शुरुआती लोगों को ईटीएफ में कैसे निवेश करना चाहिए?

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कोरोना टाइम है, थोड़ा रिस्क लें तो ETF से मिल सकता है बेहतर रिटर्न

कोरोनावायरस के इस वक्त में निवेशक फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं। मौजूदा मार्केट कंडिशन में निवेशकों को ऐसा इन्वेस्मेंट इंस्ट्रुमेंट चुनना चाहिए जो उनके लक्ष्यों का ध्यान रखे। ETF एक ऐसा इंस्ट्रूमेंट है जिसे लॉन्ग टर्म के लिए चुना जा सकता है।

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हाइलाइट्स

  • ETF में निवेश एक अच्छा ऑप्शन होगा, खासतौर से तब जब आप लॉन्ग-टर्म के लिए निवेश करना चाहते हों
  • कोविड-19 का फेज अस्थायी है और मार्केट इस फेज से उबर जाएगा
  • ऐसे निवेशक जो सेंसेक्स और निफ्टी 50 जैसे इंडेक्सेस जैसे रिटर्न चाहते हैं उनके लिए इक्विटी ETF अच्छा

अगर आप भी थोड़ा रिस्क लेने को तैयार हैं और अच्छा रिटर्न चाहते हैं तो एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में पैसा लगाना आपके लिए सही विकल्प होगा। वैसे तो हर निवेश में थोड़ा-बहुत जोखिम होता है लेकिन कोरोनावायरस के कारण शेयर बाजार में जिस तरह की अनिश्चितता दिखाई दे रही है, उसे देखते हुए ETF में निवेश एक अच्छा ऑप्शन होगा, खासतौर से तब जब आप लॉन्ग-टर्म के लिए निवेश करना चाहते हों। ETF में निवेश कैसे आपके लिए बढ़िया साबित हो सकता यह समझने से पहले जानते हैं कि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड क्या होता है और कितने तरह का होता है।

क्या होता है ETF?
ETF शेयर बाजार में लिस्टेड फंड होते हैं जिनको शेयरों की तरह ही खरीदा-बेचा जाता है। इसमें म्यूचुअल फंडों की तरह ऐक्टिव पोर्टफोलियो मैनेजमेंट की जरूरत नहीं पड़ती है, इसलिए शुरुआती लोगों को ईटीएफ में कैसे निवेश करना चाहिए? इन्हें इनैक्टिव इक्विटी इन्वेस्टमेंट माना जाता है। म्यूचुअल फंडों की तरह ही इसमें इन्वेस्टमेंट थीम के मुताबिक कई शेयर होते हैं, लेकिन MFs के उलट इन्हें शेयर बाजार में ही खरीदा-बेचा जाता है। इन्हें रियल टाइम बेसिस पर शेयर बाजार में खरीदा-बेचा जा सकता है। साथ ही इनकी कीमत भी रियल टाइम के आधार पर ही तय होती है। इनकी खरीद-फरोख्त की यूनिट और पैसा ट्रेडिंग वाले दिन के 2 दिनों बाद क्रमश: डीमैट अकाउंट और बैंक खाते में जमा हो जाते हैं। कम फंड मैनेजमेंट चार्ज के कारण इसमें कुछ म्यूचुअल फंड्स की तुलना में लम्बे समय में ज्यादा रिटर्न मिल सकता है।

कितनी तरह के होते हैं ETFs?
गोल्ड ETF : गोल्ड ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंज में पर एक ग्राम के यूनिट आकार में ट्रेड किए जाते हैं। इसकी कीमत में होने वाला बदलाव मार्केट में फिजिकल गोल्ड की कीमत में होने वाले उतार-चढ़ाव से जुड़ा होता है।
इंडेक्स ETF: इंडेक्स ETF में निफ्टी या सेंसेक्स जैसे इंडेक्स होते हैं और उनकी कीमत में होने वाला उतार-चढ़ाव उसके इंडेक्स में होने वाले उतार-चढ़ाव के समान होता है। उदाहरण के लिए एक बैंकिंग ETF, एक बैंकिंग इंडेक्स के हिसाब से काम करता है और उसकी कीमत उस बैंकिंग इंडेक्स में होने वाले उतार-चढ़ाव के मुतबिक ही घटती-बढ़ती है।
बॉन्ड ETF : बॉन्ड ETF के पैसे को उन बॉन्ड्स में लगाया जाता है, जो उसके इंडेक्स के घटकों से जुड़े होते हैं। बॉन्ड ETF शॉर्ट शुरुआती लोगों को ईटीएफ में कैसे निवेश करना चाहिए? टर्म, लॉन्ग टर्म का हो सकता है। भारत बॉन्ड ETF एक तय मैच्योरिटी पीरियड वाली कैटिगरी में आता है।
इंटरनैशनल ETF : इंटरनैशनल ETF के पैसे को उसके अंडरलाइंग इंडेक्स के रूप में तरह-तरह के ग्लोबल इंडेक्स जैसे NASDAQ 100 और ऐसऐंडपी 500 से संबंधित ETF में इन्वेस्ट किया जाता है।

कोरोनाटाइम में क्यों बेहतर है ETF में निवेश?
हर ऐसेट क्लास में निवेश का रिस्क अलग होता है। ज्यादा जोखिम के लिए तैयार निवेशक जो रिटायरमेंट कॉरपस जैसे लॉन्ग टर्म गोल्स को ध्यान में रखते हुए इक्विटी में निवेश करते हैं उनके लिए इक्विटी बेहतर ऑप्शन है।

लॉन्ग टर्म गोल के लिए इक्विटी ETF अच्छा
बाजार में जो वॉलैटिलिटी दिख रही है, उससे इस प्राथमिकता में कोई बदलाव नहीं आया है। बैंकबाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी कहते हैं, वैसे तो साल 2020 में लॉन्ग टर्म रिटर्न्स काफी कम रह गए हैं, लेकिन कोविड-19 का फेज अस्थायी है और मार्केट इस फेज से उबर जाएगा। वह कहते हैं, 'ऐसे निवेशक जो सेंसेक्स और निफ्टी 50 जैसे इंडेक्सेस जैसे रिटर्न चाहते हैं उनके लिए इक्विटी ETF अच्छा विकल्प हो सकते हैं। इसी तरह गोल्ड ETF भी उन्हें स्टोरेज और शुद्धता की चिंता किए बगैर सोने में निवेश का जरिया देता है।'

गोल्ड ETF में बढ़िया रिटर्न
गिरते बाजार में गोल्ड ETF को निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में देख रहे हैं। यही वजह है कि इसमें 6 साल बाद इतना निवेश देखने को मिला। इस साल जनवरी शुरुआती लोगों को ईटीएफ में कैसे निवेश करना चाहिए? से सोने में निवेश बढ़ना शुरू हुआ। निवेशकों ने 202 करोड़ रुपयों का निवेश किया जो 7 साल में सबसे ज्यादा है। इसके बाद फरवरी में ऑल टाइम हाई निवेश आया, जो मार्च में थोड़ा घट गया। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जो लोग लिक्विडिटी चाहते हैं उनके लिए गोल्ड ETF एक बेहतर विकल्प है।

इंडेक्स ETF की कॉस्ट कम
ETIG के मुताबिक, कोरोनाकाल में इंडेक्स ETF में निवेश करना भी सही फैसला होगा। उसके कई कारण हैं। मसलन, इसकी कॉस्ट कम है और बाजार में मौजूद ज्यादातर इंडेक्स आधारित ETFs का एक्सपेंस रेश्यो 0.01 से 0.97 पर्सेंट की रेंज में है। इसके अलावा, जब बाजार में रिकवरी आएगी तब बेंचमार्क इंडेक्स के घटकों में पहले तेजी आएगी। इतिहास बताता है कि बेंचमार्क इंडेक्स के घटक उतने नहीं गिरते जितने वे स्टॉक्स जो इसका हिस्सा नहीं होते।

(ET इनपुट्स के साथ)

Nifty 50 ETF: निवेश के लिए एक बेहतर तरीका

कई निवेशक जिन्हें इक्विटी के बारे में पूरी समझ नहीं हैं, वे अक्सर आश्चर्य करते हैं कि सही निवेश के मौके आने पर शुरुआत कैसे करें। लोग इक्विटी की ओर आमतौर पर इसलिए आकर्षित होते हैं, क्योंकि इसमें लंबी अवधि में मुद्रास्फीति को पछाड़ने की संभावना होती है।

Nifty 50 ETF: निवेश के लिए एक बेहतर तरीका

कई निवेशक जिन्हें इक्विटी के बारे में पूरी समझ नहीं हैं, वे अक्सर आश्चर्य शुरुआती लोगों को ईटीएफ में कैसे निवेश करना चाहिए? करते हैं कि सही निवेश के मौके आने पर शुरुआत कैसे करें। लोग इक्विटी की ओर आमतौर पर इसलिए आकर्षित होते हैं, क्योंकि इसमें लंबी अवधि में मुद्रास्फीति को पछाड़ने की संभावना होती है। इसके अलावा, हमारे सभी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए इक्विटी एक्सपोजर के तत्व की आवश्यकता होती है, चाहे वह म्यूचुअल फंड के माध्यम से हो या सीधे स्टॉक या इन दोनों के मिले जुले माध्यम से हो। लेकिन, अगर आप इक्विटी में नए हैं और सीधे शेयरों के साथ शुरुआत करना चाहते हैं, तो निवेश करने के लिए सही कंपनी पर निर्णय लेना आसान नहीं है और इससे पहले आपको कंपनी की वित्तीय स्थिति, उसकी व्यावसायिक संभावनाओं, वैल्यूएशन, उद्योग की गतिशीलता, बाजार की स्थितियों आदि को समझने की जरूरत है। यहां पर निफ्टी 50 ईटीएफ सामने आता है। ईटीएफ, जो एक विशिष्ट सूचकांक को ट्रैक करता है, इससे एक्सचेंजों पर स्टॉक की तरह कारोबार किया जाता है, लेकिन इसे एक म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा ऑफर किया जाता है।

गोल्ड ETF का बढ़ रहा है क्रेज, जानिए आप कैसे कर सकते हैं निवेश

गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में आजकल लोग जमकर निवेश कर रहे हैं. लगातार पांचवें महीने Gold ETF में निवेश बढ़ा है. अगस्त में कुल 908 करोड़ रुपए का निवेश आया है, जिसके चलते इस साल अब तक कुल 5,356 करोड़ रुपए का निवेश आ चुका है.

  • गोल्ड ETF को लेकर निवेशकों में क्रेज बढ़ा
  • गोल्ड ETF में निवेश है सुरक्षित और पारदर्शी
  • गोल्ड ETF में निवेश करना है बेहद आसान

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गोल्ड ETF का बढ़ रहा है क्रेज, जानिए आप कैसे कर सकते हैं निवेश

नई दिल्ली: शुरुआती लोगों को ईटीएफ में कैसे निवेश करना चाहिए? गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में आजकल लोग जमकर निवेश कर रहे हैं. लगातार पांचवें महीने Gold ETF में निवेश बढ़ा है. अगस्त में कुल 908 करोड़ रुपए का निवेश आया है, जिसके चलते इस साल अब तक कुल 5,356 करोड़ रुपए का निवेश आ चुका है. इससे पहले जुलाई में 921 करोड़ रुपए का निवेश हुआ था.

अगर आप भी गोल्ड ETF में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन पता नहीं कैसे करते हैं, तो हम आपका काम आसान कर देते हैं. हम आपको बताने जा रहे हैं वो सबकुछ जो आपको गोल्ड ETF के बारे में जानना चाहिए.

क्या होता है गोल्ड ETF?
भारत में गोल्ड को लेकर एक भावनात्मक लगाव है. लोग फिजिकल सोना खरीदकर घरों में रखते आए हैं. 2007 गोल्ड ETF की शुरुआत हुई. ये एक ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड होता है, जो सोने की गिरते चढ़ते भावों पर आधारित होता है. फिजिकल गोल्ड के मुकाबले गोल्ड ETF के कई फायदे होते हैं. गोल्ड ETF निवेशकों को गोल्ड मार्केट का एक्सपोजर देता है. लंबी अवधि में निवेश से अच्छा रिटर्न भी मिलता है. शेयर बाजार में निवेश के मुकाबले गोल्ड ETF में निवेश कम उतार चढ़ाव वाला होता है. 1 गोल्ड ETF की वैल्यू 1 ग्राम सोने के बराबर होती है. यानि इससे आपको दो तरह के फायदे होते हैं. पहला कि आपको गोल्ड के भाव का और दूसरा स्टॉक ट्रेडिंग का. गोल्ड ETF की कीमतें फिजिकल गोल्ड के भाव के हिसाब से ऊपर नीचे होती हैं. गोल्ड ETF को लेकर शुद्धता का कोई सवाल खड़ा नहीं होता क्योंकि ये इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होता है.

गोल्ड ETF के फीचर्स और फायदे
1.
गोल्ड ETF को आप ऑनलाइन खरीद सकते हैं और अपने डीमैट अकाउंट में रख सकते हैं. असेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) स्टॉक एक्सचेंज में इसकी ट्रेडिंग का कामकाज देखती है. आप जब चाहें इसे खरीद और बेच सकते हैं. डीमैट फॉर्मेट में होने के बावजूद ये बिल्कुल खरे सोने शुरुआती लोगों को ईटीएफ में कैसे निवेश करना चाहिए? की वैल्यू रखती है.
2. गोल्ड ETF की स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग होती है. फिजिकल गोल्ड के मुकाबले इसमें ब्रोकर की फीस और सरकारी टैक्स भी काफी कम होता है.
3. आपको फिजिकल गोल्ड खरीदने के लिए बड़ी रकम की जरूरत होती है, लेकिन गोल्ड ETF की शुरुआत आप 1 ग्राम यानि 1 गोल्ड ETF से भी कर सकते हैं. इसलिए गोल्ड ETF में निवेश करना बेहद आसान है.
4. गोल्ड ETF के जरिए आपको गोल्ड मार्केट का एक्सपोजर मिलता है. ये एक सुरक्षित, पारदर्शी और मुनाफेवाला प्लेटफॉर्म है. इसकी ट्रेडिंग तुरंत बिना किसी परेशानी की जा सकती है.
5. फिजिकल गोल्ड पर आपको वेल्थ टैक्स लगता है, लेकिन गोल्ड ETF के साथ ऐसा नहीं है. आप गोल्ड ETF को जितने साल तक चाहें अपने डीमैट अकाउंट में रख सकते हैं. जहां ये बिल्कुल सुरक्षित रहता है.
6. गोल्ड ETF पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस चुकाना होता है, लेकिन इस पर सेल्स टैक्स, वैट या वेल्थ टैक्स नहीं लगता, जैसा कि फिजिकल गोल्ड पर होता है
7. स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग और ट्रेडिंग के अलावा गोल्ड ETF को लोन लेने के लिए सिक्योरिटी के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं. ये लेन देन काफी तेज होता है, इसके लिए आपको एंट्री या एग्जिट लोड भी नहीं चुकाना होता. यानि बेचने और खरीदने के पैसे नहीं लगते.
8. फिजिकल सोने पर आपको मेकिंग चार्ज चुकाना होता है. लेकिन गोल्ड ETF में ऐसा कोई बोझ आप पर नहीं पड़ता.
9. किसी भी दूसरे इक्विटी फंड की तरह गोल्ड ETF का NAV (Net Asset Value) मार्केट के हिसाब से ऊपर नीचे होता रहता है. फंड मैनेजर की फीस के हिसाब से आपका रिटर्न ऊपर नीचे हो सकता है.

गोल्ड ETF में निवेश कैसे करें
1.
सबसे पहले आपको एक डीमैट अकाउंट या ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा
2. इसके बाद आपको ये तय करना है कि कौन सा गोल्ड ETF लेना, उसे ऑर्डर करें
3. गोल्ड ETF ऑर्डर करने के बाद आपको ई-मेल आईडी पर और मोबाइल पर कंफर्मेशन का मैसेज आएगा.
4. इस ट्रांजैक्शन के लिए आपको ब्रोकरेज के तौर पर छोटी सी रकम चुकानी होगी

इसलिए अगर आप गोल्ड में निवेश करने शुरुआती लोगों को ईटीएफ में कैसे निवेश करना चाहिए? की सोच रहे हैं तो फिजिकल गोल्ड की बजाय गोल्ड ETF में निवेश करना ज्यादा सुरक्षित, आसान और कम खर्चीला होता है.

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