Equity Investment: शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों से जोरदार रैली देखने को मिल रही है.

क्या विज्ञापन देखकर आईपीओ में निवेश करना चाहिए ? जानिए एक्सपर्ट की राय

आजकल टीवी, इंटरनेट और अख़बारों में आईपीओ के विज्ञापन निकलते हैं. हर साल करीबन 50 आईपीओ शेयर बाजार में आते हैं. ऐसे में क्या निवेशकों को विज्ञापन देख कर आईपीओ में निवेश करना चाहिए ? जानिए एक्सपर्ट की इस पर क्या राय है.

Nowadays advertisements of IPO come out in TV, internet and newspapers. Every year about 50 IPOs come in the stock market. In such a situation, should investors invest in IPOs after watching advertisements? Know निवेशकों को क्‍या करना चाहिए what is the opinion of the expert on this.

Investors Alert: म्‍यूचुअल फंड निवेशक रहें अलर्ट, रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बना रहा शेयर बाजार, SIP स्‍ट्रैटेजी में करें ये बदलाव

SIP Strategy: बाजार अपने आलटाइम हाई पर है, आगे करेक्‍शन संभव है. ऐसे में म्‍यूचुअल फंड एसआईपी निवेशकों को क्‍या करना चाहिए.

Investors Alert: म्‍यूचुअल फंड निवेशक रहें अलर्ट, रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बना रहा शेयर बाजार, SIP स्‍ट्रैटेजी में करें ये बदलाव

Equity Investment: शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों से जोरदार रैली देखने को मिल रही है.

Stock Market on Record High: शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों से जोरदार रैली देखने को मिल रही है. इस दौरान शेयर बाजार भी रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बना रहा है. नवंबर के बाद अब दिसंबर की शुरूआत में भी बाजार में तेजी जारी है. आज यानी 1 दिसंबर को सेंसेक्‍स ने 63583 और निफ्टी ने 18888 का नया आल टाइम हाई टच किया है. ओवरआल इस साल की बात करें तो बाजार ने न सिर्फ पूरी गिरावट की भरपाई की है, बल्कि निवेशकों को अच्‍छा खासा रिटर्न भी दे दिया. इक्विटी की इस तेजी में म्‍यूचुअल फंड निवेशकों ने भी अच्‍छी कमाई की है. सवाल उठता है कि ऐसी स्थिति में निवेशकों को क्‍या करना चाहिए. उनकीह सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान यानी SIP स्‍ट्रैटेजी में किस तरह का बदलाव आना चाहिए.

2022: डबल डिजिट के करीब सेंसेक्‍स और निफ्टी का रिटर्न

इस साल के उतार चढ़ाव के बीच सेंसेक्‍स और निफ्टी का रिटर्न करीब 9 फीसदी हो गया है. 1 जनवरी से अबतक 5000 अंकों से ज्‍यादा, जबकि निफ्टी में करीब 1500 अंकों की तेजी आई है. जून 2022 में शेयर बाजार में खासा करेक्‍शन देखने को मिला था. 17 जून 2022 को निफ्टी 15183 के लेवल तक कमजोर हुआ था. जबकि सेंसेक्‍स में 50921 के लेवल तक गिरावट आई. आज निफ्टी 18888 और सेंसेक्‍स 63583 के लेवल तक पहुंच गया.

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म्‍यूचुअल फंड निवेशक रहें अलर्ट

BPN फिनकैप के डायरेक्‍टर एके निगम का कना है कि बाजार अपने आलटाइम हाई पर हैं, जबकि कुछ अनिश्चितताएं अभी मौजूद हैं. ऐसे में यह संभव है कि नियर टर्म में कुछ करेक्‍शन देखने को मिल सकता है. इसलिए निवेशकों को कुछ अलर्ट रहने की जरूरत है. खासतौर से वे निवेशक जिनके फाइनेंशियल गोल पूरे हो चुके हैं और उनकी उम्र भी कुछ ज्‍यादा हो चकी है.

किन्‍हें करना चाहिए प्रॉफिट बुकिंग

उनका कहना है कि अगर आप रिटायरमेंट की अवस्‍था में हैं या वहां तक पहुंच रहे हैं तो निवेश को लेकर सजग रहें. अगर आपने जो फाइनेंशियल गोल सेट किया था, उसके नजदीक पहुंच रहे हैं या पहुंच चुके हैं तो समय समय पर प्रॉफिट बुकिंग शरु करें. इसके लिए सिस्‍टमैटिक विद्ड्रॉल प्‍लान बेहतर हो सकता है. ऐसे निवेशक अपना कुछ पैसा डेट या फिक्‍स्‍ड इनकम प्‍लान में भी डाल सकते हैं.

अगर लक्ष्‍य पूरे होने के करीब हैं

उदाहरण के तौर पर मान लिया कि आपने कार खरीदने के लिए एसआईपी शुरू की थी और आपका लक्ष्‍य 8 लाख रुपये जुटाने का था. अगर आप के एसआईपी की वैल्‍यू 8 लाख के करीब है और कार खरीदने में 4 या 5 महीने बचे हैं तो यह पैसा निकाल सकते हैं. 4 से 5 महीने के लिए कुछ पैसा शॉर्ट टर्म डेट प्‍लान में या बैंक में रख सकते हैं. इससे अगर हाल फिलहाल में बाजार में गिरावट आती भी है तो आपको नुकसान नहीं होगा. आप अपने लक्ष्‍य से पीछे नहीं रह जाएंगे.

यंग जेनरेशन क्‍या करे

एके निगम का कहना है कि यंगर जेनरेशन के पास लंबी अवधि के लिए मौके होते हैं. वहीं एसआईपी सुरक्षित निवेश का आल टाइम फेवरेट जरिया बनता जा रहा है. अगर पैसों की तत्‍काल जरूरत नहं है तो यंग जेनरेशन को एसआईपी जारी रखनी चाहिए. कुछ पैसों की जरूरत आगे पड़ने वाली है तो कुछ रकम इक्विटी निवेशकों को क्‍या करना चाहिए निवेशकों को क्‍या करना चाहिए से निकालकर डेट में या इमरजेंसी फंड के लिए रख सकते हैं. मल्‍टी एसेट अलोकेशन भी एक बेहतर विकल्‍प है. यह कुल निवेश का 20 फीसदी हो सकता है.

क्या मुझे ETF में निवेश करना चाहिए?

ETF शेयर बाजार का अनुभव पाने के लिए सबसे कम लागत का ज़रिया है। वे लिक्विडिटी और रियल टाइम सेटलमेंट देते हैं क्योंकि वे एक्सचेंज पर लिस्टेड( सूचीबद्ध) हैं और उनमें शेयरों की तरह कारोबार होता है। ETFs कम जोखिम वाले विकल्प हैं क्योंकि वे आपके निवेशकों को क्‍या करना चाहिए कुछ पसंदीदा शेयरों में निवेश करने के बजाय स्टॉक इंडेक्स का अनुकरण करते हैं और उनमें डाइवर्सिफिकेशन होता है।

ETFs ट्रेड करने के आपके पसंदीदा तरीके में फ्लेक्सिबिलिटी देते हैं जैसे कीमत घटने पर बेचना या मार्जिन पर खरीदना। कमोडिटीज़ और अंतर्राष्ट्रीय सिक्युरिटीज़ में निवेश जैसे कई विकल्प ईटीएफ में भी उपलब्ध हैं। आप अपनी पोज़ि‍शनकी हेजिंग(बचाने ) के लिए ऑपशन्स और फ़्यूचर्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं जो म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर नहीं मिलता है।

हालाँकि, ETFs हर निवेशक के लिए सही नहीं होते हैं। नए निवेशकों के लिए इंडेक्स फंड्स बेहतर विकल्प हैं जो कम रिस्क वाले ऑप्शन को चुनकर लंबी-अवधि के लिए इक्विटी में निवेश करने का फायदा उठाना चाहते हैं। ETFs उन लोगों के लिए भी सही हैं जिनके पास एकमुश्त(लमसम) नगद पैसा है लेकिन अभी तक यह तय नहीं कर पाए हैं कि नकदी का निवेश कैसे किया जाए। वे कुछ समय के लिए ETF में निवेश कर सकते हैं और तब तक कुछ रिटर्न कमा सकते हैं जब तक कि नकदी सही जगह पर इस्तेमाल ना हो जाए। सही ETF का चुनने के लिए ज़्यादातर रिटेल निवेशकों के मुकाबले, वित्तीय बाज़ार की अच्छी समझ होना ज़्यादा ज़रूरी होता है। इसलिए, आपके ETF निवेश को संभालने के लिए निवेश में थोड़ी व्यावहारिक कुशलता की भी ज़रूरत होती है।

Investment Tips: अमीर बनना है तो जल्द शुरू करें निवेश, केवल 5 साल पहले निवेश स्टार्ट करने पर डबल होगा रिटर्न

Investment Tips: फाइनेंशियल एक्सपर्ट का कहना है कि निवेश के लिए टाइमिंग बहुत जरूरी है. अगर 5 साल पहले SIP की शुरुआत करते हैं तो आपका रिटर्न डबल हो जाता है. वेल्थ क्रिएट करना है तो पावर ऑफ कम्पाउंडिंग को समझना जरूरी है.

Investment Tips: इन्वेस्टमेंट को लेकर कहा जाता है कि जिंदगी में निवेशकों को क्‍या करना चाहिए इस काम को जल्द से जल्द शुरू कर देना चाहिए. निवेश की शुरुआत जितनी जल्दी करेंगे, रिटर्न उतना ज्यादा मिलेगा. जी बिजनेस के कार्यक्रम मनी गुरु में वाइजइन्वेस्ट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ हेमंत रुस्तगी ने कहा कि कम्पाउंडिंग की महिमा अपरंपार होती है. कम्पाउंडिंग का पावर इतना ज्यादा है कि केवल 5 साल पहले निवेश शुरू करने पर आपका रिटर्न दो गुना हो जाता है. अगर आपको वेल्थ क्रिएट करना है तो यह इसका एकमात्र फॉर्मूला है. जितनी जल्द निवेश की शुरुआत करेंगे, मुनाफे की बरसात उतनी ज्यादा होगी. आइए पहले इसे उदाहरण से समझते हैं फिर निवेश और वेल्थ क्रिएशन के अन्य पहलुओं को समझते हैं.

पावर ऑफ कम्पाउंडिंग

मान लीजिए कि 'A' की उम्र 30 साल है और वह 10 हजार रुपए की SIP शुरू करता है. औसत रिटर्न 12 फीसदी है. ऐसे में जब वह 50 साल का होगा तो उसे कुल 1 करोड़ की राशि मिलेगी. इस दौरान निवेश की कुल राशि 24 लाख होगी और रिटर्न 76 लाख के करीब मिलेगा. वहीं, 'A' अगर 35 साल की उम्र में निवेश की शुरुआत करता है तो 50 साल की उम्र में उसे कुल निवेशकों को क्‍या करना चाहिए 50 लाख रुपए मिलेंगे. निवेश की कुल राशि 18 लाख रुपए होगी और रिटर्न 32 लाख रुपए होगी. अगर 30 की निवेशकों को क्‍या करना चाहिए जगह 'A' ने 25 साल की उम्र में निवेश की शुरुआत की होती तो 50 साल के उम्र में उसे कुल 1.9 करोड़ रुपए मिलेंगे. उसके निवेश की कुल राशि 30 लाख रुपए होती और रिटर्न 1.6 करोड़ होता. इस उदाहरण से साफ पता चलता है कि निवेश के लिए टाइमिंग कितना जरूरी होता है.

असेट एलोकेशन का संतुलन जरूरी

एक्सपर्ट ने कहा कि निवेश की तैयारी कर रहे हैं तो टैक्स सेविंग को ध्यान में रखना जरूरी होता है. इसके अलावा असेट एलोकेशन भी अहम है. अगर आपके पोर्टफोलियो में असेट क्लास का संतुलन बना है तो रिस्क रिवॉर्ड घट जाता है. ऐसे में अलग-अलग असेट क्लास में संतुलन बनाने का तरीका ये है कि निवेशकों को इक्विटी, डेट, रियल एस्टेट, कमोडिटी में संतुलित निवेश करना चाहिए.

सही असेट का सलेक्शन और एलोकेशन जरूरी

अगर एक असेट क्लास कमजोर होगा तो उसे दूसरा संभाल लेगा. इस तरह नेट रिटर्न पॉजिटिव बना रहेगा. सिर्फ एक असेट क्लास में निवेश से जोखिम ज्यादा हो जाता है. असेट क्लास का सलेक्शन और एलोकेशन निवेश अवधि और जोखिम क्षमता के अनुसार करना जरूरी है. भारतीय बाजार के अलावा इंटरनेशनल निवेश भी करें.

इंट्रेस्ट रेट बढ़ने के बीच डेट फंड के निवेशकों को क्या करना चाहिए? एक्सपर्ट लाए हैं आपके निवेशकों को क्‍या करना चाहिए लिए ये तीन फंड, जहां होगी मोटी कमाई

Debt Funds: जब इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी होती है तो बॉन्ड के प्रति आकर्षण कम हो जाता है और इसकी कीमत घट जाती है. बॉन्ड की कीमत घटने से डेट फंड की नेट असेट वैल्यु यानी NAV भी घट जाती है. बता दें कि बॉन्ड की कीमत घटने से बॉन्ड यील्ड बढ़ने लगती है.

Debt Fund Investment: ग्लोबल इकोनॉमी इस समय महंगाई से जूझ रही है. महंगाई को काबू में लाने के लिए दुनियाभर के सेंट्रल बैंक इंट्रेस्ट रेट में भारी बढ़ोतरी कर रहे हैं. हाल ही में यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने इंट्रेस्ट रेट में 75 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की है. इस साल के लिए यूरोजोन के ग्रोथ का अनुमान 2.3 फीसदी से घटाकर 1.4 फीसदी कर दिया है. सितंबर के अंत में फेडरल रिजर्व की भी बैठक होने वाली है. माना जा रहा है कि अमेरिकी फेडरल लगातार तीसरी बार इंट्रेस्ट रेट में 75 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी करेगा. ऐसे में डेट म्यूचुअल फंड के निवेशकों को क्या करना चाहिए? आइए एक्सपर्ट की बात समझते हैं.

बाजार इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी को लेकर तैयार

आनंद राठी वेल्थ के डिप्टी सीईओ फिरोज अजीज (Feroze Azeez, Deputy CEO, Anand Rathi Wealth)ने कहा कि इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी के बीच भारत में 10 साल की बॉन्ड यील्ड इस सप्ताह 7.16 फीसदी पर बंद हुई. डेट म्यूचुअल फंड पर इसके असर को लेकर फिरोज अजीज ने कहा कि इंट्रेस्ट रेट में संभावित बढ़ोतरी को लेकर बाजार तैयार है. यही वजह है कि बॉन्ड यील्ड में गिरावट आई है. भारतीय बॉन्ड बाजार पर इसका कोई नकारात्मक असर नहीं दिख रहा है. बाजार का सेंटिमेंट मजबूत बना हुआ है. ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी रहने का अनुमान है. महंगाई में लगातार कमी निवेशकों को क्‍या करना चाहिए आ रही है.

डेट फंड के इन्वेस्टर्स को खबराने की जरूरत नहीं

जीएसटी कलेक्शन में 33 फीसदी का उछाल आया है. कॉर्पोरेट के रिजल्ट्स अच्छे आए हैं. लार्जकैप का ग्रोथ 19 फीसदी का है, जबकि मिडकैप का ग्रोथ 15 फीसदी के करीब है. अच्छे रिजल्ट के कारण अर्निंग पर शेयर में भी 15 फीसदी तेजी का अनुमान है. पुराना अनुमान 12 फीसदी का ही था. एक्सपर्ट ने कहा कि इतने सकारात्मक संकेतों के बीच इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी को लेकर नरमी दिख सकती है. डेट फंड इन्वेस्टर्स को फिलहाल घबराने की कोई जरूरत नहीं है.

इंट्रेस्ट रेट बढ़ने पर डेट फंड के NAV की वैल्यु घट जाती है

जैसा कि हम जानते हैं, इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी होने बॉन्ड की कीमत घट जाती है जिसके कारण डेट फंड का NAV यानी नेट असेट वैल्यु भी घट जाती है. इसका नुकसान निवेशकों को होता है. अभी इंट्रेस्ट रेट में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. फाइनेंशियल एक्सपर्ट फिरोज अजीज का कहना है कि इस रिस्क को घटाने के लिए रोल डाउन स्ट्रैटिजी का इस्तेमाल करें. इस स्ट्रैटिजी के तहत मैच्योरिटी तक अपने फंड के साथ टिके रहें. इससे निवेशकों को घाटा नहीं होगा.

इन तीन फंड में निवेश की सलाह

वर्तमान में बॉन्ड यील्ड फिक्स्ड डिपॉजिट से ज्यादा अट्रैक्टिव है. ऐसे में लंबी अवधि के लिए निवेश करने की सलाह होगी. एक्सपर्ट ने IDFC Gilt 2027 Index Fund-Reg(G), Aditya Birla SL Nifty SDL Apr 2027 Index Fund और Kotak Nifty SDL Apr 2027 Fund को डेट निवेशकों के लिए चुना है. उनका कहना है कि अभी इन तीनों फंड के लिए यील्ड 6.64 फीसदी, 6.68 फीसदी और 6.94 फीसदी है.

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