Road Safety Campaign Ujjain: ट्रैफिक सिग्नल, रफ्तार का रखें ध्यान, अधिकारों के साथ कर्तव्य भी निभाएं

Road Safety Campaign Ujjain: सड़कों को सुरक्षित और दुर्घटना रहित बनाने के लिए नईदुनिया द्धारा चलाई जा रही मुहिम से जुड़े उज्जैन यातायात थाना प्रभारी पवन कुमार बागड़ी शनिवार को भैरवगढ़ और चिंतामन जवासिया हायर सेकंडरी स्कूल पहुंचे।

Road Safety Campaign Ujjain: ट्रैफिक सिग्नल, रफ्तार का रखें ध्यान, अधिकारों के साथ कर्तव्य भी निभाएं

Road Safety Campaign Ujjain: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। सड़कों को सुरक्षित और दुर्घटना रहित बनाने के लिए नईदुनिया द्धारा चलाई जा रही मुहिम से जुड़े यातायात थाना प्रभारी पवन कुमार बागड़ी शनिवार को भैरवगढ़ और चिंतामन जवासिया हायर सेकंडरी स्कूल पहुंचे। उन्होंने एमएसीडी संकेतक समझाया विद्यार्थियों को यातायात के नियम बताएं। कई उदाहरणों के माध्यम से समझाया कि सरकार हमें सड़क मार्गों पर चलने की सुविधा उपलब्ध कराती है और कानून हमें मार्ग पर चलने का अधिकार देता है। हमें अधिकारों के साथ कर्तव्यों का पालन भी करना चाहिए। अपने पापा-मम्मी से कहना कि वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन करें। सिग्नल पर लाल बत्ती चालू हो तो रोड पार न करें।

थाना प्रभारी ने कहा कि दोपहिया वाहन चलाते वक्त हमेशा हेलमेट पहने। शहर में गाड़ी 40 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से अधिक तेज न चलाएं। हाइवे पर वाहन चलाते वक्त भी नियमों और संकेतक बोर्ड का ध्यान रखें। अगर कोई सड़क दुर्घटना में घायल हो जाए तो उसकी मदद करें। ऐसे मददगार व्यक्ति को गुड सेमेरिटन कहा गया है यानी नेक व्यक्ति। सरकार ने स्वर्णिम घंटे (जान बचाने योग्य अधिकतम 1 घंटे) में दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को पुरस्कृत करने का भी प्राविधान किया है। ट्रैफिक नियम तोड़ने पर जुर्माना वसूला जाता है। शहर में 16 प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिससे हर चौराहे की गतिविधि पर स्मार्ट सिटी कंपनी और पुलिस प्रशासन चौबीसों घंटे नजर रखता है। अंत में उन्होंने यह भी कहा कि वाहन, 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद ही चलाएं। वो भी तब जब आपके पास वाहन चलाने का लाइसेंस हो। अगर बस में सफर करें और कोई ड्राइवर तेज गति से बस चलाएं तो उसे टोकें।

महापौर सहित कवि, व्यंग्यकार और शिक्षाविद् ने भी की अपील

शहर के महापौर मुकेश टटवाल सहित देश के प्रसिद्ध कवि अशोक भाटी, सुरेंद्र सर्किट, व्यंग्यकार मुकेश जोशी, शिक्षाविद् नितिन डेविड ने नईदुनिया अभियान से जुड़ इंटरनेट मीडिया पर जनता से अपील की है कि वे यातायात नियमों का पालन करें। महापौर ने कहा है कि शून्य सड़क दुर्घटना लक्ष्‌य को प्राप्त करना है। जहां अतिक्रमण हटाने की आवश्यकता है, वहां से अतिक्रमण हटाएंगे। जहां यातायात संकेतक बोर्ड लगाने की आवश्यकता है वहां संकेतक बोर्ड लगाएंगे। खतरनाक मोड़ खत्म कराएंगे।

कोरोना से रिकवरी के बाद लॉन्ग कोविड होगा या नहीं ऐसे पता चलेगा खतरा

कई मरीजों में कोविड से जूझने के बाद इसका असर लम्बे समय तक दिखता है, जिसे लॉन्ग कोविड के रूप में जाना जाता है. येल यूनिवर्सिटी की नई रिसर्च में यह सामने आया है कि रिकवरी के बाद लॉन्ग कोविड का खतरा क्यों और कैसे बढ़ता है.पढ़ें रिपोर्ट.

कोरोना से रिकवरी के बाद लॉन्ग कोविड होगा या नहीं ऐसे पता चलेगा खतरा

CDC की रिपोर्ट कहती है कि 8 फीसदी अमेरिकी कोरोना के संक्रमण के बाद किसी न किसी लॉन्‍ग कोविड के असर से जूझते हैं.

कई मरीजों में कोविड से जूझने के बाद इसका असर लम्बे समय तक दिखता है, जिसे लॉन्ग कोविड के रूप में जाना जाता है. किस मरीज में लॉन्ग कोविड का असर दिखेगा और किसमें नहीं यह शुरुआती दौर में नहीं बताया जा सकता, लेकिन नई रिसर्च में ऐसी बात भी सामने आई है जिससे बताया जा सकेगा कि लॉन्ग कोविड कब और क्यों बढ़ता है.

अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी CDC की रिपोर्ट कहती है कि 8 फीसदी अमेरिकी कोरोना के संक्रमण के बाद किसी न किसी लॉन्ग कोविड के असर से जूझते हैं.

लॉन्ग कोविड का खतरा है या नहीं, ऐसे पता चलेगा

रिसर्च करने वाली येल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है, लॉन्ग कोविड की गुत्थी को स्ट्रेस हॉर्मोन से समझा जा सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है, कोविड से रिकवरी के बाद मरीज में सामान्य स्वस्थ इंसान के मुकाबले 50 फीसदी तक ज्यादा स्ट्रेस हॉर्मोन कॉर्टिसोल शरीर में रिलीज होता है तो लॉन्ग कोविड होने का रिस्क ज्यादा रहता है. डेलीमेल एमएसीडी संकेतक समझाया की रिपोर्ट कहती है, अब तक यह बताना मुश्किल रहा है कि मरीज पर लॉन्ग कोविड से जूझेगा या नहीं, लेकिन रिसर्च के नतीजे यह पता लगाने में मदद करते हैं.

215 लोगों पर हुई रिसर्च

शोधकर्ताओं ने लॉन्ग कोविड के रिस्क को समझने के लिए 215 लोगों पर रिसर्च की. इनमें 99 मामले लॉन्ग कोविड के थे. 44 ऐसे थे जिनमें कोविड के लक्षण नहीं देखे गए थे. वहीं 76 ऐसे थे जो कोविड से रिकवर हो चुके थे, लेकिन उनमें लॉन्ग टर्म कॉम्प्लिकेशंस नहीं दिख रहे थे. लॉन्ग कोविड से जूझने वाले मरीजों में सबसे कॉमन लक्षण था- थकान और नर्वस सिस्टम से जुड़ी दिक्कतें.

ऐसे हुई जांच

मरीज के शरीर में ऐसा क्या बदलाव हो रहा है जो लॉन्ग कोविड के लिए जिम्मेदार हो सकता है, इसे जानने के लिए शोधकर्ताओं ने मरीजों के ब्लड सैम्पल लिए और इनकी जांच की. जांच में सामने आया कि इनमें कॉर्टिसोल हाॅर्मोन का लेवल बढ़ा हुआ था.

कॉर्टिसोल को स्ट्रेस हाॅर्मोन के नाम से भी जाना जाता है, एमएसीडी संकेतक समझाया यह हॉर्मोन एड्रिनल ग्लैंड रिलीज करती है. जब यह हॉर्मोन ब्लड में मिलना शुरू होता है तो सीधा असर दिमाग पर तनाव के रूप एमएसीडी संकेतक समझाया में दिखता है. इसी को लॉन्ग कोविड से जोड़ा गया क्योंकि ऐसे ज्यादातर मामलों में नर्वेस सिस्टम से जुड़े लक्षण नजर आते हैं. जैसे- नींद न आना, सिर भारी और थकान महसूस होना.

हर 8 में से 1 कोविड संक्रमित लॉन्ग कोविड का शिकार

द लैंसेट जर्नल में पब्लिश रिसर्च कहती है, कोविड से संक्रमित हुए हर 8 में से एक व्यक्ति को इस वायरस के रिकवर होने के कई महीनों बाद तक भी लॉन्ग कोविड का कम से कम एक लक्षण शरीर में जरूर मिला है. यह स्टडी नीदरलैंड में 76,400 से अधिक वयस्कों पर 2020 मार्च से 2021 अगस्त के बीच की गई. इन वयस्को को 23 सामान्य कोविड लक्षणों को लेकर एक ऑनलाइन प्रश्नावली भरने के लिए कहा गया था. इनमें से 4,200 से अधिक यानी, 5.5 प्रतिशत ने कोविड से संक्रमित होने की जानकारी दी. इनमें से 21 प्रतिशत से अधिक में संक्रमित होने के तीन से पांच महीने के बाद भी कोविड का कम से कम एक नया लक्षण मिला था. जिन लोगों को कोविड था उनमें से 12.7 प्रतिशत, यानी, आठ में से लगभग एक व्यक्ति में कोविड का एक न एक लक्षण जरूर मिला है.

BEST EIGLE STOCKS कैसे FIND करे

अधिकांश लोग PENNY STOCKS में अपना पैसा निवेश कर देते है क्यूंकि उनका भाव सस्ता होता है और एक व्यक्ति उसमे अधिक शेयर की मात्रा भी खरीद सकता है लेकिन अधिकांश लोगो को PENNY STOCKS में मुनाफे की जगह नुकसान ही हुआ है । कुछ लोग BLUECHIP STOCKSGROWTH STOCKS में भी निवेश करते है हालाँकि इन स्टॉक्स में निवेश करने से नुकसान बहुत ही कम होता है लेकिन इनमे हमे लम्बी अवधि के लिए निवेश करना पड़ता है।

आखिरकार प्रश्न ये उठता है की किन शेयर में निवेश करे ताकि कम समय में अधिक मुनाफा कमाया जा सके इसके लिए लोग विभ्भिन प्रश्न पूछते है जैसे शेयर बाजार में किस स्टॉक में ट्रेड करे शेयर बाजार में मुनाफा कमाने की रणनीति क्या है आदि

शेयर बाजार में EIGLE STOCKS FIND करने की प्रकिया

1. PRICE ACTION

किसी भी शेयर में PRICE ACTION देखना बहुत ही जरूरी है। एक शेयर में होने वाली मंदी और तेजी को PRICE के माध्यम से आसानी से देखा जा सकता है शेयर बाजार में अधिकांश लोग प्राइस एक्शन के माध्यम से ही शेयर में ट्रेड लेते है PRICE ACTION शेयर बाजार का एक बहुत ही बड़ा विषय है

एक शेयर में हम निम्न तरीको से प्राइस एक्शन को देख सकते है

1. PREVIOUS DAY BREAKOUT

प्रीवियस डे ब्रेकआउट इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बहुत ही उपयोगी है अगर कोई शेयर अपने प्रीवियस डे के प्राइस को ब्रेक आउट कर नए प्राइस पर क्लोजिंग करता है तो हम इस क्लोजिंग की गतिविधि के आधार पर ट्रेड ले सकते है

2. WEEKLY / MONTHLY BREAKOUT

शार्ट टर्म ट्रेडिंग के लिए वीकली व मंथली प्राइस ब्रेक आउट बहुत ही महत्वपूर्ण है वीकली ब्रेक आउट में शेयर अपने पिछले पिछले सप्ताह के प्राइस को ब्रेक आउट कर नई प्राइस पर क्लोजिंग करता है जबकि मंथली ब्रेकऑउट में शेयर अपने पिछले महीने के प्राइस को ब्रेकऑउट कर नई प्राइस पर क्लोजिंग करता है।

3. 52 WEEK BREAKOUT

प्राइस एक्शन में 52 WEEK ब्रेक आउट एक महत्वपूर्ण ब्रेक आउट है ये दो प्रकार का होता है 52 WEEK HIGH ब्रेक आउट और दूसरा 52 WEEK LOW ब्रेकआउट। अगर एक शेयर 52 WEEK HIGH से ब्रेकआउट देता है तो शेयर में तेजी आने के संकेत है लेकिन अगर शेयर 52 WEEK LOW से ब्रेकआउट देता है तो शेयर में मंदी आने के संकेत है।

4. 2 YEARS AND 5 YEAR BREAKOUT

अगर एक शेयर 2 YEARS HIGH या 5 YEARS HIGH से ब्रेक आउट दे रहा है तो शेयर में लम्बी अवधि तक तेजी आने के संकेत है 2 YEARS HIGH5 YEARS HIGH ब्रेकआउट प्राइस एक्शन में सबसे अधिक महत्व पूर्ण है।

2. VOLUME AND DELIVERY

VOLUME AND DELIVERY के आधार पर किसी भी शेयर में ट्रेड लिया जा सकता है एक शेयर में किसी बड़े निवेशक के प्रवेश को केवल वॉल्यूम के माध्यम से ही देखा जा सकता है अगर लगातार किसी शेयर में वॉल्यूम और डेलिवेरी बढ़ रही है तो शेयर शेयर में तेजी आने के संकेत है।

जब भी किसी शेयर में ब्रेकआउट होता है व ब्रेकआउट वॉल्यूम और डिलीवरी के साथ होता है तो ऐसा ब्रेकआउट ट्रू ब्रेकआउट माना जाता है।

अगर शेयर के प्राइस को वॉल्यूम व डिलीवरी के साथ देखा जाये तो शेयर के चलन को आसानी से समझा जा सकता है।

3. MOMENTUM INDICATORS

मोमेंटम इंडियकटर्स के माध्यम से शेयर में होने वाले मोमेंट पता लगाया जा सकता है शेयर बाजार में मुनाफा कमाने के लिए ऐसा ही शेयर निवेश करना आव्सय्क है जिनमे मोमेंट हो। अगर किसी शेयर में मोमेंट नहीं है तो उसमे समय और पैसा निवेश करने का कोई अर्थ नहीं है।

मोमेंटम इंडीकेटर्स के दो प्रकार है -

1. RELATIVE STRENGTH INDEX ( RSI )

रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स इंडिकेटर का उपयोग टेक्निकल एनालिसिस में अधिक किया जाता है RSI किसी भी शेयर की प्राइस मॉवेन्ट के आधार पर शेयर शेयर की गति और परिवतर्न को दर्शाता है शेयर की स्ट्रेंथ को दर्शाने के लिए RSI 0 -100 की रेंज के मध्य औसीलेट करता है। अगर RSI 70 से ऊपर है तो शेयर को ओवरबॉट माना जाएगा और अगर 30 के नीचे है तो शेयर में ओवरसोल्ड की स्थिति मानी जाएगी।

RSI अगर लंबे समय से 70 से ऊपर है तो ये शेयर में खरीदारी की स्थिति को दर्शाता है। अगर RSI 70 तक आता है एवम पुने ऊपर चला जाता है तो ये किसी भी शेयर के बुलिश होने का संकेत देता है जबकि RSI 70 क्रॉस करके लगातार नीचे आता है तो इसका अर्थ है शेयर में ट्रेंड रिवर्स हो गया है।

जबकि RSI अगर लंबे समय से 30 के नीचे है तो ये शेयर में बिकवाली की स्थिति को दर्शाता है। अगर RSI 30 तक आता है एवम पुने निचे चला जाता है तो ये किसी भी शेयर के बेयरिश होने का संकेत देता है जबकि RSI 30 क्रॉस करके लगातार ऊपर आता है तो इसका अर्थ है शेयर में ट्रेंड रिवर्स हो गया है।

अलग अलग टाइम फ्रेम के अनुसार RSI भी अलग अलग होता है RSI को किसी भी टाइम फ्रेम मे देखा जा सकता है अगर RSI दीर्घकालीन स्तिथि में 70 से ऊपर है तो ये शेयर के लम्बी समय तक बुलिश रहने की स्तिथि को दर्शाता है।

2. MACD ( MOVING AVERAGE CONVERGENCE DIVERGENCE )

MACD ( एमएसीडी ) इंडिकेटर एक ट्रेंडफोलोविंग और मोमेंटम इंडिकेटर है जिसका इन्वेंशन 1979 में Gerald Appel ने किया था, MACD ( एमएसीडी ) का फुल फॉर्म Moving Average Convergence Divergence है। MACD ( एमएसीडी ) आज भी एक विश्वशनीय इंडिकेटर है जो इंट्राडे ट्रेडर्स को ट्रडिंगे डिसीजन लेने में काफी मदद करता है।

MACD ( एमएसीडी ) एक प्राइस बेस्ड इंडिकेटर है। जो शेयर की कीमतों में हुए परिवर्तन को मूविंग एवरेज की सहायता से प्रदर्शित करता है।

Road Safety Campaign Ujjain: ट्रैफिक सिग्नल, रफ्तार का रखें ध्यान, अधिकारों के साथ कर्तव्य भी निभाएं

Road Safety Campaign Ujjain: सड़कों को सुरक्षित और दुर्घटना रहित बनाने के लिए नईदुनिया द्धारा चलाई जा रही मुहिम से जुड़े उज्जैन यातायात थाना प्रभारी पवन कुमार बागड़ी शनिवार को भैरवगढ़ और चिंतामन जवासिया हायर सेकंडरी स्कूल पहुंचे।

Road Safety Campaign Ujjain: ट्रैफिक सिग्नल, रफ्तार का रखें ध्यान, अधिकारों के साथ कर्तव्य भी निभाएं

Road Safety Campaign Ujjain: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। सड़कों को सुरक्षित और दुर्घटना रहित बनाने के लिए नईदुनिया द्धारा चलाई जा रही मुहिम से जुड़े यातायात थाना प्रभारी पवन कुमार बागड़ी शनिवार को भैरवगढ़ और चिंतामन जवासिया हायर सेकंडरी स्कूल पहुंचे। उन्होंने विद्यार्थियों को यातायात के नियम बताएं। कई उदाहरणों के माध्यम से समझाया कि सरकार हमें सड़क मार्गों पर चलने की सुविधा उपलब्ध कराती है और कानून हमें मार्ग पर चलने का अधिकार देता है। हमें अधिकारों के साथ कर्तव्यों का पालन भी करना चाहिए। अपने पापा-मम्मी से कहना कि वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन करें। सिग्नल पर लाल बत्ती चालू हो तो रोड पार न करें।

थाना प्रभारी ने कहा कि दोपहिया वाहन चलाते वक्त हमेशा हेलमेट पहने। शहर में गाड़ी 40 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से अधिक तेज न चलाएं। हाइवे पर वाहन चलाते वक्त भी नियमों और संकेतक बोर्ड का ध्यान रखें। अगर कोई सड़क दुर्घटना में घायल हो जाए तो उसकी मदद करें। ऐसे मददगार व्यक्ति को गुड सेमेरिटन कहा गया है यानी नेक व्यक्ति। सरकार ने स्वर्णिम घंटे (जान बचाने योग्य अधिकतम 1 घंटे) में दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को पुरस्कृत करने का भी प्राविधान किया है। ट्रैफिक नियम तोड़ने पर जुर्माना वसूला जाता है। शहर में 16 प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिससे हर चौराहे की गतिविधि पर स्मार्ट सिटी कंपनी और पुलिस प्रशासन चौबीसों घंटे नजर रखता है। अंत में उन्होंने यह भी कहा कि वाहन, 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद ही चलाएं। वो भी तब जब आपके पास वाहन चलाने का लाइसेंस हो। अगर बस में सफर करें और कोई ड्राइवर तेज गति से बस चलाएं तो उसे टोकें।

महापौर सहित कवि, व्यंग्यकार और शिक्षाविद् ने भी की अपील

शहर के महापौर मुकेश टटवाल सहित देश के प्रसिद्ध कवि अशोक भाटी, सुरेंद्र सर्किट, व्यंग्यकार मुकेश जोशी, शिक्षाविद् नितिन डेविड ने नईदुनिया अभियान से जुड़ इंटरनेट मीडिया पर जनता से अपील की है कि वे यातायात नियमों का पालन करें। महापौर ने कहा है कि शून्य सड़क दुर्घटना लक्ष्‌य को प्राप्त करना है। जहां अतिक्रमण हटाने की आवश्यकता है, वहां से अतिक्रमण हटाएंगे। जहां यातायात संकेतक बोर्ड लगाने की आवश्यकता है वहां संकेतक बोर्ड लगाएंगे। खतरनाक मोड़ खत्म कराएंगे।

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