये कंपोजिशन योजना के तहत सीमा बढ़ाने का फैसला किया है। केरल के वित्त मंत्री थामस इसाक ने कहा कि निर्यातकों को आईजीएसटी (एकीकृत माल एवं सेवा कर) राहत और ई-वालेट सुविधा मिलेगी। जीएसटी परिषद ने रेस्तरां के लिये जीएसटी दर को युक्तिसंगत बनाने पर विचार के लिये एक समिति भी गठित की है। कुल 90 लाख पंजीकृत इकाइयों में से अब तक 15 लाख ने कंपोजिशन योजना का विकल्प चुना है। कंपोजिशन स्कीम में वस्तु व्यापारियों के लिये कर की दर एक प्रतिशत है। वहीं विनिर्माताओं के लिये दो प्रतिशत, खाद्य या पेय पदार्थ (अल्कोहल के बिना) की आपूर्ति करने वालों के लिये 5 प्रतिशत रखा गया है।
सेवा प्रदाता कंपोजिशन योजना का विकल्प नहीं चुन सकते। कंपोजिशन योजना भोजनालय समेत छोटी कंपनियों को तीन स्तरीय रिटर्न भरने की प्रक्रिया का पालन किये बिना एक से पांच प्रतिशत के दायरे में तय दर से कर देने की अनुमति देती है। यह छोटे करदाताओं को स्थिर दर पर जीएसटी भुगतान की अनुमति देता है और उन्हें जटिल जीएसटी औपचारिकताओं से गुजरने की जरूरत नहीं होती है। रेस्तरां छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना संबंधित सेवाओं, आइसक्रीम, पान मसाला या तंबाकू विनिर्माता, आकस्मिक करदाता अथवा प्रवासी करदाता व्यक्ति तथा ई-वाणिज्य आपरेटर के जरिये वस्तुओं की आपूर्ति करने वाली कंपनियों के अलावा अन्य कोई भी सेवा प्रदाता इस योजना का विकल्प छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना नहीं चुन सकता है। जो भी कंपनी कंपोजिशन योजना का विकल्प चुनती हैं, वे ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट’ का दावा नहीं कर सकती। साथ ही करदाता एक ही राज्य में आपूर्ति कर सकते हैं और वस्तुओं की एक राज्य से दूसरे राज्य में आपूर्ति नहीं कर सकते।
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जीएसटी काउंसिल ने सभी वस्तुओं और सेवाओं को चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) में बांटा था। काउंसिल ने 12011 वस्तुओं को इन चार वर्गों में रखा है। बता दें कि 30 जून की मध्य रात्रि संसद भवन में आयोजित लॉन्चिंग समारोह में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, तत्कालीन उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जे एस खेहर, वित्त मंत्री अरुण जेटली के अलावा तमाम केंद्रीय मंत्री मौजूद थे। जीएसटी लॉन्चिंग के वक्त कहा गया था कि जीएसटी भारत की अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में बदलाव लाते हुए एकल बाजार में 2,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था और 1.3 अरब लोगों को जोड़ेगी।
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मोदी छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना सरकार की 59 मिनट में लोन की यह योजना बदल सकती है अर्थव्यवस्था की हालत, बैंकों ने बांटे 37000 करोड़ के कर्ज
लोकसभा में केंद्र सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, लोन के लिए अभी तक कूल 1.31 लाख आवेदन आये हैं, जिसमें 1.12 लाख आवेदन को मंजूर कर लिया गया है. सरकारी बैंकों ने अभी तक कूल 37,412 करोड़ का लोन छोटे व्यापारियों को इस योजना के तहत दिया है.
मोदी सरकार की 59 मिनट में लोन की यह योजना बदल सकती है अर्थव्यवस्था की हालत, बैंकों ने बांटे 37000 करोड़ के कर्ज
Highlights इस योजना के तहत सरकार छोटे व्यापारियों को 59 मिनट में दे रही है 1 करोड़ का लोन. बैंकों ने अभी तक 37412 करोड़ के लोन बांटे. यह योजना इसी साल 2 नवम्बर को नरेन्द्र मोदी द्वारा लांच की गई थी.
लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार लगातार सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं लांच कर रही है. मीडिया में जहां सरकार के यूनिवर्सल बेसिक इनकम की चर्चा जोरों पर है, वहीं एक अन्य योजना ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में घोषणा किया था कि छोटे व्यापारियों को सरकार 59 मिनट के भीतर 1 करोड़ का लोन मुहैया करवाएगी. इसके लिए व्यापारियों को ऑनलाइन आवेदन करना होता है. जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड व्यापारियों के लिए यह व्यवस्था की गई है. यह स्कीम 2 नवम्बर को पीएम मोदी द्वारा लांच किया गया था.
लोकसभा में केंद्र सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, लोन के लिए अभी तक कूल 1.31 लाख आवेदन आये हैं, जिसमें 1.12 लाख आवेदन को मंजूर कर लिया गया है. सरकारी बैंकों ने अभी तक कूल 37,412 करोड़ का लोन छोटे व्यापारियों को इस योजना के तहत दिया है.
इस योजना का लाभ लेने के लिए सूक्ष्म एवं लघु उद्योग के व्यापारी जो जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड हैं, वो ‘psbloansin59minutes.com’पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
एमएसएमई(सूक्ष्म एवं लघु उद्योग) भारत की जीडीपी में 38 प्रतिशत का योगदान देता है. देश में सबसे ज्यादा 10 करोड़ रोजगार उत्पन्न करता है. देश के कूल निर्यात में 45 प्रतिशत का योगदान देता है. देश की अर्थव्यवस्था के लिए इस सेक्टर में जान डालना जरूरी था.
ऐसा कहा जा रहा था कि नोटबंदी के बाद सबसे ज्यादा मार इसी सेक्टर पर पड़ा था. कई सारे यूनिट बंद हो गए थे जिसका असर देश में रोजगार के अवसर पर पड़ा. नरेन्द्र मोदी ने अपने चुनावी वादों में प्रति वर्ष 2 करोड़ रोजगार पैदा करने का वादा किया था, जिसमें वो कहीं न कहीं फेल होती हुई दिख रही थी.
सरकार के इस योजना से देश में रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी हो सकती है. लोकसभा चुनाव से पहले सरकार उन योजनाओं पर ध्यान दे रही है जिसका सीधा असर रोजगार के उत्पादन पर पड़ेगा.
छोटे कारोबारियों को मिली GST Council ने दी बड़ी राहत, अब इन्हें भी मिली GST से छूट
GST Council (वस्तु एवं सेवा कर परिषद) ने छोटे कारोबारियों को बड़ी दी है. जीएसटी काउंसिल ने GST से छूट की सीमा को दोगुना कर 40 लाख रुपये कर दिया है.
छोटे कारोबारियों को GST में बड़ी राहत (फोटो: Reuters)
GST Council (वस्तु एवं सेवा कर परिषद) ने छोटे कारोबारियों को बड़ी दी है. जीएसटी काउंसिल ने GST से छूट की सीमा को दोगुना कर 40 लाख रुपये कर दिया है. इसके अलावा, अब 1.5 रुपये तक का कारोबार करने वाली इकाइयां 1% की दर से GST भुगतान की कम्पोजिशन योजना का लाभ उठा सकेंगी. यह व्यवस्था 1 अप्रैल से प्रभावी होगी. पहले 1 करोड़ रुपये तक के कारोबार पर यह सुविधा प्राप्त थी.
राज्यों को होगी 20 लाख या 40 लाख रुपये की सीमा चुनने की छूट
राज्यों को 20 लाख रुपये या 40 लाख छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना रुपये की छूट सीमा में से किसी को भी चुनने का विकल्प होगा. क्योंकि कुछ राज्य छूट सीमा बढ़ाने को राजी नहीं थे. उनका कहना था कि छूट सीमा बढ़ाने से उनके करदाताओं का आधार कम हो जाएगा. उन्हें विकल्प चुनने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद कहा कि छोटे कारोबारियों के लिए GST छूट सीमा को 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपये सालाना कर दिया गया है जबकि पूर्वोत्तर राज्यों में इसे बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया है. पूर्वोत्तर राज्यों के व्यवसायियों के लिए पहले यह सीमा 10 लाख रुपये थी.
70% कारोबारियों को होगा फायदा, 5,200 करोड़ के राजस्व का हो सकता है नुकसान
उद्योग मंडल CII के अनुसार, जीएसटी काउंसिल की इस पहल से पंजीकृत 1.17 करोड़ कारोबारियों में से करीब 70 प्रतिशत का फायदा होगा. सूत्रों ने कहा कि यदि सभी राज्यों द्वारा छूट सीमा दोगुनी करने के फैसले को लागू किया जाता है तो इससे सालाना 5,200 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा.
केरल को 2 साल के लिए आपदा उपकर लगाने की अनुमति
इसके अलावा जीएसटी काउंसिल ने केरल को 2 साल के लिए राज्य में एक प्रतिशत ‘आपदा’ उपकर लगाने की अनुमति दे दी है. केरल में पिछले साल भयंकर बाढ़ से जानमाल का काफी नुकसान हुआ. राज्य में पुननिर्माण एवं पुनर्वास कार्यों के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए राज्य सरकार उपकर लगाने की मांग कर रही थी.
इन्हें भी मिलेगा कम्पोजिशन योजना का लाभ
वित्त मंत्री ने कहा कि कम्पोजिशन योजना के तहत छोटे व्यापारियों को अपने कारोबार के आधार पर एक प्रतिशत का कर देना होता है. एक अप्रैल से अब इस योजना का लाभ डेढ़ करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले उठा सकते हैं. इसके अलावा 50 लाख रुपये तक का कारोबार करने वाले सेवा प्रदाता और माल आपूर्ति दोनों काम करने वाले कारोबारी भी जीएसटी कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुन सकते हैं. उन्हें छह प्रतिशत की दर से कर देना होगा. कम्पोजिशन योजना के तहत लिये गये इन दोनों निर्णयों से राजस्व पर सालाना 3,000 करोड़ रुपये तक का प्रभाव होगा. जेटली ने बाद में ट्वीट किया कि जीएसटी काउंसिल ने अपनी 32वीं बैठक में बृहस्पतिवार को MSME क्षेत्र को बड़ी राहत दी है.
रियल एस्टेट के लिए तय होंगी GST की दरें
जेटली ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र की जीएसटी दर तय करने के मुद्दे पर एक सात सदस्यीय मंत्री समूह बनाया गया है. लॉटरी को जीएसटी के दायरे में लाने के मामले में भी अलग अलग विचार रहे इस पर भी एक मंत्री समूह विचार करेगा. जेटली ने कहा कि कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने वालों को सालाना सिर्फ एक टैक्स रिटर्न दाखिल करना होगा और हर तिमाही में एक बार टैक्स का भुगतान करना होगा. उन्होंने कहा कि जीएसटी का एक बड़ा हिस्सा संगठित क्षेत्र और बड़ी कंपनियों से आता है. इन सभी फैसलों का मकसद SME की मदद करना है. उन्हें कई विकल्प दिए गए हैं. यदि वे सेवा क्षेत्र में हैं तो 6% कर का विकल्प चुन सकते हैं. विनिर्माण और व्यापार में हैं और डेढ़ करोड़ रुपये का कारोबार है तो 1% कर देना होगा. वे 40 लाख रुपये तक की छूट सीमा का लाभ ले सकते हैं.
किन्हें मिलेगा 40 लाख रुपये की छूट की सीमा का लाभ?
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने कहा कि अभी जीएसटी छूट की सीमा 20 लाख रुपये है, लेकिन 10.93 लाख करदाता ऐसे हैं जो 20 लाख रुपये की सीमा से नीचे हैं लेकिन कर अदा कर रहे हैं. पांडेय ने स्पष्ट किया कि 40 लाख रुपये की छूट की सीमा उन इकाइयों के लिए है जो वस्तुओं का कारोबार करते हैं और राज्य के भीतर व्यापार करते है. एक छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना राज्य से दूसरे राज्य में कारोबार करने वाली इकाइयों को यह छूट सुविधा नहीं मिलेगी. कम्पोजिशन योजना के तहत व्यापारी और विनिर्माता एक प्रतिशत की रियायती दर से कर का भुगतान कर सकते हैं. रेस्तरांओं को इसके तहत 5% जीएसटी देना होता है.
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18 लाख इकाइयों ने चुना है कम्पोजिशन योजना का विकल्प
जीएसटी के तहत पंजीकृत इकाइयों की संख्या 1.17 करोड़ से अधिक है. इनमें से 18 लाख इकाइयों ने कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुना है. नियमित करदाता को मासिक आधार पर कर देना होता है जबकि कम्पोजिशन योजना के तहत आपूर्तिकर्ता को तिमाही आधार पर कर चुकाना होता है. इसके अलावा कम्पोजिशन योजना के तहत करदाता को सामान्य करदाता की तरह विस्तृत रिकॉर्ड रखने की जरूरत नहीं होती. सेवा प्रदाताओं की कम्पोजिशन योजना के बारे में सुशील मोदी ने कहा कि GST में नई कम्पोजिशन योजना में 50 लाख रुपये का कारोबार और 6% की दर होगी. छत्तीसगढ़ और कांग्रेस शासित राज्य 8% GST चाहते थे. बाहर कांग्रेस निम्न कर की बात करती है और बैठक में ऊंची कर के लिए लड़ती है.
जीएसटी: छोटे व्यापारियों और ज्वैलर्स को मिली बड़ी राहत, निर्यातकों को मिलेगा ई-वॉलेट
सरकार ने गहनों और जवाहरातों पर से जीएसटी हटा लिया है.
Updated: October 6, 2017 8:36 PM IST
जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक पर छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना आज सबकी निगाहें थीं. हुआ वही जिसकी उम्मीद जताई जा रही थी. बैठक में छोटे कारोबारियों, ज्वैलरों को राहत देने वाले कई फैसले लिए गए. बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की. इसके बाद उन्होंने विस्तार से बताया कि बैठक मेंं क्या क्या चर्चा हुई.
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सरकार के फैसले
-सरकार ने गहनों और जवाहरातों पर से जीएसटी हटा लिया है. बाद में इसे लेकर नया नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. इसके साथ ही फैसला ये भी लिया गया कि अगर कोई व्यक्ति 50 हजार रुपये से ज्यादा की ज्वैलरी लेता है तो उसे पैन या आधार कार्ड जमा करने की जरूरत नहीं होगी.
-एक महत्वपूर्ण फैसला ये भी लिया गया कि जवाहरातों-गहनों और ऐसी ही दूसरी चीजों का व्यापार करने वाले जिनका टर्नओवर 2 करोड़ से ज्यादा का है, वे मनी लॉन्डरिंग एक्ट के तहत नहीं आएंगे.
-सूत्रों के मुताबिक जीएसटी व्यवस्था में कंपोजिशन योजना के तहत कारोबार सीमा 75 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये की गई.
-राज्यों के वित्त मंत्रियों ने बताया कि जीएसटी परिषद ने 1.5 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले लघु और मझोले उद्यमों को मासिक के बजाए तिमाही रिटर्न भरने की अनुमति दी.
आज सुबह 10.30 बजे से ही वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई. बैठक खत्म होने के बाद जेटली ने प्रेस कांफ्रेंस भी की. पहले ही उम्मीद जताई जा रही थी कि इस बैठक में छोटे व्यापारियों को राहत देने के लिए कुछ अहम फैसले लिए जाएंगे.
जेटली ने क्या कहा
-जीएसटी को लागू हुए करीब 3 महीने हुए
-निर्यातकों को लेकर बैठक में चर्चा हुई
-दो महीने के कलेक्शन का विश्लेषण हुआ
-टैक्स बदलाव का दौर है इसलिए पैटर्न साफ नहीं हुआ
-हर एक्सपोर्टर का ई वॉलेट बनेगा, उसमें एडवांस रिटर्न के लिए एक तय रकम होगी
-1 अप्रैल 2018 से निर्यातकों के लिए ई-वॉलेट व्यवस्था शुरू करने का लक्ष्य है
-0.1 फीसदी जीएसटी पर व्यापारी निर्यात कर सकते हैं
-एक ही फॉर्म से जीएसटी भरा जा सकेगा
-एक करोड़ टर्नओवर वालों को 1 फीसदी जीएसटी देना होगा
-टैक्स ना देने वालों की संख्या बहुत बड़ी है
-कंपोजिशन स्कीम 75 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़
-1.5 करोड़ टर्नओवर वाले व्यापारी तिमाही रिटर्न भरेंगे
-1 करोड़ रुपये तक की कमाई वाले रेस्त्रां के लिए 5 फीसदी टैक्स. इससे ज्यादा की कमाई वाले रेस्त्रां पर जीओएम विचार करेगा.
-मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 2 फीसदी टैक्स
-बच्चों के फूड पैकेट पर जीएसटी 18% से घटाकर 5%
-मार्बल, ग्रेनाइट और दूसरे पत्थरों पर 18% टैक्स लगेगा
-आयुर्वेदिक दवाओं पर 12 से 5% टैक्स लगेगा
-स्टेशनरी के कई सामानों पर टैक्स घटाया गया
जीएसटी को लेकर छोटे व्यापारियों की दिक्कतें बहुत हैं. पहले एक्साइज ड्यूटी में 1.5 करोड़ तक के बिजिनेस में छूट मिलती थी, लेकिन अब जीएसटी लागू होने के बाद 75 लाख तक के बिजनेस पर भी नॉमिनल टैक्स देना पड़ रहा है. गुरुवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और वित्तमंत्री अरुण जेटली के साथ गुजरात चुनाव, जीएसटी और देश की अर्थव्यवस्था को लेकर बैठक में चर्चा की. इस दौरान अमित शाह ने गुजरात चुनाव को लेकर ग्राउंड फीड भी पीएम मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली को दी.
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मुद्रा बैंक योजना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छोटे कुटीर उद्योगों के लिए मुद्रा बैंक योजना (Pradhan Mantri MUDRA Bank Yojana)विवोचन किया |मुद्रा योजना छोटे व्यापार को मदद देने के लिए शुरू की गई योजना हैं | वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2015 के बजट के तहत इस मुद्रा बैंक योजना में 20 हजार करोड़ रुपये के फंड एवम 3 हजार करोड़ रूपये क्रेडिट की घोषणा की हैं | अरुण जेटली ने स्पष्ट किया कि मुद्रा योजना एक सही तरीका हैं जरूरत मंदों के लिए वित्तीय मदद का “Funding the unfunded”| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा मुद्रा योजना (Pradhan Mantri MUDRA Bank Yojana) से छोटे उद्यमियों को फायदा होगा | यह ‘माइक्रोफाइनेंस संस्थाओं (MFI/एमएफआई) छोटे उद्योगों के लिए एक नियामक के रूप में कार्य करेगा| मुद्रा बैंक योजना (Pradhan Mantri MUDRA Bank Yojana) का मुख्य उद्देश्य छोटे उद्योगों को साहुकारो की सूतखोरी से बचाना हैं |इस योजना के तहत कुटीर उद्योगपति आसानी से बैंक से लोन ले सकेंगे | मुद्रा योजना (Pradhan Mantri MUDRA Bank Yojana) के तहत उद्योग संबंधी प्रशिक्षण एवम व्यापार की छोटी छोटी बाते भी बताई जाएँगी जिससे उद्योगपति अपने व्यापार को बढ़ा सके | मुद्रा बैंक योजना (Pradhan Mantri MUDRA Bank Yojana) का अहम् कारण प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में स्पष्ट किया उन्होंने कहा बड़े उद्योग सवा करोड़ जनता को रोजगार देते हैं बल्कि छोटे लघु उद्योग बारह करोड़ जनता को रोजगार देते हैं |अगर ऐसे लघु उद्योगों को आर्थिक सहायता दी जाये तब वे उन्नति करेंगे जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे | इस दिशा में मोदी ने गुजरात का उदहारण दिया गुजरात में पतंग व्यापार को थोड़ी मदद देने से वह व्यापार पांचसों करोड़ से पैतीसो करोड़ तक पहुँच गया | मुद्रा योजना Prdhan Mantri MUDRA Bank Yojana In Hindi मुद्रा योजना (Prdhan Mantri MUDRA Bank Yojana) का अर्थ हैं माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट रिफाइनेंस एजेंसी (Micro Units Development Refinance Agency) जिसे MUDRA कहा गया छोटे अर्थ में मुद्रा मतलब धन से हैं यही इस योजना का मुख्य बिंदु हैं कुटीर उद्योगों को धन की सहायता | योजना की स्थापना Pradhan Mantri MUDRA Bank Yojana : मुद्रा बैंक योजना 8 अप्रैल 2015 को घोषित की गई हैं मुद्रा बैंक वैधानिक अधिनियम के अंतर्गत स्थापित किया गया हैं जिसमे कुटीर उद्योगों के विकास की ज़िम्मेदारी प्रधानमंत्री मुद्रा योजना बैंक छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना की होगी | मुद्रा बैंक योजना का लक्ष्य Pradhan Mantri MUDRA Bank Yojana Motive In Hindi छोटे कुटीर उद्योगों को बैंक से आर्थिक मदद आसानी से नहीं मिलती वे बैंक के नियमो को पूरा नहीं कर पाते छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना इस कारण वे उद्योगों को बढ़ाने में असमर्थ होते है इसलिए मुद्रा बैंक योजना शुरू की जा रही हैं जिसका मुख्य लक्ष्य युवा पढ़े लिखे नौजवानों के हुनर को मजबूत धरातल देना हैं साथ ही महिलाओं को सशक्त बनाना हैं |मुद्रा बैंक योजना की पात्रता Pradhan Mantri MUDRA Bank Yojana Eligibility In Hindi : मुद्रा बैंक योजना के तहत हर वो व्यक्ति जिसके नाम कोई कुटीर उद्योग हैं या किसी के साथ पार्टनरशीप के सही दस्तावेज हो या कोई छोटी सी लघु यूनिट हो वे इस मुद्रा बैंक योजना के तहत ऋण ले सकता हैं | मुद्रा बैंक योजना के तहत लोन/ ऋण का प्रावधान Pradhan Mantri MUDRA Bank Yojana छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना Loan Facility In Hindi मुद्रा बैंक योजना के तहत छोटे उद्योगों एवम दुकानदारो को ऋण की सुविधा तीन चरणों में दी गई हैं | शिशु ऋण योजना: कुटीर उद्योग की शुरुवात के समय मुद्रा बैंक के तहत छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना पचास हजार के ऋण का प्रावधान हैं | किशोर ऋण योजना : इसमें ऋण की राशि पचास हजार से पांच लाख तक की जा सकती हैं | तरुण ऋण योजना : इसमें पाँच से दस लाख तक का ऋण लिया जा सकता हैं | मुद्रा बैंक योजना के लाभ Benefits Of Pradhan Mantri MUDRA Bank Yojana इस योजना के कारण छोटे व्यापारियों का हौसला बढेगा जिससे देश का आर्थिक विकास होगा | इस योजना के कारण पढ़े लिखे नौ जवानो को रोजगार मिलेगा और उनका हुनर भी निखर कर सामने आएगा | बड़े उद्योग केवल सवा करोड़ लोगो को रोजगार देते हैं लेकिन कुटीर उद्योग 12 करोड़ लोगो को | ऐसे उद्योगों को बढ़ावा देने से देश का पैसा देश में ही रहेगा और आर्थिक विकास होगा | नयी नयी गतिविधियों का संचार होगा | छोटे व्यापारियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा जिससे प्रतियोगिता की भावना उत्पन्न होगी जो कि उनकी उन्नति में सहायक होगा | देश का विकास अमीरों के विकास से नहीं अपितु गरीबो के विकास से होता हैं अत : इस दिशा में मुद्रा बैंक योजना एक अहम् फैसला हैं | मुद्रा बैंक योजना की सोच बांग्लादेश देश के प्रोफ़ेसर युनूस की हैं जिसे उन्होंने वर्ष 2006 में लागु किया था जिससे कुटीर उद्योग का विकास हुआ जिसके बाद अन्तराष्ट्रीय स्तर पर युनूस सहाब की प्रशंसा की गई | अब वर्ष 2015 में मुद्रा बैंक योजना देश में लागु की गई हैं भारी त्रासदी के बाद देश को स्थिर करने के लिए कई योजनाये लागु की गई हैं जिनमे अहम् हैं : क्रमांक योजना का नाम 1 प्रधानमंत्री मुद्रा (माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट रिफाइनेंस एजेंसी)बैंक योजना 2 राष्ट्रीय निवेश और इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड 3 स्व-रोजगार और प्रतिभा उपयोगिता 4 वन बंधू कल्याण योजना 5 प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना 6 प्रवासी कौशल विकास योजना 7 परम्परागत कृषि विकास योजना 8 राष्ट्रीय स्वास्थ बीमा योजना 9 कोशन विकास योजना 10 अटल योजना 11 प्रधानमंत्री जन धन योजना 12 सुकन्या समृधि योजना 13 बेटी बचाओ, बेटी पढाओ 14 नयी मंजिल योजना इस तरह की कई योजनाये देश के विकास के लिए चलाई जा रही हैं | इनके बारे में जानकारी ले कर इनका हिस्सा बने | Pradhan Mantri MUDRA Bank Yojana In Hindi योजना के मुख्य उद्देश्य को 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