5. संचार सामग्री के अंतरराष्ट्रीय अंतरों के अध्ययन में सहायत- आज के युग में राष्ट्रीय विकास के संचार के साधनों का महत्वपूर्ण स्थान है विभिन्न देशों के संचार साधनों तथा संचार प्रसंगों की तुलना करके इस में अंतर को ज्ञात किया प्रवृत्ति विश्लेषण क्या है? जा सकता है जो कि अंतरराष्ट्रीय साधनों के विकास में अत्यंत उपयोगी है।
प्रवृत्ति विश्लेषण क्या है? nayadost.in
केपलान तथा गील्डसन के अनुसार- "अंतर्वस्तु विश्लेषण का उद्देश्य दी गई अंतर्वस्तु की श्रेणियों का व्यवस्थित रूप से गणनात्मक वर्गीकरण करना है, ताकि अंतर्वस्तु से संबंधित उपकल्पना से संबंध तथ्य प्राप्त किए जा सकें।"
अंतर्वस्तु विश्लेषण संचार सामग्री के विश्लेषण की एक महत्वपूर्ण विधि है। जिसका प्रयोग आज सामाजिक अनुसंधान के क्षेत्र में निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। संचार अनुसंधान तथा मनोवैज्ञानिक अध्ययन विशेष रूप से व्यक्तित्व के अध्ययनों में अंतर्वस्तु विश्लेषण की उपयोगिता इस प्रकार से स्पष्ट की जा सकती है-
1. प्राचीन सामाजिक जीवन के अध्ययन प्रवृत्ति विश्लेषण क्या है? में सहायक- अंतर्वस्तु विश्लेषण विधि में पुस्तकों समाचार पत्रों तथा अन्य साधनों द्वारा सूचनाओं को एकत्र किया जाता है। इसलिए अंतर्वस्तु विश्लेषण में सबसे बड़ा गुण यह है कि इसकी सहायता से प्राचीन समय के सामाजिक जीवन का भी अध्ययन किया जा सकता है।
अंतर्वस्तु विश्लेषण की प्रक्रिया | अंतर्वस्तु विश्लेषण के चरण
1. आवश्यक आंकड़ों का स्पष्टीकरण- प्रवृत्ति विश्लेषण क्या है? किसी अंतर्वस्तु विश्लेषण की रूपरेखा तैयार करते समय यह निश्चित करना आवश्यक है कि रिलेशन के लिए किस प्रकार के तथ्यों की आवश्यकता है। विश्लेषण के अनुरूप तथ्य उसे स्पष्ट और अविश्वसनीय स्वरूप प्रदान करते हैं और विश्लेषण के तथ्यों की साधना के अंतिम स्वरूप का अनुमान लगाने प्रवृत्ति विश्लेषण क्या है? में सहायता करते हैं।
2. सामग्री प्रवृत्ति विश्लेषण क्या है? का श्रेणियों में विभाजन- हर समस्या के अनेक कारक होते हैं। इन कारकों को अनेक वर्गों में विभाजित प्रवृत्ति विश्लेषण क्या है? किया जा सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि अध्ययन का उद्देश्य क्या है। और किस प्रकार का मापन करना है? श्रेणी प्रवृत्ति विश्लेषण क्या है? इस तरह की होनी चाहिए कि तथ्यों को आसानी से इनमें रखा जा सकता है।
3. सामग्री के उपयोग की प्रक्रिया निश्चित करना- विश्लेषण के लिए यह निश्चित और करना भी आवश्यक है कि संग्रहित सामग्री का उपयोग किस प्रकार किया जाए। उसके लिए उपयोग किए जाने वाली प्रणाली का पूर्व निर्धारण करना आवश्यक है।
अंतर्वस्तु विश्लेषण की प्रमुख समस्याएं
1. सबसे पहले प्रवृत्ति विश्लेषण क्या है? सामग्री को परिभाषित करने की समस्या है। यदि राष्ट्रीय प्रेम को सामग्री मानें तो इसकी परिभाषा कैसे की जाए, क्या अत्यंत कठिन समस्या है।
2. जन संचार साधनों से निदर्शन की एक और समस्या 'समय की समस्या' है। किसी समाचार पत्र की सामान्य नीति से परिचित होना कठिन कार्य नहीं है। समाचार पत्र के दैनिक या मासिक प्रकाशन को पढ़कर हम सामान्य नीति का पता लगा सकते हैं। कभी-कभी विशेष घटना घटने प्रवृत्ति विश्लेषण क्या है? से समाचार पत्र की नीति में अचानक परिवर्तन हो जाता है। अगर अध्ययन करता कई महीनों से समाचार पत्रों से निदर्शन लेना चाहे तो यह प्रथम कठिन कार्य हो जाता है। जब तक प्रवृत्ति विश्लेषण क्या है? यह उन घटनाओं का निदर्शन व्यवस्थित रूप से न लेता रहे।
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