कृषि मंत्री बोले-ऐसी फसल उगाई क्यों, जिसके रेट कम मिलें: किसान ने मंत्री कमल पटेल को फोन लगा बताई परेशानी, पूछा लहसुन का भाव
मध्यप्रदेश सरकार को कृषि के क्षेत्र में कई बार केंद्र सरकार से कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुका है, लेकिन इसके बाद भी प्रदेश के किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम नहीं मिल पा रहा है। इस बार प्रदेश में लहसुन की बम्पर पैदावार हुई है, पर किसानों को उचित भाव नहीं मिल रहे। हालात ये हैं कि लगातार घाटे के चलते किसान लहसुन की फसल को बोरों में भरकर नदी-नालों में फेंक रहे हैं। लहसुन के सही दाम न मिलने से परेशान धार जिले के सुनील पाटीदार नाम के किसान ने कृषि मंत्री कमल पटेल को फोन कर दिया। किसान ने मंत्री को अपनी मजबूरी बताई, तो मंत्री ने भी अपनी बेबसी बता दी। हालांकि कमल पटेल ने उन्हें आश्वासन भी दिया। इस बातचीत का ऑडियो सामने आया है।
पढ़िए, किसान-मंत्री के बीच बातचीत के अंश
किसान- जय श्री राम
कृषि मंत्री- कौन बोल रहा है?
किसान- जी, मैं सुनील पाटीदार बोल रहा हूं धार जिले से।
कृषि मंत्री- हां बोलो।
किसान- सर, ये लहसुन का रेट क्या है?
कृषि मंत्री- लहसुन का रेट मैं कहां से दूं। यार भैया.. थोड़े दिन दो महीने रुको रेट चार गुना हो जाएंगे।
किसान- कहां से हो जाएंगे, नई फसल आने वाली है एक महीने बाद।
कृषि मंत्री- तो फिर एक महीने बाद नई लगने वाली है, तो अब तक रेट कहां गए थे?
किसान- वही तो समझ नहीं आ रहा था। 700-800 तो फरवरी मार्च से चल रहे थे।
कृषि मंत्री- फसल कब आएगी?
किसान - फसल अब नवंबर में लगने वाली है। अब फरवरी में एक फसल निकल गई। मैंने आपका एक स्टेटमेंट देखा एक और नई फसल आ रही है।
मंत्री बोले लहसुन-प्याज कृषि विभाग में नहीं उद्यानिकी में आता है
कृषि मंत्री- कोई स्टेटमेंट नहीं हैं मेरा नई फसल पर। सुनो, मेरे पास कृषि विभाग है इसमें ये लहसुन-प्याज आता ही नहीं हैं। ये उद्यानिकी में आता है उद्यानिकी मंत्री से बात करो। मैं किसान हूं इसलिए तुम्हारा सपोर्ट करता हूं। मैं किसान के लिए कृषि मंत्री और कृषि मंत्री से इसका निर्यात खोलने की मांग करके आया हूं। निर्यात खुला हुआ है। कभी-कभी तुमको रेट डबल-ट्रिपल मिलता है।
किसान- वो तो मिलते हैं, मगर अभी दो साल से किसान परेशान हो रहा है।
कृषि मंत्री- तो ऐसी चीजें मत बोओ, जिसके रेट अच्छे मिलें वो उगाओ।
किसान- कौन सी फसल बोएं? प्याज के भी रेट ऐसे मिल रहे। किसान की लागत नहीं निकल रही। सोयाबीन भी राउस आ गए। फसल खराब हो गई। कोई अधिकारी धार जिले में सर्वे को भी नहीं आ रहा।
कृषि मंत्री- मूंग की फसल उगाओ, उसमें बहुत कमाई हो रही है।
किसान- धार जिले में मूंग होती नहीं है। हमारे जिले में सोयाबीन, मटर, गेहूं की खेती होती है।
कृषि मंत्री- अरे, तुम्हारे यहां तो नर्मदा जी की पाइप लाइन है न।
किसान- अभी कहां आई नर्मदा जी की पाइप लाइन उसे आने में तो सालों लग जाएंगे।
कृषि मंत्री- चलो ठीक है। तुम्हारे लिए कुछ करते हैं।
बुधवार को प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने के लिए कृषि मंत्री कमल पटेल भी पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा था कि लहसुन के रेट कम हैं।
मंत्री ने कहा था- एक साथ किसान मंडी पहुंचे, इसलिए कम मिल रहे रेट
खंडवा में बुधवार को हुई किसान मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने पहुंचे कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा था कि लहसुन के रेट कम हैं। फसल जब आती है, तो किसान एक साथ उसे मंडी ले जाता है रोकता नहीं है। व्यापारी हैं 100, उनकी क्षमता है एक हजार क्विंटल की। माल पहुंच जाता है दो हजार क्विंटल, तो व्यापारी क्यों बोली लगाएंगे? इसलिए दो महीने रेट कम रहते हैं उसके बाद किसान के पास से माल बड़े व्यापारी के पास स्टोरेज हो जाता है, तो वे 10 गुना कमाते हैं। हम ये कर रहे हैं कि किसानों के पास माल स्टोरेज करने की क्षमता हो। उसके लिए पैक हाउस, वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरज, फ्रीजर देने का काम एक लाख करोड़ रुपए के कृषि अधोसंरचना विकास फंड से दिलाएंगे। इसमें ब्याज में 3 प्रतिशत की छूट है। 40-50% सब्सिडी है। इसका फायदा किसानों को दिलाएंगे, ताकि किसान एक साथ मंडी में न जाएं। जब मांग बढ़ेगी तो रेट बढ़ेंगे।
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पिछले दिनों 45 पैसे से 1 रुपए प्रति किलो बिका लहसुन
लहसुन की कीमतों ने मालवा-निमाड़ सहित मध्यप्रदेश के किसानों को रुला दिया है। सबसे बड़े उत्पादक रतलाम, मंदसौर, नीमच, इंदौर की मंडियों में थोक में लहसुन 45 पैसे से 1 रुपए प्रति किलो खरीदा जा रहा है। इससे गुस्साए किसानों ने लहसुन लाना ही बंद कर दिया है। 8 दिन पहले मध्यप्रदेश में 61 हजार क्विंटल लहसुन आया था। 13 अगस्त को घटकर यह 3 हजार क्विंटल ही रह गया है। हालांकि किसान मानते हैं कि इसकी एक वजह त्योहार भी हैं, लेकिन वे भाव नहीं मिलने को ही बड़ा कारण बता रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर
नदियों में फेंक रहे लहसुन
प्रदेश में लहसुन की फसल के सही भाव न मिलने से नाराज किसान फसल को नदियों में फेंक रहे हैं। पिछले महीने सीहोर जिले के एक किसान ने पार्वती नदी में फसल फेंक दी थी। धार के नागदा के ग्राम गोपालखेडी के किसान कमल, कृष्णा सांखला और गणेश पवार लहसुन के 40 कट्टे बिक्री के लिए इंदौर लेकर गए थे, लेकिन मालभाड़ा समेत 1800 रुपए का नुकसान हो गया। इसके बाद तीनों किसानों ने 40 कट्टे लहसुन चामला नदी में फेंक दिए। आलोट, रतलाम, देवास के किसानों ने अलग-अलग तरह से विरोध भी जताया। पढ़ें पूरी खबर
मामले पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार हमला बोलते हुए ट्वीट किया और लिखा था कि लहसुन एक रुपए से भी कम में बिक रहा है। घाटे के कारण किसान इसे कभी आग के हवाले कर रहे हैं, कभी नदी में बहा रहे हैं। किसानों की आय दोगुनी तो नहीं हुई, लेकिन उत्पादन लागत जरूर दोगुनी हो गई है। खेती घाटे का धंधा बनती जा रही है। मैं सरकार से माँग करता हूं कि तत्काल आवश्यक निर्णय लेकर किसानों को राहत प्रदान की जाए।
Bid-Ask Spread क्या है? हिंदी में
Bid-ask Spread तत्काल बिक्री के लिए उद्धृत कीमतों और stocks, futures contracts, options, या currency pairs के लिए तत्काल खरीद के बीच का अंतर है। एक सुरक्षा में बिड-आस्क स्प्रेड का size market की तरलता और लेनदेन लागत के आकार का एक उपाय है।
बिड-आस्क स्प्रेड क्या है? हिंदी में [What is Bid-Ask Spread? In Hindi]
एक शेयर की कीमत किसी भी समय बाजार के मूल्य की समझ है और विशेष है। प्रत्येक बाजार सौदे में "bid" और "ask" क्यों है, इसका कारण समझने के लिए, दो मुख्य खिलाड़ी होने चाहिए, अर्थात् मूल्य लेने वाला (व्यापारी) और बाजार निर्माता (प्रतिपक्ष)।
बिड-आस्क स्प्रेड का उपयोग किसी दिए गए कमोडिटी की आपूर्ति और बोली और कीमत पूछना क्या है? मांग के माप के रूप में किया जा सकता है। चूंकि बोली को मांग का प्रतिनिधित्व करने के लिए कहा जा सकता है और किसी वस्तु के लिए आपूर्ति का प्रतिनिधित्व करने की पेशकश, यह संभव हो सकता है कि बाजार की कार्रवाई आपूर्ति और मांग में बदलाव का प्रतिनिधित्व करती है क्योंकि ये दोनों कीमतें और अलग हो जाती हैं।
"ऑफ़र्स" और "आस्क्स" की गहराई का बिड-आस्क स्प्रेड पर एक बड़ा प्रभाव हो सकता है। यदि कम प्रतिभागी सुरक्षा खरीदने के लिए सीमा आदेश देते हैं (इस प्रकार कम बोली मूल्य उत्पन्न करते हैं) या यदि कम विक्रेता बेचने के लिए सीमित आदेश देते हैं तो प्रसार (Spread) काफी व्यापक हो सकता है। जैसे, एक खरीद सीमा आदेश देते समय बोली-पूछने को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि इसे सफलतापूर्वक निष्पादित किया गया है।
'बोली-आस्क स्प्रेड' की परिभाषा [Definition of "Bid-Ask Spread" In Hindi]
बिड-आस्क स्प्रेड आमतौर पर किसी सिक्योरिटी के आस्क (ऑफ़र/सेल) कीमत और बिड (खरीद/खरीद) कीमत के बीच का अंतर है। आस्क प्राइस वह मूल्य बिंदु है जिस पर विक्रेता बेचने के लिए तैयार होता है और बोली मूल्य वह बिंदु होता है जिस पर खरीदार खरीदने के लिए तैयार होता है। जब बाज़ार में दो मूल्य बिंदु मेल खाते हैं, अर्थात जब एक खरीदार और विक्रेता एक-दूसरे द्वारा दी जा रही कीमतों के लिए सहमत होते हैं, तो एक व्यापार होता है। ये कीमतें दो बाजार शक्तियों द्वारा निर्धारित की जाती हैं - मांग और आपूर्ति, और इन दोनों ताकतों के बीच का अंतर खरीद-बिक्री की कीमतों के बीच के प्रसार को परिभाषित करता है। जितना बड़ा फासला, उतना बड़ा फैलाव! बिड-आस्क स्प्रेड को निरपेक्ष और प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। जब बाजार अत्यधिक तरल होता है, तो प्रसार मूल्य बहुत छोटा हो सकता है, लेकिन जब बाजार तरल या कम तरल होता है, तो वे बड़े हो सकते हैं। Arbitrage क्या है?
बिड-आस्क स्प्रेड के उच्च होने का क्या कारण है? [What causes the bid-ask spread to be high?] [In Hindi]
बिड-आस्क स्प्रेड, जिसे स्प्रेड के रूप में भी जाना जाता है, कई कारकों के कारण अधिक हो सकता है। सबसे पहले, तरलता एक प्राथमिक भूमिका निभाती है। जब किसी सुरक्षा के लिए दिए गए बाजार में पर्याप्त मात्रा में तरलता होती है, तो प्रसार सख्त (Spread hardening) होगा। जिन शेयरों का भारी कारोबार होता है, जैसे कि Google, Apple और Microsoft में एक छोटा बिड-आस्क स्प्रेड होगा।
इसके विपरीत, एक बिड-आस्क स्प्रेड किसी दिन अज्ञात, या अलोकप्रिय प्रतिभूतियों के लिए उच्च हो सकता है। इनमें स्मॉल-कैप स्टॉक शामिल हो सकते हैं, जिनमें ट्रेडिंग वॉल्यूम कम हो सकता है, और निवेशकों के बीच निम्न स्तर (low level) की मांग हो सकती है।
स्टॉक्स में बिड-आस्क स्प्रेड का उदाहरण क्या है? [What is an example of a bid-ask spread in a stock?]
निम्नलिखित उदाहरण पर विचार करें जहां एक व्यापारी Rs 50 के लिए Apple के 100 शेयर खरीदना चाहता है। व्यापारी देखता है कि बाजार में Rs 50.05 पर 100 शेयरों की पेशकश की जा रही है। यहां, Spread Rs. 50.00 - Rs.50.05, या Rs.0.05 चौड़ा होगा। हालांकि यह Spread छोटा या महत्वहीन लग सकता है, बड़े ट्रेडों पर, यह एक सार्थक अंतर पैदा कर सकता है, यही वजह है कि संकीर्ण (narrow) फैलाव आमतौर पर अधिक आदर्श होते हैं। इस उदाहरण में, बिड-आस्क स्प्रेड का कुल मूल्य 100 शेयरों x Rs.0.05, या Rs.5 के बराबर होगा।
हिन्दी वार्ता
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कीमत किस भाषा का शब्द है?
कीमत मूल रूप से किस भाषा का शब्द है?
कोई भी भाषा समय के साथ साथ अन्य भाषा के शब्दों को अपना कर ही समृद्ध होती है और हिन्दी भी इसका अपवाद नहीं है। विदेशी भाषाओं से हिंदी में आये शब्दों को विदेशी शब्द कहा जाता है। इन विदेशी भाषाओं में मुख्यतः अरबी, फारसी, तुर्की, अंग्रेजी व पुर्तगाली शामिल हैं। इन भाषाओं के अनेकों शब्द हिन्दी भाषा में इस तरह से घुल मिल गए हैं कि उन्हें पहचानना कठिन है। जैसे कि यह बताना मुश्किल है कि – क्या कीमत विदेशी भाषा का शब्द है? या यह पहचानना कि कीमत कौन सी भाषा का शब्द है?
कीमत कौन सी भाषा का शब्द है?
कीमत शब्द अरबी भाषा से लिया गया है।
Kimat kaun si bhasha ka shabd hai
Kimat shabd Arbi bhasha se liya gaya hai.
विदेशी शब्द कीमत का वाक्य प्रयोग – उसे मकान की अच्छी कीमत मिली है।
अंग्रेजी के शब्द – ब्रिटिश शासन के समय से भारत में आम बोलचाल की भाषा में अनेकों अंग्रेजी शब्द इस तरह घुल-मिल गए हैं कि उनकी हिन्दी खोजनी मुश्किल है। जैसे – कॉलेज (महाविद्यालय), पेंसिल (कलम), रेडियो (आकाशवाणी), टेलीविजन (दूरदर्शन), डॉक्टर (चिकित्सक), मशीन (यंत्र), सिगरेट (धूम्रपान शलाका), साइकिल (दुपहिया वाहन), स्टेशन (पड़ाव) आदि।
फारसी के शब्द – भारत की भाषा का नाम ‘हिन्दी’ भी एक फारसी शब्द है। मुगल कल में शासन की भाषा रही फारसी के बहुत से शब्द हिन्दी के ही हो गए हैं जैसे – अनार (दाड़िम), चश्मा (चक्षु यंत्र), जमींदार (बड़े भू-भाग का कृषक), दुकान (सामान क्रय-विक्रय स्थल), नमक (लवण), नमूना (उदाहरण), बीमार (रोगी), आदमी (मानव), गंदगी (अपशिष्ट)
अरबी के शब्द – अरबी भाषा हिन्द-यूरोपीय परिवार की प्रमुख भाषा है और इस्लाम के भारत में आगमन के साथ यहाँ आई। इसके अनेकों शब्द थोड़े बदलाव के साथ हिन्दी में बोले जाते हैं जैसे – औलाद (संतान), अमीर (धनी), कत्ल (हत्या), कलम (लेखनी), कानून (विधि), रिश्वत (घूस, उत्कोच), औरत (महिला), कैदी (कारगर में रखा गया आरोपी), गरीब (निर्धन) आदि।
उर्दू के शब्द – प्रचलित मान्यता के अनुसार उर्दू भाषा हिन्दी का वह रूप है जिसमें अरबी और फ़ारसी के शब्द अधिक हैं संस्कृत का प्रभाव नगण्य है। उर्दू दाएं से बाएं लिखी जाती है। भारत में उर्दू देवनागरी में भी लिखी जाती है। हिन्दी मीन सबसे अधिक उर्दू के ही शब्द घुले-मिले हुए हैं जैसे – अख़बार (समाचारपत्र) आवाज़ (ध्वनि), आराम (विश्राम), अफ़सोस (शोक), आदत (प्रवृति), इन्क़लाब (क्रान्ति), इमारत (भवन) आदि।
मारुति डिज़ायर
मारुति डिज़ायर 5 बोली और कीमत पूछना क्या है? सीटर कॉम्पैक्ट सिडैन है। जिसकी प्राइस ₹ 6.23 - 9.17 लाख है। यह 9 वेरीएंट्स, 1197 cc इंजन विकल्प और 2 ट्रैंस्मिशन विकल्पों में उपलब्ध है: मैनुअल और स्वचालित (एएमटी)। Other key specifications of the डिज़ायर include a ग्राउंड क्लियरेंस of 163 mm, कर्ब वज़न of 880 किलोग्राम और बूटस्पेस of 378 लीटर्स. डिज़ायर 6 रंगों में उपलब्ध है। डिज़ायर का माइलेज 23.2 किमी प्रति लीटर से 24.1 किमी प्रति लीटर के बीच है।
इंडियन टी-20 लीग 2023: 5 अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ी जिन पर लग सकती है बड़ी बोली
इंडियन टी-20 लीग के आगामी सीजन के लिए मिनी ऑक्शन का आयोजन 23 दिसंबर को कोच्चि में किया जाने वाला है। इसके लिए सभी फ्रेंचाइजी ने कमर कस ली है। ऑक्शन में 405 खिलाड़ियों की फाइनल लिस्ट सामने आ चुकी है, जिसमें 273 भारतीय खिलाड़ी, 132 विदेशी खिलाड़ी और 4 एसोसिएट देशों के खिलाड़ी हैं। वहीं अनकैप्ड खिलाड़ियों की बात करें तो उनकी संख्या 282 है।
आज इस आर्टिकल में हम ऐसे 5 भारतीय अनकैप्ड खिलाड़ियों की चर्चा करने जा रहे हैं, जिन पर मिनी ऑक्शन में फ्रेंचाइजी बड़ी बोली लगा सकते हैं। तो आइए जानें वो कौन से पांच खिलाड़ी हैं।
(here are 5 uncapped indian players can be sold on high price in upcoming mini auction)
नारायण जगदीशन (Narayan Jagadeesan)
Narayan Jagadeesan (Image Source: Twitter)
इस युवा खिलाड़ी ने हाल ही में समाप्त हुए विजय हजारे ट्रॉफी में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ 141 गेंदों में 277 रनों की सनसनीखेज पारी बोली और कीमत पूछना क्या है? खेली। अपनी इस पारी में उन्होंने 25 चौके और 15 छक्के जड़े। वह टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे, जिनके नाम 8 मैचों में 138.33 की औसत और 125.37 के स्ट्राइक रेट से 830 रन है।
हालांकि, वह इंडियन टी-20 लीग में 2020 से 2022 तक चेन्नई टीम का हिस्सा थे। इस दौरान उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले और 7 पारियों में केवल 73 रन बनाए। इसलिए चेन्नई ने उन्हें इस साल रिलीज कर दिया, लेकिन उनके हालिया फॉर्म को देखते हुए सभी फ्रेंचाइजी की नजर उन पर होगी। उनका बेस प्राइस 20 लाख रुपये होगा।
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