शेयर खरीदने का सही समय, समझिए अच्छे रिटर्न के लिए निवेश कब करें
शेयर खरीदने का सही समय कौन सा हैं?
शेयर खरीदने का सही समय क्या हैं? ये सवाल अधिकतर निवेशकों के मन में हमेशा रहता हैं। क्योंकि कभी कभी गलत समय पर शेयर खरीदकर पछताना पड़ता हैं, तो कई बार गलत समय पर शेयर बेचकर भी पछताना पड़ता हैं। इसलिए यदि शेयर बाजार में एक सफल निवेशक बनना हैं तो आपको शेयर खरीदने व बेचने के सही समय के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी हैं।
आपको मालूम होना चाहिए कि शेयर को कब खरीदना हैं और कब बेचना हैं। यदि आप इतना कर पाते हैं तो आप शेयर बाजार में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। शेयर बाजार में निवेश करना कोई मुश्किल काम नहीं हैं बल्कि निवेश के जरिए मुनाफा कमाना बहुत महत्वपूर्ण हैं।
शेयर बाजार अच्छी खासी कमाई करने के मौके देता हैं मगर कई बार इन मौकों को पहचानने में गलती कर बैठते हैं, जिसके चलते नुकसान भुगतना पड़ता हैं। यदि कुछ खास बातों का ध्यान रखकर शेयर बाजार में शेयरों की खरीदारी व बिकवाली की जाए तो अच्छा मुनाफा भी मिल सकता हैं।
शेयर बाजार में शेयर खरीदने का सही समय
शेयर बाजार में खरीदारी करने का उद्देश्य लंबे समय के लिए शेयर होल्ड करने का होना चाहिए। जैसा कि बड़े इन्वेस्टर्स भी यही बात बताते हैं कि शेयर बाजार में लंबे समय के निवेश पर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता हैं। हालांकि कुछ विशेष परिस्थितियों का ध्यान रखकर शेयरों की खरीदारी करना अच्छा साबित हो सकता हैं।
बाजार की गिरावट में शेयर खरीदें
अधिकतर निवेशक बाजार की गिरावट को देखकर घबराने लगते हैं मगर बहुत से सुलझे हुए निवेशकों के लिए बाजार की गिरावट शेयर खरीदने का अच्छा समय होता हैं क्योंकि बाजार में जब गिरावट आती है तो शेयरों की कीमत कम रहती हैं। जिसके चलते शेयरों को कम कीमत में खरीदने का मौका होता हैं। इस समय कम निवेश के जरिए ज्यादा शेयर खरीदें जा सकते हैं। अब जैसे ही बाजार की स्थिति ठीक होगी, शेयर अच्छा मुनाफा दिलाएंगे। हालांकि गिरावट कुछ लंबे समय के लिए भी रह सकती हैं जिसके लिए धैर्य रखना बेहद जरूरी हैं।
पूरी एनालिसिस करने के बाद शेयर खरीदें
एक समझदार निवेशक होने के नाते यह बात बिल्कुल साफ होनी चाहिए कि आप जिस कंपनी के शेयरों में पैसा निवेश कर रहे हैं, उस कंपनी के बारे में आपको सबकुछ मालूम हैं या नहीं। यदि आप उस कंपनी के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के बाद निवेश का फैसला कर रहे हैं तो आप निश्चित ही उस स्टाॅक से मुनाफा कमाएंगे। पूरी एनालिसिस करने के बाद खरीदें गये शेयरों के प्रति बाजार के उतार चढ़ाव से आप घबराएंगे नहीं। क्योंकि आपको मालूम होगा कि इस कंपनी का कारोबार अच्छा हैं और इसका स्टाॅक कुछ समय के बाद अच्छा प्रदर्शन करेगा। और आप लंबे समय तक शेयर होल्ड कर पाएंगे। और लंबे समय की निवेश अवधि में अच्छा मुनाफा कमा पाओगे। अतः स्टाॅक के बारे में पूरी एनालिसिस करने के बाद शेयर खरीदने का सही समय होता हैं।
तिमाही नतीजे आने के बाद करें खरीदारी
लगभग सभी कंपनियां हर तिमाही में कंपनी के कारोबार व फाइनेंशियल से संबंधित जानकारी साझा करती हैं। यदि कंपनी ने बीते तिमाही में अच्छा प्रदर्शन किया हैं और भविष्य में भी अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना हैं तो उस कंपनी के शेयरों को खरीदना अच्छा विकल्प होगा। और यदि कंपनी के नतीजे अच्छे नहीं रहे हैं, और आगे भी कंपनी के कारोबार को लेकर अच्छे संकेत नहीं हैं तो आपके लिए शेयरों से दूर रहना ही अच्छा होगा।
अपने लक्ष्य के अनुसार निवेश करें
यदि आपने कोई लक्ष्य निर्धारित किया हैं तो अपने लक्ष्य पर ध्यान देना भी बेहद जरूरी हैं, आपको मालूम होना चाहिए कि लक्ष्य कितने समय में हासिल किया जा सकता हैं। यदि आप समय रहते निवेश नहीं करते हैं तो आपको लक्ष्य तक पहुंचने में ज्यादा समय लग सकता हैं। इसलिए शेयर बाजार में सही समय का इंतजार करना, समय को गंवाना जैसा हैं। अच्छे शेयरों में कभी भी निवेश किया जा सकता हैं। इसके लिए कोई निश्चित समय नहीं होता हैं। हालांकि शेयर बाजार में उतार चढ़ाव हमेशा ही आते रहेंगे इसलिए अपने निवेश के लिए सही समय वर्तमान ही हो सकता हैं।
अस्वीकरण: इस पेज में बताई गई जानकारी आपके लिए उपयोगी हो सकती हैं। इसके बावजूद भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श ज़रूर लें। निवेश से होने वाले लाभ या हानि का जिम्मेदार पैसावालेडाॅटइन नहीं होगा।
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Equity Market Investment : इक्विटी में निवेश पर चाहिए ज्यादा रिटर्न? अपनाएं ये 4 टिप्स
अगर आप शेयर मार्किट में निवेश करने की सोच रहे हैं तो अपनाए ये कुछ जरूरी टिप्स, जो आपके निवेश को तो सुरक्षित करेगा ही साथ ही आप को दिलायेगा ज्यादा रिटर्न
छोटी कंपनियों के शेयर्स में ज्यादा निवेश से ज्यादा बेहतर होगा, बड़ी कंपनियों में कम निवेश करना.
Equity Investment : अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो हम आज आपको कुछ ऐसे जरूरी टिप्स बताने वाले हैं. इन्हें अपनाकर आप न सिर्फ अपने निवेश को सुरक्षित कर सकते हैं, बल्कि बेहतरीन रिटर्न भी हासिल कर पाएंगे. आम तौर पर भारत में ज्यादातर लोग इक्विटी में निवेश करना पसंद करते हैं. क्योंकि इसमें कम निवेश पर भी बेहतरीन रिटर्न हासिल हो सकता है. हालांकि इसमें निवेश जोखिम बना रहता है. इसलिए इक्विटी में निवेश से पहले आपको इसके बारे में सभी जानकारी तो लेनी ही चाहिए, साथ ही आपको व्यवस्थित तरीके से निवेश करना चाहिए. ताकि आपके निवेश पर जोखिम कम से कम हो.
निवेशकों को इक्विटी में निवेश करते समय ये कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए.
1. कभी भी इन्वेस्टमेंट टिप्स के पीछे न भागें
हमारे देश में शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने वाले 10 में से 9 व्यक्ति ऐसे हैं जिन्होंने किसी अन्य से मिली इन्वेस्टमेंट टिप्स को आधार बनाते हुए शेयर बाजार में निवेश शुरू किया है. ऐसे में सवाल उठता है कि शेयर मार्केट का जानकार या उसमें काम करने वाला व्यक्ति आप को ऐसी जानकारी या टिप्स क्यों देगा, जिससे उसकी जगह आप का फायदा होगा? उदाहरण के तौर पर हम देखेंगे कि कभी भी कोई सेफ (खाना बनाने वाला) अपनी रेसिपी का खुलासा नहीं करता है, तो फिर कोई आपको फायदा कराने वाली टिप्स की जानकारी क्यों देगा?. इसलिए किसी इन्वेस्टमेंट टिप्स के पीछे भागने से बेहतर होगा कि आप निवेश से पहले स्कीम को लेकर थोड़ा रिसर्च जरूर करें, ताकि आप की मेहनत की कमाई बेकार न हो जाए.
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2. फंडामेंटल एनालिसिस
जहां तक रिसर्च की बात है तो हर व्यक्ति को न तो रिसर्च की तकनीक का ज्ञान है और न ही उसमें इतनी समझ है कि वो खुद से इन्वेस्टमेंट से जुड़े टेक्निकल वर्ड को सही मायनों में समझ सके. हालांकि वो पढ़ जरूर सकता है. वैश्विक स्तर पर बात की जाए तो इन्वेस्टमेंट सेक्टर में हमेशा वॉरेन बफे और चार्ली मुंगेर की मिसाल दी जाती है, जिन्होंने निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च किया और प्लान तरीके से निवेश किया. अपनी इसी रिसर्च और प्लान निवेश के दम पर इंटरनेशनल मार्केट में दोनों ने अपनी खास पहचान बनाई है.
3. पोर्टफोलियो में लाएं डायवर्सिटी
क्या आप जाने हैं कि एक ही स्टॉक या सेक्टर में निवेश करना आप के लिए बड़ा जोखिमभरा साबित हो सकता है. इसलिए आप को निवेश करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि आप अलग-अलग सेक्टर की कंपनियों में थोड़ा-थोड़ा निवेश करें, ताकि अगर एक सेक्टर या एक स्टॉक में कोई दिक्कत आती है तो आप की सारी रकम एक साथ न डूब जाएये. यही वजह है कि निवेशकों को अपने निवेश पोर्टपोलियों में विविधता लाने की सलाह दी जाती है.
4. जोखिमों के बारे में रखें जानकारी
स्टॉक में निवेश करने वाले निवेशकों को ये पता होता है कि उसे कब शेयर खरीदना और बेचना है. आम तौर पर 20 से 30 फीसदी के लाभ पर शेयर होल्डर्स अपने शेयर को बेच देते हैं, लेकिन मंदी के दौर में निवेशकों को इसे लेकर बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत होती है. क्योंकि कई बार लोग सोचते हैं कि मंदी के समय में सस्ते शेयर लेकर इन्हें बाद में प्रॉफिट के साथ बेच देंगे. तो ये सोच कभी-कभी निवेशक के लिए बहुत ही नुकसानदायक साबित हो सकती है.
सोना बेचने से पहले रखें इन बातों का ध्यान, बेहतर कीमत के साथ पाएंगे ज्यादा मुनाफा
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Gold Price Today: सोना एक ऐसी आपको लाभ के लिए स्टॉक कब बेचना चाहिए संपत्ति होती है जिसका उपयोग लोग मुश्किल समय के दौरान करते हैं। महामारी के दौरान बड़ी संख्या में वित्तीय संकट के दौरान लोगों ने सोने को बेचा है। लेकिन सोने को बेचने का सही समय क्या होता है, कब बेचने पर सबसे ज्यादा लाभ होगा
सोने की शुद्धता जरूर चेक करें
सोना खरीदते समय यह जरूर चेक कर कर लें कि आखिर आपको सोने की शुद्धता का प्रमाण पत्र मिला है या नहीं। उस प्रमाण पत्र में गोल्ड लेकर के कैरेट से लेकर सभी जरूरी जानकारी उपलब्ध रहती है। जब आप सोना बेचने जाते हैं तब इसी रसीद के जरिए आपके सोने की सही कीमत पता चल पाती है। और तब आप बाजार भाव के आधार पर सोना बेच सकते हैं।
बेचते वक्त सही व्यक्ति का करें चयन
सोना बेचते समय हमेशा यह कोशिश करनी चाहिए कि जहां से गोल्ड खरीदा है वहीं, बेचा जाए। इससे असुविधाओं से भी बचा जा सकेगा। साथ ही सही कीमत भी मिलने की उम्मीद रहती है।
अलग-अलग ज्वेलर्स से जरूर करें संपर्क
सोना बेचते वक्त हमेशा अलग-अलग ज्वेलर्स से संपर्क कर लेना चाहिए। इससे हमेशा ही बेहतर दाम मिलने की उम्मीद रहती है। लेकिन इस दौरान ज्वेलर्स का बैकग्राउंड जरूर चेक कर लें।
इंडिया बुल्स ज्वेलर्स एसोशियेशन के राष्ट्रीय सचिव सुरेन्द्र मेहता के अनुसार, 'अगर आप 10 हजार रुपये से अधिक की ज्वेलरी बेचना चाहते हैं तभ यह ध्यान रखना चाहिए कि ज्वेलर्स आपको सिर्फ चेक के जरिए ही पेमेंट कर सकते हैं।' ज्वेलर्स आपसे केवाईसी से जुड़ी जानकारी भी मांग सकता है।
Stocks vs Mutual Funds: निवेशक को कहां करना चाहिए निवेश जिससे मिले ज्यादा रिटर्न
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि म्यूचुअल फंड लक्ष्य आधारित निवेश है. इसमें आपको पता है कि सालाना आधार पर अमूमन कितना रिटर्न मिलेगा. लॉन्ग टर्म में यह मल्टीबैगर साबित होता आपको लाभ के लिए स्टॉक कब बेचना चाहिए है.
रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए इन्वेस्टमेंट स्कीम का रिटर्न महंगाई के मुकाबले ज्यादा होना चाहिए. वर्तमान में महंगाई दर 5-6 फीसदी के बीच है. ऐसे में अगर निवेश के परंपरागत साधनों में निवेश करते हैं तो नेट रिटर्न कम होगा. म्यूचुअल फंड में आपका पैसा शेयर बाजार में भी निवेश होता है जिसके कारण रिटर्न ज्यादा मिलता है और आपका नेट रिटर्न ज्यादा होगा.
निवेशकों (Investors) के मन में एक सवाल बार-बार आता है कि उन्हें म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में निवेश करना चाहिए या फिर शेयर बाजार (Share market investment) में निवेश करना चाहिए. शेयर बाजार में निवेश का मुख्य रूप से दो तरीका है. पहला- खुद शेयर खरीदें और बेचें. दूसरा तरीका है कि म्यूचुअल फंड के जरिए शेयर बाजार में निवेश करें. निवेश का दोनों तरीका अच्छा है, अंतर बस इतना है कि डायरेक्ट शेयर खरीदने पर फायदे और नुकसान दोनों के लिए आप खुद जिम्मेदार होंगे. यह आपको तय करना है कि बाजार में कब एंट्री लेनी है, कौन सा शेयर खरीदना है, कितने दिन के लिए निवेश करना है. अगर म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो फंड मैनेजर आपके बदले ये तमाम फैसले लेता है.
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप भी शेयर बाजार की जानकारी रखते हैं. स्टॉक मार्केट पर आपकी अच्छी पकड़ है तो बाजार में डायरेक्ट निवेश करने पर कई गुना रिटर्न कमाया जा सकता है. अगर आप किसी के सलाह पर बाजार में निवेश करते हैं इससे कमाई भी होती है तो इन्वेस्टमेंट का यह तरीका ठीक नहीं है. ऐसे लोगों को म्यूचुअल फंड में इक्विटी स्टॉक्स में निवेश करना चाहिए जहां शानदार रिटर्न मिलता है. म्यूचुअल फंड के मैनेजर काफी स्किल्ड होते हैं. उन्हें पता होता है कि पोर्टफोलियो किस तरह डिजाइन करना है. किस सेक्टर में, किस कंपनी में कितना निवेश करना चाहिए, उन्हें इसकी पूरी जानकारी होती है.
पोर्टफोलियो डायवर्सिफाइड रखें
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स की सलाह होती है कि पोर्टफोलियो को हमेशा डायवर्सिफाइड रखें. इससे रिस्क कम रहता है. पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड रखने से रिस्क फैक्टर घटता है. बाजार में किसी तरह की हलचल का आपके इन्वेस्टमेंट पर कम असर होता है. कोई इंडिविजुअल जब किसी खास सेक्टर के खास स्टॉक में निवेश करता है तो उसका रिस्क ज्यादा होगा. वहीं, म्यूचुअल फंड में आपके पैसा अलग-अलग सेक्टर के अलग-अलग स्टॉक्स में निवेश किया जाता है. इस तरह सेक्टर डायवर्सिफिकेशन के साथ-साथ स्टॉक डायवर्सिफिकेशन का भी लाभ मिलता है.
सही स्टॉक सलेक्शन पर मल्टीबैगर रिटर्न
निवेशकों को इस बात को समझना चाहिए कि अगर आप खुद से शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो राइट स्टॉक पिक होने पर आपको मल्टीबैगर रिटर्न मिल सकता है. लेकिन, म्यूचुअल फंड आपको इतने कम समय में मल्टीबैगर रिटर्न नहीं देगा. हालांकि, इस बात को भी ध्यान में रखना चाहिए कि खुद से निवेश करने पर आपका इन्वेस्टमेंट कई गुना घट भी सकता है, म्यूचुअल फंड के साथ ऐसा नहीं होता है. आसान शब्दों में खुद से निवेश करने पर ज्यादा रिटर्न के साथ ज्यादा रिस्क भी जुड़ा है. म्यूचुअल फंड बैलेंस्ड रिटर्न के साथ-साथ बैलेस्ड रिस्क का भी भरोसा देता है.
म्यूचुअल फंड लक्ष्य आधारित निवेश
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि म्यूचुअल फंड लक्ष्य आधारित निवेश है. इसमें आपको पता है कि सालाना आधार पर अमूमन आपको लाभ के लिए स्टॉक कब बेचना चाहिए कितना रिटर्न मिलेगा. लॉन्ग टर्म में यह मल्टीबैगर साबित होता है. इसमें निवेश करने के बाद आपका एक्टिव रहना जरूरी नहीं है. खुद से बाजार में निवेश करने पर उस स्टॉक और सेक्टर के बारे में अपडेटेड जानकारी जरूरी है. अगर आप शेयर बजार में ट्रेडिंग करते हैं या फिर इसकी बारिकी को समझना चाहते हैं तो समय के साथ निवेश का तरीका सीखा जा सकता है. फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स अनुभव लेने के बाद ही बाजार में खुद से निवेश की सलाह देते हैं.
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