लेकिन एक ही डेटा जापानी येन पर ही प्रभाव नहीं हो सकता है। वजह साफ है कि एक औसत जापानी व्यक्ति के लिए, अपने या अपने घर के मालिक महत्वपूर्ण उद्देश्य यह अपने या अपने अमेरिकी समकक्ष के लिए हो सकता है के रूप में से एक नहीं है। हम पहले भी उल्लेख किया है, यहां तक कि अगर हम केवल तकनीकी विश्लेषण पर हमारे व्यापारिक फैसले का आधार है, यह हमेशा ध्यान में बुनियादी बातों में रखने के रूप में वे कई बार प्रमुख अस्थिरता पैदा कर सकता है बेहतर है। कभी कभी प्रवृत्ति में परिवर्तन लंबे समय से स्थायी हो सकता है और कभी-कभी वह सिर्फ अस्थायी लेकिन फिर भी उन समय में, वहाँ काफी अस्थिर मूल्य की कार्रवाई सिर्फ पहले और बाद में किसी भी महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े जारी की है हो सकता है।

बुनियादी बातों और विदेशी मुद्रा व्यापार निर्णय - fundamentals and forex trading decisions

अर्थव्यवस्थाओं एक देश से रातोंरात लेकिन विभिन्न आर्थिक आंकड़ों और खबर को बदल नहीं रात भर भावनाओं को बदल सकते हैं। कभी कभी इस तरह के बदलाव का प्रभाव अस्थायी है, लेकिन दूसरी बार में हफ्तों या महीनों के लिए मुद्रा की कीमतों में प्रवृत्ति के परिवर्तन में उन परिणामों सकते हो सकता है। अत: जब तक हम लंबी अवधि के बुनियादी बातों पर एक नज़र रखने के लिए हम दिन आज व्यापार के लिए उन का उपयोग नहीं कर सकते हैं। व्यापार निवेश और यहां तक कि एक मध्यम अवधि के व्यापार केवल कुछ ही दिनों या हफ्तों के एक जोड़े के लिए पिछले सकता है से अलग है।

क्या अल्पकालिक या मध्यम अवधि के दौरान कीमत आंदोलन को नियंत्रित दिन आज आर्थिक विज्ञप्ति और खबर है जो आर्थिक भावनाओं पर कुछ प्रभाव पड़ सकता है।

इसके अलावा आर्थिक आंकड़ों की आवधिक रिलीज से, एक खबर एक प्रमुख विलय या बड़े निगमों के अधिग्रहण या एक राजनीतिक राजनीतिक नेतृत्व जो आर्थिक नीतियों या यहां तक कि एक प्राकृतिक आपदा प्रभावित कर सकता है में कुछ बड़े परिवर्तन का संकेत खबर हो सकती है। हम आर्थिक घटनाओं और विज्ञप्ति और किसी भी अन्य तरह के समाचार आइटम का ट्रैक रखने के द्वारा मौलिक विश्लेषण का उपयोग करें। हम बाजार की धारणा को बदलने की दिशा में हमारे व्यापार पदों ले।

भारत के पास कितना विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए दुनिया में है कौन सा स्थान

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नई दिल्लीः देश के आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 में जानकारी दी गई कि भारत के पास नवंबर 2021 के अंत तक, चीन, जापान और स्विटजरलैंड के बाद दुनिया का चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार था. वैश्विक महामारी कोरोना के बावजूद पिछले दो वर्षो में भारत का भुगतान संतुलन सरप्लस में रहा.

13 महीनों से अधिक समय तक किया जा सकता है आयात

आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है सरप्लस में रहने के कारण भारतीय रिजर्व बैंक को विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने में मदद मिली. देश का विदेश मुद्रा भंडार 31 दिसंबर 2021 को 634 बिलियन डॉलर (करीब 47 हजार 300 अरब रुपए) था. इससे 13 महीने से अधिक समय तक के लिए विदेशों से आयात किया जा सकता है. वहीं, यह देश के विदेशी कर्ज से ज्यादा है. भंडार में बड़ी वृद्धि होने के पीछे कई कारक हैं. इनमें कुल विदेशी ऋण, अल्पकालिक ऋण आदि शामिल हैं.

वहीं, देश का विदेशी मुद्रा भंडार वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में 600 बिलियन डॉलर (करीब 44,810 अरब रुपए) था. वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान भारत का मुख्य बाहरी क्षेत्र स्थिरता संकेतक मजबूत और बहुत बेहतर है. जैसे कि आयात कवर और विदेशी मुद्रा भंडार अब दोगुने से अधिक है. उच्च विदेशी मुद्रा भंडार, निरंतर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और बढ़ती निर्यात से होने वाली आय 2022-23 में विदेशी नकदी की कमी को पूरा करेगा.

वैश्विक संकेतकों से सोना 176 रुपये मजबूत, चांदी 505 रुपये टूटी

पिछले कारोबारी सत्र में सोना 47,705 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।

हालांकि, चांदी की कीमत 505 रुपये घटकर 61,005 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। पिछले कारोबारी सत्र में यह 61,510 रुपये प्रति किलोग्राम रही थी।

विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया नौ पैसे की गिरावट के साथ 74.24 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर आ गया।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव लाभ के साथ 1,822 डॉलर प्रति औंस हो गया, जबकि चांदी 23.03 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘न्यूयॉर्क स्थित जिंस एक्सचेंज कॉमेक्स में शुक्रवार को हाजिर सोने में 0.30 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,822 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार हो रहा था जिससे सोने की कीमतों में मजबूती रही।’’

भारत के पास दुनिया का चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए इसके क्या फायदे हैं

भारत के पास दुनिया का चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए इसके क्या फायदे हैं

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को कहा कि भारत के पास दुनिया का चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है. उन्होंने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि 19 नवंबर, 2021 की स्थिति के अनुसार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 640.4 अरब डॉलर है.

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 19 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 2.713 अरब डॉलर घटकर 637.687 अरब डॉलर रह गया. रिजर्व बैंक के आंकड़े के अनुसार इससे 19 नवंबर को समाप्त पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 28.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 640.401 अरब डॉलर हो गया था. तीन सितंबर, 2021 को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार 642.453 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था.

रुपए को मिलती है मजबूती

रिजर्व बैंक के लिए विदेशी मुद्रा भंडार काफी अहम होता है. आरबीआई जब मॉनिटरी पॉलिसी तय करता है तो उसके लिए यह काफी अहम फैक्टर होता है कि उसके पास विदेशी मुद्रा भंडार कितना है. जब आरबीआई के खजाने में डॉलर भरा होता है तो करेंसी को मजबूती मिलती है.

जैसा कि हम जानते हैं भारत बड़े पैमाने पर आयात करता है. जब भी हम विदेशी से कोई सामान खरीदते हैं तो ट्रांजैक्शन डॉलर में होते हैं. ऐसे में इंपोर्ट को मदद के लिए विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा संकेतकों भंडार का होना जरूरी है. अगर विदेश से आने वाले निवेश में अचानक कभी कमी आती है तो उस समय इसकी महत्ता और ज्यादा बढ़ जाती है.

FDI में तेजी के मिलते हैं संकेत

अगर विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी आ रही है तो इसका मतलब होता है कि देश में बड़े पैमाने पर FDI आ रहा है. अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी निवेश बहुत अहम है. अगर विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में पैसा डाल रहे हैं तो दुनिया को यह संकेत जाता है कि इंडियन इकोनॉमी पर उनका भरोसा बढ़ रहा है.

चौधरी ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि पिछले सात वित्तीय वर्षों में पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क के जरिये 16.7 लाख करोड़ रुपए का राजस्व एकत्रित हुआ. उधर, वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि इस साल सितंबर तक देश में एटीएम की कुल संख्या 2.13 लाख से अधिक थी और इनमें से 47 फीसदी ग्रामीण एवं छोटे शहरों में हैं.

पेट्रोल-डीजल का रेट समान बनाए रखने का विचार नहीं

केंद्र सरकार ने सोमवार को स्पष्ट किया कि देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को एक समान बनाए रखने के लिए कोई योजना उसके पास विचाराधीन नहीं है. राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने यह जानकारी दी. यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार पूरे देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को एक समान बनाए रखने के लिए कोई योजना बना रही है, इसके जवाब में तेली ने कहा, ‘‘ऐसी कोई योजना सरकार के विचाराधीन नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि भाड़ा विदेशी मुद्रा संकेतकों दर, वैट और स्थानीय उगाही आदि जैसे अनेक घटकों के कारण पेट्रोल और डीजल के मूल्य अलग-अलग बाजारों में अलग-अलग होते हैं.

पेट्रोल, डीजल और गैस को वस्तु एवं सेवा कर (GST) के दायरे में लाए जाने संबंधी एक सवाल के जवाब में तेली ने कहा कि CGST अधिनियम की धारा 9(2) के अनुसार पेट्रोलियम उत्पादों को GST में शामिल करने के लिए GST परिषद की सिफारिश अपेक्षित होगी. उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक GST परिषद ने तेल और गैस को GST में शामिल करने की सिफारिश नहीं की है.’’

वैश्विक संकेतकों से सोना 176 रुपये मजबूत, चांदी 505 रुपये टूटी

पिछले कारोबारी सत्र में सोना 47,705 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।

हालांकि, चांदी की कीमत 505 रुपये घटकर 61,005 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। पिछले कारोबारी सत्र में यह 61,510 रुपये प्रति किलोग्राम रही थी।

विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को अमेरिकी विदेशी मुद्रा संकेतकों डॉलर के मुकाबले रुपया नौ पैसे की गिरावट के साथ 74.24 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर आ गया।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव लाभ के साथ 1,822 डॉलर प्रति औंस हो गया, जबकि चांदी 23.03 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘न्यूयॉर्क स्थित जिंस एक्सचेंज कॉमेक्स में शुक्रवार को हाजिर सोने में 0.30 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,822 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार हो रहा था जिससे सोने की कीमतों में मजबूती रही।’’

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