Bitcoin की कीमतों में दो दिनों में 21% से अधिक की गिरावट, कहीं यह Crypto Currency के डाउनफॉल की शुरुआत तो नहीं

दुनिया की सबसे प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन की कीमतें पिछले 2 दिनों में 21% तक टूट गई हैं, इससे निवेशकों का भरोसा Bitcoin से डगमगाने लगा है

दुनिया की सबसे प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन (Bitcoin) की कीमतें पिछले 2 दिनों में 21% तक टूट गई हैं, इससे निवेशकों का भरोसा Bitcoin पर से डगमगाने लगा है। इस क्रिप्टोकरेंसी का कीमतों में आई इतनी तेज गिरावट से निवेशकों मे यह डर बैठने लगा है कि कहीं बिटक्वाइन का ग्रोथ का बुलबुला फट तो नहीं जाएगा। बिटक्वाइन में निवेश करने वाले लोग इस बात को लेकर चिंतिंत हैं कि कहीं यह Bitcoin के डाउनफॉल की शुरुआत तो नहीं है। मार्च, 2020 के बाद दो दिनों में बिटक्वाइन की कीमतों में यह सबसे बड़ी गिरावट है।

आपको बता दें कि रविवार और आज यानी सोमवार को Bitcoin की कीमतों में 21% तक की गिरीवट आई, लेकिन यूरोपियन सेशन के बाद यह कुछ हद तक संभली लेकिन फिर भी इसकी कीमतों में भारी गिरावट आई है। आपको बता दें कि 8 जनवरी को Bitcoin की कीमत 42,000 डॉलर से अधिक क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है हो गई थी। रविवार को इसकी कामतें गिरकर 38,000 डॉलर पर पहुंत गईं। वहीं, सोमवार दोपहर तक इस आभासी मुद्रा को करीब 10000 क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है डॉलर का नुकसान हो चुका था। यह टूटकर 32,389 डॉलर तक आ गिरा।

हालांकि, शाम को थयह थोड़ा संभला। शाम 6.30 में यह 12.34% की गिरावट के साथ 34,480 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। यानी दो दिनों में इसकी कामतों में 8000 डॉलर के करीब गिरावट आई है। जिससे आज एक बिटक्वाइन की कीमत 25 लाख 40 हजार रुपये के करीब है जो 8 जनवरी को करीब 31 लाख रुपये क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है तक पहुंच गया था।

बड़ी करेक्शन की शुरुआत

जानकार मान रहे हैं कि यह एक बड़ी करेक्शन की शुरुआत है। सिंगापुर में क्रिप्टो एक्सचेंज लूनो (Luno) के बिजनेस डेवलपमेंट हेड विजय अय्यर ने कहा कि देखना होगा कि यह बड़ी गिरावट की शुरुआत है या नहीं। पिछले साल बिटकॉइन की कीमत चार गुना बढ़ी थी। इससे पहले 2017 में भी इसकी कीमत बहुत तेजी से बढ़ी थी और यह दुनियाभर में सुर्खियों में आ क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है गई थी। लेकिन फिर उसकी कीमत में तेजी से गिरावट आई थी। वहीं, Bitcoin के बाद दूसरी सबसे प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी ईथर (Ether) में भी 21% की गिरावट आ चुकी है। इससे यह सवाल उठने लगा है कि कहीं यह क्रिप्टोकरेंसी के डाउनफॉल की शुरुआत तो नहीं है।

क्रिप्टो में लगा पैसा मिट्टी हो जाएगा

ब्रिटेन के फाइनेंस रेगुलेटर ने सोमवार को क्रिप्टोकरेंसी के निवेश करने वालों के लिए कड़ी चेतावनी जारी की है। उनका कहना है कि इसमें पैसा लगाने वाले अपना पूरा पैसा गंवा देंगे। उनके मुताबिक, क्रिप्टोएसेट में निवेश करना अच्छा-खासा जोखिम वाला है। रेगुलेटर ने इन मुद्राओं के उतार-चढ़ाव, जटिलता और निवेश की सुरक्षा के अभाव को लेकर चिंता जताई। वहीं, Convoy Investments LLC के को-फाउंडर हॉवर्ड वांग ने कहा कि बिटकॉइन निश्चित रूप से बबल साबित होगी। भविष्य में यह मैच्योर हो सकती है, लेकिन यह एक speculative asset बनी रहेगी।

legitimate hedge के रूप में देखा जा रहा

इसके अलावा Guggenheim Investments के चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर स्कॉट मिनेर्ड ने निवेशकों से कहा कि Bitcoin से पैसा निकालने का यही सही समय है। वहीं, बिटकॉइन के प्रशंसकों का मानना है कि इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के आने से यह एसेट मैच्योर हुआ है और डॉलर की कमजोरी और महंगाई के जोखिम के खिलाफ इसे legitimate hedge के रूप में देखा जा रहा है।

क्रिप्टो क्रैश से हफ्ते भर में निवेशकों के करीब 50 लाख करोड़ रुपये डूबे, 4000 डॉलर से भी कम का हुआ बिटकॉइन

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बिटकॉइन समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी के लिए यह हफ्ता सबसे बुरा रहा है। निवेशकों को मोटा मुनाफा देने वाली क्रिप्टोकरेंसी (वर्चुअल करेंसी) अब क्रैश हो चुकी है। वर्चुअल करेंसी के तौर पर सबसे अधिक लोकप्रिय रहा बिटकॉइन शुक्रवार को 4,000 डॉलर के नीचे चला गया। दिसंबर 2017 में एक बिटकॉइन की कीमत करीब 20,000 डॉलर थी।

पिछले साल की शानदार रैली के बाद अब तक क्रिप्टोकरेंसी में 700 अरब डॉलर (करीब 50 लाख करोड़ रुपये) स्वाहा हो चुके हैं। पिछले एक हफ्ते में यह आई अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। ब्लूमबर्ग के गैलेक्सी क्रिप्टो इंडेक्स में इस दौरान करीब 23 फीसद से अधिक का गोता लगाया है। हालांकि दुनिया के अधिकांश देशों में इस पर पाबंदी होने की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव सीमित रहने की उम्मीद है।

क्रिप्टोकरेंसी पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों की माने तो आने वाले दिनों में यह गिरावट जारी रहेगी। पिछले एक महीने में बिटकॉइन की कीमत में 30 फीसद की गिरावट आई है, जबकि पिछले छह महीनों में यह गिरावट 50 फीसद है।

वहीं दिसंबर के बाद से देखा जाए तो इसकी कीमत 80 फीसद तक टूट चुकी है। भारतीय रुपये में अभी एक बिटकॉइन की कीमत करीब 2 लाख 98 हजार रुपये हैं। आने क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है वाले दिनों में इसकी कीमत में और भी गिरावट की उम्मीद है।

क्यों गिर रही हैं कीमतें? दुनिया में इस करेंसी को लेकर कई तरह की आशंकाएं हैं। इस करेंसी के साथ सबसे बड़ी समस्या इसके नियमन को लेकर है। दुनिया में कोई भी एजेंसी इसे रेग्युलेट नहीं करती है और इस वजह से भारत समेत दुनिया के कई देशों ने इस करेंसी में होने वाली लेन-देन पर रोक लगा रखी है।

दूसरा बड़ा कारण इंटरनेट की दुनिया में बिटकॉइन का वर्चस्व कम होना है। किसी जमाने में वर्चुअल करेंसी के तौर पर बिटकॉइन का दबदबा था लेकिन अब कम से कम ऐसी 700 से अधिक करेंसी इंटरनेट की दुनिया में चलन में है।

दिग्गज कंपनियों में अगर बात की जाए तो माइक्रोसॉफ्ट इस करेंसी में लेन-देन करती है। हालांकि अधिकांश तौर पर इस करेंसी का इस्तेमाल निवेश के लिए ही किया जाता रहा है।

पिछले एक दशक में इस करेंसी में निवेश करने वालों को उम्मीद से अधिक मुनाफा हुआ लेकिन पिछले एक साल में इसमें निवेश करने वालों की रकम करीब 80 फीसद तक डूब चुकी है।

क्या है बिटकॉइन? इस करेंसी को वर्चुअल वर्ल्ड में चलन में लाने का श्रेय सातोशी नाकामोतो समूह को जाता है, जिसने 2009 में इसकी शुरुआत की। यह पूर्ण रूप से डिजिटल करेंसी है। साफ शब्दों में समझा जाए तो इसका इस्तेमाल केवल इंटरनेट पर किया जा सकता है। आम तौर पर इसे पारंपरिक मुद्रा का विकल्प समझा जाता है।

हालांकि दोनों में नियमन (रेग्युलेशन) का फर्क है। पारंपरिक मुद्राओं को जहां हर देश की सरकारें नियमित करती हैं वहीं इस करेंसी को कोई भी संस्था रेग्युलेट नहीं करती है। यही वजह है दुनिया की अधिकांश सरकारों ने अपने लोगों को इस करेंसी में लेन-देन या निवेश पर रोक लगा रखी है।

क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है

Cryptocurrency पर पूरी तरह नहीं लगेगी पाबंदी, सरकार दे सकती इतनी रियायत

बिज़नेस न्यूज़ डेस्क - छोटे निवेशकों की रक्षा करते हुए, भारत क्रिप्टोकुरेंसी को वित्तीय संपत्ति के रूप में मानने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। क्रिप्टोकुरेंसी बिल को अंतिम रूप देने में शामिल अधिकारियों के मुताबिक, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार 29 नवंबर से शुरू होने वाले सत्र में संसद में विधेयक पेश करना चाहती है। बिल कानूनी रूप से डिजिटल मुद्रा में निवेश के लिए न्यूनतम राशि निर्धारित कर सकता है। जबकि कानूनी निविदा के रूप में उनके उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। हालांकि अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, क्रिप्टोक्यूरेंसी बिल (द क्रिप्टोक्यूरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ द ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021) निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान करता है। इस बीच, आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने दावा किया है कि चिट फंड जैसी क्रिप्टोकरेंसी का बुलबुला जल्द ही फूट जाएगा। इनमें से अधिकांश का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। वर्तमान में दुनिया में लगभग 6,000 क्रिप्टोकरेंसी हैं और राजन का कहना है कि इनमें से केवल 1 या 2 ही होंगे।

राजन ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी सिर्फ इसलिए मौजूद है क्योंकि कुछ बेवकूफ लोग इसे खरीदना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकुरेंसी देश में चिट फंड के कारण ही समस्याएं पैदा करेगी। चिटफंड लोगों से पैसे लेते हैं और फिर गायब हो जाते हैं। क्रिप्टो संपत्ति वाले बहुत से लोगों को आने वाले क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है दिनों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी का कोई निश्चित मूल्य नहीं है, लेकिन कुछ क्रिप्टो भुगतान, विशेष रूप से सीमा पार से भुगतान के लिए मौजूद हो सकते हैं, राजन ने कहा। ब्लॉकचेन तकनीक को बनाए रखने पर राजन ने कहा कि केंद्र सरकार को देश में इसे बढ़ावा देने की अनुमति देनी चाहिए। सरकार ने कहा है कि ब्लॉकचेन तकनीक को मंजूरी दी जा सकती है।

NFT क्या है?

वर्तमान समय में दुनिया डिजिटाइजेशन की ओर बहुत तेजी से बढ़ रही है | इसके साथ ही बिटकॉइन, एथेरियम आदि जैसी विभिन्न प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी का क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है चलन बढ़ता जा रहा है | इसी बीच पिछले कुछ दिनों से बीच एनएफटी (NFT) का नाम कुछ ज्यादा ही चर्चा में चल रहा है | दरअसल यह एक नॉन-फंजिबल टोकन है, जिसे आप क्रिप्टोग्राफिक टोकन भी कह सकते है | एनएफटी एक प्रकार की डिजिटल संपत्ति है, जिसने इसी वर्ष मार्च में एनएफटी कलाकृतियों के लाखों डॉलर में बिकने के बाद लोकप्रियता हासिल की।

बाद में, किंग्स ऑफ लियोन रॉक ग्रुप जैसे क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है संगीतकारों ने भी उन्हें अपने नवीनतम एलबम के लिए अपनाया। हालाँकि अर्थशास्त्रियों का मानना है कि भले ही इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है लेकिन यह सब एक बुलबुला है, जो जल्द ही फट जाएगा। NFT क्या है ? यदि आपको इसके बारें में जानकारी नहीं है, तो आपको यहाँ NFT का फुल फॉर्म और एनएफटी कैसे काम करता है ? इसके बारें में पूरी जानकारी दी जा रही है |

एनएफटीका फुल फॉर्म (NFT Full Form)

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NFT का फुल फॉर्म “Non Fungible Token (नॉन-फंजिबल टोकन)” होता है | यह प्रकार का डिजिटल टोकन होता है,जिसे डिजिटल मार्केटप्लेस में बड़ी सरलता से खरीदा या बेचा जा सकता है | यदि आप इसका उपयोग करना चाहते है, तो आप क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है इसे डिजिटल असेट्स या सामानों के लिए कर सकते है | नॉन-फंजिबल टोकनको स्टैंडर्ड और ट्रेडिशनल एक्सचेंजेज में ट्रेड नहीं किया जा सकता है।

एनएफटी का क्या मतलब होता है

नॉन-फंजिबल टोकन अर्थात एनएफटी को पहली बार मई 2014 में केविन मैककॉय (Kevin McCoy) और अनिल दास (Anil Dash) द्वारा बनाया गया था | यह इथेरियम (Ethereum) ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी के सिद्धांत पर कार्य करता है। कोई ऐसी तकनीकी आर्ट जिसके बारे में यह दावा किया जाता है, कि वह यूनिक है और साथ ही यह स्थापित किया जाता है, कि उसका ओनर्स राइट किसी स्पेसिफिक परसन के पास है, तो उसे नॉन-फंजिबल टोकन या एनएफटी कहा जाता है।

एनएफटी एक प्रकार के यूनिक टोकन्स होते हैं अर्थात यह डिजिटल असेट्स होते हैं, जो वैल्यू को जनरेट करते हैं। उदाहरण के लिए आप 10 रुपये के नोट को 5 रुपये के दो नोटों में बदल सकते हैं और इसका मूल्य समान होगा। नॉन-फंजिबल टोकनमें अद्वितीय गुण होते हैं, यह एक घर या एक पेंटिंग हो सकती है |

जिसमें अद्वितीय गुणऔर विशेषताएं हों, आप मूल पेंटिंग का फोटो या प्रिंटआउट ले सकते हैं, लेकिन केवल एक ही मूल पेंटिंग होगी । आज की इस डिजिटल दुनिया में एनएफटी एक तरह की संपत्ति की गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं। किसी भी संपत्ति या टुकड़े की तरह, एनएफटी को खरीदा और बेचा जा सकता है। हालांकि, इसकी बिक्री और खरीद डिजिटल रूप से होती है।

एनएफटी कैसे काम करते हैं (How do NFTs work) ?

नॉन-फंजिबल टोकन एनएफटी का उपयोग डिजिटल संपत्ति या सामानों के लिए किया जा सकता है | सभी उपलब्ध एनएफटी के पास एक अद्वितीय डिजिटल हस्ताक्षर है। मुख्य रूप से यह देखा गया है, कि एनएफटी को क्रिप्टोक्यूरेंसी ईथर के साथ या डॉलर में खरीदा जाता है। एक ब्लॉकचेन एनएफटी के लिए हुए लेनदेन क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है का रिकॉर्ड रखता है। इंटरनेट पर उपलब्ध डिजिटल वस्तुओं जैसे छवियों, वीडियो, संगीत, टेक्स्ट और यहां तक ​​कि ट्वीट्स को एक अनूठी प्रक्रिया के माध्यम से एनएफटी में बदला जा सकता है।

डिजिटल प्रारूप में उपलब्ध कलाकृति और अन्य संपत्तियों को इसके रचनाकारों द्वारा टोकन किया जा सकता है। वह इसे एक अद्वितीय डिजिटल प्रमाणपत्र और स्वामित्व के हस्ताक्षर बनाकर करते हैं, इसलिए एनएफटी बनाते हैं और बाद में वह इसे डिजिटल रूप से बेचते हैं।

उदाहरण के रूप में, यदि आपके पास कोई यूनिक पेंटिंग है और आप इसे बेचना चाहते है, तो इस पेंटिंग के लिए सबसे अधिक बोली लगाने वाले को यह पेंटिंग दे दी जाती है और उस पेंटिंग के बदले में ओरिजनल आर्टिस्ट को पैसे मिल जाते है | ठीक इसी प्रकार नॉन फंजिबल टोकन भी का र्य करता है | लेकिन यह डिजिटली रूप में किया जाता है अर्थात इसमें ऑनलाइन बोली लगाई जाती है और आर्ट्स भी डिजिटल गिफ्ट, पेंटिंग, वीडियो को ऑनलाइन NFTs प्लेटफार्म पर बेचा और खरीदा जा सकता है।

एनएफटी में खास क्या है (What is special about NFT) ?

दरअसल जब आप ऑनलाइन एनएफटी में किसी प्रकार की पेंटिंग, जीआईएफ, वीडियो क्लिप्स आदि खरीदते है, तो यह सभी चीजे आपको फिजिकल रूप से नही मिलती है | इनके स्थान पर आपको एक प्रकार का यूनिक टोकन दिया जाता है, जिसे आप एनएफटी टोकन भी कह सकते है | इस टोकन की सहायता से आपको उस वस्तु का मालिक अर्थात डिजिटल ओनरशिप माना जाता है |

इस नॉन फंजिबल टोकन को स्वामित्व (Ownership) का वैध सर्टिफिकेट (Valid certificate) प्राप्त होता है | जिस किसी का कोई भी आईटम इस आर्ट इस कैटगरी में आता है, उन्हें ओनरशिप का सर्टिफिकेट के साथ उस आर्ट से सम्बंधित सभी अधिकार उसके ऑनर के पास चले जाते है।पिछले कुछ समय से ऑनलाइन गेमिंग, क्रिप्टो आर्ट आदि के लिए इस टोकन का उपयोग किया जा रहा है |

एनएफटी के अंतर्गत खरीद – फरोख्त के लिए ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) का इस्तेमाल किया जाता है | इसमें मुख्य रूप से एथरियम ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी इस्तेमाल की जा रही है, जिसमें किसी प्रकार की क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है एंट्री फीड करनें के पश्चात इसे कोई डिलीट नही कर सकता है।

भारत में एनएफटी का भविष्य (The future of NFTs in India)

भारत में एनएफटी का भविष्य क्या होगा अर्थात यह भारत में इसका परिचालन शुरू होनें के बारें में कुछ कहा नही जा सकता है | इसका मुख्य कारण यह है, कि यह बिल्कुल नया कांसेप्ट है | जिस प्रकार यहाँ पहले क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगो के बीच विभिन्न प्रकार की आशंकाये थी ठीक उसी प्रकार एनएफटी को लेकर भी मतभेद बना हुआ है | विशेषज्ञों के मुताबिक, इसे भारत में आने अभी कुछ समय लग सकता है।

हालांकि कई अर्थशास्त्री लंबे समय में इसका भविष्य नहीं देखते हैं, कई लोग एनएफटी को संपत्तियों और अन्य संपत्तियों के स्वामित्व के भविष्य के रूप में देखते हैं। एनएफटी के उत्साही लोगों के अनुसार, सभी प्रकार की संपत्तियों को उनके स्वामित्व की स्थिति को डिजिटल रूप से चिह्नित किया जाएगा। भारत में एनएफटीको लॉन्च करने के लिए क्रिप्टो एक्सचेंज नमक पहली भारतीय कंपनी तैयारी में है, जिसे Duzzle नाम से जाना जा सकता है।

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