Government Jobs 2022: हरियाणा में PGT Teachers के पदों पर वैकेंसी की भरमार, आवेदन प्रक्रिया शुरू

PGT Teachers Recruitment 2022: हरियाणा लोक सेवा आयोग ने पोस्ट ग्रेजुएट टीचर के पदों पर भर्ती के लिए इच्छुक कैंडिडेट्स के आवेदन आमंत्रित किए हैं. इन पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. यहां हम आपको इस भर्ती से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण डिटेल्स दे रहे हैं.

HPSC PGT Teachers Recruitment 2022: हरियाणा में सरकारी शिक्षक बनने का बेहतरीन मौका है. दरअसल, हरियाणा लोक सेवा आयोग (Haryana Public Service Commission) ने पोस्ट ग्रेजुएट टीचर के पदों पर भर्ती निकाली है. आयोग ने ये भर्तियां विज्ञापन संख्या 31/2022 और 32/2022 के तहत निकाली हैं. इन पदों के लिए कैंडिडेट्स हरियाणा पीएससी की ऑफिशियल वेबसाइट hpsc.gov.in/en-us पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं.

आवेदन की लास्ट डेट
पीजीटी पदों के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 25 दिसंबर 2022 है.

जानें कब आयोजित होगी परीक्षा
हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा इस भर्ती अभियान के तहत पीजीटी टीचर्स के पदों के लिए परीक्षा का आयोजन फरवरी 2023 के दूसरे या तीसरे सप्ताह में किया जा सकता है.

वैकेंसी डिटेल्स
मेवात कैडर में पोस्ट ग्रेजुएट टीचर के 19 पद विभिन्न विषयों में और हरियाणा कैडर में पीजीटी के 8 पद विभिन्न विषयों के लिए निकाले गए हैं. इस भर्ती प्रक्रिया के तहत पीजीटी की कुल 4746 भर्तियां निकली है. इन कुल पदों में से मेवात कैडर के 613 पद और हरियाणा कैडर के 3863 पद शामिले हैं.

आयु सीमा
पीजीटी टीचर्स के पदों पर आवेदन करने वाले कैंडिडेट्स के लिए आयु सीमा 18 से 42 साल निर्धारित की गई है. हालांकि, रिजर्व कैटेगरी के कैंडिडेट्स को अधिकतम आयु सीमा में छूट दी गई है.

जरूरी योग्यता
इन पदों पर आवेदन करने वाले कैंडिडेट्स के पास संबंधित क्षेत्र में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए.
कैंडिडेट्स फैलता है और आयोग ने 12वीं तक हिंदी या संस्कृत विषय पढ़ा हो.
अभ्यर्थियों का हरियाणा टीचर एलिजबिलिटी टेस्ट या स्कूल टीचर एलिजबिलिटी टेस्ट क्लियर होना जरूरी है.

सैलरी
इन पदों पर चयनिक कैंडिडेट्स को सैलरी के रूप में 47,600 रुपये से लेकर 1,51,100 रुपये कर दिए जाएंगे.

आवेदन शुल्क
जनरल कैटेगरी को आवेदन शुल्क के तौर पर 1000 रुपये देना होगा. जबकि, एससी, बीसी-ए, बीसी-बी, ईएसएम, ईडब्ल्यूएस कैटेगरी और सभी फीमेल कैंडिडेट्स के 250 रुपये का भुगतान करना होगा.

चयन प्रक्रिया
इन पदों पर अभ्यर्थियों के चयन के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन किया जाएगा.

समीक्षा अधिकारी (RO) क्या होता है

सचिवालय प्रदेश सरकार का सबसे बड़ा कार्यालय है। कार्यों के शीघ्र निष्पादन के लिये इसे विभिन्न अनुभागों में विभाजित किया गया है, जो कई फैलता है और आयोग विभागों का कार्य देखते हैं | प्रत्येक विभाग एक या अधिक अनुभागों में विभाजित है। अनुभाग ही इस संगठन की मूल इकाई है। सचिवालय के कार्य को मुख्य सचिव द्वारा नियंत्रित किया जाता है। वह सचिवालय संगठन के मुखिया है। सचिवालय के विभिन्न विभाग, प्रमुख सचिव/सचिव के सम्पूर्ण प्रभार के अन्तर्गत कार्य करते हैं। इन अनुभागों के प्रभारी अनुभाग अधिकारी होते हैं, जो राजपत्रित स्तर के होते हैं। अनुभागों में समीक्षा अधिकारी (Samiksha Adhikari), सहायक समीक्षा अधिकारी कार्यरत होते हैं|

समीक्षा अधिकारी कैसे बने (Review Officer)

समीक्षा अधिकारी बननें हेतु अभ्यर्थी को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यू.पी.पी.एस.सी.) द्वारा आयोजित उत्तर प्रदेश समीक्षा अधिकारी/ सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा में सफल होना होता है| इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करनें वाले फैलता है और आयोग अभ्यर्थियों को सामान्यत: सचिवालय भवन, लखनऊ एवं उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग भवन, इलाहाबाद आदि में नियुक्त किया फैलता है और आयोग जाता है|

शैक्षिक योग्यता (Educational Qualification)

समीक्षा अधिकारी बननें के लिए अभ्यर्थी को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक या समकक्ष अर्हता होना अनिवार्य है |

आयु सीमा (Age Limit For Review Officer)

समीक्षा अधिकारी बननें के लिए अभ्यर्थी की आयु 21 से 40 साल तक की होनी चाहिए| आरक्षित वर्ग के फैलता है और आयोग अंतर्गत ओबीसी में 3 वर्ष, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के लिए 5 वर्ष की छूट प्राप्त कर सकते है|

समीक्षा अधिकारी की चयन प्रक्रिया (Selection Process For Review Officer)

समीक्षा अधिकारी बननें के लिए अभ्यर्थी को दो परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है| सबसे खास बात यह है, कि इस परीक्षा में इंटरव्यू नहीं होता है|

1.प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary examination)

2.मुख्य परीक्षा (Main examination)

1.प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary examination)

प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत दो प्रश्नपत्र होते है, जिनमें पहला पेपर सामान्य अध्ययन का होता है| इस पेपर में 140 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछें जाते है| प्रत्येक प्रश्न के लिए एक अंक निर्धारित होता है| दूसरा प्रश्नपत्र हिंदी का होता है, जिसमें 60 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछें जाते है, प्रत्येक प्रश्न के लिए एक फैलता है और आयोग फैलता है और आयोग अंक निर्धारित होता है| परीक्षा का पूर्णांक 200 अंको का होता है| अभ्यर्थी को इस परीक्षा में सफल होनें के लिए 60 से 65 प्रतिशत अंक प्राप्त करना आवश्यक होता है |

2.मुख्य परीक्षा (Main examination)

समीक्षा अधिकारी मुख्य परीक्षा में कुल 4 प्रश्नपत्र होते है| जिसका पूर्णांक 400 अंक होता है| प्रथम प्रश्नपत्र सामान्य अध्ययन में कुल 120 वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का उत्तर देना होता है, इसके लिए दो घंटे की समय सीमा निर्धारित है| यह प्रश्नपत्र 120 अंक का होता है| द्वितीय प्रश्नपत्र सामान्य हिंदी एवं आलेखन (फैलता है और आयोग वर्णनात्मक) के लिये अधिकतम 100 अंक निर्धारित है, जिसका उत्तर अधिकतम ढाई घंटे में लिखना होता है, तृतीय प्रश्नपत्र सामान्य शब्द एवं हिंदी व्याकरण (वस्तुनिष्ठ) में कुल 30 प्रश्न पूछे जाते हैं, जिसके लिये अधिकतम 60 अंक निर्धारित है| इसका उत्तर अधिकतम आधे घंटे में देना होता है ,चतुर्थ प्रश्नपत्र हिंदी निबंध के लिये अधिकतम 120 अंक निर्धारित है, जिसका उत्तर अधिकतम तीन घंटे में लिखना होता है ।

समीक्षा अधिकारी परीक्षा की कटऑफ (CUT OFF)

इसकी कटऑफ सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है| सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्र में औसत प्रदर्शन करते हुए यदि आप 140 में से 98 प्रश्न भी सही करते है, और फैलता है और आयोग हिंदी में 50 भी सही करते है, तो हिंदी पास करवा सकती है, क्योंकि आपका कुल स्कोर होगा 98+50= 148 परन्तु इसके लिए आपको हिंदी में लगभग 45 प्रश्न सही करने का उद्देश्य बनाना होगा|

समीक्षा अधिकारी का वेतन (Salary)

समीक्षा अधिकारी की सैलरी लगभग 9300 से 34800 रुपये के साथ ही ग्रेड वेतन 4600 दिया जाता है|

समीक्षा अधिकारी के लिए आवेदन (Application Form Review Officer)

लोक सेवा आयोग RO ARO समीक्षा अधिकारी के लिए ऑनलाइन आवेदन इसकी ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर कर सकते है|

समीक्षा अधिकारी का आवेदन शुल्क (Application Fee)

इस परीक्षा के लिए आवेदन शुल्क / परीक्षा शुल्क / ऑनलाइन अथवा ऑफ़लाइन माध्यम से जारी किये गये नोटिफिकेशन के अनुसार करना होता है|

समीक्षा अधिकारी प्रवेश पत्र (Admit Card)

समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी के लिए प्रवेश पत्र परीक्षा से 10 दिन पहले ऑफिशियल वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाता है|

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Monkeypox Cases: मंकीपॉक्स से घबराएं नहीं, सतर्क रहें: डॉ वीके पॉल

भारत में मंकीपॉक्स के चार मरीजों की पुष्टि होने के बाद लोगों में इसे लेकर चिंता बढ़ गई है. इस बीच नीति आयोग के विशेषज्ञ डॉ. वीके पॉल का कहना है कि लोगों को इससे डरने की जरूरत नहीं है. यह कोरोना की तरह तेजी से नहीं फैलता. इससे सावधान रहने की जरूरत है.

Monkeypox Cases: मंकीपॉक्स से घबराएं नहीं, सतर्क रहें: डॉ वीके पॉल

भारत में मंकीपॉक्स के चार मरीजों की पुष्टि होने के बाद लोगों में इसे लेकर चिंता बढ़ गई है. इस बीच नीति आयोग के विशेषज्ञ डॉ. वीके पॉल का कहना है कि लोगों को इससे डरने की जरूरत नहीं है. यह कोरोना की तरह तेजी से नहीं फैलता. इससे सावधान रहने की जरूरत है.

लोगों का सहयोग जरूरी

दरअसल, विशेषज्ञों का मानना है कि यह कोरोना की तरह संक्रामक नहीं है. इसलिए घबराने की जरूरत नहीं. ऐसे में नीति आयोग के विशेषज्ञ डॉ. वीके पॉल ने कहा कि लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और इसके लक्षण महसूस होते ही चिकित्सीय सलाह लेकर खुद को एकांतवास में कर लेना चाहिए. इसका इलाज आसानी से हो सकता है, बशर्तें लोग इसके लिए तैयार हों. केन्द्र सरकार इस संक्रमण को रोकने के लिए सभी उपाय कर रही है. इसमें लोगों का फैलता है और आयोग भी सहयोग जरूरी है यह भी पढ़ें : Monkeypox के बढ़ते खतरे को लेकर WHO हुआ अलर्ट, इन लोगों से ज्यादा पार्टनर के साथ Sex नही करने की अपील की

मंकीपॉक्स के लक्षण

मंकीपॉक्स संक्रमण का इनक्यूबेशन पीरियड यानि संक्रमण होने से लक्षणों की शुरुआत तक आमतौर पर 6 से 13 दिनों का होता है, हालांकि कुछ लोगों में यह 5 से 21 दिनों तक भी हो सकता है. अगर लक्षण पर के बारे में बात करें तो..

– मंकीपॉक्स शुरुआत में खसरा, चेचक और चिकन पॉक्स की तरह दिखता है.

– शरीर पर चेहरे से शुरू होकर दाने या फफोला के रूप में फैलता है.

-संक्रमित व्यक्ति को बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सूजन, ठंड लगना, थकावट, खुजली की समस्या होना, निमोनिया फैलता है और आयोग के लक्षण और फ्लू और गंभीर कमजोरी का अनुभव हो सकता है.

–लिम्फैडेनोपैथी यानि लिम्फ नोड्स की सूजन की समस्या को सबसे आम लक्षण माना जाता है.

–इसके अलावा रोगी के चेहरे और हाथ-पांव पर बड़े आकार के दाने हो सकते हैं.

–कुछ गंभीर संक्रमितों में यह दाने आंखों के कॉर्निया को भी प्रभावित कर सकते हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन

मंकीपॉक्स को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार भी सतर्क है. किसी भी तरह के अफवाह और पैनिक से बचने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ गाइडलाइंस जारी की है. इसके तहत सभी राज्यों को सर्विलांस टीम गठित करने के साथ गहन निगरानी के दिशा-निर्देश दिए गए हैं. गाइडलाइन में कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण नजर आते हैं, तो सबसे पहले लैब में टेस्टिंग होगी. उसके बाद ही इस बात की पुष्टि की जाएगी कि वह व्यक्ति मंकीपॉक्स से संक्रमित है. मंकीपॉक्स के लिए डीएनए टेस्टिंग और आरटीपीसीआर मान्य होंगे. राज्य और जिलों में सामने आने वाले मामले के इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलेंस प्रोग्राम के तहत ICMR NIB के पुणे स्थित लैब में जांच के लिए सैंपल भेजे जाएंगे. साथ ही सतर्कता बरतने को कहा गया है.

अब भी कानून करता है कुष्ठ रोगियों के साथ भेदभाव : विधि आयोग

विधि आयोग के अध्यक्ष और दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एपी शाह ने कानून मंत्री डीवी सदानंद गौडा को दी रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदू मेरिज एक्ट, भारतीय तलाक कानून, मुस्लिम विवाह विच्छेद कानून आदि में जिक्र है। इसके मुताबिक, दंपती में से किसी एक को भी कुष्ठ होने पर इसे तलाक के लिए आधार माना गया है। इसका कारण बीमारी का फैलाव रोकना था लेकिन अब बीमारी लाइलाज नहीं रह गई है। पहली ही खुराक के बाद इसका संक्रमण नहीं फैलता।

ऐसे में इन कानूनों में बदलाव होना चाहिए। इसके अलावा लेपर्स फैलता है और आयोग एक्ट 1898 को भी खत्म करने की जरूरत है। इसमें कुष्ठ रोगी के अलगाव को अनिवार्य किया गया है।

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