Foreign Exchange Reserve: विदेशी मुद्रा भंडार के मोर्चे पर आई बड़ी खबर! लगातार चौथे सप्ताह तेजी से बढ़ा
Foreign Exchange Reserve: भारत बाजार पर विदेशी निवेशकों का भरोसा लगातार बढ़ रहा है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से बढ़ा है। इस बार लगातार चौथे सप्ताह इसमें तेजी देखी जा रही है। दो दिसंबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 11 अरब डॉलर की बढ़ोतरी देखी गई है।
2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में तेज गिरावट, करीब एक्सचेंज पर कमाई विदेशी मुद्रा $4 अरब लुढ़ककर 2 साल से भी अधिक के न्यूनतम स्तर पर पहुंचा
भारत का फॉरेक्स का रिजर्व गिरकर 524 अरब डॉलर पर पहुंचा.
पिछले कई महीनों से विदेशी मुद्रा भंडार में कमी होती देखी जा रही है. जबकि एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेशी मुद . अधिक पढ़ें
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- Last Updated : October 29, 2022, 07:16 IST
हाइलाइट्स
भारत का फॉरेक्स रिजर्व 21 अक्टूबर को खत्म सप्ताह में 3.85 अरब डॉलर गिरा.
फॉरेन करेंसी एसेट्स (एफसीए) में 3.593 अरब डॉलर की गिरावट आई.
अप्रैल से सितंबर तक चीन के फॉरेक्स रिजर्व में सबसे अधिक गिरावट देखी गई है.
नई दिल्ली. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 3.847 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर रह गया. विदेशी मुद्रा भंडार इस एक्सचेंज पर कमाई विदेशी मुद्रा गिरावट के साथ जुलाई 2020 के बाद अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है. इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 4.50 अरब डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर रह गया था. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली.
पिछले कई महीनों से विदेशी मुद्रा भंडार में कमी होती देखी जा रही है. जबकि एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 624 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था. देश के फॉरेक्स रिजर्व में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि रुपये की गिरावट को रोकने के लिए केन्द्रीय बैंक मुद्रा भंडार से डॉलर बेच रहा है.
अन्य एसेट्स में भी गिरावट
रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में मुद्राभंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली, फॉरेन करेंसी एसेट्स (एफसीए) 3.593 अरब डॉलर घटकर 465.075 अरब डॉलर रह गयीं. आंकड़ों के अनुसार, देश का गोल्ड रिजर्व (मूल्य में) 24.7 करोड़ डॉलर घटकर 37,206 अरब डॉलर रह गया.
रुपये में गिरावट को रोकने का प्रयास
इसी हफ्ते भारतीय ने अपना अब तक का सबसे निचला स्तर देखा और डॉलर के मुकाबले ये 83.29 के स्तर पर पहुंच गया. आरबीआई को इस गिरावट को रोकने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा जिसके बाद 27 अक्टूबर को इसमें थोड़ी बढ़त देखने को मिली. हालांकि, शुक्रवार को एक बार फिर रुपया लुढ़का और पिछले बंद के मुकाबले 14 पैसे गिरकर 82.47 के स्तर पर बंद हुआ. 27 अक्टूबर को रुपया 48 पैसे उछलकर 82.33 के स्तर पर बंद हुआ था.
अन्य अर्थव्यवस्थाओं की स्थिति भी खराब
वैश्विक परिस्थितियों के कारण लगभग हर देश के केंद्रीय ने ब्याज दरों में वृद्धि की है ताकि महंगाई रोकी जा सके. आयात महंगा होने के कारण विभिन्न देशों का फॉरेक्स घट रहा है. सर्वाधिक नुकसान चीन को हुआ है. इस सा 1 अप्रैल से लेकर 30 सितंबर तक चीन का फॉरेक्स रिजर्व 159 अरब डॉलर घटा है. इसके बाद भारत और रूस का स्थान है. इस समयावधि में भारत का फॉरेक्स रिजर्व 85 अरब डॉलर और रूस का विदेशी मुद्रा भंडार 64 अरब डॉलर घटा है. आईएमएफ ने कहा है कि वैश्विक मुद्रा भंडारों में कुल 884 अरब डॉलर की गिरावट आई है. बकौल आईएमएफ, पहले सात महीनों में उभरती अर्थव्यवस्थाओं का विदेशी मुद्रा भंडार 6 फीसदी से अधिक गिरा है.
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Forex Reserves: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दो वर्षों के न्यूनतम स्तर पर, स्वर्ण भंडार भी घटा, एसडीआर बढ़ा
Forex Reserves: 14 अक्तूबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 528.367 बिलियन डॉलर था। आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार विदेशी एक्सचेंज पर कमाई विदेशी मुद्रा मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (Foreign Currency Assets) में 3.59 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई और यह घटकर 465.075 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बीते 21 अक्तूबर को घटकर दो वर्षों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है 524.520 बिलियन डॉलर हो गया है। उससे एक हफ्ते पहले की तुलना में विदेशी मुद्रा भंडार में 3.85 बिलियन डॉलर की कमी दर्ज की गई। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार इससे पहले 14 अक्तूबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 528.367 बिलियन डॉलर था। बता दें कि दो वर्ष पहले भारत का एक्सचेंज पर कमाई विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा भंडार करीब 577.00 बिलियन डॉलर था।
आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (Foreign Currency Assets) में 3.59 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई और यह घटकर 465.075 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया।
देश का स्वर्ण भंडार (गाेल्ड रिजर्व) इस दौरान 247 मिलियन डॉलर की गिरावट के साथ 37.206 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया। हालांकि, आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत के विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights, एसडीआर) का मूल्य 70 लाख डॉलर बढ़कर 17.440 अरब डॉलर हो गया।
बता दें कि बीते कुछ महीनों में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट दिख रही है क्योंकि आरबीआई के बाजार में बढ़ते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट को थामने के लिए संभवतः हस्तक्षेप करता है। वहीं दूसरी ओर, आयातित वस्तुओं की बढ़ती लागत ने भी व्यापार निपटान के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की उच्च आवश्यकता को जरूरी बना दिया है, इससे इसमें कमी आ रही है।
प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से भारतीय रुपया पिछले कुछ हफ्तों में कमजोर होकर नए सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया है। पिछले हफ्ते रुपया इतिहास में पहली बार डॉलर के मुकाबले 83 रुपये के स्तर को पार कर गया था। इस साल अब तक रुपये में करीब 10-12 फीसदी तक की गिरावट आई है।
आमतौर पर रुपये में भारी गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई डॉलर की बिक्री सहित तरलता प्रबंधन के माध्यम से बाजार में हस्तक्षेप करता है। फरवरी के अंत में रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 100 बिलियन अमरीकी डालर की गिरावट आ गई थी। ऐसा एक्सचेंज पर कमाई विदेशी मुद्रा वैश्विक स्तर पर ऊर्जा और अन्य वस्तुओं का आयात महंगा होने के कारण हुआ था। पिछले 12 महीनों के दौरान संचयी आधार पर विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 115 बिलियन अमेरीकी डालर की गिरावट आ चुकी है।
विस्तार
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बीते 21 अक्तूबर को घटकर दो वर्षों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है 524.520 बिलियन डॉलर हो गया है। उससे एक हफ्ते पहले की तुलना में विदेशी मुद्रा भंडार में 3.85 बिलियन डॉलर की कमी दर्ज की गई। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार इससे पहले 14 अक्तूबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 528.367 बिलियन डॉलर था। बता दें कि दो वर्ष पहले भारत का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 577.00 बिलियन डॉलर था।
आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (Foreign Currency Assets) में 3.59 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई और यह घटकर एक्सचेंज पर कमाई विदेशी मुद्रा 465.075 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया।
देश का स्वर्ण भंडार (गाेल्ड रिजर्व) इस दौरान 247 मिलियन डॉलर की गिरावट के साथ 37.206 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया। हालांकि, आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा एक्सचेंज पर कमाई विदेशी मुद्रा एक्सचेंज पर कमाई विदेशी मुद्रा कोष में भारत के विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights, एसडीआर) का मूल्य 70 लाख डॉलर बढ़कर 17.440 अरब डॉलर हो गया।
बता दें कि बीते कुछ महीनों में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट दिख रही है क्योंकि आरबीआई के बाजार में बढ़ते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट को थामने के लिए संभवतः हस्तक्षेप करता है। वहीं दूसरी ओर, आयातित वस्तुओं की बढ़ती लागत ने भी व्यापार निपटान के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की उच्च आवश्यकता को जरूरी बना दिया है, इससे इसमें कमी आ रही है।
प्रमुख वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से भारतीय रुपया पिछले कुछ हफ्तों में कमजोर होकर नए सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया है। पिछले हफ्ते रुपया इतिहास में पहली बार डॉलर के मुकाबले 83 रुपये के स्तर को पार कर गया था। इस साल अब तक रुपये में करीब 10-12 फीसदी तक की गिरावट आई है।
आमतौर पर रुपये में भारी गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई डॉलर की बिक्री सहित तरलता प्रबंधन के माध्यम से बाजार में हस्तक्षेप करता है। फरवरी के अंत में रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 100 बिलियन अमरीकी डालर की गिरावट एक्सचेंज पर कमाई विदेशी मुद्रा आ गई थी। ऐसा वैश्विक स्तर पर ऊर्जा और अन्य वस्तुओं का आयात महंगा होने के कारण हुआ था। पिछले 12 महीनों के दौरान संचयी आधार पर विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 115 बिलियन अमेरीकी डालर की गिरावट आ चुकी है।
विदेशी मुद्रा भंडार 27 महीने के निचले स्तर पर पहुंचा, 82 के नीचे और कितना फिसल सकता है रुपया?
Foreign Exchange Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार घटाकर 27 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है. लगातार नौवें सप्ताह इसमें गिरावट दर्ज की गई. रॉयटर्स सर्वे के मुताबिक, इस साल के अंत तक रुपया 83 के स्तर तक फिसल सकता है.
Foreign Exchange Reserves: रुपए में गिरावट जारी है. शुक्रवार को यह डॉलर के मुकाबले 82.32 के नए रिकॉर्ड लो स्तर पर बंद हुआ. गिरते रुपए को संभालने के लिए रिजर्व बैंक अपने खजाने से लगातार डॉलर रिजर्व बेच रहा है. इसी का नतीजा है कि लगातार नौवें सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार एक्सचेंज पर कमाई विदेशी मुद्रा में गिरावट दर्ज की गई. 30 सितंबर को समाप्त सप्ताह में फॉरन एक्सचेंज रिजर्व में 4.85 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई और यह फिसल कर 532.66 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया. इसमें फॉरन करेंसी असेट्स यानी एफसीए में 4.4 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है. विदेशी मुद्रा भंडार में फॉरन करेंसी असेट्स की बड़ी हिस्सेदारी होती है.
जुलाई 2020 के बाद न्यूनतम स्तर पर डॉलर रिजर्व
विदेशी मुद्रा भंडार जुलाई 2020 के बाद अपने न्यूनतम स्तर पर आ गया है. यह 27 महीने का न्यूनतम स्तर है. इस वित्त वर्ष के शुरू होने पर देश का विदेशी मुद्रा भंडार 607 बिलियन डॉलर था, जबकि 3 सितंबर 2021 को यह 642.45 बिलियन डॉलर के ऑल टाइम हाई पर था. ऑल टाइम हाई के मुकाबले इसमें 110 बिलियन डॉलर से ज्यादा की गिरावट आई है.
एक्सचेंज रेट का डॉलर रिजर्व पर सबसे बुरा असर
मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की घोषणा के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से विदेशी मुद्रा भंडार में हुई कमी में विनिमय दर में हुए बदलाव का 67 फीसदी योगदान है. फेडरल रिजर्व की तरफ से इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी के कारण डॉलर मजबूत हो रहा है. दूसरी तरफ ग्लोबल इकोनॉमी में मंदी की आहट से निवेशकों में डॉलर के प्रति लगाव बढ़ गया है. यही वजह है कि तमाम करेंसी के मुकाबले डॉलर में लगातार उछाल आ रहा है. बीते एक सप्ताह में इंडियन करेंसी में 1 रुपया, एक महीने में 2.5 रुपया और इस साल अब तक 8 रुपए की गिरावट आई है.
510 बिलियन डॉलर तक घट सकता है रिजर्व
डच बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि करेंट अकाउंट डेफिसिट बढ़ने के कारण विदेशी मुद्रा भंडार में और गिरावट आ सकती है. यह गिरावट इस साल के अंत तक जारी रह सकती है. IDFC First बैंक का तो मानना है कि चालू वित्त वर्ष में अगर करेंट अकाउंट डेफिसिट 4 फीसदी तक पहुंचता है तो विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 510 बिलियन डॉलर तक आ सकता है. हालांकि, अभी भी रिजर्व बैंक का भंडार बहुत बड़ा है. 2013 में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने जब टैप टैंट्रम किया था तब यह घटकर 300 बिलियन डॉलर के नीचे आ गया था.
इस साल रुपए में 10 फीसदी की गिरावट आ चुकी है
रॉयटर्स सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल रुपए पर दबाव बना रहेगा और यह रिकॉर्ड लो स्तर के करीब रहेगा. दो फैक्टर बहुत अहम है. फेडरल रिजर्व इंट्रेस्ट रेट बढ़ा रहा है जिससे डॉलर मजबूत हो रहा है, साथ ही क्रूड ऑयल प्रोडक्शन कट से कीमत में उछाल आएगा और रुपए पर दबाव बढ़ेगा. रिजर्व बैंक की तरफ से डॉलर रिजर्व लगातार बेचा जा रहा है. इस समर्थन के बावजूद इस साल अब तक रुपए में 10 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.
इस साल के अंत तक 83 तक फिसल सकता है रुपया
रिजर्व बैंक ने लगातार चौथी बार रेपो रेट बढ़ाया. अब तक 1.9 फीसदी की बढ़ोतरी की जा चुकी है. क्रूड इंपोर्ट बिल बढ़ रहा है. एक्सपोर्ट में कमी आ रही है. इन तमाम फैक्टर्स से रुपए पर दबाव है. सर्वे में शामिल 40 एक्सपर्ट्स में 19 का मानना है कि इस साल के अंत तक रुपया 83 के स्तर तक फिसल सकता है. इसका रेंज 82-84 के दायरे में रहेगा. डॉलर का डोमिनेंस 2022 के बाद भी जारी रहेगा.
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