श्री तोमर ने कहा कि हमारे देश में कृषि का महत्वपूर्ण स्थान है। यह सिर्फ आजीविका के लिए ही नहीं, बल्कि सबकी जरूरत भी है। किसान खेती से विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद सिर्फ आजीविका प्राप्त करने के लिए काम नहीं करता, विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद बल्कि वह देश के 130 करोड़ से ज्यादा लोगों की भूख मिटाने के लिए खेती विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद करता है। उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया को खाद्यान्न देने वाला देश बन गया है। दुनिया के बहुत-से मित्र देश आज भारत की तरफ देखते हैं कि अगर भारत में खाद्यान्न उत्पादन की स्थिति ठीक है तो बुरे वक्त में भारत हमारी मदद करेगा। किसानों के सामने देश व दुनिया की भी जिम्मेदारी है। श्री तोमर ने कहा कि रासायनिक खेती के कारण माटी की उर्वरा शक्ति कमजोर हो रही है। मित्र बैक्टीरिया मारे जा रहे हैं। हम हर साल धरती की खाद की प्यास बढ़ाते जा रहे हैं। जिस संकट से देश 25 साल बाद जूझने वाला है उससे बचाना हमारी जिम्मेदारी है, इसलिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्राकृतिक खेती पद्धति को फिर से लांच किया व इसे जनांदोलन का स्वरूप दिया जा रहा है।
(लीड) रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.35 फीसदी का किया इजाफा, महंगा होगा कर्ज
नई दिल्ली (New Delhi)/मुंबई (Mumbai) , 07 दिसंबर . रिजर्व बैंक (Bank) विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद ऑफ इंडिया (आरबीआई (Reserve Bank विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद of India) ) ने लगातार 5वीं बार नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट में 0.35 फीसदी का इजाफा किया है, जो बढ़कर 6.25 फीसदी हो गया है. इसके साथ ही वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. आरबीआई (Reserve Bank of India) के रेपो रेट में इस बढ़ोतरी से सभी तरह के लोन महंगे और ईएमआई दर में इजाफा होगा.
रिजर्व बैंक (Bank) गवर्नर ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय समीक्षा बैठक के बाद बुधवार (Wednesday) को इसका विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद ऐलान किया. शक्तिकांत दास ने यहां आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि महंगाई के दबाव के मद्देनजर एक बार फिर रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी की विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद जा रही है. इसके साथ ही दास ने चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सात फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी रहने का भरोसा जताया. हालांकि, दास ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है.
प्राकृतिक खेती में लागत कम और उपज की कीमत अधिक- नरेंद्र सिंह तोमर
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केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि प्राकृतिक खेती वर्तमान समय की मांग है, जिसमें लागत कम लगती है और उपज की कीमत अधिक मिलती है। प्राकृतिक खेती अब कृषि शिक्षा में भी आएगी। प्राकृतिक विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद खेती पद्धति कृषि शिक्षा पाठ्यक्रम में शीघ्र जुड़े, इस दिशा में सरकार प्रयास कर रही है। श्री तोमर ने यह बात कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनसुंधान संस्थान (अटारी), जबलपुर और राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय द्वारा ग्वालियर में प्राकृतिक खेती पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में कही।
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