भारत में क्रिप्टो करेंसी को मान्यता न होने से निवेशकों को नुकसान होने का भय क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है है, लेकिन आर्थिक अपराधी इस स्थिति का फायदा उठा रहे हैं। इसी कारण से पिछले छह माह में चार लाख से अधिक क्रिप्टो अकाउंट ब्लॉक करने पड़ गये। कर चोरी, धोखाधड़ी और अपराधों के शक में देश के तीन प्रमुख क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंजों ने ऐसा किया। कॉइनस्विच कुबेर एक्सचेंज ने अप्रैल से सितंबर के बीच 1.8 लाख अकाउंट निलंबित किये। इतने ही अन्य अकाउंट अभी शक के दायरे में हैं। वजीरएक्स एक्सचेंज करीब 15 हजार अकाउंट ब्लॉक कर चुका है। सरकार की सक्रियता देखते हुए भारतीय क्रिप्टो करेंसीज में 20 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज हुई, जो अभी और नीचे जायेगी, ऐसी आशंका है।
बस फूटने ही वाला है क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला
बस फूटने ही वाला है क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला
n नरविजय यादव
संसद का शीतकालीन सत्र 29 क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है नवंबर को शुरू हो रहा है। इसमें कृषि कानून समेत 26 बिल शामिल रहेंगे, जिनमें एक बिल क्रिप्टो करेंसी का होगा। क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल करेंसी बिल का मकसद भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी होने वाली डिजिटल करेंसी के लिए रास्ता खोलना है। केंद्र सरकार सभी निजी क्रिप्टो करेंसी प्रतिबंधित कर देश की अपनी डिजिटल करेंसी लाने की तैयारी में है। दुनिया भर में इस समय करीब छह हजार क्रिप्टो करेंसी प्रचलित हैं। इनका मूल्य बुलबुले की तरह बढ़ा है, जो जल्द ही फूटने वाला है। आगे चलकर इनमें से कुछेक ही बचेंगी। कानून न होने पर भी लोग लालच में आकर क्रिप्टो करेंसी में पैसा लगाये जा रहे हैं, क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है इसलिए यह सौदा भरोसेमंद नहीं है। भारत में इस वक्त 15 क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज हैं, जिन पर गाज गिरने वाली है। देश में दस करोड़ से ज्यादा क्रिप्टो खरीदार हैं।
Cryptocurrency: क्या क्रिप्टोकरेंसी की कीमत घटकर हो जाएगी जीरो, जानें क्यों कह रहे हैं एक्सपर्ट, ऐसा-क्या कारण हैं सामने
Cryptocurrency: क्या क्रिप्टोकरेंसी की कीमत घटकर हो जाएगी जीरो, जानें क्यों कह रहे हैं एक्सपर्ट, ऐसा-क्या कारण हैं सामने, टेक्नोलॉजी और कर्ज को एक साथ मिलाना कभी भी समझदारी नहीं कही जा सकती है क्योंकि जब टेक्नोलॉजी काम करती है तो उसका मूल्यांकन बहुत ऊंचा होता है. हालांकि जब टेक्नोलॉजी जब अगले कदम की ओर बढ़ती है तो लोन डिफॉल्ट के मामले भी बढ़ने की संभावना रहती है. एफटीएक्स, एलन मस्क और सॉफ्टबैंक इस सबक को सीख रहे हैं. जी हां- हम ये क्रिप्टोकरेंसी के भ्रम के तोड़ने के बारे में बात कर रहे हैं.
Cryptocurrency
उदाहरण के लिए आप ट्विटर को देख लें जो साल 2019 में मुनाफा कमाने वाली कंपनी बन गई, लेकिन अब ये एक अरब डॉलर के कर्ज पेमेंट्स के मामले में फंसी दिखाई दे रही है.
वॉल स्ट्रीट इस समय ट्विटर के कर्ज को नजरंदाज नहीं कर सकती है जो डॉलर में 60 सेंट के बराबर हो सकता है. बिना पैसा खोए भी ट्विटर के नए मालिक और सीईओ एलन मस्क ने एंप्लाइज से कह दिया है कि ‘दिवालियापन’ की आशंका का प्रश्न बाहर नहीं है. हालांकि उन्हें अपनी खुद की कंपनी टेस्ला के हाई वैल्यू शेयर (भले ही गिरावट दिखा रहे हैं) बेचने से लाभ हुआ है. एलन मस्क ने कहा है कि ट्विटर फ्री-स्पीच के सिद्धांतो पर काम करेगा. ट्विटर की गिरावट के चलते विज्ञापनदाता से लेकर इसके कर्मचारी भाग रहे हैं. अगर एलन मस्क डिफॉल्ट करते हैं और ट्विटर से चले जाते हैं तो कंपनी के पास पुराने कोड और बेकार की वस्तुओं के अलावा कुछ नहीं बचेगा.
क्या Bitcoin एक Bubble है? Bitcoin Bubble Meaning in Hindi
वैसे तो आप सब bubble का अर्थ जानते ही होंगे। लेकिन अगर आर्थिक यानी व्यापारिक दृष्टि से bubble का अर्थ होता है कि जिस चीज पर आपने पैसा लगाया है, वह चीज डूब जाए या उसकी कीमत एकदम से नीचे चली जाए और आपको खूब घाटा हो जाए उसको हम Bubble कहते हैं।
यह शब्द वित्तीय दुनिया में बहुत आम है। ऐसा तब होता है जब सट्टेबाज अपने मूल मूल्य से ऊपर के पूंजीगत लाभ (capital gain) की उम्मीद के साथ एक वित्तीय संपत्ति (financial instrument) खरीदते हैं। तो, इस संपत्ति की कीमत उसके वास्तविक मूल्य से बहुत अधिक हो जाती है।
परिसंपत्ति (asset) पैसे जमा करती है, बहुत तेजी से फुलाती है और एक दिन यह फट जाती है, और उसकी कीमत स्थायी रूप से गिर जाती है।
Bubble, अर्थव्यवस्था की एक सामान्य घटना है। इंटरनेट कंपनियों के स्टॉक में 2000 में भारी वृद्धि देखी गई और कई विश्लेषकों और विशेषज्ञों ने दावा किया कि उनकी दर प्रासंगिक थी। उन्हीं लोगों ने 2006 में संयुक्त राज्य, अमेरिका और ग्रेट ब्रिटेन में अचल संपत्ति की कीमतों के बारे में बात की, जिससे आर्थिक संकट पैदा हो गया।
आर्थिक Bubble के example
2008 में अमेरिका में एक क्राइसिस देखने को मिली थी जिसकी वजह से कई क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है अमेरिकी बैंक bankrupt हो गए थे।
दरसल मामला यह था कि 2000 के बाद अमेरिका में इन्वेस्टर IT कंपनियों में पैसा नहीं लगाना चाहते थे क्योंकि उनके दाम बेहद कम हो गए थे। तो इन्वेस्टर ने रियल स्टेट में पैसा लगाना उचित समझा। लोग भी घर खरीदने लगे और घर खरीदने के लिए तमाम बैंकों से लोन लेने लगे।
बैंक भी उनका क्रेडिट चेक किए बिना उन्हें क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है घर खरीदने के लिए पूरा का पूरा पैसा दे दिया। लेकिन जब बैंक ने उस लोन पर इंटरेस्ट बढ़ा दिया तो लोगों ने किश्त देना बंद कर दिया और ऐसे में बैंक को लोन वसूलने के लिए उनके घर बेचने पड़े। लेकिन इतनी भारी मात्रा में बैंक ने लोगों को लोन दिए थे कि घरों की कीमत सबसे निम्न स्तर पर आ गई। जो घर 5000000 का था वह 2500000 का बिकने लगा। ऐसे में बैंकों को बहुत घाटा हुआ।
क्या Bitcoin Bubble है?
2013 में बहुत सारे वैज्ञानिकों ने कहना शुरू किया कि Bitcoin ( BTC) एक bubble की कुछ विशेषताओं को दिखा रहा था। उदाहरण के लिए, ऑस्ट्रेलियाई अर्थशास्त्री जॉन क्विगिन ने “द बिटकॉइन बबल एंड ए बैड हाइपोथीसिस” नामक एक लेख लिखा और वॉरेन बफेट ने निवेशकों को बीटीसी से दूर रहने की सलाह दी।
दिसंबर 2017 में Bitcoin की कीमतें गिरने लगी थी। क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है क्योंकि ढेर सारे लोगों ने बिटकॉइन में दिलचस्पी दिखाई थी और बिटकॉइन में इन्वेस्ट करने लगे थे। और ऐसे में US$ 20000 से US$ 6000 तक बिटकॉइन के दाम गिरे।
लोगों को लगता है कि बिटकॉइन बबल है लेकिन ऐसा नहीं है। क्योंकि क्रिप्टो करेंसी मुद्रा पर किसी भी सरकार का स्वामित्व नहीं होता यानी कोई भी देश क्रिप्टो करेंसी पर अपना अधिकार नहीं जमा सकता। क्योंकि बिटकॉइन को कोई भी सरकार या कोई भी संस्था प्रिंट नहीं कर सकती। केवल इसकी mining करके ही नए Bitcoin बनाए जा सकते हैं जो कि लिमिटेड हैं। पूरे विश्व में 210,00000 Bitcoin ही बनाए जा सकते हैं। उसके बाद इसका उत्पादन बंद हो जाएगा।
बिटकॉइन में निवेशः मौका है या धोखा?
जालंधरः वर्तमान में बिटकॉइन काफी लोकप्रिय हो रहा है। लोग कम कीमत पर बिटकॉइन खरीद कर इसे ऊंचे दामों पर बेच कर कारोबार कर रहे हैं। बिटकॉइन के लेन-देन में कोई शुल्क नहीं लगता। इसकी वजह से भी यह काफी लोकप्रिय हो रहा है। इसके अलावा यह काफी सुरक्षित और तेज है जिससे लोग बिटकॉइन स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं। क्रैडिट कार्ड की तरह इसमें कोई क्रैडिट लिमिट नहीं होती क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है है न ही कोई नकदी लेकर घूमने की समस्या है।
बिटकॉइन की रचना
बिट एक कूट मुद्रा (क्रिप्टो करंसी) है। शून्य और एक से रची इस मुद्रा ने संसार मे धूम मचा रखी है। यह दुनिया की पहली करंसी है, जिसे किसी संप्रभु देश ने निर्गमित नहीं किया है जैसे डॉलर, रुपया या पौंड। न इसे छुआ जा सकता है। बिटकॉइन की रचना 2009 को नाकामोतो ने की। यह किस देश में बनी, इसका आजतक किसी को पता नहीं है। मुद्रा मूल्य के हिसाब से आज यह विश्व की तीसरी सबसे बड़ी मुद्रा बन चुकी है जिसका बाजार मूल्य 169 बिलियन डॉलर से ज्यादा है। वर्ष 2010 तक इस मुद्रा को कोई खरीदता नहीं था। इसका कोई बाजार मूल्य नहीं था। वर्ष 2011 में एक बिटकॉइन की कीमत एक क्या क्रिप्टो करेंसी का बुलबुला फूट रहा है डॉलर के ऊपर गई।
Cryptocurrency Market में भारी गिरावट, जानिए यह पैसा बनाने का मौका या खतरे की घंटी
इस वजह से इंवेस्टर्स इस बात को लेकर काफी चिंता में नजर आ रहे हैं कि उन्हें क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में इंवेस्ट करना चाहिए या नहीं।
क्रिप्टो मार्केट नए साल की शुरुआत से ही लगातार गिर रहा है। महंगाई दर, लिक्विडिटी और US Fed Reserve के अगले कदम को लेकर आशंकाओं के कारण कई प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी में डबल डिजिट की गिरावट आ चुकी है।
आई है इतनी गिरावट
CoinMarketCap के अनुसार, सबसे बड़ी Cryptocurrency Bitcoin 11 नवंबर 2021 को 68,000 डॉलर (करीब 50.5 लाख रुपये) के पार पहुंच गई थी।
Bitcoin का भाव 10 जनवरी को घटकर 40,000 डॉलर (करीब 29.7 जाख रुपये) के नीचे आ गया। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ethereum भी 10 जनवरी, 2022 को 3,000 डॉलर (करीब 2.25 लाख रुपये) से नीचे आ गई जो 11 नवंबर को 4,800 डॉलर (करीब 3.5 लाख रुपये) के पार पहुंच गई थी।
तीसरी सबसे बड़ी Crypto Binance सात नवंबर, 2021 को 668 डॉलर (करीब 50,000 रुपये) पर पहुंच गई थी। 10 जनवरी 2022 को यह 420 डॉलर (करीब 31,000 रुपये) के नीचे आ गई थी।
10 जनवरी के बाद दिखी है थोड़ी रिकवरी
CoinMarketCap पर उपलब्ध डेटा के अनुसार 10 जनवरी, 2022 के बाद से अब तक Bitcoin, Etherum और Binance सहित सभी क्रिप्टोकरेंसी में थोड़ी ही सही लेकिन तेजी देखने को मिल रही है।
हालांकि, किसी चीज में गिरावट का मतलब यह नहीं होता है कि आप उससे एकदम दूर हो जाओ। शेयर मार्केट के पंडित तो गिरावट के समय शेयरों में इंवेस्टमेंट बढ़ाने की सलाह देते हैं।
असल में यह फॉर्मूला Crypto पर भी लागू होता है. ऐसे में अगर कोई इंवेस्टर मार्केट रिसर्च करते रहता है और उसे फंडामेंटल्स बेहतर नजर आते हैं तो यह क्रिप्टो में निवेश का सबसे उचित समय कहा जा सकता है।
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