शेयर मार्किट में Indicators क्या होते हैं ?

Indicators क्या होते है?

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और इस तरह टेक्निकल एनालिसिस में इंडीकेटर्स यानि संकेतक का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है, ताकि चार्ट पर किसी स्टॉक के बारे में ऐसे संकेत देखे जा सके, जिस से ये पता चल सके स्टॉक के past performance के मुकाबले आज कैसा performance है, और future में कैसे performance कैसा हो सकता है,

Indicators कितने होते है,

इंडीकेटर्स की कोई निश्चित संख्या नहीं है, ट्रेडर्स को को जब कुछ नए पैटर्न समझ में आते है, इसी नए पैटर्न को वे एक इंडीकेटर्स मान कर उसे एक इंडीकेटर्स का नाम दे देते है,

और इसी कारण बहुत सारे नए इंडीकेटर्स बनते जाते है, और किसी एक इन्सान के लिए सारे इंडीकेटर्स को समझना बहुत बड़ा काम बन जाता है,

कोई व्यक्ति सारे इंडीकेटर्स के बारे में समझने की कोशिश करे तो उसका बहुत ज्यादा समय भी ख़राब हो सकता है, और अंत में उसे कुछ लोकप्रिय इंडीकेटर्स पर ही वापस आना पड़ेगा,

इसलिए हमें उन्ही इंडीकेटर्स को समझने की जरुरत है, जो समय के साथ जांचे और परखे (Time Tasted) गए है, ताकि हम भी उन इंडीकेटर्स के सही इस्तेमाल करके फायदा उठा सके,

Indicators के फायदे (Benefits of using Indicators)

इंडीकेटर्स के इस्तेमाल करने से ट्रेडर को होने वाले फायदे कुछ इस प्रकार है –

  1. Price Movementकी समझ – इंडीकेटर्स के इस्तेमाल से हमें किसी स्टॉक के price में होने वाले बदलाव (movement) को अच्छे से समझने बहुत हेल्प मिलता है,
  2. Price के UP और LOW लेवल की सुचना – इंडीकेटर्स के इस्तेमाल से हमें किसी स्टॉक के PRICE के ऊपर और नीचे जाने के लेवल को अच्छे से समझने में बहुत हेल्प मिलता है,
  3. TREND की ADVANCE में समझ – इंडीकेटर्स के इस्तेमाल से हमें मार्केट के ट्रेंड का कन्फर्मेशन मिलने के साथ आगे आने वाले ट्रेंड को भी समझने में बहुत हेल्प मिलता है, यानी इंडीकेटर्स से CURRENT TREND की कन्फर्मेशन मिलने के साथ आने वाले TREND को भी समझा जा सकता है,
  4. Confirming Other Technical Tools – इंडीकेटर्स के इस्तेमाल से हमें technical analysis के दुसरे tools जैसे कि – कैंडलस्टिक पैटर्न, volume और सपोर्ट and रेजिस्टेंस द्वारा दिए जाने वाले signal को भी हम कन्फर्म कर सकते है , और इस से हमें double कन्फर्मेशन मिलता है कि हमें कोई ट्रेड करना चाहिए या नहीं,

और इस तरह इंडीकेटर्स के इस्तेमाल से हम बेहतर ट्रेड ले सकते है,

इंडीकेटर्स के प्रकार (Type of Indicators)

Indicators दो प्रकार के होते है –

  1. Leading Indicators (लीडिंग इंडीकेटर्स )
  2. Lagging Indicators (लैगिंग इंडीकेटर्स)

अब आइये इसे डिटेल में समझने की कोशिस करते है –

1 . Leading Indicators (लीडिंग इंडीकेटर्स)

हिंदी में Lead का का अर्थ होता है – नेतृत्व, और इस तरह लीडिंग इंडीकेटर्स ऐसे इंडीकेटर्स होते है, जो price को लीड करते है,

और ये leading इंडीकेटर्स हमें किसी स्टॉक के भाव में आने वाले तेजी या मंदी (Trend Reversal) की एडवांस सुचना देते है, लेकिन लीडिंग इंडीकेटर्स द्वारा दिए जाने वाले सभी इंडिकेशन यानि signal सही नहीं होते है, और इसलिए हमें पूरी तरह से इंडीकेटर्स के ऊपर भरोसा नहीं करना चाहिए,

लीडिंग इंडीकेटर्स के इस्तेमाल के साथ साथ हमें टेक्निकल एनालिसिस के दुसरे tools को जरुर इस्तेमाल में लेना चाहिए,

Leading Indicators में आने वाले कुछ प्रमुख इंडीकेटर्स है –

  1. RSI (Relative Strength Index )
  2. MACD (Moving Convergence and Divergence)
  1. Lagging Indicators (लैगिंग इंडीकेटर्स)

हिंदी में Lagging का का अर्थ होता है – पिछड़ना, पीछे चलना, और इस तरह lagging इंडीकेटर्स ऐसे इंडीकेटर्स होते है, जो price के पीछे चलते है,

Lagging इंडीकेटर्स मार्केट में चल रहे ट्रेंड को कन्फर्म करने का काम अच्छे से करते है,

और इस तरह ये कहा जा सकता है कि Lagging indicators हमें ट्रेंड के बारे में तब बताता है, जब ट्रेंड आलरेडी मार्केट में बन चूका होता है, ये बस उस ट्रेंड को कन्फर्म करने का काम करता है,

चाहे बुलिश ट्रेंड हो या bearish ट्रेंड Lagging इंडीकेटर्स के इस्तेमाल से हमें ट्रेंड के रेवेर्सल का कन्फर्मेशन मिलता है, कि ये ट्रेंड बन चूका है,

Lagging Indicators में आने वाले कुछ प्रमुख इंडीकेटर्स है –

Leading Indicators और Oscillators (ओसिलेटर)

सभी Leading indicators को oscillators कहा जाता है, oscillators का अर्थ है – एक सीमा (Boundary) के अन्दर Price ऊपर या नीचे होना, इस ऊपर या नीचे के रेंज को हम oscillation range कहा जाता है,

और इस तरह Leading Indicators को टेक्निकल एनालिसिस के चार्ट में दो वैल्यू (oscillation range) के बीच दिखाया जाता है, जैसे – 0 से 100 के बीच का वैल्यू

और सबसे प्रमुख लीडिंग इंडीकेटर RSI (Relative Strength Index ) इसका सबसे अच्छा example है, RSI को हमेशा 0 से 100 के बीच दिखाया जाता है, ये न तो 0 से नीचे जा सकता है और न 100 से ऊपर,

Momentum (Use in Indicators)

Momentum किसी स्टॉक के price में होने वाले Change का प्रतिशत (Rate) होता है, Momentum ये बताने की कोशिश करता है कि किस Rate से प्राइस में बदलाव हो रहा है,

जैसे – अगर किसी स्टॉक का price एक week में 15 % change हो रहा है, तो इस change को fast momentum कहा जा सकता है,

और इस change के मुकाबले अगर किसी दुसरे स्टॉक में 2 महीने में 15 % price change हो रहा, तो उसे slow momentum कहा जायेगा,

ध्यान देने वाली बात ये है कि – किसी स्टॉक में जितना जल्दी price change देखने को मिलता है, तो इस change को उतना अधिक momentum माना जाता है,

आशा करता हु कि TECHNICAL ANALYSSIS के ये टॉपिक, आपको जरुर पसंद आया होगा, और आपसे REQUEST कि आप अपने सुझाव, सवाल और कमेंट को निचे जरुर लिखिए,

TECHNICAL INDICATORS KE PRAKAR?

TECHNICAL INDICATORS KE PRAKAR?

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हेल्लो दोस्तों आज एकबार फिरसे आप सभीको internet sikho में बहुत बहुत स्वागत है.आज हाम इस पोस्ट में जानेंगे की technical chart में कितने प्रकार के indicators होते है और उस अलग अलग indicators के क्या क्या काम है उसके बारे में भी जानेंगे.

TECHNICAL INDICATORS की पूरी जानकारी

technical indiactors को दो भाग में भाग किया गया है.

तोह यह दोनों indicators के बारे बारे में निचे उल्लेख करने जा राहा हु.

  • LEADING INDICATORS– यह सुचोक नाम की तरह बर्ताब करता है.मार्केट overbought या oversold है इसकी सूचना सुचोको को देता है.वोग गति के बिना किसी स्थर पार आटके हुए बाजार में आछा काम करते है.यह सुचोक जोह कम कालाबधि की खरीदी या बिक्री करते है उनके लिए बहुत हु उपोयोगी है.यह अधिक trending signal देता है और ट्रेडर ने जाग्रति रहकर काम किया तोह बहुत ही आछा मुनाफ़ा कामा सकते है.

LEADING INDICATORS के भी 2 बिभाग में भाग किया गया है जैसे

LEADING INDICATORS इस्तेमाल करने का क्या फ़ायदा है?

खरीदी और बिक्री टेक्निकल इंडीकेटर्स का मिलनेवाला पुर्बो संकेत यह इसका आसली फ़ायदा होता है.leading सुचोक यह अधिक trending संकेत निर्मान करते है जोह अधिक trading का मौका देता है.बड़ते बाजार में oversold होकर आपको खरीदी करने का मौका मिलता है.

घटते बाजार में overbought होकर आपको बिक्री करने का मौका देता है.पार इसका एक घटा यह है की अधिक संख्या में संकेत और पुर्बो संकेत wipshaw की संभाबना में बढोतरी करते है जिसमे खतरा बढ़ता है.

  • LAGGING INDICATORS – lagging सुचोक यह ट्रेंड के अनुसार चलनेवाले सुचोक है.उनकी रचना इसीलिए होता है की स्थापित ट्रेंड में ट्रेडर या निवेशक ट्रेंड के साथ निवेशित रहते है और ट्रेंड जब तक स्थापित होते है तबतक वोह उनमे शामिल होते है. ऐसे सूचक दीर्घो कलाबधि में निर्मान होनेवाला ट्रेंड में बहुत ही आछा काम आता है.यह भबिस्य में आनेवाले भाव का अंदाजा नहीं दे सकते पार बाताते है की बाजार की दिशा कोनसा है.एकसमान तेजी के कालाबधी में समय के अनुसार काहापर सपोर्ट लेते है वोह स्पष्ट करते है.हर निवेशक दीर्घो कालाबधि के लिए शांत मन से कोई भी शेयर्स में निवेशित रह सकते है.

lagging indicators को भी 2 प्रकार में बिभाग किया गया है

Lagging indicators इस्तेमाल करने का फ़ायदा और नुक्सान क्या है?

lagging सुचोको का एक फ़ायदा उनकी ट्रेंड पकड़ने की एक खमता होता है.यह सुचोक एकसमान बढ़ते या घटते बाजार में आछा काम है.इन सुचोक में बहुत ही कम ट्रेडिंग signal तोह मिलते ही है और जब मिलते है तब थोड़े बहुत मिलते है.पड़े रहनेवाला शांत बाजार में यह आछा काम नहीं देते है.leading और lagging सुचोक अलग अलग प्रकार के भूमिका निभाते है.

दोस्तों यह था TECHNICAL INDICATORS की पूरी जानकारी जिसमे आप अलग अलग indicators के अलग अलग भूमिका के बारे में जान सकते है.उम्मीद करता हु की आपको हामारे technical analysis series से हर दिन कुछ ना कुछ सिखने को मिल राहा होगा.और हामारे आनेवाले हर एक पोस्ट की जानकारी इ mail box में प्राप्त करने के लिए internet sikho को subscribe करना ना भूले.

Indicators क्या होते हैं ?- Confirmation का साधन।

शेयर मार्किट में Indicators क्या होते हैं ?

शेयर मार्किट में Indicators क्या होते हैं ?

जब नया ट्रेडर शेयर मार्किट में अपनी ट्रेडिंग की सुरवात करता हैं, तब वह टेक्निकल एनालिसिस सीखता हैं।

टेक्निकल एनालिसिस में वह पहले सीखता हैं की, Price Action क्या हैं, price में movement कैसे होती हैं, कैंडलस्टिक की मदत से।

फिर हम सीखते हैं की चार्ट पर चार्ट पैटर्न्स कैसे टेक्निकल इंडीकेटर्स टेक्निकल इंडीकेटर्स बनते हैं और उनके काम क्या हैं, जैसे की Head & Shoulder, Double Top, Flag Pattern इत्यादि।

फिर उसके बाद हम सीखते हैं की support और resistance, trendline कैसे इस्तेमाल करते हैं।

ठीक इसके बाद कुछ traders को support और resistance कहा पर हैं, इस शेयर को कहा पे buy करे या sell करे यह समझ में नहीं आता।

तब उन्हें indicators की जरुरत पड़ती हैं , जहा पर उन्हें एक confirmation मिलता हैं।

indicators बनने के कई कारन होते हैं, लेकिन आम तौर टेक्निकल इंडीकेटर्स पर यह शेयर के भाव पे आधारित होते हैं।

indicators बनाने के लिए आपको कोई गणना या हिसाब नहीं करना होता, बल्कि वह सारा काम charting platform द्वारा किया जाता हैं जहा पर आप चार्ट देखते हैं।

Table of Contents

Indicators और Oscillators में अंतर।

  • Oscillators भी Indicators ही होते हैं, वह इंडीकेटर्स का भाग होते हैं।
  • Oscillators में अंतर यह हैं की यह किसी भी स्टॉक की एक रेंज बताते हैं ,की वह स्टॉक overbought है या oversold.
  • RSI एक Oscillator हैं जो की शेयर प्राइस की रेंज बताता हैं।

यह अंतर हैं Indicators और Oscillators में ।

Indicators के प्रकार।

Indicators के प्रकार २ प्रकार Leading Indicators और Lagging Indicators .

Indicators के प्रकार।

क्या आप को पता हैं की शेयर मार्किट में कितने Indicators हैं ? लगभग 2000 .

उनमेसे कुछ ही इंडिकेटर हैं जो की काफी प्रचलित हैं।

जैसे की RSI, Moving Average, MACD इत्यादि।

लेकिन इनमे भी २ प्रकार होते हैं, जैसे की lagging indicators और Leading Indicators .

Leading Indicators

लीडिंग इंडिकेटर उसके नाम के अनुसार स्टॉक की प्राइस भविष्य में क्या होगी, या प्राइस में क्या होने वाला यह बताता हैं।

Leading Indicators के प्रकार – CCI, RSI.

Lagging Indicators

इस का मतलम हैं रुक-रुक चलना या पीछे – पीछे चलना।

यह इंडीकेटर्स price की पीछे – पीछे चलते हैं। जहा प्राइस एक्शन मूव होगा उसके पीछे Lagging Indicators चलेंगे।

Lagging Indicators के प्रकार – MACD, Moving Averages.

Indicators के फायदे।

  • Indicators से हमें यह पता चलता हैं की, शेयर किस दिशा में जा रहा हैं। जैसे की Uptrend, Downtrend या Sideways.
  • इंडीकेटर्स से हमें एक कन्फर्मेशन मिलता हैं की, कब शेयर buy, sell करे या Entry और exit कब करे।
  • मार्किट या शेयर में आगे क्या हो सकता हैं, यह इंडिकेटर द्वारा दिखाया जाता हैं।
  • शेयर आने वाले समय में उसकी प्राइस क्या होगी यह जानकारी हमें मिलती हैं।

Indicators के नुकसान।

कुछ ट्रेडर प्राइस एक्शन देखके बोहोत अच्छी ट्रेडिंग करते हैं। लेकिन कुछ लोग इंडिकेटर का इस्तेमाल करके ठीक से फैसला नहीं ले पाते।

कभी कभी इंडिकेटर द्वारा हमें शेयर में क्या होने वाला हैं, यह पता चल जाता हैं लेकिन अगर मार्किट में कोई उछाल या गिरावट आती हैं तो हमें गलत सिग्नल मिल जाता हैं।

अगर हम इंडिकेटर द्वारा बताये सिग्नल से शेयर में buying या selling करे तो ठीक उसका उल्टा भी हो सकता हैं।

निष्कर्ष

हमें ज्यादा ध्यान प्राइस एक्शन पे लगाना चाहिए, Indicators का उपयोग सिर्फ कन्फर्मेशन के लिए होता हैं।

एक से ज्यादा टेक्निकल इंडीकेटर्स इंडीकेटर्स का उपयोग करने से हम निर्णय नहीं ले पाते की शेयर में क्या करना हैं।

Q.1.Indicators और Oscillators में क्या अंतर हैं ?

Ans: Oscillators भी Indicators ही होते हैं, वह इंडीकेटर्स का भाग होते हैं।
Oscillators में अंतर यह हैं की, यह किसी भी स्टॉक की एक रेंज बताते हैं ,की वह स्टॉक overbought है या oversold.
RSI एक Oscillator हैं जो की शेयर प्राइस की रेंज बताता हैं।

Q.2. Indicators के कितने प्रकार हैं ?

Ans: Indicators २ प्रकार होते हैं, जैसे की lagging indicators और Leading Indicators .

Q.3. शेयर मार्किट में Indicators का क्या उपयोग होता हैं ?

Ans: Indicators का उपयोग शेयर में कन्फर्मेशन के लिए होता हैं।

Q.4. शेयर मार्किट में Indicators क्या होते हैं ?

Ans: शेयर बाजार में Indicators एक साधन हैं, जिसे हम एक संकेत या सिग्नल के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जिससे हमें शेयर की मूवमेंट क्या होगी यह पता चलता हैं।

Zomato के शेयरों में लौट सकती है तेजी, एक्सपर्ट बोले- 119 रुपये तक जा सकते हैं शेयर

फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो (Zomato) के शेयर नवंबर 2021 के अपने हाई से 50 पर्सेंट से ज्यादा टूट चुके हैं। लेकिन, टेक्निकल पैटर्न अब इशारा कर रहे हैं कि जोमैटो के शेयरों में तेजी लौट सकती है।

Zomato के शेयरों में लौट सकती है तेजी, एक्सपर्ट बोले- 119 रुपये तक जा सकते हैं शेयर

फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो (Zomato) के शेयर नवंबर 2021 के अपने हाई से 50 पर्सेंट से ज्यादा टूट चुके हैं। लेकिन, टेक्निकल पैटर्न अब इशारा कर रहे हैं कि जोमैटो के शेयरों में तेजी लौट सकती है। यह बात इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में कही गई है। जोमैटो का मार्केट कैप करीब 58000 करोड़ रुपये है। जोमैटो के शेयर 17 नवंबर टेक्निकल इंडीकेटर्स 2021 को 52 हफ्ते के हाई 162 रुपये पर पहुंचे थे, लेकिन कंपनी के शेयर तेजी नहीं बनाए रख पाए और 27 जुलाई 2022 को 40.55 रुपये के ऑल-टाइम लो पर पहुंच गए।

टेक्निकल इंडीकेटर्स से मिला संकेत, बुल्स ले रहे स्टॉक का कंट्रोल
जोमैटो (Zomato) के शेयरों में पिछले एक हफ्ते में 3 पर्सेंट से ज्यादा की तेजी आई है। एक महीने में जोमैटो के शेयर 9 पर्सेंट से ज्यादा चढ़ गए हैं। वहीं, पिछले 6 महीने में जोमैटो के शेयरों में 20 पर्सेंट से अधिक का उछाल आया है। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के शेयरों के हालिया प्राइस एक्शन से संकेत मिलता है कि बुल्स धीरे-धीरे स्टॉक का कंट्रोल ले रहे हैं। केल्टनर चैनल (Keltner Channel) के ट्रेंड के साथ-साथ KST, ADX जैसे दूसरे इंडीकेटर्स और डिमांड इंडेक्स ने बाय टेक्निकल इंडीकेटर्स सिग्नल जेनरेट किया है।

स्टॉक प्राइस ने 169 रुपये से शुरू किया था डाउनट्रेंड
एक्सपर्ट्स का कहना है कि शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स मौजूदा लेवल्स पर या 69-67 रुपये टेक्निकल इंडीकेटर्स की तरफ गिरावट पर जोमैटो के शेयर खरीद सकते हैं। अगले 6 महीने में जोमैटो के शेयरों का पॉसिबल टारगेट 89,104-119 रुपये है। प्राइस एक्शन के मामले में जोमैटो (Zomato) के शेयर 5 और 200 DMA के नीचे ट्रेड कर रहे हैं। जबकि अभी 10, 20, 30, 50 और 100 DMA के ऊपर ट्रेड कर रहे हैं। जोमैटो स्टॉक प्राइस ने 169 रुपये से अपना डाउनट्रेंड शुरू किया। डाउनट्रेंड के दौरान कंपनी के शेयरों ने लगातार लोअर टॉप्स और टेक्निकल इंडीकेटर्स लोअर बॉटम बनाया।

डिस्क्लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।

तकनीकी विश्लेषण

मूल्य चैनल पैटर्न रणनीति का गाइड

कीमत में परिवर्तन की भविष्यवाणी करते हुए, असेट में उचित ढंग से ट्रेड कर पाने की योग्यता ही ट्रेडिंग में सफल होना है। ट्रेडिंग में तकनीकी विश्लेषण भरोसेमंद साधन का एक संग्रह है जो आपको भाव की गतिविधि की भविष्यवाणी करने में सक्षम टेक्निकल इंडीकेटर्स बनाता है।

ऑनलाइन तकनीकी विश्लेषण करना सीखकर, आप बाजार के ट्रेंड के बारे में सही निष्कर्ष निकालने और इसके ज़रिए पैसा अर्जित करने में सक्षम होंगे। ऐसा करने के लिए, आपको मूलभूत तकनीकी विश्लेषण के साधन और उनका उपयोग के तरीके सीखना चाहिए।

आधिकारिक Olymp Trade ब्लॉग के विशेष खंड में, आपको ट्रेडिंग में तकनीकी विश्लेषण के सिद्धांत और कार्य-प्रणाली पर लेखों की सूची मिलेगी। निम्न मुख्य विषय दिए गए हैं जिन्हें आपको सफल ट्रेडिंग के लिए सीखने की आवश्यकता है:

  • भाव चार्ट के प्रकार
  • ड्राइंग के साधन
  • फाइबोनाची साधन
  • ट्रेंड इंडिकेटर
  • ऑसिलेटर
  • कैंडलस्टिक पैटर्न
  • ग्राफिक आकार

आधिकारिक Olymp Trade ब्लॉग में ट्रेडिंग तकनीकी विश्लेषण पर प्रशिक्षण सामग्री नौसिखिए उपयोगकर्ताओं और अनुभवी ट्रेडर दोनों के लिए बनाई गई है। तकनीकी विश्लेषण के उन तत्वों को चुनें जिनमें आप माहिर होना चाहते हैं और उन्हें सीखना शुरू करें!

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