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जानें क्या होता है सॉफ्ट टिश्यू कैंसर, जिसके कारण हुई अरुण जेटली की मृत्यु

By: एबीपी न्यूज़, वेब डेस्क | Updated at : 25 Aug 2019 05:26 PM (IST)

नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का सॉफ्ट टिश्यू कैंसर के कारण निधन हो गया. आज दिल्ली के निगम बोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. अरुण जेटली सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा कैंसर से पीड़ित थे. वो लंबे वक्त से इसका इलाज की करवा रहे थे. 9 अगस्त को तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण एम्स में भर्ती हुए थे. कल दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर उनका निधन हो गया.

क्या होता है सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा

सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर होता है. ये कैंसर इंसानी शरीर के कोमल उत्तकों, मांसपेशियां, त्वचा, ब्लड, नसों, रक्तवाहिका और ज्वाइंट्स में हो जाता है. इंसानी शरीर में कई सारे कोमल उत्तक होते हैं, लेकिन सभी में कैंसर नहीं होता है. लेकिन जब सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा एक टिश्यू के अंदर विकसित होते हैं तो वहां से दूसरे टिशू में फैलने लगता है. इसकी चपेट में बच्चे भी आ जाते हैं, लेकिन आम तौर पर ये युवाओं में तेजी से फैलता है. ये 50 से ज्यादा तरह का होता है.

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अनुपम मिश्र मेमोरियल मैडल 2018 से सम्मानित अरुण तिवारी जी से बातचीत

श्री अरुण तिवारी जी वरिष्ठ पत्रकार-लेखक हैं। आप लगभग पिछले तीन दशकों से नदियों को बचाने और जल संरक्षण के लिए उल्लेखनीय लेखन कार्य करते आ रहे हैं। आपका पानी पोस्ट हिंदी ब्लॉग काफी चर्चित है जिसपर आप नियमित तौर पर नदियों और पानी से जुड़े विभिन्न पहलुओं और समकालीन विषयों पर जानकारियां साँझा करते रहते हैं। आपके अनवरत प्रयासों को देखते हुए आपको 25 नवंबर 2018 को अनुपम मिश्र मेमोरियल मैडल से सम्मानित किया है। आपके विचारों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने के लिए, प्रस्तुत है, भीम सिंह रावत, अरुण संकेतक क्या है? SANDRP द्वारा आपके साथ ईमेल के जरिये हुए बातचीत के प्रमुख अंश।

अनुपम मिश्र मेमोरियल मैडल देश में नदी संरक्षण पर उत्कृष्ठ मीडिया काम के लिए प्रदान किया जाता है। यह सम्मान प्रख्यात पर्यावरणविद और गांधीवादी स्व. अनुपम मिश्र की स्मृति में, वर्ष 2017 से, इंडिया रिवर्स फोरम (भारतीय नदी जनसभा) के द्वारा वार्षिक तौर पर आयोजित भारतीय नदी दिवस के अवसर पर दिया जाता है।

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कितने शर्म की बात है कि एक नेता को आजतक इंडिया टुडे जैसे देश के विशाल मीडिया घराने के मालिकों और मुलाजिमों को पत्रकारिता का ट्यूशन देना पड़ रहा है। जब ममता बनर्जी राहुल कंवल की बखिया उधेड़े हुए थीं तो आजतक इंडिया टुडे ग्रुप के बुजुर्ग मालिक अरुण संकेतक क्या है? अरुण पुरी कसमसा रहे थे। लेकिन वो करते भी क्या?

नेताजी की तस्वीर के बारे में गलत प्रचार पर राष्ट्रपति भवन नाराज़, प्रेस सचिव ने लिखा अरुण पुरी को पत्र

पत्र में 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर राजदीप सरदेसाई द्वारा फैलाए गए झूठ का जिक्र किया गया है. इसमें बताया गया है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर उनका अरुण संकेतक क्या है? पोट्रेट का अनावरण किया था. जिसके बाद सरदेसाई समेत कई पत्रकारों ने दावा किया कि वह सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर नहीं है. उनके अनुसार ये पोट्रेट प्रसनजीत चटर्जी की है, जिन्होंने बोस पर बनी फिल्म में उनका किरदार अदा किया था.

अरुण संकेतक क्या है?

संसद भवन पहुंचे वित्त मंत्री अरुण जेटली,11 बजे पेश होगा आम बजट

संसद भवन पहुंचे वित्त मंत्री अरुण जेटली,11 बजे पेश होगा आम बजट

नई दिल्ली। सोमवार को देश की स्थिर विकास दर, सरकारी खर्च और देश की सुधार की दिशा से संबंधित चिंता के बीच केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली आने वाले वित्त वर्ष के लिए आम बजट पेश करेंगे। वह सुबह वित्त मंत्रालय पहुंचे और वहां से बजट भाषण की कॉपी लेकर राष्ट्रपति भवन पहुंचे।

उनके साथ वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा भी मौजूद थे। बजट पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंजूरी दी। उसके बाद जेटली और सिन्हा संसद भवन पहुंचे। सुबह 11 बजे वित्त मंत्री जेटली लोकसभा में आम बजट पेश करेंगे। इस बीच बजट की प्रतियां भी संसद भवन पहुंचा दी गई हैं।

National logistics index 2021 : लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक में गुजरात टॉप पर कायम

National logistics index 2021

National logistics index 2021 : वाणिज्य मंत्रालय द्वारा 8 नवंबर 2021 को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक में शीर्ष स्थान पर बरकरार है। यह सूचकांक निर्यात और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए जरूरी लॉजिस्टिक सेवाओं की कुशलता का संकेतक है। इस सूची में गुजरात अब भी शीर्ष पर कायम है।

आपको बता दें कि गुजरात 21 राज्यों की सूची में पहले स्थान पर है। उसके बाद क्रमश: हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु और महाराष्ट्र का स्थान है। वहीं, उत्तर प्रदेश अब 13वें स्थान से 6ठे स्थान पर आ गया है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा 8 नवंबर 2021 को जारी लीड्स (लॉजिस्टिक्स ईज अक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स) 2021 रिपोर्ट, समस्या वाले क्षेत्रों की पहचान करने और उनसे निपटने के लिए नीतिगत प्रतिक्रिया तैयार करने में मदद करेगी।

सूचकांक का उद्देश्य

सूचकांक का उद्देश्य राज्यों में लॉजिस्टिक संबंधी प्रदर्शन में सुधार पर अरुण संकेतक क्या है? ध्यान केंद्रित करना है जो देश के व्यापार में सुधार और लेनदेन लागत को कम करने के लिए जरूरी है।

पूर्वोत्तर राज्यों और हिमालयी केंद्र शासित क्षेत्रों की सूची में, जम्मू-कश्मीर सूची में सबसे ऊपर है। वहीं केंद्र शासित क्षेत्रों में दिल्ली को शीर्ष स्थान मिला है।

पहली लॉजिस्टिक रिपोर्ट

पहली लॉजिस्टिक रिपोर्ट साल 2018 में जारी की गयी थी। पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण रैंकिंग जारी नहीं की गयी थी। गुजरात 2018 और 2019 दोनों ही साल रैंकिंग सूची में पहले स्थान पर था।

इस बार टॉप 10 की सूची में गुजरात पहले स्थान पर, हरियाणा दूसरे, पंजाब तीसरे, तमिलनाडु चौथे, महाराष्ट्र पांचवे, उत्तर प्रदेश छठे, ओडिशा सातवें, कर्नाटक आठवें, आंध्र प्रदेश नौवें और तेलंगाना दसवें स्थान पर है।

यह सूचकांक 21 संकेतकों पर आधारित

वहीं पश्चिम बंगाल 15वें, राजस्थान 16वें, मध्य प्रदेश 17वें, गोवा 18वें, बिहार 19वें, हिमाचल प्रदेश 20वें और असम 21वें स्थान पर हैं। समग्र सूचकांक 21 संकेतकों पर आधारित है। सर्वेक्षण मई-अगस्त 2021 के दौरान आयोजित किया गया था। पूरी प्रक्रिया में देशभर के 1,405 लोगों से 3,771 प्रतिक्रियाएं मिलीं।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट में जो चीजें रखी गई हैं उनसे अगले पांच साल में लॉजिस्टिक लागत को पांच प्रतिशत तक कम करने का रास्ता साफ हो सकता है। अनुमान के अनुसार, इस समय लागत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 13-14 प्रतिशत है।

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