बजट 2022 में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लंबे समय से चल रही अनिश्चितता दूर हुई है.

Budget 2022 : भारत लॉन्च करेगा अपना ‘डिजिटल रुपया’, जानिए डिजिटल करेंसी से जुड़ी हर बात

वित्त मंत्री ने कहा, डिजिटल रुपया' नाम की यह करेंसी रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल फॉर्म में जारी की जाएगी और इसे फिजिकल करेंसी यानी रुपये के साथ बदला जा सकेगा

Budget 2022 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आम बजट, 2022-23 पेश करते हुए ऐलान किया कि भारत में अप्रैल, 2022 से शुरू होने जा रहे वित्त वर्ष में अपनी डिजिटल करेंसी (digital currency) पेश करेगा। डिजिटल करंसी से ज्यादा इफीशिएंट और सस्ते करेंसी मैनेजमेंट सिस्टम को बढ़ावा मिलेगा। क्रिप्टो या डिजिटल करेंसीज को लेकर दुनियाभर बजट में डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टो कर की शुरुआत में दीवानगी को देखते हुए भारत सरकार के इस कदम को खासा अहम माना जा रहा है।

आरबीआई प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी का कड़ा विरोध करता रहा है, क्योंकि वे राष्ट्रीय सुरक्षा और फाइनेंशियल स्टैबिलिटी पर प्रभाव डाल सकती हैं।

रेगुलेशन को अभी देना है अंतिम रूप

संबंधित खबरें

Tata Motors के बोर्ड बजट में डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टो कर की शुरुआत ने IPO के जरिए Tata Technologies में अपनी हिस्सेदारी बेचने को दी सैद्धांतिक मंजूरी

Jaypee Group के एसेट्स खरीदेगी Dalmia Bharat, 5666 करोड़ में हुआ सौदा, दोनों ही कंपनियों को होगा ये बड़ा फायदा

Retail Inflation: महंगाई के मोर्च पर बड़ी राहत, 11 महीने के निचले स्तर पर आई देश की खुदरा महंगाई दर

वित्त मंत्री ने कहा कि 'डिजिटल रुपया' नाम की यह करेंसी रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा डिजिटल फॉर्म में जारी की जाएगी और इसे फिजिकल करेंसी यानी रुपये के साथ बदला जा सकेगा। सेंट्रल बैंक की इस डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) को कंट्रोल करने वाले रेगुलेशन को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।

#WATCH | Central bank will issue a digital currency, no discussions over what are Crypto & Crypto assets for now. Consultation with stakeholders is underway. The description of digital assets will come after the consultation: FM Nirmala Sitharaman pic.twitter.com/13a2eaUtWe

— ANI (@ANI) February 1, 2022

बजट डॉक्युमेंट के मुताबिक, “ब्लॉकचेन या अन्य टेक्नोलॉजिस के इस्तमाल डिजिटल रुपया पेश करने का प्रस्ताव किया जाता है।” ब्लॉकचेन (blockchain) मूल रूप से एक डिजिटल लेजर है, जो ऐसे ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड करता है जिन्हें ट्रैक किया जा सकता है।

डिजिटल इकोनॉमी को मिलेगा प्रोत्साहन

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि सीबीडीसी की शुरुआत से डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘‘डिजिटल करेंसी से एक अधिक इफीशिएंट और सस्ता करेंसी मैनेजमेंट सिस्टम वजूद में आएगा। डिजिटल करेंसी में ब्लॉक चेन और अन्य टेक्नोलॉजिस का उपयोग किया जाएगा।’’

पीएम भी ग्लोबल मंच पर उठा चुके हैं यह मुद्दा

प्रिंसिपल इकोनॉमिक एडवाइजर संजीव सान्याल ने कहा कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी बजट में डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टो कर की शुरुआत के रेगुलेशन के इश्यू को लेकर संतुलित रुख अपनाएगी, क्योंकि यह देश की फाइनेंसिय स्टैबिलिटी से जुड़ा मुद्दा है।

हाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम पर इस तरह के नियम बनाए जाने पर चर्चा किए जाने का आह्वान किया था।

कैपिटावाया ग्लोबल रिसर्च ने कहा कि रिजर्व बैंक एक सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी सीबीडीसी के लिए चरणबद्ध योजना पर काम कर रही है। निकट भविष्य में, परीक्षण के लिए पायलट के तौर पर डिजिटल करेंसी का आना संभव है।

वर्चुअल करेंसी से कैसे अलग है सीबीडीसी

सीबीडीसी (CBDC) एक डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है, लेकिन इसकी तुलना प्राइवेट वर्चुअल करेंसी या क्रिप्टोकरेंसी से नहीं की जा सकती है, जिनका चलन पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ा है। प्राइवेट डिजिटल करेंसीज किसी भी व्यक्ति की देनदारियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं, क्योंकि उनका कोई इश्युअर नहीं है। वे निश्चित रूप से करेंसी नहीं हैं।

क्या है ब्लॉकचेन

ब्लॉकचेन को सर शब्दों में समझें तो यह दो शब्दों से मिलकर बना है. पहला है ब्लॉक (Block) और दूसरा है चेन (Chain)। ब्लॉक का मतलब यहां ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में कई डेटा ब्लॉक से है। यानी इन ब्लॉक्स में डेटा रखा जाता है। यहां अलग-अलग बॉक्स में करेंसी यानी डेटा होते हैं। अलग-अलग बॉक्स में करेंसी के होने से यहां डेटा की एक लंबी चेन बनती जाती है। जब कोई नया डेटा आता है, तो उसे एक नए ब्लॉक में रिकॉर्ड किया जाता है। जब ब्लॉक डेटा से भर जाता है तो इसे पिछले ब्लॉक से जोड़ दिया जाता है। इसी तरह सारे ब्लॉक्स एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं।

बजट 2022-23 : भारत में भी आएगी डिजिटल करंसी, नाम होगा ‘डिजिटल रुपया’

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। क्रिप्टो या डिजिटल मुद्राओं को लेकर दुनियाभर में दीवानगी है और भारत में भी एक अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष में इसका देशी संस्करण पेश किया जाएगा, जो भौतिक रूप से प्रचलित मुद्रा के डिजिटल रूप को प्रतिबिंबित करेगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को संसद में पेश आम बजट के मुताबिक‘डिजिटल रुपया’नामक यह मुद्रा, रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी किया जाएगा और इसे भौतिक मुद्रा के साथ बदला जा सकेगा। इस केंद्रीय बैंक की बजट में डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टो कर की शुरुआत डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) को नियंत्रित करने वाले विनियमन को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।

सीबीडीटी एक डिजिटल या आभासी मुद्रा है, लेकिन इसकी तुलना निजी आभासी मुद्राओं या क्रिप्टो करेंसी से नहीं की जा सकती है, जिनका चलन पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ा है। निजी डिजिटल मुद्राएं किसी भी व्यक्ति की देनदारियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं, क्योंकि उनका कोई जारीकर्ता नहीं है। वे निश्चित रूप से मुद्रा नहीं हैं।

आरबीआई निजी क्रिप्टो करेंसी का कड़ा विरोध कर रहा है, क्योंकि वे राष्ट्रीय सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता पर प्रभाव डाल सकते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि सीबीडीसी की शुरुआत से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘‘डिजिटल करेंसी से एक अधिक दक्ष तथा सस्ती करेंसी प्रबंधन व्यवस्था वजूद में आएगी। डिजिटल करेंसी ब्लॉक चेन तथा अन्य प्रौद्योगिकियों का उपयोग करेगी।’’

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।

Budget 2022: क्रिप्टो करंसी से हुआ घाटा तो भी देना होगा टैक्स, सेंट्रल बैंक जल्द लॉन्च करेगा ‘डिजिटल रुपया’

Cryptocurrency: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में एलान किया है कि क्रिप्टोकरंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा. खास बात है कि सेंट्रल बैंक यानी रिजर्व बैंक (RBI) भी अपनी डिजिटल करंसी जल्द ही लॉन्च करने जा रही है.

Budget 2022: क्रिप्टो करंसी से हुआ घाटा तो भी देना होगा टैक्स, सेंट्रल बैंक जल्द लॉन्च करेगा ‘डिजिटल रुपया’

बजट 2022 में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लंबे समय से चल रही अनिश्चितता दूर हुई है.

Tax on Cryptocurrency/Digital Rupee: बजट 2022 में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लंबे समय से चल रही अनिश्चितता दूर हुई है. वित्त मंत्री ने बड़ी क्रिप्टोकरेंसी पर पर बड़ा एलान करते हुए क्लेरिटी दी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में एलान किया है कि क्रिप्टोकरंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा. खास बात है कि सेंट्रल बैंक यानी रिजर्व बैंक (RBI) भी अपनी डिजिटल करंसी जल्द ही लॉन्च करने जा रही है. एक तरह से यह क्रिप्टोकरंसी को रेगुलेट करने के लिए उपाय किया गया है. अबतक क्रिप्टोकरंसी पर किसी तरह का टैक्स नहीं देना होता था. इसी वजह से इसे लेकर एक अनिश्चितता थी कि यह देश में निवेश के लिए जारी रहेगी या इस पर बैन लगेगा.

क्रिप्टोकरंसी पर घाटा तो भी देना होगा टैक्स

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बात और साफ की है कि जहां क्रिप्टोकरंसी पर होने वाली आय पर टैक्स लगेगा, वहीं अगर इस पर घाटा हुआ तो भी टैक्स देना होगा. क्रिप्टोकरेंसी ही नहीं किसी भी वर्चुअल एसेट्स के ट्रांसफर पर होने वाली आय पर 30 फीसदी का टैक्स लगेगा. वहीं एक निश्चित सीमा से अधिक के ट्रांजेक्शन पर टीडीएस भी लगाने का एलान किया गया है. फिलहाल इस कदम से यह तय है कि सरकार क्रिप्टोकरंसी पर किसी तरह का बैन नहीं लगाने जा रही है. लेकिन इससे होने वाली आय पर भारी भरकम टैक्स लगा दिया गया है. सरकार के इस कदम से क्रिप्टोकरंसी में निवेश को लेकर ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी.

निवेश के लिए नया एसेट क्लास

TradeSmart के CEO विकास सिंघानिया का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी बजट में डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टो कर की शुरुआत को लीगलाइज करने के लिए वित्त मंत्री ने क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी टैक्स लगाया है. अब ट्रेडर्स इस एसेट क्लास में बिना किसी डर के ट्रेड कर सकते हैं. बजट ने क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग पर कानूनी अनिश्चितता को दूर कर दिया है. क्रिप्टो में लोग ट्रेड कर सकते हैं लेकिन उन्हें टैक्स देना होगा. हालांकि यह देखा जाना है कि अगर कॉर्पोरेट क्रिप्टो में ट्रेड करते हैं, तो कॉर्पोरेट टैक्स लागू होता है या 30 फीसदी टैक्स या जो भी अधिक हो.

Budget 2021: रोजगार, इंफ्रा, मनरेगा, रीयल्टी- हर तरह से बढ़ानी होगी डिमांड, तभी बढ़ेगी अर्थव्यवस्था; इंडिया रेटिंग्स के बजट सुझाव

बजट 2021 Live News Updates: ‘स्वस्थ भारत’ और ‘मजबूत बुनियाद’ पर रफ्तार पकड़ेगी अर्थव्यवस्था, कुल 34,83,236 करोड़ रु का बजट

जल्द आएगी देश की पहली डिजिटल करंसी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के दौरान वर्ष 2022-23 से देश में डिजिटल करंसी की शुरुआत किए जाने का एलान किया है. वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा ‘डिजिटल रुपये’ की शुरुआत करने से देश में करेंसी मैनेजमेंट में काफी सुधार होगा.

BeSingular के फाउंडर और CEO नितेश जैन का कहना है कि सरकार का रुख इस बजट में प्रोग्रेसिव रहा है. सरकार आगे की ओर देख रही है, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण देश में पहली डिजिटल करंसी का एलान है. रेगुलेटेड डिजिटल करंसी का मतलब है कि यह फारवर्ड लुकिंग है और ब्लॉकचेन और अन्य एक्सपोनेंशियल टेक्नोलॉजी का उपयोग करने की भावना में है.

बता दें कि सरकार लंबे समय से देश में क्रिप्टोकरंसी और दूसरे वर्चुअल डिजिटल एसेट्स को रेगुलेट करने के लिए एक बिल लाने पर विचार कर रही है. इस बिल को ‘क्रिप्टो बिल’ के नाम से भी जाना जाता है. पहले इस बिल को शीतकालीन सत्र में लाया जाना था.

बजट 2022-23: सरकार लाएगी डिजिटल रुपया, क्रिप्टो से आय पर तीस प्रतिशत टैक्स

बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि डिजिटल मुद्रा की शुरुआत करने से रुपये का प्रबंधन सस्ता और आसान होगा. इससे भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. उन्होंने यह भी बताया कि क्रिप्टो से कमाई पर कर लगेगा. डिजिटल एसेट उपहार में देना भी कर के दायरे में होगा, जहां प्राप्तकर्ता टैक्स देगा.

बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि डिजिटल मुद्रा की शुरुआत करने से रुपये का प्रबंधन सस्ता और आसान होगा. इससे भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. उन्होंने यह भी बताया कि क्रिप्टो से कमाई पर कर लगेगा. डिजिटल एसेट उपहार में देना भी कर के दायरे में होगा, जहां प्राप्तकर्ता टैक्स देगा.

बजट भाषण 2022-23 के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: वित्त बजट 2022-23 मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में पेश किया. ढेरों घोषणाओं के बीच एक घोषणा यह भी की गई कि इस वित्त वर्ष में सरकार डिजिटल करेंसी यानी डिजिटल रुपया लेकर आएगी.

वित्त मंत्री सीतारमण ने इस संबंध में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से 2022-23 से ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके ‘डिजिटल रुपया’ पेश करने का प्रस्ताव है.

उन्होंने कहा कि बैंक द्वारा डिजिटल रुपये की शुरूआत करने से रुपये का प्रबंधन सस्ता और आसान होगा. इससे भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.

इकॉनॉमिक्स टाइम्स के मुताबिक, ‘केंद्र सरकार ने बीते वर्ष लोकसभा को सूचित किया था कि आरबीआई केंद्रीय बैंक डिजिटल बजट में डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टो कर की शुरुआत मुद्रा (सीबीडीसी) लाने की दिशा में काम कर रही है.

साथ ही, सरकार ने कहा था कि आरबीआई ने अक्टूबर में इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधन की दिशा में एक प्रस्ताव पेश किया था. जिसमें बैंक नोट की परिभाषा के दायरे को बजट में डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टो कर की शुरुआत बढ़ाकर उसमें डिजिटल मुद्रा को शामिल करने की बात थी.

इस दौरान वित्त राज्य मंत्री ने सदन में डिजिटल मुद्रा के फायदे गिनाते हुए कहा था कि इसे लाने का मकसद नकदी पर निर्भरता को कम करना है, इससे मुद्रा के निर्माण और वितरण की लागत में कमी आएगी.

उन्होंने कहा था कि नई डिजिटल मुद्रा संभवतः अधिक मजबूत, कुशल, विश्वसनीय, विनियमित और कानूनी निविदा-आधारित भुगतान विकल्प उपलब्ध कराएगी.

सीबीडीसी, फिएट मुद्रा का एक डिजिटल संस्करण है जिसे ब्लॉकचेन-आधारित वॉलेट के माध्यम से एक्सचेंज किया जा सकता है और केंद्रीय बैंक द्वारा नियंत्रित किया जाता है.

फिएट मुद्रा सरकार द्वारा जारी एक मुद्रा होती है. सीबीडीसी, बिटकॉइन जैसी ही मुद्रा है, बस अंतर इतना है कि इसे सरकार द्वारा क़ानूनी वैधता प्राप्त होती है.

इसके साथ ही वित्त मंत्री ने बताया कि वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के मामले में लेन-देन में बढ़ोतरी के मद्देनज़र किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर से होने वाली आय 30 फीसदी टैक्स रेट के दायरे में आएगी.

नवभारत टाइम्स के अनुसार, वित्त मंत्री ने बताया कि एक्वीजीशन कॉस्ट (अधिग्रहण की लागत) को छोड़कर किसी अन्य खर्च पर कोई कटौती नहीं मिलेगी. डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर के दौरान किसी भी तरह का नुकसान, किसी अन्य आय के साथ सेटऑफ नहीं किया जा सकेगा.

साथ ही वर्चुअल एसेट्स के ट्रांसफर में पेमेंट्स पर 1 फीसदी टीडीएस लगेगा, जो कि मॉनेटरी थ्रेसहोल्ड से अलग होगा. गिफ्ट के रूप में प्राप्त डिजिटल एसेट भी कर के दायरे में आएंगे, जहां इसे पानेवाले को टैक्स देना होगा.

इस बीच, प्राइमस पार्टनर्स-डिजिटल करेंसी के प्रबंध निदेशक श्रवण शेट्टी ने कहा कि ब्लॉकचेन-आधारित डिजिटल मुद्रा से क्रिप्टोकरेंसी क्षेत्र में ‘सट्टेबाजी’ की गुंजाइश कम होगी. इससे अर्थव्यवस्था को डिजिटल मुद्रा का लाभ एक संरचनात्मक ढांचे में मिल सकेगा.

वहीं, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह सवाल भी उठाया है कि क्या सरकार ने ‘क्रिप्टोकरेंसी’ से होने वाली आय पर कर लगाकर ‘क्रिप्टोकरेंसी’ को बिना विधेयक लाए ही वैध करार दिया है?

मालूम हो कि सरकार ने संसद के बजट में डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टो कर की शुरुआत पिछले सत्र में ही क्रिप्टोकरेंसी पर एक विधेयक लाने की मंशा जताई थी. तब रिजर्व बैंक की तरफ से एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के गठन का ढांचा तैयार होने की बात कही गई थी. लेकिन मंत्रिमंडल में इस विधेयक के प्रारूप पर सहमति नहीं बन पाने से उसे संसद में नहीं रखा जा सका था.

गत नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी के मुद्दे पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी. उस बैठक से ऐसे संकेत मिले थे कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए सख्त कदम उठा सकती है.बजट में डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टो कर की शुरुआत

हालांकि ध्यान देने वाली बात यह भी है कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति देने की सोच को कई बार खारिज कर चुके हैं. उनका कहना है कि यह डिजिटल मुद्रा किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है.

रेटिंग: 4.42
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 256