कमोडिटी मार्केट से भी कर सकते हैं कमाई; कैसे शुरू करें निवेश, समझिए जोखिम और रिटर्न का गणित
रिस्क लेने की क्षमता है तो कमोडिटी मार्केट से अधिक रिटर्न कहीं और मिलना बहुत मुश्किल है.
जोखिम उठाने की क्षमता है तो कमोडिटी मार्केट में निवेश कर कम पूंजी में भी आप ज्यादा पैसा कमा सकते हैं.
पैसे कमाने की चाह हर किसी की होती है लेकिन कई लोगों के पास इतनी अधिक पूंजी नहीं होती है कि वे कहीं निवेश कर अधिक पैसे कमा सकें. इसके अलावा एक परिस्थिति ऐसी भी होती है जिसमें आपके पास पैसे होते हैं लेकिन समझ नहीं आता है कि निवेश कहां करें. अगर आपको रिस्क लेने में डर नहीं लगता है तो आप कमोडिटी मार्केट में निवेश कर कम पूंजी में भी अधिक से अधिक पैसा कमा सकते हैं. रिस्क लेने की क्षमता है तो कमोडिटी मार्केट की भी इतनी क्षमता है कि आपको इस मार्केट के अलावा कहीं और इतना अधिक रिटर्न नहीं मिल सकता है. हालांकि कमोडिटी मार्केट में निवेश का सबसे बड़ा रिस्क मूल पूंजी का गंवाना भी है. आइए समझते हैं कि कमोडिटी मार्केट में निवेश कर आप कितना मुनाफा कमा सकते हैं और इसके खतरे क्या-क्या हैं.
कमोडिटी मार्केट में निवेश के तुलनात्मक फायदे
केडिया कमोडिटी के निदेशक अजय केडिया ने कमोडिटी मार्केट में निवेश का सबसे बड़ा फायदा यह बताया कि आप इसमें छोटी सी पूंजी में बहुत अधिक निवेश कर सकते हैं. इसे समझने के लिए गोल्ड में निवेश का उदाहरण लेते हैं. इस समय (28 जून 2019) सोना करीब 34,212 रुपये प्रति 10 ग्राम पर एमसीएक्स कमोडिटी एक्सचेंज पर ट्रेड हो रहा है. अब सोने में निवेश के लिए आपके पास मुख्य रूप से तीन तरीके हैं.
- अगर आपको 1 किग्रा फिजिकल गोल्ड में निवेश करना है तो आपको करीब 34.21 लाख रुपये लगाने होंगे.
- दूसरा रास्ता आप फ्यूचर ट्रेड के जरिए गोल्ड में निवेश कर सकते हैं. फ्यूचर ट्रेडिंग का मतलब है कि आपको एक निश्चित रकम देकर अपना ऑर्डर बुक कराना है और आपके ऑर्डर का एक्सपायरी पीरियड अधिकतम 1 महीने का होगा. एक्सपायरी पीरियड का मतलब यह हुआ कि इस पीरियड के भीतर आप कभी भी अपने निवेश पर मुनाफा कमा सकते हैं. वर्तमान दर पर गोल्ड में निवेश के लिए आपको पूरे ऑर्डर मूल्य का 5 फीसदी मार्जिन देना होगा जो करीब 1.8 लाख रुपये बैठेगा. इसका अर्थ यह हुआ है कि 34.21 लाख रुपये के फिजिकल गोल्ड का ऑर्डर आपने महज 1.8 लाख रुपये में ही कर दिया.
- निवेश का तीसरा रास्ता ऑप्शंस है. ऑप्शंस ट्रेड में आपको एक प्रीमियम राशि देनी होती है और इसके ऑर्डर की एक्सपायरी दो महीने की होती है. मान लेते हैं कि प्रीमियम भाव (एलटीपी) 500 रुपये है तो एक लॉट (इसका मूल्य एक किग्रा गोल्ड के बराबर होता है) के ट्रेड के हिसाब से ऑप्शंस के जरिए गोल्ड में निवेश करने पर आपको करीब 50 हजार रुपये (500*100) देने होंगे. इस तरह आप देख सकते हैं कि 34.21 लाख रुपये के जरिए फिजिकल गोल्ड में और 1.8 लाख रुपये के जरिए फ्यूचर गोल्ड में निवेश की तुलना में ऑप्शंस के जरिए गोल्ड में निवेश सिर्फ 50 हजार रुपये में हो जाएगा.
फ्यूचर और ऑप्शंस में ऐसे होता है प्रॉफिट कैलकुलेशन
- फिजिकल गोल्ड में निवेश का फायदा-नुकसान कैलकुलेट करना एकदम आसान है. मान लीजिए कि आपने गोल्ड एक किग्रा गोल्ड 34 हजार प्रति दस ग्राम के भाव से निवेश किया है तो उसके भाव में 2 हजार प्रति दस ग्राम की गिरावट आने पर आपको करीब 2 लाख रुपये का नुकसान होगा जबकि उसके भाव में 2 हजार रुपये प्रति दस ग्राम की तेजी आने पर आपको 2 लाख रुपये के करीब मुनाफा होगा.
- फ्यूचर की बात करें तो आपको ऑर्डर बुक करने के लिए करीब 1.8 लाख रुपये की मार्जिन मनी (पूरे ऑर्डर मूल्य का 5 फीसदी) आपको देना होता है. अगर इसके भाव में 2 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट आती है तो आपको 2 लाख रुपये का नुकसान होगा लेकिन 2 हजार की तेजी आई तो आपको 2 लाख का भारत में कमोडिटी मार्केट का व्यापार कैसै करें मुनाफा होगा. यहां एक सलाह यह दी जाती है कि अगर आपको फ्यूचर ट्रेडिंग में नुकसान हो रहा है तो आप 100 फीसदी मार्जिन मनी देकर गोल्ड की डिलीवरी करा सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो एग्जिट करें.
- ऑप्शंस में आपको प्रीमियम राशि ही देनी होती है और आपको अधिकतम नुकसान प्रीमियम का ही झेलना पड़ेगा. अगर आपको लग रहा है कि गोल्ड के भाव में तेजी आ सकती है तो आप कॉल ऑप्शंस खरीदें और अगर आपको लगता है कि आगे गोल्ड के भाव में गिरावट आ सकती है तो आप पुट ऑप्शंस खरीदें. इसमें मान लेते हैं कि आपने 500 रुपये एलटीपी के आधार पर 50 हजार प्रीमियम मनी देकर ऑर्डर बुक किया है. अगर इसके एलटीपी में 200 रुपये की तेजी आती है तो आपका यही मुनाफा हुआ. इसके विपरीत अगर इसके एलटीपी में 200 रुपये की गिरावट आए तो यह आपका नुकसान है.
कमोडिटी ट्रेडिंग की शुरुआत कैसे करें?
- कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सेबी के पास रजिस्टर्ड ब्रोकर के यहां एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है.
- अगर आप डिलीवरी नहीं लेते हैं तो डीमैट अकाउंट खुलवाने की जरूरत नहीं है और सेबी ने भी इसे अभी अनिवार्य नहीं किया है.
- कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए आपको पहचान के तौर पर अपना पैन कार्ड या आधार दे सकते हैं और एड्रेस प्रूफ के लिए आधार या बैंक पासबुक दे सकते हैं. फोटो देनी होगी.
- इसके अलावा आय प्रमाण के लिए 6 महीने का बैंक पासबुक स्टेटमेंट देना होगा. एकाउंट खुलने के बाद आप कमोडिटी ट्रेडिंग करने के लिए तैयार हैं और आपको जिस कमोडिटी में अनुमान है कि इसमें आप मुनाफा कमा सकते हैं और आप कितना रिस्क उठा सकते हैं, उसके आधार पर अपना फ्यूचर या ऑप्शंस में ट्रेडिंग करें.
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(डिस्क्लेमर: फाइनेंशियल एक्सप्रेस किसी भी रूप में निवेश की सलाह नहीं देता है. निवेश संबंधी कोई भी निर्णय करने से पहले आप स्वयं पड़ताल करें या अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें.)
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10 मिनट में जानिए कमोडिटी भारत में कमोडिटी मार्केट का व्यापार कैसै करें ट्रेडिंग कर कैसे कमा सकते हैं मुनाफा
कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना पड़ेगा. इस अकाउंट के जरिये ही आप किसी सौदे की ख़रीद या बिक्री कर सकते हैं.
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए ये हैं जरूरी कागजात
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए आपके पास पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ और बैंक खाता होना जरूरी है. जब आप किसी ब्रोकर के यहां ट्रेडिंग अकाउंट ओपन कराते हैं तो यह ब्रोकर आपको एक अकाउंट की आईडी मुहैया कराता . इस आईडी के जरिये आप खुद भी ट्रेड कर सकते हैं . इसके लिए आपके मोबाइल, पीसी, टेबलेट में इंटरनेट की सुविधा होनी जरूरी है. इस अकाउंट के जरिये ब्रोकर को निश्चित शुल्क चुकाना होता है. अगर आप खुद से सौदे नहीं करना चाहते तो आप अपने ब्रोकर को फोन के जरिये सौदे की खरीद या बिक्री कर सकते हैं.
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया के मुताबिक कमोडिटी ट्रेडिंग में खुद सौदे करने से पहले ब्रोकर के माध्यम से सौदे करने से जोखिम घटता है. अगर खुद सौदे करना चाहते हैं तो पहले कुछ दिन मॉक ट्रेडिंग कर सकते हैं. एमसीएक्स में ज्यादातर नॉन एग्री और एनसीडीईएक्स पर एग्री कमोडिटी में कारोबार होता है. कमोडिटी मार्केट में निवेश करने से पहले ये भी जानना जरूरी है किस एक्सचेंज किन-किन कमोडिटीज का कारोबार होता है. मसलन देश के सबसे बड़े नॉन एग्री कमोडिटी एक्सचेंज में बुलियन, क्रूड, बेस मेटल्स का कारोबार होता है.
इसके अलावा कुछ एग्री कमोडिटीज जैसे मेंथा तेल, क्रूड पाम तेल (सीपीओ) की ट्रेडिंग होती है. इसी तरह एनसीडीईएक्स पर ज्यादाातर एग्री कमोडिटीज का वायदा कारोबार होता है. एनसीडीईएक्स पर ग्वार, चना, जौ, गेहूं, सोयाबीन, धनिया, कैस्टर, जीरा, हल्दी समेत अन्य कमोडिटीज का वायदा कारोबार होता है.
कमोडिटी वायदा बाजार में जानें क्या है मार्जिन ?
हाजिर बाज़ार में किसी जिंस को खरीदते हैं तो एक साथ पूरा भुगतान करना पड़ता है लेकिन कमोडिटी वायदा बाजार में कुछ रकम देकर भी ट्रेडिंग संभव है और इस रकम को मार्जिन कहा जाता है. हर कमोडिटी को खरीदने या बेचने के लिए एक निश्चित मार्जिन पहले से तय होता है . सामान्यतया यह मार्जिन मनी 3-5 फीसदी के बीच होती है. लेकिन कभी भारी उतार-चढ़ाव की स्थिति में एक्सचेंज अतिरिक्त या स्पेशल मार्जिन भी लगाते हैं.
कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग से पहले ये हैं 10 जरूरी बातें
1-कमोडिटी ट्रेडिंग करते समय आप स्टापलॉस का ध्यान जरूर रखें, इससे आपका जोखिम कम होता है. स्टॉपलॉस लगाने से उस निश्चित भाव पर सौदा खुद ही कट जाता है इससे नुकसान होने की संभावना कम रहती है.
2- वायदा बाजार में ट्रेडिंग करने में कम मार्जिन मनी देकर सौदे का विकल्प मिलता है, इसलिए ज्यादा सौदे करने से मुनाफा ज्यादा होगा इस लालच में न फंसे . मतलब यह आप कई लॉट्स में सौदे न करके अपनी आय के अनुसार की ट्रेडिंग करें
3-कमोडिटी ट्रेडिंग और शेयर बाज़ार ट्रेडिंग करने में बुनियादी फर्क है. शेयर बाजार में आप शेयरों को एक बार खरीद कर कई साल बाद भी बेच सकते हैं लेकिन कमोडिटी मार्केट में दो-तीन नियर मंथ में ही कारोबार होता है. इसलिए सौदे खरीदते या बेचने में एक निश्चित अवधि का पालन करना जरूरी होता है.
4-शुरूआत में छोटे सौदे (मिनी लॉट) में कारोबार करने से मुनाफा कमाने की संभावना ज्यादा रहती है. जब आप कमोडिटी मार्केट से पूरी तरह से वाकिफ हो जाये तभी बड़े लॉट्स में कारोबार कर सकते हैं.
5-बाजार के ट्रेंड (रुख) के हिसाब से चलें यानी अगर किसी खास कमोडिटी में लगातार गिरावट का रुख है तो उसी तरह के सौदे डालें.
6- कमोडिटी मार्केट्स में शेयर बाज़ार की तरह ही ग्लोबल भारत में कमोडिटी मार्केट का व्यापार कैसै करें स्तर पर जारी होने वाले आंकड़ों का बड़ा असर होता है खासतौर से अमेरिका और चीन के बाज़ारों की खबरें बाज़ार में काफी हलचल लाती हैं इसलिए इन देशों में जारी होने वाले इवेंट्स और आर्थिक आंकड़ों का ध्यान रखें.
7-लिक्विड सौदे में कारोबार करने से फायदेमंद होता है . उदाहरण के तौर पर बुलियन, कच्चा तेल और बेस मेटल्स में कारोबार करने से जोखिम कम होता है और बाज़ार से हमेशा बाहर निकलने का मौका बना रहा है.
8- शेयर बाजार में कमोडिटी मार्केट की तरह डिवीडेंड, बोनस नहीं मिलता है. इसमें सौदा बिकने के बाद ही फायदा या नुकसान होता है.
9-दुनियाभर के केन्द्रीय बैंक की पॉलिसी का भी कमोडिटी मार्केट पर खासा असर होता है खासतौर से बुलियन कारोबार, कच्चा तेल और बेस मेटल्स की कीमतों में इन केन्द्रीय की पॉलिसी भारत में कमोडिटी मार्केट का व्यापार कैसै करें का असर दिखता है. इन बैंकों में फेडरल रिजर्व बैंक, बैंक ऑफ इंग्लैड का असर दिखता है.
10- हाजिर बाजार में सप्लाई-डिमांड का भी ध्यान रखें . खासकर एग्री कमोडिटी में कारोबार करते समय मंडियों में किसी फसल की आवक कैसी है और आगे उत्पादन कैसा रहेगा.
कमोडिटी वायदा बाजार में ट्रेडिंग के लिए यहां जानिए आसान तरीके
अगर आप कमोडिटी वायदा बाजार (Commodity Futures Market) में ट्रेडिंग (Trading) करना चाहते हैं तो आपको बाजार की सही जानकारी का होना बहुत ही जरूरी है. हालांकि अभी भी बहुत से लोगों में कमोडिटी फ्यूचर्स मार्केट को लेकर जानकारी का अभाव है और यही वजह है कि कमोडिटी बाजार में ट्रेडिंग के लिए उतरे नए निवेशकों में डर बना रहता है. आज की इस रिपोर्ट में हम ऐसे ही निवेशकों के लिए जो कमोडिटी फ्यूचर मार्केट में ट्रेडिंग शुरू करना चाहते हैं, उनको बेहद आसान भाषा में कमोडिटी मार्केट की बारीकियों को समझाने का प्रयास करेंगे. तो आइए जानने की कोशिश करते हैं कि कमोडिटी वायदा बाजार में ट्रेडिंग के वे बेहद आसान तरीके क्या हैं.
कमोडिटी वायदा में कैसे शुरू करें ट्रेडिंग
निवेशकों को कमोडिटी वायदा में ट्रेडिंग के लिए सबसे पहले ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना पड़ेगा. निवेशक इस ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए खरीद और बिक्री कर सकते हैं. ट्रेडिंग अकाउंट किसी ब्रोकिंग फर्म के साथ भारत में कमोडिटी मार्केट का व्यापार कैसै करें खुलवा जा सकता है. हालांकि ब्रोकर्स को MCX, NCDEX, BSE और NSE का सदस्य जरूर होना चाहिए. एक्सचेंज की वेबसाइट से ब्रोकर्स के बारे में जानकारी जुटाई जा सकती है. ट्रेडिंग अकाउंट के लिए पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ और बैंक अकाउंट का होना जरूरी है. MCX पर नॉन-एग्री कमोडिटी वायदा में ट्रेडिंग ज्यादा होती है. NCDEX पर एग्री कमोडिटी वायदा में ट्रेडिंग ज्यादा होती है. हालांकि BSE और NSE पर भी कुछ कमोडिटी में ट्रेडिंग होती है. नॉन-एग्री कमोडिटी में सोना-चांदी, क्रूड और मेटल शामिल हैं. वहीं एग्री कमोडिटी में ग्वार, चना, तिलहन, मसाला और शुगर में ट्रेडिंग होती है.
खरीद-बिक्री के लिए एक्सचेंज पर पहले भारत में कमोडिटी मार्केट का व्यापार कैसै करें से मार्जिन तय
कमोडिटी बाजार से जुड़े जानकारों का कहना है कि कुछ रकम देकर पूरे सौदे को उठाना मार्जिन कहा जाता है. वहीं दूसरी ओर हाजिर बाजार भारत में कमोडिटी मार्केट का व्यापार कैसै करें में सौदे का पूरा भुगतान करना पड़ता है. हर कमोडिटी की खरीद-बिक्री के लिए एक्सचेंज पर पहले से मार्जिन तय है. आमतौर पर मार्जिन मनी 3 फीसदी से 5 फीसदी के बीच है. उतार-चढ़ाव की स्थिति में एक्सचेंज अतिरिक्त मार्जिन भी लगाता है. जानकार कहते हैं कि कमोडिटी ट्रेडिंग में शेयर बाजार की तरह लंबी अवधि नहीं होती है. कमोडिटी मार्केट में दो से तीन सीरीज में ही कारोबार होता है. निवेशकों को खरीद-बिक्री एक निश्चित अवधि में करना जरूरी है. शुरुआत में मिनी लॉट में ट्रेड करना समझदारी भरा कदम माना जाता है. बाजार की समझ बढ़ने के बाद बड़े लॉट में ट्रेड करना चाहिए और हर सौदे में स्टॉपलॉस जरूर लगाना चाहिए. निवेशकों को कई लॉट में ट्रेडिंग के लालच में नहीं फंसना चाहिए. जानकारों का कहना है कि लिक्विड कमोडिटी में ट्रेड करना फायदेमंद रहता है.
जानकार कहते हैं कि कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग के लिए आपको देश दुनिया की खबरों पर नजर बनाए रखनी होगी. कमोडिटी मार्केट पर दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों के फैसले का असर साफतौर पर देखा जाता है. साथ ही एग्री कमोडिटी की बात करें तो फसल और उत्पादन भारत में कमोडिटी मार्केट का व्यापार कैसै करें भारत में कमोडिटी मार्केट का व्यापार कैसै करें अनुमान का असर भी दिखाई पड़ता है. जानकार कहते हैं कि कमोडिटी मार्केट में डिविडेंड और बोनस नहीं मिलता है और ट्रेडर्स को सौदा कटने के बाद ही फायदा या नुकसान होता है.
कमोडिटी ट्रेडर्स के लिए बड़ी खबर, 14 मार्च से बदलेगा एमसीएक्स ट्रेडिंग का समय
14 मार्च से एमसीएक्स ट्रेडिंग का समय बदल जायेगा। यूएस डेलाइट सेविंग टाइमिंग में बदलाव के कारण मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एमसीएक्स) में ट्रेडिंग समय 14 मार्च से संशोधित किया जाएगा। सोमवार से.
14 मार्च से एमसीएक्स ट्रेडिंग का समय बदल जायेगा। यूएस डेलाइट सेविंग टाइमिंग में बदलाव के कारण मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एमसीएक्स) में ट्रेडिंग समय 14 मार्च से संशोधित किया जाएगा। सोमवार से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संदर्भ योग्य गैर-कृषि कमोडिटी के लिए ट्रेडिंग का समय सुबह 9 बजे से रात 11.30 बजे तक होगा।
कपास के लिए ट्रेडिंग टाइम
जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संदर्भ योग्य कृषि वस्तुओं जैसे कपास, सीपीओ और कपास के लिए ट्रेडिंग का समय सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक होगा। अन्य सभी कमोडिटी का कारोबार सुबह नौ से शाम पांच बजे के बीच होगा। उपरोक्त के लिए क्लाइंट कोड संशोधन सत्र व्यापार के समापन समय के ठीक बाद और लगभग 15 मिनट के लिए होगा। इससे पहले, 14 फरवरी को, एक्सचेंज ने एक्सचेंज के नियमों, उप-नियमों और व्यावसायिक नियमों के प्रावधानों के संदर्भ में संशोधित ट्रेडिंग समय के बारे में अधिसूचित किया था।
सोने का भाव
महज एक माह में सोने के दाम में भारत में कमोडिटी मार्केट का व्यापार कैसै करें 10 फीसदी से अधिक का उछाल आया है। इसकी एक बड़ी वजह रूस और यूक्रेन का संघर्ष है। वैश्विक अनिश्चतता की स्थिति में निवेशक सोने को सुरक्षित निवेश समझ रहे हैं जिससे इसकी कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। हालांकि, सोने में निवेश के सबसे सस्ते विकल्पों से एक नया सॉवरेन गोल्ड बांड निवेशकों के लिए उतना फायदेमंद साबित नहीं हो रहा है। जबकि पुराने सॉवरेन बांड की चमक बढ़ी है और उसे खरीदना फायदे का सौदा साबित हो रहा है।
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