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Cryptocurrency की लेन-देन के लिए भारतीय बाजार में आने वाला है ये प्लेटफॉर्म, जानिए डिटेल

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देश में आरबीआई के निर्देशों के चलते क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजेस (Crypto Currency exchanges ) कई तरह की बैंकिंग समस्याओं . अधिक पढ़ें

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  • Last Updated : July 14, 2021, 15:38 IST

नई दिल्ली . भारत में भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का रास्ता थोड़ा आसान होता दिख रहा है. हालांकि देश में आरबीआई के निर्देशों के चलते क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजेस (Crypto Currency exchanges ) कई तरह की बैंकिंग समस्याओं का सामना कर रहे हैं. इसी कड़ी में यूके स्थित नेक्स्ट-जनरेशन क्रिप्टोकरेंसी बैंकिंग प्लेटफॉर्म (UK -based next-generation banking platform) कैशा (Cashaa) भारत आने की तैयारी कर रही है. वह क्रिप्टोक्यूरेंसी जमा और लेनदेन अगस्त से यहां अपना ऑपरेशन शुरू कर सकती है. ये क्रिप्टो बैंक, क्रिप्टो ट्रेडर्स के बीच पीयर-टू-पीयर (P2P) ट्रेडिंग में मदद करेगा.

हाल के समय में बैंकिंग सेवाओं की अनुपस्थिति के चलते कई एक्सचेंज पीयर-टू-पीयर चैनल भी मुहैया करते हैं. जहां दो पार्टियों के बीच सीधे लेनदेन किया जाता है. P2P ट्रेडिंग क्रिप्टोक्यूरेंसी जमा और लेनदेन में एक्सचेंज कस्टोडियन के तौर पर काम करता है.

विक्रेता को एक्सचेंज में ये क्रिप्टो जमा करना होता है. एक बार जब विक्रेता भुगतान की पुष्टि कर देता है, तो क्रिप्टो एक्सचेंज द्वारा ये खरीदार के खाते में रिलीज किया जाता है.

अगले महीने भारत आने की संभावना

कैशा के सीईओ और संस्थापक, कुमार गौरव ने कहा “हम अगले महीने भारत आएंगे. हम व्यक्तिगत बैंक खाते शुरू करेंगे, ताकि पर्सनल व्यापारी पीयर टू पीयर (P2P) ट्रेडिंग कर सकें. क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडर्स अब अपने बैंक खातों के फ्रीज होने के डर के बिना लेनदेन कर सकेंगे”.

ऑपरेशन सबसे पहले नई दिल्ली, गुजरात और राजस्थान से शुरू होगा. अगले चरण में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल भी शामिल होंगे.

इनके साथ है पार्टनरशिप

कैशा ने एक क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी (credit cooperative society), यूनाइटेड मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी (United Multistate Cooperative Society) के साथ हाथ मिलाया है.

ये ज्वाइंट वेंचर उपयोगकर्ताओं को एक ही खाते से क्रिप्टोकरेंसी और फिएट दोनों के लेनदेन की अनुमति देता है. बीटा प्लेटफॉर्म में 200 से ज्यादा क्रिप्टो बिजनेस हैं, जिनमें CoinDCX और Unocoin शामिल हैं.

कैशा, क्रिप्टोकरेंसी(cryptocurrency) पर लोन और डेबिट कार्ड भी ऑफर करेगा. ये प्लेटफॉर्म क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए लोन भी देगा.

बैंकिंग संकट

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 31 मई, 2021 को एक स्पष्टीकरण जारी किया कि बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency ) पर पिछले साल के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानना होगा. जिसमें भारत में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग के लिए बैंकिंग सेवाओं पर प्रतिबंध हटा दिया था. स्पष्टीकरण को एक महीने हो चुका है पर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज अभी भी असमंजस में हैं.

आरबीआई का सर्कुलर ज्यादा नहीं बदला है, क्योंकि कई बैंक अभी भी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों(cryptocurrency exchanges ) से दूरी बनाए हुए हैं. मई में आरबीआई (RBI) का सर्कुलर तब आया जब कई प्रमुख बैंकों ने अपने ग्राहकों को नोटिस भेजा कि अगर वे क्रिप्टो लेनदेन जारी रखते हैं, तो उनके खातों को निलंबित कर दिया जाएगा.

उस समय कई लोगों ने इसे एक सकारात्मक कदम के तौर पर इस उम्मीद से लिया कि क्रिप्टो ट्रेडिंग पर स्पष्टता आएगी, लेकिन इससे उलट एक्सचेंज अभी भी बैंकों के साथ तालमेल बिठाने में परेशानी महसूस कर रहे हैं, जो आज भी क्रिप्टो ट्रेडिंग के साथ जुड़ने में संकोच करते हैं.

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Cryptocurrency में करते हैं लेनदेन या निवेश? जानिए भारत में कितनी लगती है ट्रांजैक्शन फीस समेत अन्य चार्जेज

जिस तरह शेयर बाजार में ट्रेडिंग या निवेश करने पर एक्सचेंज चार्ज लगता है, उसी तरह क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज भी डिजिटल करेंसी में निवेश या ट्रेडिंग करने पर मल्टीपल चार्जेज वसूलते हैं. आइए इसके बारे में जानते हैं.

Cryptocurrency में करते हैं लेनदेन या निवेश? जानिए भारत में कितनी लगती है ट्रांजैक्शन फीस समेत अन्य चार्जेज

Cryptocurrency के प्रति लोगों की दीवानगी बढ़ती ही जा रही है. युवा और महिलाएं इसमें खुलकर निवेश कर रही हैं. अपने देश में इसकी ट्रेडिंग गैर-कानूनी नहीं है, हालांकि अभी तक यह रेग्युलेटेड भी नहीं है. रेग्युलेशन नहीं होने के बावजूद डिजिटल करेंसी में आसानी से निवेश और ट्रेडिंग की जा सकती है. हालांकि इसके लिए आपको चार्ज चुकाना होता है. आइए जानते हैं क्या-क्या चार्जेज लगते हैं.

इस समय देश में कई क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज हैं. शेयर मार्केट की तरह इसमें भी निवेश किया जाता है. ये तमाम एक्सचेंज यूजर फ्रेंडली बनाए गए हैं और मोबाइल ऐप पर भी इनकी सुविधा उपलब्ध है. हालांकि इसके बदले वे ट्रांजैक्शन चार्ज समेत कई तरह के चार्ज वसूलते हैं. crypto exchanges की मदद से डिजिटल करेंसी में ट्रांजैक्शन किया जाता है तो आपको एक्सचेंज फीस देना होता है. एक्सचेंज की कमाई का यही जरिया होता है. ये एक्सचेंज 0.10 फीसदी से 1 फीसदी तक चार्ज करते हैं.

नेटवर्क फीस

जैसा कि हम जानते हैं बिटक्वॉइन समेत कई क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग की जाती है. इसमें एनर्जी का बहुत ज्यादा इस्तेमाल होता है. ऐसे में ट्रांजैक्शन करने पर नेटवर्क फीस भी जमा करना होता है. यह आपके ट्रांजैक्शन को पुख्ता करने के लिए होती है. इस फीस पर एक्सचेंज का कंट्रोल नहीं होता है. यह फीस कितनी होगी, यह डिमांड और माइनर्स पर निर्भर करता है. डिमांड बढ़ने पर नेटवर्क फीस ज्यादा हो जाती है.

वॉलेट फीस

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने पर वह आपके वॉलेट में सेव होता है. यह एक तरीके से ऑनलाइन बैंक की तरह है जो डिजिटल क्वॉइन को स्टोर करता है. पेटीएम वॉलेट इसी तरह का एक वॉलेट है. अमूमन वॉलेट फीस नहीं ली जाती है, लेकिन कोई निवेशक अगर क्रिप्टो वॉलेट का इस्तेमाल करना चाहता है तो यह फीस वसूली जाती है.

Cryptocurrency News: लेनदेन में बरतें सावधानी, भारत में नहीं है कोई नियम-कानून, भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX की हो रही है जांच

भारत में क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन को लेकर अभी कोई नियम कानून नहीं है. ऐसे में क्रिप्टो के लेनदेन में आपको सावधानी बरतनी चाहिए. भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX को लेकर बड़ा खुलासा होने की संभावना है.

Updated: August 12, 2022 11:06 AM IST

cryptocurrency transaction

Wazirx to Binance Transfer: भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज वज़ीरएक्स ने कल घोषणा की है कि वह अब उपयोगकर्ताओं के वज़ीरएक्स खातों और उनके Binance खातों के बीच क्रिप्टो फंड ट्रांसफर को सक्षम नहीं करेगा. वज़ीरएक्स ने कानूनी कारणों का हवाला देते हुए उपयोगकर्ताओं को अपने क्रिप्टो फंड को अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर स्थानांतरित करने के खिलाफ भी चेतावनी दी है. वज़ीरएक्स ने कल जारी विज्ञप्ति में कहा, “11 अगस्त 2022 से सुबह 7:30 बजे से प्रभावी, वज़ीरएक्स” Binance के साथ लॉगिन “विकल्प के माध्यम से क्रिप्टोक्यूरेंसी जमा और लेनदेन वज़ीरएक्स और Binance के बीच ऑफ-चेन फंड ट्रांसफर का समर्थन करना बंद कर देगा.”

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वजीरएक्स एक्सचेंज में मिली है गड़बड़ी

यह अपडेट भारत के वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा दावा किए जाने के लगभग एक हफ्ते बाद आया है कि Binance के बुनियादी ढांचे का उपयोग करते हुए वज़ीरएक्स से लेनदेन “ऑफ-चेन” हो रहा था. प्रवर्तन निदेशालय ने बाद में वज़ीरएक्स के बैंक जमा में ₹64.67 करोड़ को फ्रीज कर दिया है और एक्सचेंज के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रहा है.

वजीरएक्स ने दी थी सफाई

वज़ीरएक्स ने मंगलवार को स्पष्ट किया था कि उपयोगकर्ता केवल अपने वज़ीरएक्स और Binance खातों के बीच फंड ट्रांसफर कर सकते हैं. इसने यह भी दावा किया कि इन सभी लेनदेन के लिए केवाईसी विवरण एकत्र किया गया था और जब भी अनुरोध किया गया था, इस तरह के डेटा को ईडी को प्रस्तुत किया गया था.

क्या है वजीरएक्स

WazirX एक नया Crypto Currency Exchange है और खास बात यह है कि यह भारत का सबसे बड़ा Cryptocurrency Exchange है. यह Peer to Peer Crypto Transaction Allow करता है. यानी यह बिटकॉइन (Bitcoin) एथेरियम, रिपल (ripple), ट्रोन (Tron), लिटकान (litcoin) और दूसरी क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने की सुविधा देता है. इसका हेड आफिस मुंबई में है.

WazirX में क्रिप्टोकरेंसी के गलत लेनदेन का शक

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वज़ीरएक्स क्रिप्टो-मुद्रा एक्सचेंज के निदेशक पर छापा मारा और 5 अगस्त, 2022 को आभासी क्रिप्टो संपत्तियों की खरीद और हस्तांतरण के माध्यम से धोखाधड़ी के पैसे की धोखाधड़ी में आरोपी तत्काल ऋण ऐप कंपनियों की सहायता के लिए 64.67 करोड़ रुपये की अपनी बैंक संपत्ति को फ्रीज कर दिया है.

एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने एएनआई को बताया कि ईडी मामले की जांच कर रहा है. सूत्रों ने कहा, “निवेशकों को सावधानी से आगे बढ़ने की जरूरत है क्योंकि वज़ीरक्स प्रकरण ने Cryptocurrency ट्रेडिंग पर बहुत सारे मुद्दों को उठाया है.”

क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन में बरतें विशेष क्रिप्टोक्यूरेंसी जमा और लेनदेन सावधानी

गुरुवार को एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय इस मामले को देख रहा है. ग्राहकों से कहा गया है कि क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन में और सावधानी बरतना आवश्यक है. एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने एएनआई को बताया, “क्रिप्टोकरेंसी से निपटने के दौरान सावधानी बरतना आवश्यक है. वज़ीरएक्स एपिसोड ने क्रिप्टो लेनदेन के एक काले पक्ष को उजागर किया है और प्रवर्तन निदेशालय इसे देख रहा है.”

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नियम-कानून नहीं

क्रिप्टो कारोबार बाजार वजीरएक्स की प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लांड्रिंग जांच और उसके बाद उसके प्रवर्तकों के बीच विवाद ने क्रिप्टोकरेंसी के ‘स्याह पहलू’ को उजागर किया है. उन्होंने कहा कि लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि क्रिप्टो करेंसी और तथाकथित एक्सचेंज के जरिये होने वाले कारोबार को नियंत्रित करने के लिये फिलहाल कोई नियम-कानून नहीं है, ऐसे में उन्हें इसको लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है.

एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने एएनआई को बताया, “अगर चीनी कंपनियों द्वारा कोई गलत काम किया जाता है, तो प्रवर्तन एजेंसियां ​​उस पर शिकंजा कसेंगी.”
लोकप्रिय वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म Binance ने भारतीय एक्सचेंज से खुद को दूर कर लिया. मुख्य कार्यकारी अधिकारी चांगपेंग झाओ ने कहा कि बिनेंस के पास वज़ीरएक्स की मूल इकाई ज़ानमाई लैब्स में हिस्सेदारी नहीं है.

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Cryptocurrency: भारत में लाने की तैयारी, चीन ने किया सभी क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन को अवैध घोषित

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कह चुकी हैं कि वह क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े विधेयक को लेकर मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार कर रही हैं। प्रस्तावित विधेयक उसके सामने है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: September 24, 2021 17:45 IST

China declares all cryptocurrency transactions illegal- India TV Hindi

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China declares all cryptocurrency transactions illegal

बीजिंग/नई दिल्‍ली। एक ओर जहां भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भारत में डिजिटज करेंसी मॉडल लाने की तैयारियों में जुटा है, वहीं दूसरी ओर चीन के केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को बिटकॉइन सहित अन्‍य वर्चुअल करेंसी में किए गए सभी लेनदेन को अवैध घोषित कर दिया है। चीन ने अनाधिकृत डिजिटल मनी के उपयोग को हतोत्‍साहित करने के लिए यह कदम उठाया है। 2013 में चीनी बैंकों द्वारा क्रिप्‍टोकरेंसी को संभालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन सरकार ने इस साल फ‍िर रिमाइंडर जारी किया। जो दर्शाता है कि सरकार की चिंता के बावजूद देश में क्रिप्‍टोकरेंसी की माइनिंग और ट्रेडिंग चोरी-छिपे चल रही है या सार्वजनिक वित्‍तीय प्रणाली के लिए परोक्ष रूप से जोखिम हो सकता है।

क्या भारत में खरीद सकते हैं बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीज? RBI ने दी ये जानकारी

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शुक्रवार को जारी नोटिस में कहा गया है कि बिटकॉइन, एथेरियम और अन्‍य डिजिटल मुद्राएं वित्‍तीय प्रणाली में बाधा खड़ी कर रही हैं और इनका मनी-लॉन्ड्रिंग और अन्‍य अपराधों में उपयोग किया जा रहा है। पीपुल्‍स बैंक ऑफ चाइना ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि वर्चुअल करेंसी डेरीवेटिव ट्रांजैक्‍शन सभी अवैध वित्‍तीय गतिविधियां हैं और इन पर सख्‍त प्रतिबंध है। क्रिप्‍टोकरेंसी के प्रवर्तक कते हैं कि वे गोपनीयता और लचीलेपन की अनुमति देते हैं, लेकिन चीनी नियामकों को चिंता है कि वे वित्‍तीय प्रणाली पर सत्‍तारूढ़ कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के नियंत्रण को कमजोर कर सकते हैं और आपराधिक गतिविधियों में मदद कर सकते हैं।

पीपुल्‍स बैंक ऑफ चाइना देश की आधिकारिक मुद्रा युआन के इलेक्‍ट्रॉनिक वर्जन को विकसित कर रही है, ताकि कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा दिया जा सके और इसपर बीजिंग द्वारा निगरानी व नियंत्रण रखा जा सके।

इस साल के अंत तक डिजिटज करेंसी मॉडल ला सकता है आरबीआई

भारतीय रिजर्व बैंक इस साल के अंत तक डिजिटल करेंसी का मॉडल ला सकता है। केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा कि केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी पेश करने की संभावनाओं का आकलन कर रहा है। वह इसके विभिन्न पहलुओं मसलन दायरे, प्रौद्योगिकी, वितरण तंत्र तथा अनुमोदन की व्यवस्था पर गौर कर रहा है। इससे पहले शंकर ने 22 जुलाई को कहा था कि भारत भी चरणबद्ध तरीके से डिजिटल मुद्रा पर विचार कर रहा है। यह इसके लिए सही समय है।

शंकर ने कहा हम निकट भविष्य, संभवत: इस साल के अंत तक इसका मॉडल ला सकते हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने स्पष्ट किया कि केंद्रीय बैंक निजी डिजिटल मुद्रा को लेकर लगातार चिंतित है और उसने इस बारे में सरकार को अवगत करा दिया है।

क्रिप्टोकरेंसी विधेयक पर मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कह चुकी हैं कि वह क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े विधेयक को लेकर मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार कर रही हैं। प्रस्तावित विधेयक उसके सामने है। डिजिटल मुद्राओं से जुड़े मुद्दों का अध्ययन करने और विशिष्ट कार्यों का प्रस्ताव पेश करने के लिए आर्थिक मामलों के सचिव की अध्यक्षता में गठित क्रिप्टोकरेंसी संबंधित अंतर-मंत्रालयी पैनल ने अपनी रिपोर्ट पहले ही जमा कर दी है।

रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि भारत में सरकार द्वारा जारी किसी भी डिजिटल मुद्रा को छोड़कर, अन्य सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित कर दिया जाए। वित्त मंत्री ने कहा क्रिप्टोकरेंसी (विधेयक) पर मंत्रिमंडल का नोट तैयार है। मैं मंत्रिमंडल से इसे मंजूरी देने का इंतजार कर रही हूं।

Cryptocurrency और Digital Rupee में क्‍या है फर्क, अगर शुरु हो गया इसका इस्‍तेमाल तो आपको क्‍या होगा फायदा?

अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में डिजिटल रुपी का इस्‍तेमाल आम लोग भी करेंगे. ऐसे में ये समझना बहुत जरूरी है कि आखिर डिजिटल रुपी और क्रिप्‍टोकरेंसी में क्‍या फर्क है और इससे आम लोगों को क्‍या फायदा होगा?

क्रिप्‍टोकरेंसी को टक्‍कर देने के लिए भारत में पहली बार करेंसी को डिजिटल रूप में लाया गया है. एक नवंबर को डिजिटल रुपी (Digital Rupee) यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को पायलट प्रोजेक्‍ट के तौर पर शुरू कर दिया गया है. फिलहाल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India- RBI) कुछ समय तक इसमें आने वाली चुनौतियों को परखेगा और पूरी तरह से आश्‍वस्‍त होने के बाद इसके इस्‍तेमाल को शुरू किया जाएगा.

RBI ने अभी इसे होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए जारी किया है और इसे होलसेल सेगमेंट पायलट प्रोजेक्ट नाम दिया है. लेकिन अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में डिजिटल रुपी का इस्‍तेमाल आम लोग भी करेंगे. ऐसे में ये समझना बहुत क्रिप्टोक्यूरेंसी जमा और लेनदेन जरूरी है कि आखिर डिजिटल रुपी और क्रिप्‍टोकरेंसी में क्‍या फर्क है और इससे आम लोगों को क्‍या फायदा होगा?

क्रिप्‍टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर

क्रिप्‍टोकरेंसी: ये एक विकेंद्रित (Decentralized) डिजिटल संपत्ति है. इसके जरिए डिजिटल तरीके से लेनदेन किया जा सकता है. ब्‍लॉकचेन तकनीक के जरिए क्रिप्‍टोकरेंसी अलग-अलग जगहों पर स्‍टोर रहती है. ब्लॉकचेन ऐसी तकनीक है जिससे Digital Currency बनाने के साथ ही किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है. ये एक तरह का डिजिटल लेजर है. लेकिन चिंता वाली बात ये है कि क्रिप्‍टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए कोई बैंक या अन्‍य संस्‍था नहीं है और न ही इसे कोई सरकार मॉनिटर नहीं करती है. ये पूरी तरह से निजी करेंसी है. इसके अलावा क्रिप्‍टोकरेंसी के रेट में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी क्रिप्टोक्यूरेंसी जमा और लेनदेन रहती है.


डिजिटल रुपी: डिजिटल रुपी से भी लेनदेन को क्रिप्‍टोकरेंसी की तरह ही डिजिटल माध्‍यम से ही किया जाएगा, लेकिन सबसे बड़ा फर्क है कि ये पूरी तरह से रेगुलेटेड है. इसे सरकार की मंजूरी प्राप्‍त है और यह पूरी तरह से सरकार समर्थित वैध मुद्रा है. इसमें नियामक के रूप में आरबीआई और लेन-देन की मदद के लिए दूसरे बैंक मौजूद रहेंगे. किसी भी तरह की दिक्‍कत आने पर वित्‍तीय संस्‍थान दखल दे सकते हैं. लेकिन क्रिप्‍टोकरेंसी में ये संभव नहीं है. यूपीआई और पेमेंट वॉलेट के जरिए किए जाने वाले डिजिटल भुगतान से ये पूरी तरह से अलग है. वहीं डिजिटल रुपी में उतार-चढ़ाव जैसा कुछ नहीं होगा. इसका वही प्रभाव होगा जो नकद मुद्रा का होता है. इसके अलावा डिजिटल रुपी को नकदी में बदला जा सकेगा.

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