आर्डर..आर्डर नहीं, यहां लंबित..लंबित है न्याय
देश भर के कोर्ट में पेंडिंग पड़े केस स्पष्ट करते हैं कि त्वरित न्याय के जनादेश को पूरा करने के लिए अभी बहुत कुछ करने की . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : January 04, 2018, 10:13 IST
देशभर के न्यायालयों में पेंडिंग केस पर लगातार चर्चा हो रही है. मांग हो रही है कि इनके जल्द निपटारे के लिए खाली पड़े जजों की पोस्ट भरी जाए. देशभर के कोर्ट में पेंडिंग पड़े केस स्पष्ट करते हैं कि त्वरित न्याय के जनादेश को पूरा करने के लिए अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है.
नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड (NJDG) पेंडिंग ऑर्डर कैसे दें के वेब पोर्टल और कोर्ट के वेबसाइट्स से मिले डाटा बताते हैं कि पिछले कुछ सालों से पेंडिंग केस पर ज्यूडिशियरी और सरकार के बीच लंबी बातचीत के बाद भी कोई बदलाव नहीं आया है. सुप्रीम कोर्ट में पांच साल से पुराने केस 30 फीसदी से ज्यादा हैं.
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय को उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, एपेक्स कोर्ट में 18 दिसंबर तक 54,719 केस पेंडिंग हैं. पांच साल से ज्यादा तक पेंडिंग रहने वाले केसों की संख्या 15,929 है जो कि कुल केस का 29 फीसदी है. वहीं, 10 साल से ज्यादा तक पेंडिंग पड़े केसों की संख्या 1550 हैं. इन दोनों डाटा को एक साथ देखें तो पांच साल से ज्यादा समय से पेंडिंग केसों की संख्या कुल केसों की एक तिहाई पेंडिंग ऑर्डर कैसे दें है.
हाल ही में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने देश के सभी 24 हाईकोर्ट को चिट्ठी लिख कर कहा था कि छुट्टियों में भी बेंच बैठाएं और पेंडिंग पड़े क्रिमिनल केस की जल्द से जल्द सुनवाई करें और फास्ट ट्रैक आधार पर फैसला दें. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में एक एरियर्स कमेटी भी होती है जो जिला कोर्ट और हाईकोर्ट में पेंडिंग केसों को कम करने के लिए स्टेप्स तैयार करती है.
हर हाईकोर्ट में कितने केस लंबित
औसतन हर हाईकोर्ट में 1.65 लाख केस पेंडिंग हैं. NJDG में उपलब्ध डेटा के मुताबिक, 26 दिसंबर तक हाईकोर्ट में 34.27 लाख केस पेंडिंग हैं. इसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट और जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट को शामिल नहीं किया गया है. उत्तर प्रदेश सरकार के कानून डिपार्टमेंट से उपलब्ध डाटा के मुताबिक वहां 3.2 लाख केस पेंडिंग ऑर्डर कैसे दें पेंडिंग हैं. ऐसे में 23 हाईकोर्ट को मिलाकर 37.47 लाख केस पेंडिंग हैं.
डाटा बताता है कि 34.27 लाख पेंडिंग केस में 7.46 लाख केस 5 से 10 साल पुराने हैं. यह कुल केस का 22 फीसदी है. वहीं, 6.42 लाख केस 10 साल पुराने हैं जो कि कुल केस का 19 फीसदी है. सबको साथ मिलाकर देखें तो लगभग 40 फीसदी केस 5 साल से पेंडिंग पड़ी हुई हैं
बता दें कि 24 हाईकोर्ट में 1079 अनुमोदित जजों में 395 जजों की पोस्ट खाली है. यह बताता है कि 36 फीसदी जजों की पोस्ट खाली है. कलकत्ता हाईकोर्ट, कर्नाटक हाईकोर्ट, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट, मणीपुर हाईकोर्ट और मेघालय हाईकोर्ट में अप्रूव जजों की संख्या में 50 फीसदी खाली पेंडिंग ऑर्डर कैसे दें है. देश के अधीनस्थ न्यायालयों (सबऑर्डिनेट कोर्ट) में 2.6 करोड़ केस पेंडिंग हैं. इसमें अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, पुडुचेरी और लक्षदीप के पेंडिंग केस शामिल नहीं हैं.
उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर
पेंडिंग केसों में उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर है जहां 61.58 लाख पेंडिंग केस हैं. यह कुल नंबर का एक चौथाई है. इसके बाद महाराष्ट्र में 33.22 लाख, पश्चिम बंगाल में 17.59 लाख, बिहार में 16.58 लाख और गुजरात 16.45 लाख पेंडिंग केस हैं. पिछले तीन साल से यह ट्रेंड चल रहा है इनकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है.
हाईकोर्ट और उससे संबंधित सरकार से मिली जानकारी के अनुसार, 30 नवंबर तक जिला कोर्ट और अधिनस्थ कोर्ट में ज्यूडिशियल अफसरों की स्वीकृत स्ट्रेंग्थ 22, 677 है. जबकि 5984 पोस्ट खाली हैं. यह कुल पोस्ट का 26.38 फीसदी है. उत्तर प्रदेश, बिहार और गुजरात इन तीन राज्यों में सबसे ज्यादा ज्यूडिशियल अधिकारियों की पोस्ट खाली है.
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Cyber Fraud: साइबर क्रिमिनल्स लगातार फर्जीवाड़े के तरीके बदल रहे हैं. अब एक नया तरीका कैश ऑन डिलिवरी का आया है, जिसमें सामने वाले को कहीं से पता ही नहीं चलता कि वह ठगों के जाल में फंस रहा है. इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं. आइए जानते हैं क्या है ये तरीका.
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Cyber Fraud New Trick: साइबर ठगी से जुड़ी कई खबरों को पढ़ने के बाद अगर आप ये सोचते हैं कि आप सेफ हैं तो इस खबर को जरूर पढ़ें, क्योंकि खुद को सुरक्षित समझने की गलती आप पर भारी पड़ सकती है. दरअसल, लोगों के जागरूक होने की वजह से क्रिमिनल्स भी फर्जीवाड़े के तरीके बदल रहे हैं. इसी कड़ी में एक नया तरीका डिलिवरी का आया है, जिसमें सामने वाले को कहीं से पता ही नहीं चलता कि वह ठगों के जाल में फंस रहा है. इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं. यहां हम आपको फ्रॉड की इस तरीके के बारे में विस्तार से बताएंगे. साथ ही आपको देंगे टिप्स कि आप कैसे इस तरह की ठगी से बच सकते हैं.
अब इन नए तरीकों से हो रही ठगी
1. डिलिवरी कैंसिल कराने के नाम पर
रिपोर्ट के मुताबिक, नजफगढ़ में रहने वाले पंकज सिंह के पास कुछ दिन पहले एक कॉल आई. कॉल करने वाले ने बताया कि सर मैं पार्सल लेकर आपके घर के बाहर खड़ा हूं. पंकज ने कोई भी ऑनलाइन शॉपिंग नहीं की थी, लेकिन मामला जानने के लिए वह नीचे गए. डिलिवरी बॉय से पूछा तो पेंडिंग ऑर्डर कैसे दें उसने कहा कि आपने कैश ऑन डिलिवरी में कुछ बुक किया था. आपको पेंडिंग ऑर्डर कैसे दें इस ऑर्डर के लिए पैसा देना होगा. पंकज ने साफ इनकार कर दिया कि मैंने ऐसा कोई ऑर्डर नहीं किया है, इसे आप कैंसिल करो. डिलिवरी बॉय पेंडिंग ऑर्डर कैसे दें ने नाटक करते हुए कस्टमर केयर को फोन लगाया और फिर पंकज की बात पेंडिंग ऑर्डर कैसे दें कराई. बातचीत के दौरान कॉल पर मैजूद शख्स ने पंकज से कहा कि ऑर्डर कैंसिल हो जाएगा, लेकिन इस प्रोसेस के लिए आपको मोबाइल पर आया पेंडिंग ऑर्डर कैसे दें ओटीपी बताना होगा. पंकज उनकी बातों में आ गए और कॉल पर रहते हुए उस शख्स को ओटीपी बता दिया. इसके बाद उसने कहा कि आपका ऑर्डर कैंसिल हो गया है. डिलिवरी बॉय भी वहां से चला गया. पंकज वापस अपने कमरे में आए, लेकिन इसी दौरान उनके मोबाइल पर बैंक से मैसेज आया, जिसमें खाते में मौजूद सारे पैसे निकलने की बात थी. मैसेज देखकर उनके होश उड़ गए. कुछ देर बाद उन्हें पता चला कि वह डिलिवरी के नाम पर ठगी के शिकार हो चुके हैं.
2. पेंडिंग EMI के लिए पुलिस अफसर बनकर
ठग अब पुलिस अफसर बनकर पेंडिंग ईएमआई के लिए कस्टमर को कॉल करते हैं और उनसे ठगी करते हैं. पिछले दिनों ही दिल्ली के पालम विहार थाने का एसएचओ बनकर ठगों ने एक शख्स को कॉल किया और कहा कि आपकी कोई ईएमआई पेंडिंग है. इसकी शिकायत कंपनी की तरफ से हमारे पास आई है. अपनी ईएमआई का भुगतान फौरन करो, नहीं तो हम केस दर्ज करेंगे. इसके बाद उस फर्जी एसएचओ ने उस व्यक्ति को एक नंबर दिया औऱ कहा कि ये वकील है इससे बात कर लो. उन्होंने जब उस नंबर पर कॉल किया तो सामने वाले ने खुद को वकील बताते हुए पैसे ट्रांसफर करा लिए.
अगर कोई आपके पास सामान लेकर आए और कहे कि आपने बुक कराया है तो उससे उसका सबूत मांगें, साथ ही अपनी तरफ से भी सबूत दिखा दें कि आपने कोई ऑर्डर नहीं किया है. प्रमुख शॉपिंग वेबसाइट या ऐप के पेज पर जाकर दिखा सकते हैं कि आपने कोई ऑर्डर नहीं किया.
अगर लोन या ईएमआई पेंडिंग को लेकर कोई ऐसी कॉल आए जिसमें सामने वाला खुद को पुलिस अफसर बताए तो पहले उस नंबर को वेरिफाई करें. आप लोकल थाने में कॉल करके भी नंबर वेरिफाई कर सकते हैं.
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