ऐसे व्यक्ति को रजिस्ट्रेशन की शर्तों के साथ समय-समय पर रेगुलेटर की तरफ से निर्धारित अन्य जरूरतों का पालन करना होगा. इस कदम से सेबी ने कमोडिटी ऑप्शन के लिये ट्रेडिंग नियम निर्धारित किये निवेशकों, विशेष रूप से नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के बीच भरोसा बढ़ेगा क्योंकि प्लेटफॉर्म की सुविधा नियामक से रजिस्ट्रेशन प्राप्त इंटरमीडिएरिज प्रदान करेगा.
डेली न्यूज़
- 14 Jun 2017
- 3 min read
संदर्भ
हाल ही में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ऑप्शन ट्रेडिंग के लिये कमोडिटी एक्सचेंजों को मंज़ूरी दी है। उल्लेखनीय है कि यह नियामक ढाँचा सेबी बोर्ड के कमोडिटी ऑप्शन को मंजूरी देने के लगभग दो महीने बाद आया है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- यह भी सुनिश्चित किया कि ऐसे अनुबंध केवल उन वस्तुओं पर पेश किये जा सकते हैं, सेबी ने कमोडिटी ऑप्शन के लिये ट्रेडिंग नियम निर्धारित किये जो वर्तमान में वायदा खंड में उच्च मात्रा में पंजीकृत हैं।
- आरंभिक तौर पर प्रत्येक एक्सचेंज़ को केवल एक कमोडिटी पर ही इस तरह के ऑप्शन शुरू करने की अनुमति दी जाएगी।
- सेबी ने कहा कि केवल उन फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट पर ही विकल्प लॉन्च किये जा सकते हैं, जो पिछले 12 महीनों के कुल कारोबार के मामले में शीर्ष पाँच अनुबंधों में से एक है।
- ऑप्शन के लिये तभी कमोडिटी के फ्यूचर कांट्रेक्ट को चुना जा सकेगा, यदि पिछले एक साल के दौरान उसका दैनिक औसत टर्न-ओवर एग्री कमोडिटी के मामले में कम-से-कम-200 करोड़ रुपए और नॉन एग्री कमोडिटी के मामले में 1000 करोड़ रुपए हो।
- मल्टी-कमोडिटी एक्सचेंज़ ऑफ इंडिया (MCX), कच्चा तेल, सोना, रजत, जस्ता और ताँबा जैसी वस्तुओं को ऑप्शन अनुबंध के लिये चुन सकता है।
- इस प्रकार के ऑप्शनों से कमोडिटी बाज़ार की समग्र भागीदारी को सेबी ने कमोडिटी ऑप्शन के लिये ट्रेडिंग नियम निर्धारित किये बढ़ावा मिलेगा तथा कमोडिटी बाज़ार को अधिक मज़बूत और कुशल बनाने में सहयोग करेगा।
- वायदा और ऑप्शन के संयोजन से बाज़ार सहभागियों को वायदा की कीमतों को विकसित करने और ऑप्शनों के सरल जोखिम प्रबंधन का लाभ प्रदान करेगा।
Sebi ने ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म प्रोवाइडर्स के लिए जारी किए नियम, खुदरा निवेशकों के बीच बढ़ेगा भरोसा
Online bond platforms: सेबी ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि नये नियमों के तहत नियामक से शेयर ब्रोकर का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट प्राप्त किये बिना कोई भी व्यक्ति ‘ऑनलाइन बॉन्ड’ प्लेटफॉर्म (Online bond platforms) प्रोवाइडर के रूप में काम नहीं करेगा.
यह खुदरा निवेशकों के बीच भरोसा बढ़ाने और बॉन्ड बाजार में को गति देने में मददगार होगा. (File Photo)
Online bond platforms: कैपिटल मार्केट रेगुलेटर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) ने लिस्टेड डेट सिक्योरिटीज बेच रहे ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म प्रदान करने वालों के लिए चीजें आसान बनाने को लेकर रेगुलेटरी फ्रेमवर्क पेश की है. सेबी ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि नये नियमों के तहत नियामक से शेयर ब्रोकर का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट प्राप्त किये बिना कोई भी व्यक्ति ‘ऑनलाइन बॉन्ड’ प्लेटफॉर्म (Online bond platforms) प्रोवाइडर के रूप में काम नहीं करेगा.
खुदरा निवेशकों के बीच बढ़ेगा भरोसा
इस नियम के लागू होने की तारीख से पहले रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के बिना ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म प्रदाता के रूप में कार्य करने वाला व्यक्ति तीन महीने की अवधि के लिये अपना काम जारी रख सेबी ने कमोडिटी ऑप्शन के लिये ट्रेडिंग नियम निर्धारित किये सकता है. बॉन्ड्स इंडिया डॉट कॉम के संस्थापक अंकित गुप्ता ने सेबी के कदम को बॉन्ड सेक्टर के लिये एक महत्वपूर्ण पहल करार दिया. यह खुदरा निवेशकों के बीच भरोसा बढ़ाने और बॉन्ड बाजार में को गति देने में मददगार होगा.
उन्होंने कहा, अभी बाजार नियंत्रित नहीं है. इससे सेक्टर में प्रवेश को लेकर कोई रोक-टोक नहीं है. इससे निवेशकों के बीच संबंधित व्यक्ति को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा होती है, सेबी के इस कदम के अन्य संबंधित नियमों से निवेशकों की भागीदारी बढ़ने की उम्मीद है.
शेयर बाजार से अलग है ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म
सेबी के अनुसार, Online Bond Platform मान्यता प्राप्त शेयर बाजार से अलग है. यह कोई भी इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली हो सकती है, जिस पर लिस्टेड या लिस्ट होने के लिए प्रस्तावित डेट सिक्योरिटीज की पेशकश और लेनदेन किया जाता है. इसके अलावा, ऑनलाइन बॉन्ड सेबी ने कमोडिटी ऑप्शन के लिये ट्रेडिंग नियम निर्धारित किये प्लेटफॉर्म प्रोवाइडर से आशय, वैसे व्यक्ति से है, जो इस तरह के प्लेटफॉर्म का संचालन करता है.
इसके तहत, Sebi ने एनसीएस नियमों में संशोधन किया है. नया नियम 9 नवंबर से प्रभावी हो गया है. इसके अलावा, सेबी ने अलग से प्रायोजकों के लिये रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (REITs) इकाइयों की न्यूनतम शेयरहोल्डिंग जरूरतों को घटाकर 15% करने के नियमों को अधिसूचित किया है. अबतक यह 25% था. इसका उद्देश्य अधिक से अधिक कंपनियों को REITs लाने के लिये प्रोत्साहित करना है.
Mutual Funds के नियमों में आ रहा है बदलाव, SEBI ने जारी किया नोटिफिकेशन; MF निवेशक पढ़ लें ये खबर
सेबी ने इसके लिये म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन किया है. सेबी के नए नियम म्यूचुअल फंड यूनिटहोल्डर्स के लाभांश और यूनिट बेचने से मिली राशि के ट्रांसफर के मामले में असेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) के लिये हैं. नये रेगुलेशन 15 जनवरी से लागू होंगे.
Mutual Funds Regulations: शेयर बाजार की रेगुलेटरी संस्था SEBI (Securities and Exchange Board of India) म्यूचुअल फंड के नियमों में संशोधन का नोटिफिकेशन जारी किया है. सेबी ने गुरुवार को म्यूचुअल फंड यूनिटहोल्डर्स के लिये डिविडेंड ट्रांसफर और रिडेम्प्शन प्रोसीड पर नए नियम नोटिफाई किए. सेबी के नए नियम म्यूचुअल फंड यूनिटहोल्डर्स के लाभांश और यूनिट बेचने से मिली राशि के ट्रांसफर के मामले में असेट मैनेजमेंट कंपनियों (Asset Management Companies) के लिये हैं. नये रेगुलेशन 15 जनवरी, 2023 से लागू होंगे.
अब फरवरी के अंत तक क्या होगा?
ब्रोकर अब कैश के बजाय शेयर मार्जिन के रूप में स्वीकार कर सकेंगे, जो कि रिटेल सेगमेंट ट्रेडर द्वारा पसंदीदा मोड है.
खुदरा निवेशक इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि व्युत्पन्न बाजार में वे प्रभावी हैं क्योंकि वे विदेशी संस्थागत व्यापारियों की तुलना में F&O सेगमेंट में उच्च स्थितियां रखते हैं.
पहले बताए गए समाचार रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में, खुदरा निवेशकों में समग्र इंडेक्स लंबी कॉल का सेबी ने कमोडिटी ऑप्शन के लिये ट्रेडिंग नियम निर्धारित किये 69% और 67% इंडेक्स शॉर्ट कॉल विकल्प के साथ-साथ क्रमशः 60% और इंडेक्स लॉन्ग पट और इंडेक्स शॉर्ट पुट विकल्प की स्थिति शामिल हैं.
रिटेल इन्वेस्टर में इंडेक्स लंबे भविष्य का 55% और इंडेक्स शॉर्ट पोजीशन का 45% होता है; और स्टॉक फ्यूचर्स का 54% लंबा होता है.
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CIN: L67190MH2007PLC289249 | स्टॉक ब्रोकर SEBI रजिस्ट्रेशन: INZ000010231 | SEBI RA रजिस्ट्रेशन: INH000004680 | SEBI डिपॉजिटरी रजिस्ट्रेशन: IN DP CDSL: IN-DP-192-2016 | AMFI रजिस्ट्रेशन नंबर: ARN-104096 | NSE मेंबर ID: 14300 | BSE मेंबर ID: 6363 | MCX मेंबर ID: 55945 | इन्वेस्टमेंट एडवाइज़र रजिस्ट्रेशन नंबर: INA000014252 | रजिस्टर्ड एड्रेस - IIFL हाउस, सन इन्फोटेक पार्क, रोड नं. 16V, प्लॉट नं. B-23, MIDC, ठाणे इंडस्ट्रियल एरिया, वागले एस्टेट, ठाणे, महाराष्ट्र - 400604
*ब्रोकरेज को फ्लैट शुल्क/निष्पादित ऑर्डर के आधार पर लगाया जाएगा, न कि प्रतिशत के आधार पर. पावर इन्वेस्टर और अल्ट्रा ट्रेडर पैक के साथ ₹ 10/ऑर्डर का फ्लैट शुल्क उपलब्ध है. सिक्योरिटीज़ मार्केट में इन्वेस्टमेंट मार्केट के जोखिमों के अधीन है, इन्वेस्ट करने से पहले सभी संबंधित डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें. IPV से संबंधित सभी प्रोसीज़र और क्लाइंट की ड्यू डिलिजेंस पूरी होने के बाद डिजिटल अकाउंट खोल दिया जाएगा. अगर ₹10/- या उससे कम शेयर की सेल/बाय वैल्यू है, तो प्रति शेयर अधिकतम 25 पैसा ब्रोकरेज लिया जा सकता है. ब्रोकरेज SEBI निर्धारित सीमा से अधिक नहीं होगी.
कमोडिटी मार्केट में कारोबार का समय बदला, अब होगी 15 घंटे ट्रेडिंग
- सेबी ने कमोडिटी डेरेवेटिव्स में ट्रेडिंग का समय बदला
- अब 10 बजे की जगह सुबह 9 बजे खुलेगा कमोडिटी वायदा बाजार
- एग्री कमोडिटीज में अब शाम 5 बजे की जगह रात 9 बजे तक ट्रेडिंग
नया नियम सर्कुलर जारी होने के 30 दिन बाद बाद प्रभावी होगा. माना जा रहा है कि नये साल से नया समय-सारिणी एक्सचेंजों में लागू हो जायेगी.
नॉन एग्री कमोडिटीज के लिए समय को संशोधित करके सुबह 9 बजे से रात 11 बजकर 55 मिनट किया गया है जबकि एग्री कमोडिटीज के लिये कारोबार के समय को बढ़ाकर सुबह 9 बजे से रात 9 बजे किया गया है.
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