अधिकांशतः न्यायालयों ने भी इन काल्पनिक क्रिकेट खेल को यह कहकर सही ठहराया है कि यह जुआ नहीं बल्कि कौशल का खेल है। तो भी विषय की गंभीरता को समझते हुए 6 राज्य सरकारों ने अभी तक काल्पनिक क्रिकेट प्लेटफार्मों को प्रतिबंधित किया है अथवा अनुमति नहीं दी है। इस कड़ी में अंतिम राज्य आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने तो इस प्रकार शेयर बाजार में पैसे डूबने के 6 सामान्य कारण की 132 एप्स को प्रतिबंधित करने के लिए निवेदन किया है। हालांकि कुछ अध्ययन यह मानते हैं कि इस काल्पनिक क्रिकेट खेल में जीतने के लिए कुछ भी संयोग नहीं है, इसलिए यह जुआ नहीं है, लेकिन कुछ खेल मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि काल्पनिक क्रिकेट जुआ ही है और इसके कारण जुए के व्यवहार का रोग लग सकता है। हालांकि इस ‘उद्योग’ से जुड़े लोगों का तर्क यह है कि काल्पनिक खेलों की लत पड़ने का कोई कारण भी नहीं है और इसमें टिकट का औसत मूल्य 35 रुपए ही है, इसलिए इससे एक व्यक्ति अपने जीवन काल में 10 हजार से ज्यादा नुकसान नहीं कर पाएगा। लेकिन इन ‘खेलों’ में हारकर लाखों रुपए के कर्जे के कारण, आत्महत्या करने वालों के बारे में जानकारी से यह बात असत्य सिद्ध हो जाती है।

1930 की महामंदी | Black Tuesday | दुनिया की अर्थव्यवस्था का सबसे ख़राब समय

इससे पहले कि मै आपको 1930 की महामंदी के बारे में बताना शुरू करूँ पहले समझ लेते हैं आखिर मंदी क्या होती है सरल सी भाषा में, दोस्तों मंदी वो अवस्था है जिसमे लोगों की खरीदने कि क्षमता ख़त्म हो जाती है, दुकानों पर सामान अनबिका रह जाता है यानी बिकता नहीं है, और इस तरह डिमांड ख़त्म हो जाती है और डिमांड ख़त्म होने से फैक्ट्रियां भी बंद होने लगती हैं और लोगों के रोजगार भी ख़त्म होने लगते हैं |

“जब भी मंदी की बात होती है तो सबसे पहले नाम आता है 1930 की आर्थिक मंदी का, और उसी से लोग तुलना भी करने लगते हैं तो चलिए जानें कि आखिर कैसी थी वो 1930 की महामंदी

कैसी थी वो आर्थिक मंदी

  • उसकी शुरुआत अमेर‍िका से हुई और उसने सारी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था।
  • वर्ष 1923 में अमेरिका का शेयर बाजार चढ़ना शुरू हुआ और चढ़ता ही चला गया। लेकिन 1929 तक आते-आते अस्थिरता के संकेत आने लगे। आखिरकार वह बुलबुला फूटा 24 अक्टूबर 1929 को।
  • एक दिन में करीब पाँच अरब डॉलर का सफाया हो गया। अगले दिन भी बाजार का गिरना जारी रहा।
  • हालांकि 1930 की महामंदी का कोई एक कारण नहीं था, लेकिन बैंकों का विफल होना और शेयर बाजार की भारी गिरावट को प्रमुख कारण माना जाता है, जिससे शेयरधारकों के 40 अरब डॉलर का सफाया हो गया।
  • अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट का इतना मनोवैज्ञानिक असर पड़ा कि वहां के लोगों ने अपने खर्चो में दस फीसदी तक की कमी कर दी जिससे मांग प्रभावित हुई। लोगों शेयर बाजार में पैसे डूबने के 6 सामान्य कारण ने खरीदारी बंद कर दी, जिससे कंपनियाँ बंद होने लगीं। नौकरियाँ जाने लगी।

महामंदी का महाप्रभाव

  • 1 करोड़ 30 लाख लोग बेरोजगार हो गए।
  • 1929 से 1932 शेयर बाजार में पैसे डूबने के 6 सामान्य कारण के दौरान औद्योगिक उत्पादन की दर में 45 फीसदी की गिरावट आई।
  • 1929 से 1932 के दौरान आवास निर्माण की दर में 80 फीसदी तक की कमी हो गई।
  • इस दौरान 5 हजार से भी अधिक बैंक बंद हो गए।
  • साम्यवाद के प्रति बढ़ा रुझान

आर्थिक संकट का विश्व के प्रमुख देशों पर प्रभाव

  • जर्मनी पर प्रभाव – आर्थिक संकट के परिणामस्वरूप जर्मनी में बेरोजगारी अत्यधिक बढ़ी। 1932 ई. तक 60 लाख लोग बेरोजगार हो गये। इससे जर्मनी में बाह्य गणतंत्र की स्थिति दुर्बल हुईं हिटलर इसका फायदा उठाकर सत्ता में आ गया। इस प्रकार आर्थिक मंदी में जर्मनी ने नाजीवाद का शासन स्थापित किया।
  • ब्रिटेन पर प्रभाव – 1931 ई. में आर्थिक मंदी के कारण ब्रिटेन को स्वर्णमान का परित्याग करना पड़ा। सरकार ने सोने का निर्यात बंद कर दिया। सरकार ने आर्थिक स्थिरीकरण की नीति अपनाई। इससे आर्थिक मंदी से उबरने में ब्रिटेन को मदद मिली। व्यापार में संरक्षण की नीति अपनाने से भी व्यापार संतुलन ब्रिटेन के पक्ष में हो गया। ब्रिटिश सरकार ने सस्ती मुद्रा दर को अपनाया जिससे बैंक दर में कमी आयी। इससे विभिन्न उद्योगों को बढ़ावा मिला।
  • फ्रांस पर प्रभाव – जर्मनी से अत्यधिक क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के कारण फ्रांस की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ थी, अतः आर्थिक मंदी का उस पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ा। फ्रांस की मुद्रा फ्रेंक अपनी साख बचाये रखने में सफल रही।

हर तरह की मृत्यु को कवर करती है PMJJBY, जानें कैसे करें क्लेम

हर तरह की मृत्यु को कवर करती है PMJJBY, जानें कैसे करें क्लेम

कोरोना काल में गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) बेहद फाएदेमंद है। PMJJBY प्राकृति आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़ या अन्य प्राकृति शेयर बाजार में पैसे डूबने के 6 सामान्य कारण उथल-पुथल से होने वाली मृत्यु को कवर करती है। यहां तक कि आत्महत्या और हत्या जैसे किसी भी मृत्यु में इसके तहत क्लेम मिलता है। आइए जानें इस योजना के तहत कहां और कैसे क्लेम कर सकते हैं।

ऐसे करें क्लेम

प्रधानमंत्री शेयर बाजार में पैसे डूबने के 6 सामान्य कारण जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) दोनों स्कीम में कुल मिलाकर 4 लाख रुपये तक का बीमा है। अगर कोई इन दोनों स्कीम्स का फायदा लेना चाहता है प्रीमियम कुल मिलाकर महज 342 रुपये सालाना पड़ेगा। इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए बैंक अकाउंट होना जरूरी है। बैंक अकाउंट बंद हो जाने या प्रीमियम कटने के टाइम पर खाते में पर्याप्त बैलेंस न होने से बीमा रद्द हो सकता । क्लेम प्राप्ति के लिए बीमित व्यक्ति के मृत्यु प्रमाण पत्र और एक क्लेम फॉर्म को जमा करना होगा। प्रक्रिया पूरी होने के बाद क्लेम की राशि नॉमिनी के बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाएगी।

55 साल तक की उम्र तक लाइफ कवर

यह स्कीम 55 साल तक की उम्र तक लाइफ कवर देती है। किसी भी वजह से बीमित व्यक्ति की मौत होने पर उसके नॉमिनी को 2 लाख रुपये मिलते हैं। 18 से 50 साल तक की उम्र का कोई भी नागरिक इस योजना का लाभ ले सकता है। PMJJBY का वार्षि‍क प्रीमि‍यम केवल 330 रुपये है।

जुए की लत लगाती ऑनलाइन गेम्स

बड़ी बात यह है कि इन एप्स ने बड़ी मात्रा में शेयर बाजार में पैसे डूबने के 6 सामान्य कारण विदेशी निवेशकों से निवेश लिया हुआ है और उनका एकमात्र उद्देश्य लोगों को जुए की लत लगाना है। इन एप्स का डिजाइन ही लत लगाने वाला है। यही नहीं, कई तथाकथित कौशल आधारित गेम्स के साफ्टवेयर के साथ छेड़छाड़ कर ग्राहकों को बेवकूफ बनाकर उन्हें लूटा भी जा रहा है। बड़ी बात यह है शेयर बाजार में पैसे डूबने के 6 सामान्य कारण कि न्यायालयों और प्रशासनिक निकायों के पास इसके बारे में जानकारी है जो शेयर बाजार में पैसे डूबने के 6 सामान्य कारण ग्राहकों के पास नहीं है। भारतीय विधि आयोग की 276वीं रपट ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट तक ने यह टिप्पणी दी है कि इन कौशल आधारित गेम्स के नतीजों को मशीनी छेडछाड़ से प्रभावित किया जा सकता है…

पिछले कुछ समय से आपने कुछ ‘एप्स’ के विज्ञापन देखे होंगे जिसमें प्रसिद्ध खेल-जगत हस्तियां ऑनलाइन गेम्स के विज्ञापन करती दिखाई देती हैं। हालांकि साथ ही उसी विज्ञापन में तेज-तेज गति से चेतावनी भी दी जाती है कि इन गेमों को संभलकर खेलें, इसकी लत लग सकती है। वास्तव में आज हमारे युवा इन हस्तियों द्वारा सुझाई एप्स की गेम्स में डूबते जा रहे हैं। पिछले कुछ समय से देश में इंटरनेट और मोबाइल के विस्तार के कारण इस ‘मनी गेमिंग’ उद्योग का खासा विस्तार हुआ है। माना जा रहा है कि वर्ष 2025 तक इस उद्योग का व्यवसाय 5 अरब डालर से अधिक हो जाएगा।

म्यूचुअल फंड्स के रिटर्न से कम रहता है इनवेस्टर्स का रिटर्न: Axis MF Study

अगर आप म्यूचुअल फंड की स्कीमों में निवेश करते हैं तो फिर उसके रिटर्न का अंदाजा आपको होगा। लॉन्ग टर्म में इन स्कीमों का रिटर्न बहुत अच्छा रहता है। लेकिन, एक स्टडी से पता चला है कि किसी स्कीम की फैक्ट शीट में जो रिटर्न दिखाया जाता है उसके मुकाबले इनवेस्टर्स का रिटर्न काफी कम होता है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनवेस्टर्स का रिटर्न कम होने की एक बड़ी वजह यह है कि ज्यादा इनवेस्टर्स के पास लंबे समय तक स्कीम में निवेश बनाए रखने का धैर्य नहीं होता। एक्सिस म्यूचुअल फंड की रिपोर्ट से यह पता चलता है कि फंड के प्वॉइंट-टू-प्वॉइंट रिटर्न और SIP के रिटर्न के मुकाबले इनवेस्टर्स का रिटर्न काफी कम रहा है। इस स्टडी में इक्विटी, हाइब्रिड और डेट फंडों के रिटर्न को शामिल किया गया।

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