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Bitcoin क्या है, बिटकॉइन की कीमत, यह कैसे काम करता है जानें यहां पर
Bitcoin kya Hai: साल 2009 में, एक गुमनाम डेवलपर ने खुद को सातोशी नाकामोटो के रूप में पेश किया और बिटकॉइन के विचार का सुझाव दिया। जबकि नाकामोटो ने 2010 में इस परियोजना को छोड़ दिया, उसके बाद यह समूह तेजी से बढ़ा। बिटकॉइन के मालिक उत्पादों को बेचने और खरीदने के साथ-साथ अन्य भौतिक मुद्राओं के लिए बिटकॉइन को स्वैप करने के लिए विभिन्न वेबसाइटों का उपयोग करते हैं। आगे आपको बताएंगे बिटकॉइन क्या है, इसकी कीमत क्या है और कैसे तय होती है साथ ही बताएंगे यह कैसे काम करता है?
बिटकॉइन एक Virtual Currency (भौतिक मुद्रा) है। जो की रुपए और डॉलर की तरह ही है लेकिन यह इनसे बिल्कुल ही अलग है क्योंकि बिटकॉइन को ना तो पैसे की तरह छू सकते हैं और ना ही देख सकते हैं बिटकॉइन का आविष्कार सतोशी नाकामोटो (Satoshi Nakamoto) ने 2009 में किया था। Bitcoin एक Cryptocurrency है। 1 बिटकॉइन के कीमत लाखों रुपए होती है। यह एक Decentralized Currency है, जिसका मतलब यह है की इसे कंट्रोल करने के लिए कोई भी बैंक या अथॉरिटी या सरकार नहीं है यानि के इसका कोई मालिक नहीं है।
बिटकॉइन की कीमत (बिटकॉइन कहां खर्च करें Bitcoin Price Today)
आज 1 बिटकॉइन की कीमत 28,23,404.94 रुपए है। तो वहीं बिटकॉइन कहां खर्च करें अन्य Cryptocurrency जैसे कि Ethereum(ETH) की कीमत 1,95,563 रुपए है और Tether(USDT) की कीमत 73.40 रुपए है। आपको बात दें की इन सभी मुद्राओं की कीमत हर रोज बदलती है। इसका पूरा कारोबार ऑनलाइन यानि की इंटरनेट पर होता है।
Bitcoin
बिटकॉइन कैसे काम करती है? (How Does Bitcoin Work?)
पीयर-टू-पीयर तकनीक के कारण बिटकॉइन बिना किसी अथॉरिटी या बैंकों के बिना संचालित बिटकॉइन कहां खर्च करें होता है। इसमे डिजिटल माध्यम से पेमेंट का मैसेज भेजना पड़ता है, जिसे दुनियभार में फैले विकेंद्रीकृत नेटवर्क के जरिए सत्यापित किया जाता है। बिटकॉइन ओपन-सोर्स है, जिसका अर्थ है कि इसका स्वामित्व किसी के पास नहीं है या इसका प्रबंधन नहीं करता है, और कोई भी भाग ले सकता है।
बिटकॉइन के कई अनूठे गुण इसे उन तरीकों से उपयोग करने की अनुमति देते हैं जो कोई अन्य भुगतान तंत्र नहीं कर पाया है।
बिटकॉइन वॉलेट क्या है? (What is Bitcoin Wallet?)
एक बिटकॉइन बिटकॉइन कहां खर्च करें वॉलेट में दो चाबियां होती हैं: एक सार्वजनिक कुंजी और एक निजी कुंजी। ये चाबियां एक साथ काम करती हैं ताकि मालिक को लेनदेन शुरू करने और डिजिटल रूप से हस्ताक्षर करने की अनुमति मिल सके, जिससे authorization साबित हो सके।
आप क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के साथ खाता खोलकर, फंड ट्रांसफर करके और उस पूंजी से बिटकॉइन खरीदकर बिटकॉइन में निवेश शुरू कर सकते हैं। बता दें की कई क्रिप्टो एक्सचेंज यह सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
आइए हम वज़ीरएक्स (WazirX) एक्सचेंज पर विचार करें, जिसमें एक त्वरित और आसान खाता खोलने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, यह वेबसाइट उपयोग और लेनदेन में काफी आसान है, जिससे खाता खोलना और बिटकॉइन खरीदना आसान हो जाता है। वज़ीरएक्स की दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, बिनेंस के साथ भी साझेदारी है।
बिटकॉइन घोटाले में कर्नाटक के सीएम बोम्मई को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ेगी: कांग्रेस नेता
Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 10, 2021 20:22 IST
Image Source : PTI FILE कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे ने आरोप लगाया कि 'बिटकॉइन घोटाले' के चलते मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ेगी।
बेंगलुरु: कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे ने बुधवार को आरोप लगाया कि 'बिटकॉइन घोटाले' के चलते मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ेगी और वर्ष 2008-13 की तरह ही इस बार भी बीजेपी सरकार को तीसरा मुख्यमंत्री देखना पड़ेगा। विधायक खड़गे ने आरोप लगाया, 'यह सरकार बिटकॉइन घोटाले को चरणबद्ध तरीके से बंद करने का प्रयास कर रही है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता, उनके बच्चे और अधिकारी इसमें लिप्त हैं। ये कई करोड़ रुपये का घोटाला है और मादक पदार्थ संबंधी मामले निपटाने और स्थानांतरण के लिए बिटकॉइन प्राप्त किये गए। निवेश घोटाले भी इसी के जरिए किये गए।'
‘येदियुरप्पा ने इस्तीफा देने से पहले मुझे मंत्री बनाने की शर्त नहीं रखी थी’
बीजेपी सरकार के वर्ष 2008-13 के कार्यकाल के दौरान बी. एस. येदियुरप्पा, डी. वी. सदानंद गौड़ा और जगदीश शेट्टार ने मुख्यमंत्री पद संभाला जबकि इस साल जुलाई में येदियुरप्पा के स्थान पर बोम्मई ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री का पद संभाला है। पूर्व मंत्री ने सरकार से सभी दस्तावेज सार्वजनिक करने और बिटकॉइन मामला प्रवर्तन निदेशालय या सीबीआई कों सौंपी जाने की मांग उठायी। खड़गे ने दावा किया कि बिटकॉइन घोटाला उस समय सामने आया, जब अमेरिका की आर्थिक अपराधा शाखा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय के समक्ष ये मुद्दा उठाया।
इस बीच, नयी दिल्ली में मौजूद बोम्मई ने खड़गे के आरोपों को लेकर संवाददाताओं के सवालों पर प्रतिक्रिया नहीं दी और कहा कि उन्हें पूरी जानकारी जुटाने के बाद बोलना चाहिए। बोम्मई ने कहा, 'इस मामले के संबंध में कांग्रेस नेताओं के नाम हैं, उन्हें इस बारे में चिंता करनी चाहिए।' सीसीबी अधिकारियों द्वारा शहर के एक हैकर श्रीकृष्ण उर्फ श्रीकी से 9 करोड़ रुपये के बिटकॉइन जब्त किए जाने के बाद पिछले कुछ समय से इस घोटाले में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लोगों के शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं।
RBI ला रहा भारत की पहली डिजिटल करेंसी, बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो से ये कैसे अलग?
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के इस दौर में कई बिटकॉइन कहां खर्च करें देश खुद की डिजिटल करेंसी (Digital Currency) लाने पर काम कर रहे हैं. RBI भी भारत की डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने के लिये काम कर रहा है और इसके दिसंबर तक आने की उम्मीद भी है. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने CNBC चैनल को इंटरव्यू में बताया कि भारत बिटकॉइन कहां खर्च करें अपने पहले डिजिटल करेंसी का ट्रायल प्रोग्राम इसी साल दिसंबर में शुरू कर सकता है.
हम इस बारे में बेहद सावधानी बरत रहे हैं क्योंकि भारत समेत पूरी दुनिया के लिए यह पूरी तरह से एक नया प्रोडक्ट है
क्या होती है डिजिटल करेंसी?
मान लीजिये आप एटीएम से पांच हजार बिटकॉइन कहां खर्च करें रुपये निकालने जाते हैं, वो पैसा आपके हाथ में आने के बजाय सीधा आपकी वॉलेट में चला जाये तो? मतलब आपके पास पैसा है लेकिन उसे आप आपने हाथों से छू नहीं सकते. इसे ही डिजिटल करेंसी कहा जाता है. आसान भाषा में कहा जाए तो डिजिटल करेंसी का रूप डिजिटल होता है. सबसे बड़ी बात ये सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त करेंसी होती है, जिसे देश की सेंट्रल बैंक जारी करता है.
अभी बैंक से विदेश पैसा भेजने में 2 से 3 दिन तक का समय लगता है और उसके लिए आपको बैंक को 500-1000 रुपये तक का एक्स्ट्रा चार्ज भी देना पड़ता है. हालांकि, डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल करके लोग चंद मिनटों में पैसा विदेश ट्रांसफर कर सकेंगे.
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) की क्यों पड़ी जरूरत?
भारत समेत पूरी दुनिया भर में बिटकॉइन और एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी की पॉपुलैरिटी किसी से छिपी नहीं है. चुंकि क्रिप्टो का कांसेप्ट पूरी तरीके से डी-सेंट्रलाइज्ड है, इसको रेगुलेट करने का जिम्मा किसी भी देश की सरकार या बैंक के पास नहीं होता. ऐसे में दुनिया भर के कई सेंट्रल बैंक चिंतित हैं कि क्रिप्टो बिटकॉइन कहां खर्च करें कि वजह से कहीं उनका फाइनेंशियल सिस्टम पर कंट्रोल ना खत्म हो जाए. इसी समस्या को देखते हुए कई देश अपनी खुद की डिजिटल करेंसी लाने पर काम कर रहे हैं और कुछ तो ट्रायल फेज में भी पहुंच चुके हैं.
इसके अलावा नोटों और सिक्कों को छापने और स्टोर करने में भी सरकार को खर्च उठाना पड़ता है. डिजिटल करेंसी आने से गवर्नमेंट की ये लागत ना के बराबर हो जाएगी.
एंड टू एंड इंक्रीप्शन (encryption) होने के कारण क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन को ट्रैक नहीं किया जा सकता. नतीजन लोग इसका इस्तेमाल आंतकवादी, सट्टेबाजी जैसी गैर-कानूनी चीजों के लिये भी कर सकते हैं, ऐसा डर सरकारें जताती रही हैं.
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी के फर्क को समझिए
क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी सरकार का नियंत्रण नहीं होता है. जबकि किसी भी देश की डिजिटल करेंसी को उस देश की सरकार या सेंट्रल बैंक रेगुलेट करती है.
क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के द्वारा विकसित की जाती है जिस वजह से यह लिमिटेड है. जैसे बिटकॉइन की संख्या 21 मिलियन है, ये किसी भी हालत में इससे ज्यादा नहीं हो सकती. वहीं, चूंकि डिजिटल करेंसी पूरी तरीके से सेंट्रल बैंक के कंट्रोल में होती है, सेंट्रल बैंक अपनी सुविधा अनुसार कितनी भी डिजिटल करेंसी जारी कर सकता है.
क्रिप्टोकरेंसी की संख्या सीमित है. इसलिए इसके प्राइस में काफी ज्यादा उतार-चढ़ाव होता है. इसलिए भी लोग क्रिप्टो का इस्तेमाल किसी भी सामान की खरीद-बिक्री के लिये जल्दी नहीं करना चाहते हैं. ज्यादातर लोग क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल केवल इन्वेस्टमेंट और ट्रेड करने के लिये कर रहे हैं.
दुनिया की सबसे महंगी करंसी, एक बिटकॉइन की कीमत 17 लाख रुपए
सिक्के जैसी दिखने वाली क्रिप्टोकरंसी बिटकॉइन ने अब तक के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। एक साल के भीतर करंसी ने अपनी कीमत में 349 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की है, जो अब की किसी भी करंसी की तेजी का इतिहास है। इसके साथ ही एक बिटकॉइन की कीमत 23243 अमरीकी डॉलर पर पहुंच गई है, यानि भारतीय मुद्रा में करीब 17 लाख 10 हजार रुपए। इसके साथ ही बिटकॉइन का मार्केट कैप 31 लाख करोड़ को पार कर गया है। लॉकडाउन खुलने के बाद करंसी ने दो सौ गुना की तेजी हासिल की है।
विस्तार
क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता दुनियाभर में तेजी से बढ़ती जा रही है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मध्य अमेरिका के छोटे देश अल साल्वाडोर में अब दुनिया की पहली बिटक्वाइन शहर बनाने की तैयारी कर ली है। अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायिब बुकेले ने अपने देश की अर्थव्यवस्था में निवेश को बढ़ाने के लिए क्रिप्टो बिटकॉइन कहां खर्च करें करेंसी पर बड़ा दांव लगाने का ऐलान किया है।
ईस्टर्न रीजन में की जाएगी स्थापित
राष्ट्रपति बुकेले ने कहा है कि यह शहर ला यूनियन के ईस्टर्न रीजन में बनाया जाएगा और इसे ज्वालामुखी के जरिए जियोथर्मल पॉवर दिया जाएगा। इसके अलावा इस पर वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) के अलावा अन्य कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा. बुकेले ने अपने संबोधन में निवशेकों के लिए कहा कि यहां निवेश करिए और भरपूर रिटर्न हासिल करिए। इस श्हर को बिटक्वाइन पर आधारित बॉन्ड के जरिए फंड किया जाएगा।
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