आजमगढ़ में व्यापारियों ने दुकानें बंद कर छापेमारी का विरोध किया। व्यापार मंडल बिलरियागंज ने मंगलवार को सुबह दस बजे से एक बजे तक तीन घंटे दुकानें बंद रख कर विरोध प्रदर्शित करने का आह्वान किया था। इस दौरान कस्बे में व्यवसायियों की एक बैठक भी हुई। सोमवार को अखिलेश यादव ने जीएसटी छापेमारी का विरोध करते हुए कहा था कि जीएसटी और अन्य विभागों द्वारा उत्पीड़नकारी कार्यवाहियों को तत्काल बंद किया जाए। व्यापारियों के उत्पीड़न के बजाय उनके व्यापार को बढ़ाने में मदद की जानी चाहिए।
निकाय चुनाव से पहले GST छापेमारी पर व्यापारियों का गुस्सा भुनाने में जुटी सपा, अखिलेश यादव ने खोला मोर्चा; सक्रिय हुए नेता
यूपी में नगर निकाय चुनाव के ऐन पहले समाजवादी पार्टी जीएसटी छापेमारी के मुद्दे को भुनाने में जुट गई है। मोर्चा, खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संभाला है। अखिलेश ने जीएसटी छापेमारी को उत्पीड़नात्मक चार प्रकार की निवेश रणनीतियाँ क्या हैं? चार प्रकार की निवेश रणनीतियाँ क्या हैं? कार्यवाही बताते हुए इस पर तत्काल रोक लगाए जाने की मांग की तो समाजवादी पार्टी व्यापार सभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय गर्ग ने भी जीएसटी और अन्य विभागों के नाम पर दुकानदारों और व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर की जा रही छापेमारी के खिलाफ समाजवादी चार प्रकार की निवेश रणनीतियाँ क्या हैं? पार्टी व्यापार सभा द्वारा आंदोलन और संघर्ष करने की घोषणा कर दी। हालांकि व्यापारियों के भारी विरोध और राजनीतिक दलों के हस्तक्षेप के बाद सोमवार को राज्य कर विभाग ने जीएसटी चोरी के खिलाफ छापे की कार्रवाई को स्थगित कर दिया था। इसके बावजूद मंगलवार को आजमगढ़ समेत कई जिलों में विरोध जारी रहा।
Mainpuri By-election: अखिलेश ने डिंपल के नामांकन को दिया समाजवादी आस्था का नाम, कहा-मैनपुरी में होगी सपा की ऐतिहासिक जीत
Mainpuri By-election: मैनपुरी लोकसभा सीट पर नामांकन से पहले डिंपल यादव और अखिलेश यादव ने सैफई में मुलायम सिंह यादव के समाधि स्थल पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद एक ट्वीट के जरिए अखिलेश यादव ने डिंपल के नामांकन को समाजवादी आस्थाओं का नामांकन बताया और ऐतिहासिक जीत का भरोसा जताया। उन्होंने लिखा, 'मैनपुरी उपचुनाव में सपा के प्रत्याशी के रूप में दरअसल नेताजी की समाजवादी आस्थाओं का ही नामांकन हो रहा है। जिस प्रकार दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी दलों के लोगों और जनमानस ने सैफई आकर नेताजी को श्रद्धांजलि दी है, उसका सच्चा परिणाम ये होगा कि सपा प्रत्याशी की ऐतिहासिक जीत होगी।'
हरियाणा में रोजाना 40 लोग हो रहे गायब, गृहमंत्री विज ने तैयार किया ये प्लान
चंडीगढ़ | हरियाणा से सामने आए गुमशुदगी के मामले सरकार और पुलिस के होश उड़ा देने वाले हैं. हरियाणा से रोजाना 40 लोग गायब हो रहे हैं. स्टेट क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के क्रिमिनल इंटेलिजेंस गजट ने जनवरी 2022 से 31 अगस्त तक की रिपोर्ट पेश की है, जिसमें हरियाणा के थानों में 9,492 गुमशुदगी के मामले दर्ज किए गए हैं.
रोजाना 40 लोग हो रहे गायब
9,492 मामलों के हिसाब से अगर औसत की बात करें तो रोजाना करीब 40 लोग गायब हो चार प्रकार की निवेश रणनीतियाँ क्या हैं? रहे हैं तो एक साल में गायब होने वालों की संख्या 14 हजार हो जाती है. अगर साल 2021 की बात करें तो राज्य में गुमशुदगी की शिकायतों में 7,886 की बढ़ोतरी हुई है यानी साल 2021 के मुकाबले 2022 में एक महीने में गुमशुदगी के मामले 973 बढ़ गए हैं.
हरियाणा में गुमशुदगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को सक्रिय कर दिया गया है. 31 अगस्त तक लापता लोगों के 9,492 मामले दर्ज किए गए और 378 लापता लोगों का पता लगाया गया. जिसमें 482 युवकों में 205 लड़के व 172 लड़कियां हैं. इनमें 226 पुरुष और 256 महिलाएं भी थीं. हरियाणा से रोजाना 40 लोगों के गायब होने पर पुलिस का दावा है कि वह रोजाना 40 में से 22 लोगों की तलाश भी कर रही है.
एक्टिव मोड में सरकार
लगातार लापता लोगों की संख्या बढ़ने के बाद अब सरकार भी एक्टिव मोड में नजर आ रही है. गृह मंत्री अनिल विज के निर्देश पर एसओपी तैयार की गई है और लापता लोगों की तलाश के लिए अधिकारियों को चार महीने का समय दिया गया है. अगर इसके बाद भी पुलिस लापता लोगों का पता नहीं लगा पाती है तो लापता लोगों की तलाश के लिए राज्य अपराध शाखा को लगाया जाएगा.चार प्रकार की निवेश रणनीतियाँ क्या हैं?
बता दें कि देश में हजारों लोग हर रोज किसी न किसी वजह से लापता हो जाते हैं. इनमें से कुछ ही अपने घर वापस पहुंच पाते हैं तो कुछ लोग सालों बाद भी नहीं मिल पाते हैं.
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विदेशी बाजारों में मजबूती से तेल-तिलहनों के भाव चढ़े
नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) विदेशी बाजारों में तेजी के रुख और किसानों द्वारा सस्ते में अपनी फसल नहीं बेचने से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में मंगलवार को सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ), बिनौला और पामोलीन तेल कीमतों में मजबूती रही। सस्ते आयातित सोयाबीन तेल के आगे स्थानीय स्तर पर लिवाल न होने से सोयाबीन तिलहन (सोयाबीन दिल्ली और लूज) की कीमतों में गिरावट देखने को मिली। सामान्य कारोबार के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के भाव अपरिवर्तित रहे।
बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन तेल उद्योग के प्रमुख संगठन ‘सोपा’ ने सरकार को बताया है कि आवक ज्यादा होने के कारण अक्टूबर-नवंबर में सोयाबीन की पेराई मामूली वृद्धि के साथ लगभग छह लाख टन की हुई चार प्रकार की निवेश रणनीतियाँ क्या हैं? है। लेकिन दूसरी ओर देखें तो सोयाबीन का स्टॉक, पिछले साल एक दिसंबर को जो लगभग 93.88 लाख टन का था वह चार प्रकार की निवेश रणनीतियाँ क्या हैं? वर्ष 2022 में एक दिसंबर को बढ़कर 111.71 लाख टन हो गया। यानी स्टॉक में लगभग 18 लाख टन की वृद्धि हुई है। यानी उत्पादन भी बढ़ा, पेराई भी बढ़ी और सोयाबीन के स्टॉक में वृद्धि हुई।
सूत्रों ने कहा कि सोपा को साथ में सरकार को सस्ते आयातित तेल के कारण महाराष्ट्र के लातूर स्थित स्थानीय तेल पेराई मिलों को 7-8 रुपये प्रति किलो के होने वाले नुकसान के बारे में भी तो बताना चाहिये था। तेल कीमतों के टूटने के बावजूद उपभोक्ताओं को इस गिरावट का लाभ क्यों नहीं मिल रहा इसके बारे में सरकार को जानकारी देनी चाहिये थी, तभी सरकार सस्ते आयातित तेल से देशी तेल-तिलहन उद्योग, देश के किसानों के बचाव का रास्ता खोजेगी।
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