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Catering Business: कम निवेश में ऐसे शुरू करें कैटरिंग बिजनेस, इन टिप्स को करें फॉलो

Catering Business: कम निवेश में ऐसे शुरू करें कैटरिंग बिजनेस, इन टिप्स को करें फॉलो

भारत में कैटरिंग का बिजनेस एक प्रॉफिटेबल बिजनेस है. अगर आपको तरह-तरह के खाने के बारे में खास नॉलेज है और आप लजीज खाना बना सकते हैं, तो आपके लिए कैटरिंग का बिजनेस शुरू करना एक अच्छा आइडिया साबित होगा. कैटरिंग बिजनेस के तहत विभिन्न स्थानों और आयोजनों जैसे- ऑफिस, हॉस्पिटल, होटल, शादी, जन्मदिन, सालगिरह आदि में फूड सर्विस प्रदान की जाती है. गृहणियां जो लाजवाब खाना बनाती हैं, वो भी इस बिजनेस को शुरू कर सकती हैं. यह बिजनेस खूब चलता है और इसमें कमाई भी खूब है. आप इस बिजनेस को कई तरह से शुरू कर सकते हैं.

आप इस बिजनेस को अपनी सुविधा के हिसाब से छोटे और बड़े स्तर पर शुरू कर सकते हैं. छोटे स्तर पर बिजनेस शुरू कर आप जन्मदिन, सगाई जैसे छोटे आयोजनों के ऑर्डर ले सकते हैं. बड़े स्तर पर बिजनेस शुरू कर आप शादी जैसे बड़े आयोजनों के ऑर्डर ले सकते हैं. यह पूरी तरह से आप पर निर्भर है. आप चाहें तो छोटे से शुरुआत कर फायदा होने पर ग्राहकों के दायरे को बढ़ा सकते हैं. यहां हम आपको इस बिजनेस से जुड़े कुछ स्टेप्स बता रहे हैं.

बिजनेस प्लान

सबसे पहले अपना बिजनेस प्लान रेडी करें. फाइनल करें कि आप किस तरह का कैटरिंग बिजनेस शुरू करना चाहते हैं. आप अपनी सर्विस कहां-कहां और कैसे देंगे. बिजनेस प्लान अपने बजट के अनुसार तैयार करें, और फिर उसी हिसाब से अपने खर्चों की लिस्ट बनाएं.

जरूरी आइटम की लिस्ट बनाएं

आपके बिजनेस में किन-किन चीजों की जरूरत होगी उन सभी चीजों की एक लिस्ट बनाएं. आप किस स्तर पर अपना बिजनेस शुरू कर रहे हैं, आइटम की लिस्ट उसके अनुसार ही बनेगी. तरह-तरह की खाद्य सामग्री, अलग-अलग प्रकार के बर्तन, उपयोग में आने वाली मशीनें इस लिस्ट में यह सभी चीजें शामिल करें.

मेनू और प्राइस तय करें

अपनी एक प्राइस लिस्ट तैयार करें. ध्यान रखें कि शुरुआत में अपने प्राइस अन्य प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले कम ही हों, ताकि ग्राहक आपके पास आ सकें. प्राइस तय करने से पहले मार्केट रिसर्च जरूर करें.

कानूनी कार्रवाई

हर बिजनेस को कानूनी तरह से चलाना जरूरी है. अपने बिजनेस में सभी कानूनी चीजों का पालन करें और अपना बिजनेस रजिस्टर करें. इससे ग्राहकों का आप पर भरोसा बढ़ेगा साथ ही आप भी बिजनेस आराम से बिना किसी समस्या के चला पाएंगे. यह बिजनेस खाद्य से जुड़ा बिजनेस है, इसके लिए फूड ऑपरेटर लाइसेंस प्राप्त करें. इसे भारत खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा जारी किया जाता है.

मार्केटिंग

ग्राहकों तक पहुंचने के लिए मार्केटिंग के विभिन्न तकनीकों को अपनाएं. ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से मार्केटिंग करें. सोशल मीडिया पर पेज बनाएं, वहां अपने बिजनेस से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो डालें. इसके अलावा अपने बिजनेस की एक वेबसाइट भी बनाएं. वेबसाइट पर अपनी सर्विस को ठीक से डिस्क्राइब करें. हालांकि मार्केटिंग से ज्यादा जरूरी है कि आप खाने की क्वालिटी और टेस्ट को बनाएं रखें. इससे ग्राहक खुद आपकी मार्केटिंग करेंगे.

Startup idea: ₹17000 की पूंजी में, ₹18000 महीने की इनकम

भारत में लाखों लोग ₹18000 महीना कमाने के लिए करीब 10 से 12 घंटे काम करते हैं। बहुत सारे लोगों में अपना उद्यम स्थापित करने की क्षमता होती है परंतु उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं होती कि उनके अंदर एक सफल उद्यमी मौजूद है। उनका निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं? कमजोर कॉन्फिडेंस उन्हें सारी जिंदगी कर्मचारी बनाए रखता है लेकिन एक बात है भारत का लगभग हर नागरिक अपनी लाइफ में कम से कम एक बार तो यह प्लान करता है कि यदि वह अपना स्टार्टअप शुरू करें तो क्या होगा। आज हम इसी टॉपिक पर डिस्कस करेंगे और हमारे साथ मौजूद है श्री करण सामल जो National Institute of Securities Markets (NISM) से ग्रेजुएट है, Wipro में काम कर चुके हैं और इन दिनों अपनी स्टडी का फायदा उठाते हुए कई कंपनियों में अपनी पूंजी निवेश करते हैं।

₹1 लाख से कम पूंजी में शुरू होने वाले स्टार्टअप | home business ideas with low startup costs

कांच के बोतलों का इंतज़ाम करना है। एक बोतल की कैपेसिटी 300 ML की होती है। एक साथ 1000 बोतल का आर्डर देने पर आपको एक बोतल की कीमत 8 रुपये की आएगी। खर्चा : 8000 रुपये।

फूड प्रोडक्शन एट होम की बिक्री कैसे होगी

अब आपको अपने इस ब्रांड को लिस्ट करवाना है जोमाटो, स्विग्गी, उबर इट्स, फूडपांडा जैसे फ़ूड डिलीवरी कंपनियों के एप्प पर।

प्लेन मिल्कशेक, कोल्ड कॉफ़ी, चॉकलेट मिल्कशेक, मैंगो मिल्कशेक, स्ट्रॉबेरी मिल्कशेक इत्यादि। अगर हर एक मिल्कशेक का थिक वर्शन बना सकें तो और भी ज्यादा बेहतर।

शुरुआत में प्रोडक्ट की प्राइस कैसे तय करें

हर प्रकार के मिल्कशेक के लिए सामग्री - कॉफ़ी, मैंगो स्क्वाश, स्ट्रॉबेरी स्क्वाश, चॉकलेट पाउडर इत्यादि : 5 रुपये।

लोग नया प्रोडक्ट क्यों खरीदेंगे

कुछ नामी ब्रांड हैं जो 200 रुपये, 250 रुपये, 400 रुपये के मिल्कशेक बेच रही हैं। एक मिल्कशेक के लिए 400 रुपये।

आप अच्छी से अच्छी मिल्कशेक 100 रुपये के अंदर दे रहे हैं। जब ब्रांड का थोड़ा नाम हो जाये, तब आप भी एक्सोटिक मिल्कशेक दे सकते हैं लेकिन कीमत 150 के अंदर ही रखियेगा।

कमाई: क्यूंकि व्यापार घर से ही हो रहा है तो रेंट देने का टेंशन नहीं। एक मिल्कशेक भी बिक जाए तो 40 रुपये का मुनाफा आपकी जेब में।

सुबह 8 बजे से रात 11 बजे तक, 15 घंटों में अगर 15 मिल्कशेक भी बिक जाएँ (शुरुवात में इस से ज्यादा की उम्मीद करना ठीक नहीं) तो मुनाफा हो गया : 40*15 = 600 रुपये।

है ना कितना आसान। मात्र ₹17000 की पूंजी में आप ₹18000 महीना कमा सकते हैं। किस्मत अच्छी विदेश से भी ज्यादा। और जैसे-जैसे आप लोकप्रिय होते जाएंगे आपकी कमाई बढ़ती जाएगी। इंक्रीमेंट के लिए आपको फाइनेंसियल ईयर खत्म होने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सवाल यह है कि क्या केवल ₹17000 की पूंजी में ₹18000 महीने सही में कमाए जा सकते हैं। तो यहां आप को समझना चाहिए कि पूंजी मात्र ₹17000 नहीं है बल्कि आपकी क्षमता और योग्यता का उपयोग किया जा रहा है। कोई भी व्यापारी ऐसा ही करता है। आपकी क्षमता और योग्यता से ₹18000 महीने कमाता है और आपको ₹8000 थमा देता है।


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PolicyBazaar IPO और Share price: जानिए पॉलिसी बाजार में पैसा लगाना कैसा

पॉलिसीबाजार और पैसाबाजार की मूल इकाई पीबी फिनटेक लिमिटेड लिस्टिंग के बाद दुनिया में सबसे मूल्यवान बीमा बाजार के रूप में उभरी है। स्टॉक निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं? सोमवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में 1,203 रुपये पर बंद हुआ, जो इसके आईपीओ मूल्य से 22.74% अधिक है, कंपनी का मूल्य 7.27 बिलियन डॉलर या 54,043 करोड़ रुपये है।
पीबी फिनटेक, जो पॉलिसीबाजार और पैसाबाजार चलाता है, ने सोमवार को एक्सचेंजों पर अपनी शुरुआत की, जोमैटो और निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं? नायका के बाद भारत में सूचीबद्ध होने वाला तीसरा हाई-प्रोफाइल उपभोक्ता इंटरनेट स्टार्टअप बन गया। बता दें कि पॉलिसीबाजार ने टेक्नोलॉजी, डेटा और नवाचार की शक्ति का लाभ उठाते हुए बीमा और लेंडिंग प्रोडक्ट के लिए भारत का सबसे बड़ा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाया है। कंपनी बीमा, ऋण और अन्य वित्तीय उत्पादों तक सुविधाजनक पहुंच प्रदान करती है और इसका उद्देश्य भारतीय परिवारों में मृत्यु, बीमारी और क्षति के वित्तीय प्रभाव के बारे में जागरूकता पैदा करना निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं? है।
पॉलिसी बाजार आईपीओ क्या है?

एक Initial Public Offering आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) तब होती है जब कोई कंपनी पहली बार जनता के लिए आम स्टॉक या शेयर जारी करती है। यह वह प्रक्रिया है जहां एक निजी तौर पर आयोजित कंपनी अपने स्टॉक की शुरुआती बिक्री के साथ सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी बन जाती है। आईपीओ एक उपकरण है जिसका उपयोग कंपनियां भविष्य में उपयोग के लिए निवेश के माध्यम से पूंजी सुरक्षित करने के लिए करती हैं। ज्यादातर मामलों में, इस निवेश का उपयोग व्यवसाय के विस्तार या सुधार के लिए किया जाता है। ऐसे ही पॉलिसी बाजार ipo है इसमें Info Edge, Premji Invest, Softbank, Tiger Global और Temasek जैसे दिग्गज निवेशकों ने पैसा लगा रखा है।

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पॉलिसी बाज़ार प्राइस बैंड क्या है?

(Policprice band) प्राइस बैंड एक प्राइस फ्लोर और एक कैप है जिसके बीच एक विक्रेता खरीदारों को एक सुरक्षा पर बोली लगाने देगा, आमतौर पर एक प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के दौरान ही ये होता है।

पॉलिसी बाजार आईपीओ के लिए “Minimum Order Quantity” क्या है?

Minimum Order Quantity, जैसा कि नाम से पता चलता है, एक आईपीओ में बोली लगाने के दौरान निवेशक न्यूनतम शेयरों की संख्या लागू कर सकते हैं। यदि निवेशक अधिक शेयरों के लिए बोली लगाना चाहते हैं, तो वे शेयरों के आईपीओ मार्केट लॉट (लॉट साइज या आईपीओ बिड लॉट) के गुणकों में आवेदन कर सकते हैं।

अपना शेयर अलॉटमेंट स्टेटसबनिवेशक रजिस्ट्रार की वेबसाइट लिंक इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड या बीएसई की वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं.

Link Intime India पर चेक करें अलॉटमेंट स्टेटस

निवेशक अलॉटमेंट फाइनल होने के लिंक इनटाइम इंडिया वेबसाइट के आईपीओ स्टेटस सेक्शन https://linkintime.co.in/MIPO/Ipoallotment.html में चेक कर सकते हैं।
आपको यहां ‘Policybazaar — IPO’ सेलेक्ट करना होगा।

अब आप एप्लीकेशन नंबर या डीपी आईडी/क्लाइंट आईडी या पैन, इन तीनों में से कोई एक विकल्प सेलेक्ट करे। ।अब डिटेल्स भरने निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं? के बाद
कैप्चा कोड भरकर सबमिट कर दें।अब आपको स्क्रीन पर जितने शेयरों के लिए अप्लाई किया गया था और कितने शेयर अलॉट हुए हैं, इसकी पूरी जानकारी मिल जाएगी।

बीएसई पर कैसे देखें करें अलॉटमेंट

निवेशक स्टॉक एक्सचेंज बीएसई की वेबसाइट https://www.bseindia.com/investors/appli_check.aspx पर भी अपना अलॉटमेंट स्टेटस चेक कर सकते हैं।

इसके लिए आपको इक्विटी और ड्राप डाउन मेन्यू में से आईपीओ चुनना होगा।
यहां आपको अपना एप्लीकेशन नंबर और पैन भरना होगा।
इसके बाद पहले आपको ‘I am not a Robot’ पर क्लिक करना होगा। इतना करने के बाद आपको सर्च पर क्लिक करना होगा। अब आपकी स्क्रीन पर स्टेटस डिटेल्स आ जाएगी। आप अब अपने शेयर की जानकारी ले सकते है

बता दें कि पॉलिसी बाजार की स्थापना साल 2008 में हुई थी। कंपनी ने एसएमई (SMEs), एमएसएमई (MSMEs) और बड़े कॉरपोरेट्स के लिए एक नए ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस कार्यक्रम की घोषणा की थी। पॉलिसी बाजार कंपनी इंश्योरेंस एग्रीगेटर के रूप में काम करती थी। इसके अलावा कंपनी हाल ही में यह एक इंश्योरेंस ब्रोकर बन गई। पॉलिसी बाज़ार कंपनी में सॉफ्टबैंक, इन्फो एज, टेमासेक, टेनसेंट, टाइगर ग्लोबल जैसे कई बड़े निवेशक हैं। कंपनी की कामयाबी और आईपीओ की बढ़त से निवेशकों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है।

एक निवेशक निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं? को आईपीओ में शेयरों के लिए किस श्रेणी में बोली लगानी चाहिए?

अगर कोई निवेशक 2 लाख रुपये से कम की बोली लगाना चाहता है, तो उसे रिटेल सेगमेंट में आवेदन करना होगा। यदि कोई निवेशक 2 लाख रुपये से अधिक की बोली लगाना चाहता है, तो उसे एचएनआई निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं? सेगमेंट में आवेदन करना होगा।

कट ऑफ प्राइस क्या है?

कट-ऑफ मूल्य ऑफ़र मूल्य है, जिसे कंपनी द्वारा बुक रनिंग लीड मैनेजर्स (बीआरएलएम) के परामर्श से अंतिम रूप दिया जाता है, जो कि प्राइस बैंड के भीतर कोई भी कीमत हो सकती है। कट-ऑफ मूल्य पर लागू होने का मतलब है कि निवेशक कंपनी द्वारा बुक-बिल्डिंग प्रक्रिया के अंत में जो भी कीमत तय की जाती है, उसका भुगतान करने के लिए तैयार है।

कट-ऑफ मूल्य पर आवेदन करते समय, एक निवेशक को बोली लगाते समय उच्चतम कीमत चुकानी पड़ती है। यदि कोई कंपनी आईपीओ के लिए मांगी गई उच्चतम कीमत से कम अंतिम कीमत तय करती है, तो बचे हुए पैसे खुदरा निवेशक को वापस कर दीए जाते है।

क्या एक निवेशक एक ही नाम के कई आवेदनों निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं? के माध्यम से आईपीओ में आवेदन कर सकता है?

नहीं, एक व्यक्ति आईपीओ के लिए एक ही डीमैट/पैन के साथ कई बार आवेदन नहीं कर सकता है। यदि कोई निवेशक एक ही डीमैट खाते या एक ही पैन नंबर के साथ कई आवेदनों के बावजूद आईपीओ में आवेदन करता है, तो उसके आवेदन खारिज कर दिए जाएंगे।

यदि कोई निवेशक कई आवेदनों के लिए आदेश देना चाहता है, तो वह अपने परिवार के सदस्य के नाम के साथ आवेदन कर सकता है। लेकिन, परिवार के सभी पात्र सदस्यों के पास एक डीमैट खाता और एक पैन नंबर होना चाहिए।

2 साल पुराना स्टार्टअप और 18 साल का फाउंडर, यूनिक लगा आइडिया तो रतन टाटा ने किया बड़ा निवेश

टाइम्स नाउ डिजिटल

Ratan Tata investment in 18 Years old Youth Company: भारत के जाने माने उद्योगपति रतन टाटा ने 16 साल की उम्र में अपना स्टार्टअप शुरु करने वाले युवा की कंपनी में निवेश किया है।

Ratan Tata with Arjun DeshPande

  • 16 साल की उम्र में युवा ने शुरु किया था स्टार्टअप
  • जेनरिक आधार कंपनी में टाटा ने किया निवेश
  • 2 साल पुरानी कंपनी का लक्ष्य- 3 साल में 150-200 करोड़ का रेवेन्यू

नई दिल्ली: मशहूर उद्योगपति रतन टाटा ने कुछ देर पहले एक ऐसी स्टार्टअप कंपनी में निवेश किया है जो महज 2 साल पुरानी है और जिसकी स्थापना करने वाला शख्स अभी 18 साल का है और 16 साल की उम्र में उसने स्टार्टअप शुरु किया था। कंपनी का नाम है 'जेनरिक आधार' और इसके फाउंडर हैं अर्जुन देशपांडे। कई रिपोर्ट्स में ऐसा कहा जा रहा है कि टाटा ने कंपनी में 50 फीसदी तक हिस्सेदारी खरीद ली है हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है और डील कितने में हुई उसको लेकर भी कुछ भी सामने नहीं आया है।

क्या करती है कंपनी? 'जेनरिक आधार' नाम की कंपनी दवा के खुदरा व्यापार से जुड़ी हुई है। यह कंपनी मैन्युफैक्चर्स से दवा लाकर सीधे रिटेलर्स को बेचने का काम करती है।

3 साल में 150-200 करोड़ के रेवेन्यू का लक्ष्य: फिलहाल जेनरिक आधार नाम की कंपनी का रेवेन्यू 6 करोड़ रुपए है और आने वाले अगले 3 सालों में इसके 150 से 200 करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है।

छोटी उम्र में शुरु किया नया बिजनेस मॉडल: अर्जुन देशपांडे की उम्र जब 18 साल थी तब उन्होने अपने स्टार्टअप की शुरुआत की थी, यह निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं? एकदम निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं? नए बिजनेस मॉडल पर आधारित है और फॉर्मेसी एग्रीगेटर बिजनेस मॉडल को फॉलो करता है।

82 वर्षीय टाटा भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक सक्रिय निवेशक रहे हैं और उन्होंने पेटीएम, ओला और अर्बन लैडर जैसी कंपनियों में निवेश किया है।

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क्या बोले अर्जुन? जेनरिक आधार के संस्थापक और सीईओ अर्जुन देशपांडे ने कहा, 'जब रतन टाटा को व्यवसाय योजना के बारे में पता चला, तो उन्होंने व्यक्तिगत क्षमता में इस मिशन का हिस्सा बनने का फैसला किया और जेनेरिक आधार को हर भारतीय तक पहुंचाने में मदद की।' हालांकि, स्टार्टअप ने निवेश राशि का खुलासा नहीं किया है।

वर्तमान में, जेनेरिक आधार मधुमेह और उच्च रक्तचाप की दवाओं की आपूर्ति करता है, लेकिन दावा किया जा रहा है कि जल्द ही बाजार मूल्य से बहुत कम दरों पर कैंसर की दवाओं की भी पेशकश कंपनी शुरू कर देगी। यह पालघर, अहमदाबाद, पांडिचेरी और नागपुर में चार डब्ल्यूएचओ-जीएमपी प्रमाणित निर्माताओं के साथ जुड़ी हुई है।

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