शेयर मार्केट में अकाउंट कैसे खोलें जानें बिल्कुल आसान तरीका है
शेयर मार्केट में अकाउंट खोलकर क्या आप अपने पैसे इन्वेस्ट करना चाहते हैं दोस्तों नमस्कार पूरा जानकारी पाने के लिए हमारे साथ बने रहिए मित्रों नमस्कार हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत है । अगर कोई व्यक्ति अपने सपना पूरा करना चाहते हैं तो शेयर मार्केट में पैसा इन्वेस्ट करना चाहिए शेयर मार्केट ही एक ऐसा रास्ता है जहां किसी का भी जिंदगी बदल दे सकता है । शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने से पहले पूरी जानकारी होना आवश्यकता है अगर आपको इसके विषय में जानकारी नहीं है तो शायद आपके लिए मुसीबत बन सकता है ।
शेयर मार्केट में प्रवेश करने से पहले बेसिक जानकारी होना आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है । यदि आपके पास बेसिक का नॉलेज नहीं है तो शेयर मार्केट में आप धोखा खा सकते हैं इसलिए बेसिक नॉलेज सर्वप्रथम यूट्यूब में देखकर प्राप्त करिए । यदि आपके पास बेसिक नॉलेज है ट्रेडिंग करने के लिए तब कोई बात नहीं आप आराम से शेयर मार्केट में अपने पैसा इन्वेस्ट करके ढेर सारे पैसा कमा सकते हैं । अगर आपको पता नहीं कि शेयर मार्केट मैं पैसा इन्वेस्ट करने के लिए कैसे अकाउंट खोला जाता है तो सारे डिटेल्स हम आपको बताएंगे लेकिन शेयर मार्केट का ट्रेडिंग का बेसिक जरूर करिएगा ।
दोस्तों यहां पैसे के मामले हैं इसलिए नए नए निवेशकों शेयर मार्केट का जानकारी होना बहुत ही अनिवार्य है । शेयर मार्केट में कभी फायदे होते हैं तो कभी नुकसान । यदि आप शेयर मार्केट के विषय में बिल्कुल अनजान है तो मैं आपको थोड़ा बहुत जानकारी देना चाहते हैं । किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले उस कंपनी का परिस्थिति जानकारी अवश्य करें । शेयर मार्केट में पैसा इन्वेस्ट करने के बाद अपना धैर्य बनाए रखें । जिस कंपनी में आप पैसा इन्वेस्ट किए हैं उसका न्यूज़ हफ्ते में एक से दो बार जरूर सुने कंपनी का क्या परिस्थिति चल रहा है।
शेयर मार्केट में प्रवेश करने के लिए सबसे पहले किसी ब्रोकर के पास डिमैट अकाउंट ओपन करना होगा । वैसे तो भारत में कई सारे कंपनियां है सबसे पहले आपको ब्रोकर कंपनियों वेबसाइट में जाकर अपना डिमैट अकाउंट ओपन करना होगा । भारत के कुछ ब्रोकर कंपनियां है जिसका नाम fisdom, zerodha, 5paisa, Paytm, वैसे बहुत सारी कंपनियां हैं जो आप इस वेबसाइट में जाकर अपना अकाउंट तैयार कर सकते हैं ।
शेयर मार्केट में अकाउंट कैसे खोले विस्तार से जानकारी प्राप्त करें ।
यदि आप शेयर मार्केट में अकाउंट खोलना चाहते हैं तो fisdom वेबसाइट आपके लिए बेहतर होगा क्योंकि इस वेबसाइट पर ना तो कोई एक्स्ट्रा चार्ज करता है और ना ही buy और sell में पैसे लेते हैं । अगर आप इस वेबसाइट में डिमैट अकाउंट खुलेंगे तो आपके लिए बहुत ही फायदे होंगे क्योंकि इस कंपनी के एडवाइजर प्रोवाइड करते हैं । आपको सजेशन करेंगे किस कंपनी का शेयर खरीदना है और बेचना है ।
डिमैट अकाउंट ओपन करने के लिए आपके पास सारे डाक्यूमेंट्स होना चाहिए । नाम ,पता पैन कार्ड नंबर, आधार कार्ड नंबर ,पासपोर्ट साइज की फोटो एवं फोन नंबर ।
शेयर मार्केट में अकाउंट खोलने के लिए नीचे एक लिंक दिया गया है । लिंक पर क्लिक करने के बाद एक पेज ओपन होगा जहां आप अपने नाम ,फोन नंबर ,ईमेल एड्रेस और पिन कोड नंबर देकर आगे की प्रोसेस करना होगा । दोबारा पेज ओपन होने के बाद एक एप्लीकेशन आएगा जहां आप को इंस्टॉल करने के लिए बोलेगा और वह एप्लीकेशन Fisdom कंपनी का है । एप्लीकेशन डाउनलोड करने के बाद फिर से रजिस्ट्रेशन करना होगा ।
Fisdom वेबसाइट का एप्लीकेशन अपने मोबाइल पर डाउनलोड करें । एप्लीकेशन इंस्टॉल करने के बाद नाम, पता ,फोन नंबर, ईमेल एड्रेस ,पैन कार्ड नंबर और आधार नंबर सबमिट कर के रजिस्ट्रेशन करना होगा
काम की खबर: नजारा का IPO तो खुला, लेकिन जानिए कैसे करें IPO में निवेश, डीमैट अकाउंट है जरूरी
हमारे देश में बचत के पैसे लगाने यानी निवेश करने के कई तरीके हैं। इन्ही में से एक है 'इनीशियल पब्लिक ऑफर' यानि IPO। निवेश का ये तरीका आज कल ट्रेंड में है। अगर आप भी IPO में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं या करना चाहते हैं तो सबसे पहले ये समझ लीजिए कि IPO क्या होता है? दरअसल, जब कोई कंपनी अपने स्टॉक या शेयर्स छोटे-बड़े निवेशकों के लिए जारी करती है तो उसका जरिया IPO होता है। इसके बाद कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होती है।
IPO होता क्या है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपनी कंपनी के शेयर्स को लोगों को ऑफर करती है तो इसे IPO कहते हैं। कंपनियों द्वारा ये IPO इसलिए जारी किया जाता है जिससे वह शेयर बाजार में आ सके। शेयर बाजार में उतरने के बाद कंपनी के शेयरों की खरीदारी और बिकवाली शेयर बाजार में हो सकेगी। यदि एक बार कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग की इजाजत मिल जाए तो फिर इन्हें खरीदा और बेचा जा सकता है। इसके बाद शेयर को खरीदने और बेचने से होने वाले फायदे और नुकसान में भागीदारी निवेशकों की होती है।
कंपनी IPO क्यों जारी करती है?
जब किसी कंपनी को अपना काम बढ़ाने के लिए पैसों की जरूरत होती है तो वह IPO जारी करती है। ये IPO कंपनी उस वक्त भी जारी कर सकती है जब उसके पास धन की कमी हो वह बाजार से कर्ज लेने के बजाय IPO से पैसा जुटाना चाहती हैं। शेयर बाजार में लिस्टेड Share market में अकाउंट कैसे खोलें होने के बाद कंपनी अपने शेयरों को बेचकर पैसा जुटाती है। बदले में IPO खरीदने वाले लोगों को कंपनी में हिस्सेदारी मिल जाती है। मतलब जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के खरीदे गए हिस्से के मालिक होते हैं।
क्या इसमें निवेश करने में रिस्क हो सकता है?
इसमें कंपनी के शेयरों की परफॉर्मेंस के बारे में कोई आंकड़े या जानकारी लोगों के पास नहीं होती है, इसलिए इसे थोड़ा रिस्की तो माना ही जाता है। लेकिन जो व्यक्ति पहली बार शेयर बाजार में निवेश करता है उसके लिए IPO बेहतर विकल्प है।
IPO में निवेश कैसे करें?
अगर आप IPO में इन्वेस्ट करना चाहते है तो उसके लिए आपको डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है। ये अकाउंट एचडीएफसी सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई डायरेक्ट और एक्सिस डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास जाकर खोला जा सकता है। इसके बाद आपको जिस कंपनी में निवेश करना है उसमें आवेदन करें। निवेश के लिए जरूरी रकम आपके डीमैड एकाउंट से लिंक्ड एकाउंट में होनी चाहिए। निवेश की रकम तब तक आपके एकाउंट से नहीं कटती जब तक आपको शेयर अलॉट नहीं हो जाता।
जब भी कोई कंपनी IPO निकालती है उससे पहले इसका एक समय किया जाता है जो 3-5 दिन का होता है। उसी समय में उस कंपनी का IPO ओपन रहता है। जैसे शेयर मार्केट से हम एक, दो या अपने चुनाव से शेयर खरीदते है यहां ऐसा नहीं होता। यहां आपको कंपनी द्वारा तय किए गए लॉट में शेयर खरीदना होता है। ये शेयर की कीमत के हिसाब से 10, 20, 50, 100, 150, 200 या अधिक भी हो सकता है। वहां आपको 1 शेयर की कीमत भी दिखाई देती है।
IPO की कीमत कैसे तय होती है?
IPO की कीमत दो तरह से तय होती है। इसमें पहला होता है प्राइस बैंड और दूसरा फिक्स्ड प्राइस इश्यू ।
प्राइस बैंड कैसे?
शेयर की कीमत को फेस वैल्यू कहा जाता है। जिन कंपनियों को आईपीओ लाने की इजाजत होती है वे अपने शेयर्स की कीमत तय कर सकती हैं। लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य क्षेत्रों की कंपनियों को सेबी और बैंकों को रिजर्व बैंक से अनुमति लेनी होती है। कंपनी का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर बुक-रनर के साथ मिलकर प्राइस बैंड तय करता है। भारत में 20% प्राइस बैंड की इजाजत है। इसका मतलब है कि बैंड की अधिकतम सीमा फ्लोर प्राइस से 20% से ज्यादा नहीं हो सकती है। फ्लोर प्राइस वह न्यूनतम कीमत है, जिस पर बोली लगाई जा सकती है। प्राइस बैंड उस दायरे को कहते हैं जिसके अंदर शेयर जारी किए जाते हैं। मान लीजिए प्राइस बैंड 100 से 105 का है और इश्यू बंद होने पर शेयर की कीमत 105 तय होती है तो 105 रुपए को कट ऑफ प्राइस कहा जाता है। अमूमन प्राइस बैंड की ऊपरी कीमत ही कट ऑफ होती है।
आखिरी कीमत
स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट अविनाश गोरक्षकर के अनुसार बैंड प्राइस तय होने के बाद निवेशक किसी भी कीमत के लिए बोली लगा सकता है। बोली लगाने वाला कटऑफ बोली भी लगा सकता है। इसका मतलब है कि अंतिम रूप से कोई भी कीमत तय हो, वह उस पर इतने शेयर खरीदेगा। बोली के बाद कंपनी ऐसी कीमत तय करती है, जहां उसे लगता है कि उसके सारे शेयर बिक जाएंगे।
अगर IPO में कंपनी के शेयर नहीं बिकते हैं तो क्या होगा?
अगर कोई कंपनी अपना IPO लाती है और निवेशक शेयर नहीं खरीदता है तो कंपनी अपना IPO वापस ले सकती है। हालांकि कितने प्रतिशत शेयर बिकने चाहिए इसको लेकर कोई अलग नियम नहीं है।
ज्यादा मांग आने पर क्या होगा?
मान लीजिए कोई कंपनी IPO में अपने 100 शेयर लेकर आई है लेकिन 200 शेयरों की मांग आ जाती है तो कंपनी सेबी द्वारा तय फॉर्मूले के हिसाब से शेयर अलॉट होते हैं। कंप्यूटराइज्ड लॉटरी के जरिए आई हुई अर्जियों का चयन होता है। इसके अनुसार जैसे किसी निवेशक ने 10 शेयर मांगे हैं तो उस 5 शेयर भी मिल सकते हैं या किसी निवेशक को शेयर नहीं मिलना भी संभव होता है।
डिमैट अकाउंट कैसे खोलें ? How to open Demat account 2022 ?
आप इस Article को पढ़ रहे हो तो इसका मतलब यह साफ है कि आप स्टॉक मार्केट में अपना हाथ आजमाना चाहते हे डिमैट अकाउंट खोलना बहुत ही आसान है जिस तरह बैंक में पैसा जमा कराने के लिए आपको एक बैंक खाता खुलवाना पड़ता है उसी प्रकार शेयर मार्केट में कंपनियों के शेर को खरीदने और बेचने के लिए को रखने के लिए डीमेट अकाउंट की आवश्यकता पड़ती है डिमैट अकाउंट खोलने के लिए आपके पास कुछ जरूरी दस्तावेज का होना अति आवश्यक है सभी दस्तावेज में पैन कार्ड अति आवश्यक है क्योंकि इसके बिना आप डिमैट अकाउंट बिल्कुल भी नहीं खोल सकते है चलिए अपने Share market में अकाउंट कैसे खोलें आपको बताता हूं कि डीमेट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं और डिमैट अकाउंट कैसे खोले और किस ब्रोकर के साथ खोलें क्योंकि मार्केट में तीन प्रकार के स्टॉक ब्रोकर होते हैं
डीमैट अकाउंट कैसे खोलें – How to open Demat account
शेयर बाजार में कुछ साल पहले किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदने और बेचने के लिए कंपनी के ऑफिस जाना पड़ता था और वहां पर कागजी दस्तावेज से आप शेयर को खरीद और बेच सकते थे लेकिन अब आप यह काम जिस फोन से यह लेख पढ़ रहे हो उसी फोन से कर सकते है
डीमैट खाता खोलने के लिए आपके पास Pan card और आधार कार्ड होना अति आवश्यक है इसके साथ ही आपके पास दो पासपोर्ट साइज फोटो एक सफेद पेपर पर अपने साइन और आधार कार्ड से अपना मोबाइल नंबर वेरीफाई होना आवश्यक है
Zordha मैं डीमैट अकाउंट कैसे खोलें ?
शेयर बाजार में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग करने के लिए जरोदा एक बेस्ट प्लेटफॉर्म है क्योंकि यह एक डिस्काउंट ब्रोकर है इसके साथ ही इस ऐप का इंटरफस बहुत ही अच्छा है जिसके कारण आपको शेयर खरीदते और बेचत समय में बहुत ही आसानी होती है
- आपको सबसे पहले Zeordha वेबसाइट पर जाना है अब यहां पर आप Sign up now पर क्लिक करें
- अब आपको यहां पर अपना मोबाइल नंबर देना है उसके ऊपर एक ओटीपी आएगा अब इसे आप वहां पर डाल दे
- अब आगे आप सारी जानकारी भरने के बाद मुझे कॉल करो पर क्लिक कर दें अब आपको जरोद की टीम से फोन आएगा और जितने भी आवश्यक दस्तावेज है वह आपसे वह मांग लेंगे और अगले 5 से 7 दिनों के भीतर आपका डिमैट अकाउंट चालू कर दिया जाएगा
- अगर आप खुद ही जरोदा पर ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खोलते हैं तो आपको कुछ भी प्रॉब्लम हो तो आप इस नंबर पर जरोदा की टीम से मदद मांग सकते हैं
शेयर बाजार में जब आप किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदते और बेचते हो तो आपका ब्रोकर इस सुविधा के लिए आपसे चार्ज लेता है जोकि ₹20 से लेकर ₹100 तक होता है मार्केट में बहुत सारे ब्रोकर है जो बहुत ज्यादा चार्ज लेते हैं लेकिन जरोदा एकमात्र ऐसा डिस्काउंट ब्रोकर है जो एक आर्डर के सिर्फ ₹10 से ₹20 लेता है अगर आपको विरोधा के साथ और भी सुविधाओं का आनंद लेना है तो आप नीचे दिए गए लिंक से जरोदा में डिमैट अकाउंट ओपन कर सकते
डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं ?
शेयर बाजार में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग करने के लिए तीन प्रकार के डीमेट अकाउंट होते हैं डिमैट अकाउंट के प्रकार अलग-अलग व्यक्तियों की प्रोफाइल के हिसाब से बनाया गया है
- रेगुलर रेडीमेड खत्म (Regular Demat account)
- रिपेट्रायबल डीमेट खाता (Repatriable Demat Account)
- नॉन-रिपाट्रिएबल डीमैट अकाउंट (Non-Repatriable Demat Account )
डीमेट अकाउंट खोलने के लिए कितने रुपए लगते हैं ?
आजकल मार्केट में कई सारे ऐसे स्टॉक ब्रोकर मौजूद है जो आपका बिल्कुल फ्री है ना अकाउंट ओपन आपका बिल्कुल फ्री में भी अकाउंट ओपन कर देते हैं लेकिन बाद में वह आपके ऊपर इतने हिडेन चार्ज लगाते हैं जिसका आपको पता भी नहीं चलता है तो मैं आपको यह सुझाव दूंगा कि आप अगर जीरोधा के साथ में अपना डीमेट अकाउंट ओपन करते हैं तो आप के ₹200 चार्ज लगेगा बाकी और भी ब्रोकर है जो ₹200 से लेकर ₹1000 तक डीमेट अकाउंट खोलने के रुपए लेते हैं
क्या मैं डीमैट अकाउंट खोल सकता हूं ?
किसी भी व्यक्ति की उम्र 18 वर्ष से ऊपर है और उसके पास पैन कार्ड बना हुआ है तो आप आसानी से शेयर बाजार में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग करने के लिए डीमेट अकाउंट खोल सकते हैं भारत में निवास करने वाला कोई भी व्यक्ति डीमेट अकाउंट खोल सकता है
निष्कर्ष – convolution
आज के इस ब्लॉग में आपने यह सीखा की डिमैट अकाउंट कैसे खोलें इसके साथ ही हमने आपको डीमेट अकाउंट खोलते समय रखने वाली प्रत्येक सावधानी के बारे में विस्तार से बताने का प्रयास किया है हां जी हमने आपको यह भी बताया है की डिमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं भारत में डीमेट अकाउंट खोलने के लिए सबसे अच्छा ब्रोकर कौन है आदि
यदि आपको इस लेख से कुछ सीखने को मिला हो तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं और यदि आपको डिमैट अकाउंट खोलने में किसी भी प्रकार की परेशानी हो तो आप यह भी हमारे से पूछ सकते हैं हमारी टीम आपको जल्द से जल्द जवाब देने की कोशिश करेगी | इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें
18 साल से कम उम्र के बच्चों का कैसे खुलता है बैंक अकाउंट? किन डॉक्यूमेंट की पड़ेगी जरूरत
How to open bank account for kids: बच्चों के बैंक अकाउंट से माता-पिता को उनके लिए फंड बनाने में अच्छी मदद मिल सकती है.
बच्चों के बैंक अकाउंट से माता-पिता को उनके लिए फंड बनाने में अच्छी मदद मिल सकती है.
How to open bank account for kids: बच्चों के बैंक अकाउंट से माता-पिता को उनके लिए फंड बनाने में अच्छी मदद मिल सकती है. इसके साथ उन्हें इससे पैसे को किया मैनेज किया जाता है, यह भी सिखाया जा सकता है. ऐसे अकाउंट्स को माइनर अकाउंट कहते हैं. यह अकाउंट उन लोगों के लिए होते हैं, जिनकी उम्र 18 साल से कम है. इस अकाउंट में बचत का पैसा रखने पर भविष्य में बच्चों की उच्च शिक्षा, शादी आदि पर खर्च किया जा सकता है.
कौन खोल सकता है अकाउंट ?
- नाबालिग की ओर से अभिभावक अकाउंट खोल सकता है.
- नाबालिग के साथ मिलकर अभिभावक ज्वॉइंट अकाउंट खोल सकता है.
- नाबालिग के नाम पर कानूनी अभिभावक भी खोल सकता है.
- 10 साल या उससे ज्यादा उम्र का नाबालिग अपने नाम पर खोल सकता है, जिसका संटालन उसके द्वारा ही होगा.
अकाउंट को खोलने के लिए आम अकाउंट खोलने वाला फॉर्म ही भरना होगा. इसमें नाबालिग का नाम, घर का पता, अभिभावक की डिटेल्स और हस्ताक्षर को भी लिखना होगा.
जरूरी दस्तावेज
अकाउंट खोलने के लिए फॉर्म के साथ ये दस्तावेज होना जरूरी हैं
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- नाबालिग की जन्मतिथि का प्रूफ
- अभिभावक के केवाईसी दस्तावेज
- नाबालिग का आधार कार्ड
अकाउंट का संचालन
10 साल से कम उम्र के नाबालिग के लिए, अभिभावक को अकाउंट का संचालन करना होता है. हालांकि, 10 साल की उम्र से ज्यादा वाले बच्चे खुद अकाउंट का संचालन कर सकते हैं.
18 साल की उम्र होने पर
एक बार नाबालिग की उम्र 18 साल होने पर अकाउंट को रेगुलर सेविंग्स अकाउंट में बदलना होगा. इसके बाद, अभिभावक खाताधारक की ओर से अकाउंट का संचालन नहीं कर सकता है. इसके लिए नाबालिग व्यक्ति जो अब बालिग हो गया है. उसकी केवाईसी डिटेल्स के साथ ऐप्लीकेशन फॉर्म को सब्मिट करना होगा.
इन बातों का रखें ध्यान
बैंक इन अकाउंट्स पर रोजाना के ट्रांजैक्शन की सीमा रखते हैं. इसके साथ माता-पिता को नाबालिग के अकाउंट पर अतिरिक्त ट्रांजैक्शन की इजाजत मिलती है, जिससे वे अपने बच्चों के ट्रांजैक्शन पर ध्यान रख सकें.
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शेयरों में निवेश शुरू करना चाहते हैं? जानिए कैसे खोलें डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट
अब आप फिजिकल डॉक्यूमेंट जमा किए बगैर ऑनलाइन ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं. शेयरों में निवेश के लिए इन्हें खुलवाना जरूरी है.
डिजिटल फॉर्म भरें
पहले ब्रोकर की वेबसाइट पर जाएं. फिर अकाउंट खोलने का फॉर्म भरें. इसमें आपको नाम, पता, पैन और उस बैंक अकाउंट की डीटेल्स भरनी होंगी जिन्हें डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट से जोड़ना है. साथ ही सबसे उपयुक्त ब्रोकरेज प्लान को सेलेक्ट करने की जरूरत होती है.
डॉक्यूमेंट अपलोड करें
आधार, पैन, कैंसिल्ड चेक जैसे डॉक्यूमेंट की स्कैन कॉपी अपलोड करने की जरूरत पड़ती है. निवेशक की तस्वीर के साथ स्कैन किए हुए सिग्नेचर की भी जरूरत हो सकती है.
इन-पर्सन वेरिफिकेशन
इन-पर्सन वेरिफिकेशन ब्रोकर करते हैं. इसे डिजिटल कॉल या व्यक्ति की वीडियो रिकॉर्डिंग के माध्यम से किया जाता है. इसके लिए निवेशकों को स्क्रीन पर दिए जाने वाले निर्देशों का पालन करने के लिए कहा जाता Share market में अकाउंट कैसे खोलें है.
आधार ई-वेरिफिकेशन
व्यक्ति अब दोबारा फॉर्म चेक करके उसे जमा कर सकता है. इस फॉर्म को ओटीपी के जरिये आधार ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया का इस्तेमाल करते हुए इलेक्ट्रॉनिक तरीके से साइन किया जा सकता है. एक बार जमा की गई जानकारी, स्कैंन्ड दस्तावेज और आईपीवी हो जाने पर डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खुल जाता है. आप ट्रेडिंग अकाउंट में फंड ट्रांसफर कर सकते हैं और किसी अन्य डीमैट अकाउंट में रखी गई प्रतिभूतियों को नए अकाउंट में ला सकते हैं.
किन बातों का रखें ध्यान
- ब्रोकरेज फर्मों के अलग-अलग प्लानों का अध्ययन करें और तुलना करें कि कौन सबसे अच्छे रेट और सर्विस ऑफर कर रहा है.
- डिस्काउंट ब्रोकर्स के ब्रोकरेज चार्ज फुल सर्विस ब्रोकरों के मुकाबले कम होते हैं. फुल सर्विस ब्रोकर्स तमाम तरह की ऐड-ऑन सर्विस भी देते हैं. इनमें एडवाइजरी, ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म इत्यादि शामिल हैं.
इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.
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