आर्थिक मामलों पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल का कहना है आलोचना के बावजूद बड़े पैमाने पर निवेश योजनाओं को देखते हुए बॉन्ड बेचकर धन जुटाने की योजना "सबसे अच्छा विकल्प" है. वे कहते हैं, "सरकार का लक्ष्य वास्तविक ब्याज दरों को कम रखने का है. इस वजह से घरेलू बाजार में उचित दरों पर धन जुटाना मुश्किल हो रहा है."

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क्या होता है विदेशी मुद्रा बॉन्ड

भारत सरकार ने पहली बार विदेशी मुद्रा बॉन्ड बेचकर धन जुटाने की योजना बनाई है. वित्त मंत्रालय का मानना है कि ऐसा कर के अर्थव्यवस्था में तेजी लाई जा सकती है. कम ब्याज पर कंपनियों को धन मुहैया करवाया जा सकता है.

भारत सरकार के वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने पिछले सप्ताह देश के कारोबारियों को बताया था कि विदेशों से ऋण लेने का कदम भारतीय कंपनियों के लिए ब्याज दरों को नीचे लाने के प्रयासों का हिस्सा है ताकि अर्थव्यवस्था में तेजी लाई जा सके. उन्होंने कहा, "हम खुले तौर पर विदेशी निवेश और बचत का स्वागत करेंगे क्योंकि हमें इसकी जरूरत होगी."

गर्ग ने कहा कि घरेलू कर्ज पर निर्भरता के साथ समस्या यह थी कि सरकार ने अर्थव्यवस्था में कुल बचत का लगभग 80% का उपयोग किया. काफी कम हिस्सा निजी कंपनियों के लिए छोड़ा गया. इसका नतीजा ये हुआ कि व्यवसायियों को बैंक ऋण पर 12-13% ब्याज देने के लिए बाध्य किया जाता है. सरकार ने पहले भी विदेशी बाजारों से धन जुटाने पर विचार किया था, लेकिन योजना की व्यावहारिकता तय करने वालों ने इसका विरोध किया था.

विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद

23 जून को, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के प्रचार विभाग ने "चीन के दशक" के विषय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के बाद से वित्तीय क्षेत्र के सुधार और विकास के बारे में जानकारी दी गयी। विदेशी मुद्रा के राज्य प्रशासन की उप निदेशक और प्रवक्ता वांग छ्वनयिंग ने बैठक में कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के बाद से चीन की अर्थव्यवस्था का उच्च गुणवत्ता वाला विकास हुआ है, जिसने विदेशी मुद्रा बाजार के स्थिर संचालन की नींव को मजबूत किया। चीन के विदेशी मुद्रा क्षेत्र में सुधार, विकास और स्थिरता में प्रमुख उपलब्धियां हासिल की गई हैं। भुगतान संतुलन मूल रूप से संतुलित और अधिक स्थिर है, और चालू खाता अधिशेष का जीडीपी से अनुपात एक उचित सीमा के भीतर है; सीमा पार व्यापार, निवेश और वित्तपोषण अधिक सक्रिय हैं, सीमा पार से भुगतान और प्राप्ति का पैमाना तेजी से बढ़ रहा है, और आरएमबी विनिमय दर अधिक लचीली है। इसने भुगतान संतुलन को समायोजित करने के लिए एक स्वचालित स्टेबलाइजर की भूमिका निभाई है।

वर्ष की पहली छमाही में चीन में विदेश निवेश 4 खरब 42 अरब 80 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया

चीनी राष्ट्रीय विदेशी मुद्रा प्रबंधन ब्यूरो ने 30 सितंबर को “2021 की पहली छमाही के लिए चीनी अंतरराष्ट्रीय आय-व्यय संतुलन रिपोर्ट” जारी की। आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष पहली छमाही में चीनी अंतरराष्ट्रीय आय-व्यय आम तौर पर संतुलित है। विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 32 खरब अमेरिकी डॉलर पर स्थिर विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद हो गया है। चालू खाते में […]

चीनी राष्ट्रीय विदेशी मुद्रा प्रबंधन ब्यूरो ने 30 सितंबर को “2021 की पहली छमाही के लिए चीनी अंतरराष्ट्रीय आय-व्यय संतुलन रिपोर्ट” जारी की। आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष पहली छमाही में चीनी अंतरराष्ट्रीय आय-व्यय आम तौर पर संतुलित है। विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 32 खरब अमेरिकी डॉलर पर स्थिर हो गया है। चालू खाते में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1.5 प्रतिशत के अनुपात के साथ अधिशेष पैटर्न जारी है, जो उचित संतुलित सीमा के भीतर बना हुआ है। इसमें माल व्यापार अधिशेष के निश्चित पैमाने को बनाए रखता है, जो विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद घरेलू उत्पादन और आपूर्ति के सापेक्ष लाभ और बाहरी मांग की सहायक भूमिका को दर्शाता है। वहीं, सेवा व्यापारिक घाटा निम्न स्तर पर जारी है, सीमा-पार पर्यटन और विदेशी अध्ययन व्यय अभी भी महामारी से प्रभावित है।

ट्रेडिंग कैसे होती है?

चूंकि सप्ताह के दिनों में बाजार 24 घंटे खुला रहता है, आप किसी भी समय मुद्रा खरीद या बेच सकते हैं। पहले, मुद्रा व्यापार केवल तक ही सीमित थाहेज फंड, बड़ी कंपनियां, और सरकारें। हालांकि मौजूदा समय में कोई भी इसे जारी रख सकता है।

कई बैंक, निवेश फर्म, साथ ही खुदरा विदेशी मुद्रा दलाल हैं जो आपको खाते और व्यापार मुद्राएं खोलने का अवसर प्रदान कर सकते हैं। इस बाजार में व्यापार करते समय, आप किसी विशिष्ट देश की मुद्रा को दूसरे के लिए प्रासंगिकता में खरीदते या बेचते हैं।

हालांकि, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कोई भौतिक आदान-प्रदान नहीं होता है। इस इलेक्ट्रॉनिक दुनिया में, आमतौर पर, व्यापारी एक निश्चित मुद्रा में एक विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद स्थिति लेते हैं और आशा करते हैं कि खरीदारी करते समय मुद्रा में ऊपर की ओर गति हो सकती है या बेचते समय कमजोरी हो सकती है ताकि इससे लाभ कमाया जा सके।

विदेशी मुद्रा व्यापार के तरीके

मूल रूप से, तीन तरीके हैं जो निगम, व्यक्ति और संस्थान विदेशी मुद्रा ऑनलाइन व्यापार करने के लिए उपयोग करते हैं, जैसे:

हाजिर बाजार

विशेष रूप से, यह बाजार सभी मुद्राओं को उनकी वर्तमान कीमत के अनुसार खरीदने और बेचने के लिए है। कीमत मांग और आपूर्ति से निर्धारित होती विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद है और राजनीतिक स्थितियों, आर्थिक प्रदर्शन और वर्तमान ब्याज दरों सहित कई कारकों को विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद दर्शाती है। इस बाजार में, एक अंतिम सौदे को स्पॉट डील कहा जाता है।

वायदा बाजार

हाजिर बाजार के विपरीत, यह अनुबंधों के व्यापार में एक सौदा है। वे उन पार्टियों के बीच ओटीसी खरीदे और बेचे जाते हैं जो खुद समझौते की शर्तों को समझते हैं।

वायदा बाजार

इस बाजार में, वायदा अनुबंधों को खरीदा और बेचा जाता हैआधार शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज जैसे सार्वजनिक जिंस बाजारों पर उनके मानक आकार और निपटान की तारीख। इन अनुबंधों में कुछ विवरण शामिल होते हैं, जैसे कारोबार की गई इकाइयां, वितरण, मूल्य में न्यूनतम वृद्धि और निपटान तिथियां।

प्रशिक्षण की आवश्यकता

विदेशी मुद्रा व्यापार के गतिशील वातावरण में पर्याप्त प्रशिक्षण आवश्यक है। चाहे आप एक अनुभवी या मुद्रा व्यापार के विशेषज्ञ हों, लगातार और संतोषजनक लाभ प्राप्त करने के लिए अच्छी तरह से तैयार होना आवश्यक है।

बेशक, इसे करने से आसान कहा जा सकता है; लेकिन असंभव कभी नहीं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप अपनी सफलता को न छोड़ें, अपना प्रशिक्षण कभी बंद न करें। एक मौलिक व्यापारिक आदत विकसित करें, वेबिनार में भाग लें और यथासंभव प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए शिक्षा प्राप्त करना जारी रखें।

विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर: कारण और महत्त्व

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा 4 सितंबर को जारी आँकड़ों के अनुसार, सप्ताह के अंत में भारत का विदेशी मुद्रा (फॉरेक्स) का भंडार $ 3.883 बिलियन बढ़ कर $ 541.431 बिलियन के विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद उच्चतम स्तर पर पहुँच गया। 5 जून, 2020 को समाप्त सप्ताह में पहली बार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार $ 500 बिलियन को पार कर गया।

विदेशी मुद्रा (फोरेक्स) भंडार-

अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन के बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि के कारण-

  • विदेशीमुद्राभंडारमेंवृद्धिकाप्रमुखकारण भारतीय स्टॉक विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद बाज़ार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में वृद्धि है। विदेशी विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद निवेशकों ने पिछले कई महीनों में कई भारतीय कंपनियों में हिस्सेदारी हासिल की है।
  • मार्च महीने में ऋण और इक्विटी के प्रत्येक खण्डों में से 60000 करोड़ रूपए निकालने के पश्चात् इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्थामेंकायापलटकीउम्मीदसेविदेशीपोर्टफोलियोनिवेशकोंनेभारतीयबाज़ारोंमेंवापसीकी है।
  • कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने के कारण तेल के आयात बिल में कमी आने से विदेशी मुद्रा की बचत हुई है। इसी तरह विदेशी प्रेषण और विदेश यात्राएँ बहुत कम हो गई हैं।
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 20 सितंबर, 2019 को कॉर्पोरेट कर की दरों में कटौती की घोषणा के साथ ही फोरेक्स रिज़र्व में वृद्धि होना शुरू हो गया था।
  • सोनेकीबढ़तीकीमतोंनेकेंद्रीयबैंककोसमग्रविदेशीमुद्राभंडारबढ़ानेमेंमददकी है।

महत्त्व-

  • विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि से सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक को देश के बाह्य और आंतरिक वित्तीय मुद्दों के प्रबंधन में बहुत आसानी होती है।
  • यह आर्थिक मोर्चे पर किसी भी संकट की स्थिति में एक वर्ष के लिये देश के आयात बिल को कवर करने के लिये पर्याप्त है।
  • बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार ने डॉलर के मुकाबले रूपए को मज़बूत करने में मदद की है। सकलघरेलूउत्पाद(GDP)केअनुपातमेंविदेशीमुद्राभंडारलगभग15प्रतिशतहै।
  • यह सरकार को अपनी विदेशी मुद्रा आवश्यकताओं और बाहरी ऋण दायित्त्वों को पूरा करने में मदद कर सकने के साथ ही राष्ट्रीय आपदाओं विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद या आपात स्थितियों के लिये एक रिज़र्व बनाए रखने के लिये महत्त्वपूर्ण है।

वित्त आयोग द्वारा राजकोषीय घाटे का दायरा निर्धारण के लिये सिफारिश

G.S. Paper-III (Economy)

वित्त आयोग विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद के सलाहकार पैनल के कई सदस्यों ने COVID-19 महामारी के कारण वैश्विक अनिश्चितताओं में वृद्धि को देखते हुए केंद्र और राज्यों के राजकोषीय घाटे का एक सीधा लक्ष्य रखने के बजाय एक सीमा (Range) निर्धारण पर विचार करने का सुझाव दिया है।

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