घरेलू फंड्स ने किया 6 अरब डॉलर का निवेश
मार्च, 2022 में जहां एफपीआई का घरेलू बाजार में स्वामित्व घटा, तो वहीं घरेलू कोषों (Domestic Funds) ने इस अवधि में छह अरब डॉलर का निवेश कर अपना स्वामित्व बढ़ाया। इस रिपोर्ट के मुताबिक, समूचे वित्त वर्ष 2021-22 में घरेलू कोषों ने 14.6 अरब डॉलर का निवेश किया है।
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एफपीआई ने एनर्जी सेक्टर में किया है सबसे अधिक निवेश
रिपोर्ट कहती है कि एफपीआई के स्वामित्व वाले 619 अरब डॉलर में सर्वाधिक 16.2 फीसद का बढ़ा हुआ आवंटन ऊर्जा क्षेत्र (Energy Sector) को किया गया। इसके बाद आईटी क्षेत्र (IT Sector) को 14.8 फीसदी और संचार सेवा (Communication Service) को चार फीसदी फंड मिला।
जानिए क्या कहते हैं आंकड़े
घरेलू शेयरों में आई रिकॉर्ड गिरावट की मुख्य वजह मार्च में 5.4 अरब डॉलर की निकासी थी। समूचे वित्त वर्ष 2021-22 में 15.7 अरब डॉलर की निकासी हुई। इसके पहले वर्ष 2019-20 में एफपीआई ने भारतीय बाजार में 23 अरब डॉलर और 2020-21 में 3.7 अरब डॉलर का निवेश किया था।
Share Market Analysis: तीन महीने बाद 57,000 के पार पहुंचा सेंसेक्स, यहां देखें बीते महीनों में बाजार का हाल
रिकॉर्ड गिरावट के बाद पिछले कुछ कारोबारी सत्रों से बाजार में तेजी देखी जा रही है। आंकड़ों के मुताबिक यह सप्ताह शेयर बाजार के लिए बहुत ही बढ़िया रहा। तीन महीने बाद सेंसेक्स 57000 के पार पहुंच गया। आइए विस्तार से बीते महीनों में बाजार का हाल जानते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। मंदी की आशंकाओं के बीच बीते कुछ महीनों में शेयर बाजार में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि, पिछले कुछ कारोबारी सत्रों से शेयर बाजार गुजलार हो गया है। बीते शुक्रवार को कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स पिछले तीन महीने के रिकॉर्ड को तोड़ता हुआ 57 हजार के पार हो गया। आर्थिक आंकड़ों में सुधार व विदेशी संस्थागत निवेशकों (Foreign Institutional Investor) की खरीदारी से शेयर बाजारों में कई दिनों से तेजी बनी हुई है।
इसके चलते बीएसई सेंसेक्स तीन माह बाद शुक्रवार को 57 हजार के पार जाकर 712.46 अंकों की बढ़त के साथ 57,570.25 अंक पर बंद होने में कामयाब रहा। इससे पहले सेंसेक्स 29 अप्रैल को 57,060.87 अंक पर बंद हुआ था। वहीं, एनएसई निफ्टी भी करीब तीन माह बाद 17 हजार अंकों के स्तर को पार करते हुए 17,158.25 अंक पर बंद हुआ है। निफ्टी में शुक्रवार को 228.65 अंकों की तेजी रही है। इससे पहले निफ्टी दो मई को 17,069.10 अंकों पर बंद हुआ था।
जुलाई में ही सेंसेक्स में 4,551.31 अंकों की तेजी रही है। वहीं, 30 जून को सेंसेक्स 53,018.94 अंकों पर बंद हुआ था, जो 29 जुलाई को 57,570.25 पर पहुंच गया है। निफ्टी भी 30 जून के 15,780.25 अंकों के स्तर से 1,748 अंक बढ़कर 17,158.15 अंक पर पहुंच गया है।
21 कारोबारी सत्रों में 22 लाख करोड़ बढ़ा पूंजीकरण
जुलाई में अब तक 21 कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स के बाजार पूंजीकरण में 22.84 लाख करोड़ की वृद्धि हुई है। 30 जून को सेंसेक्स का पूंजीकरण 243.73 लाख करोड़ था, जो 29 जुलाई को बढ़कर 266.58 लाख करोड़ पर पहुंच गया है। शेयर बाजारों में बीते 10 महीनों में पहली बार विदेशी निवेश शुद्ध खरीदार रहे हैं। एनएसडीएल के डाटा के अनुसार, जुलाई में विदेशी निवेशकों ने 4,989 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज रिटेल रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका कि कंपनियों के बेहतर वित्तीय नतीजों व सकारात्मक वैश्विक संकेतों से घरेलू शेयर बाजारों में लगातार तेजी है। कमोडिटी की कीमतों में नरमी और एफआइआइ की बिक्री में कमी का भी लाभ मिल रहा है।
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रेलिगेयर ब्रोकिंग लि., कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट, जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज और मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के बाजार विश्लेषकों के मुताबिक घरेलू शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह कोविड-19 से.
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि., कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट, जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज और मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के बाजार विश्लेषकों के मुताबिक घरेलू शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह कोविड-19 से जुड़ी गतिविधियों, अगस्त महीने में वायदा एवं विकल्प खंड में सौदों के समाप्त होने से जुड़ी खरीद-बिक्री और वैश्विक आर्थिक धारणा से तय होगी। बीएसई सेंसेक्स में 21 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 557.38 अंक यानी 1.47 प्रतिशत और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज निफ्टी में 193.20 अंक यानी 1.72 प्रतिशत की तेजी आयी। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच बाजार में यह तेजी आयी। वास्तव में वैश्विक स्तर पर सकारात्मक रुख से घरेलू बाजार को समर्थन मिला।
रेलिगेयर ब्रोकिंग का अनुमान
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा, ''निवेशकों की कोविड-19 की स्थिति पर नजर होगी। इसके बीच हमारा मानना है कि अगस्त महीने के वायदा एवं विकल्प खंड में अनुबंधों को पूरा करने लिये खरीद-बिक्री के कारण बाजार में अधिक उतार-चढ़ाव रह सकता है। इस बीच, देश में कोविड-19 संक्रमित मामलों की संख्या 30 लाख को पार कर गयी है। केवल 16 दिनों में आंकड़ा 20 लाख से 30 लाख पहुंचा है। वहीं संक्रमण के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 56,706 हो गयी है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज : बाजार में रह सकती है तेजी
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि कोरोना वायरस मामलों के अलावा निवेशकों की नजर वैश्विक आर्थिक पुनरूद्धार और अमेरिका-चीन तनाव पर भी होगी। उन्होंने कहा कि बाजार में निकट भविष्य में तेजी रह सकती है। हालांकि हाल की तेजी को देखते हुए मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है। इसके अलावा वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम, डॉलर के मुकाबले रुपये की प्रवृत्ति और विदेशी पूंजी प्रवाह पर भी निवेशकों की नजर होगी।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज का अनुमान
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि भारतीय बाजारों का वैश्विक बाजारों के साथ मजबूत तालमेल दिख रहा है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर बाजार उम्मीदों और नकदी के दम पर बढ़ रहा है। आर्थिक गतिविधियों में तेजी और आय के सामान्य होने की उम्मीद को वास्तविक रूप में आना होगा या कम-से-कम उसका संकेत स्पष्ट होने की जरूरत है, तभी बाजार मौजूदा तेजी के स्तर को बरकरार रख पाएगा।
कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट
कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी की कोष प्रबंधक और इक्विट शोध प्रमुख शिवानी सरकार कुरियन ने कहा, ''आथिक संकेतकों में सुधार की गति के साथ कोविड-19 के लिये टीका या उससे जुड़ी गतिविधियां बाजार की दिशा को निर्धारित करेंगी।
5 मिनट में बनिए Market Expert, इस तरीके से आप खुद खोजें बेहतरीन शेयर. कमाएं पैसे!
रिटेल निवेशक (Retail Investor) भविष्य को ध्यान में रखकर शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करते हैं, क्योंकि उनका नजरिया लॉन्ग टर्म (Long Term) रहता है. लेकिन इसके बावजूद अधिकतर रिटेल निवेशक वर्षों तक निवेशित रहने के बाद भी अच्छा मुनाफा नहीं कमा पाते हैं.
अमित कुमार दुबे
- नई दिल्ली,
- 22 सितंबर 2022,
- (अपडेटेड 22 सितंबर 2022, 1:10 PM IST)
देश में अधिकतर लोग दूसरे के कहने पर शेयर बाजार में पैसे लगाते हैं. उन्हें ये पता नहीं होता है कि जिस कंपनी के स्टॉक में वे पैसे लगा रहे हैं, उस कंपनी का क्या कारोबार है? खासकर रिटेलर (Retailer) या कहें आम आदमी, अक्सर दूसरे की सलाह पर शेयर बाजारों (Share Market) में निवेश करते हैं.
उन्हें कोई कह देता है कि ये Stock अच्छा रिटर्न (Return) दे सकता है, और फिर उसमें वे अपनी गाढ़ी कमाई लगा देते हैं. लेकिन क्या आपने ये कभी जानने की कोशिश की है कि जिस कंपनी के स्टॉक में आप निवेश कर रहे हैं, उस कंपनी रिटर्न कहां से देगी, कितनी कमाई है?
कैसे करें Stock Selection?
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दरअलस, रिटेल निवेशक (Retail Investor) भविष्य को ध्यान में रखकर शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करते हैं, क्योंकि उनका नजरिया लॉन्ग टर्म (Long Term) रहता है. लेकिन इसके बावजूद अधिकतर रिटेल निवेशक वर्षों तक निवेशित रहने के बाद भी अच्छा मुनाफा नहीं कमा पाते हैं. इसका एक ही कारण स्टॉक (Stock Selection) का सही से चयन नहीं कर बाजार के नवीनतम समाचार और विश्लेषण पाना है.
इसलिए दूसरे के कहने पर निवेश (Invest) करने से पहले आप खुद आसानी से अच्छे स्टॉक (Best Stock) का चयन कर सकते हैं. अच्छे स्टॉक में निवेश करने से भले ही शॉर्ट टर्म (Short Term) में बाजार में उतार-चढ़ाव की वजह से शेयर थोड़ा नीचे चला जाए और आपको अपने पोर्टफोलियो (Portfolio) में नुकसान दिखे. लेकिन Long Term में हमेशा अच्छे स्टॉक में रिटर्न देने की क्षमता होती है.
खुद 5 मिनट में खंगाल सकते हैं खाता-बही
अब आप सोच रहे होंगे कि स्टॉक का चयन कोई आसान काम है क्या? इसका जवाब है- बिल्कुल आसान काम है. आप 5 मिनट में खुद बेहतर स्टॉक खोज सकते हैं. इसके लिए आपको कंपनी के कारोबार (Business of Company) पर फोकस करना होगा. जिस स्टॉक में आप पैसे लगा रहे हैं, उसका कारोबार बेहतरीन होना चाहिए. बस एक यही अहम पैमाना है, जिसके आधार पर आप लंबी अवधि में शेयर से मोटा रिटर्न पा सकते हैं.
आइए जानते हैं, एक स्टॉक में निवेश से पहले कंपनी के कारोबार में क्या देखें, ताकि आप तय कर पाएं कि इसमें निवेश करना है या नहीं. आप आसानी से कंपनी के कारोबार का मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis) कर सकते हैं. कंपनी छोटी है या बड़ी, आप चंद मिनट में उस कंपनी के खाता-बही को खंगाल सकते हैं. हालांकि बड़ी कंपनियों में निवेश से जोखिम (Risk) कम होते हैं. कैसे चुनें बेहतरीन स्टॉक्स.
स्टेप-1: सबसे पहले कंपनी के रेवेन्यू को खंगालिए. देखें कि कंपनी सालाना कितना रेवेन्यू (Revenue) जेनरेट करती है. अगर साल-दर-साल कंपनी के कुल राजस्व (Total Revenue) में इजाफा हो रहा है तो फिर तो मान के चलिए कंपनी का कारोबार फल-फूल रहा है. अभी कंपनी एक पैमाने पर कंपनी खरी उतरी है.
स्टेप-2: अब इसके बाद कंपनी की Net Income पर नजर डालिए. अगर लगातार कंपनी की Net Income बढ़ रही है तो फिर इससे पता चल जाएगा कि कंपनी अपने सभी खर्चे को काटकर मुनाफे में चल रही है. अगर मोटा रेवेन्यू के बाद भी कंपनी की आमदनी नहीं बढ़ रही है तो फिर ऐसी कंपनी में निवेश से बचें.
स्टेप-3: उसके बाद जिस स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं, उस कंपनी की संपत्ति (Assets) को भी जरूर चेक करें. अगर साल-दर-साल कंपनी बाजार के नवीनतम समाचार और विश्लेषण की संपत्ति (Total Assets) में इजाफा हो रहा है तो, इससे साफ है कि कंपनी अपने कारोबार को विस्तार दे रही है. इसके बाद देखें कि कंपनी पर कुल कितनी देनदारी (Total Liabilities) है.
अगर Total Assets से Total Liabilities कम है तो फिर ये कह सकते हैं कि संकट में कंपनी अपने असेट्स बेचकर निवेशकों को पैसा लौट सकती है. इसलिए हमेशा Liabilities से बाजार के नवीनतम समाचार और विश्लेषण Assets अधिक होना चाहिए. कर्ज में डूबी कंपनी में कतई निवेश न करें. (Photo: Getty Images)
Share Market Fall Reason: यूं ही नहीं गिर रहा शेयर बाजार, FPI ने लगातार छठे महीने की बंपर निकासी, लेकिन एक अच्छी खबर भी है
Share Market Fall Reason: मार्च 2022 में भारतीय शेयर बाजारों (Indian Stock Market) में एफपीआई का स्वामित्व घटकर 19.5 फीसदी पर आ गया। यह पिछले तीन वर्षों में सबसे कम है। वहीं, घरेलू कोषों (Domestic Funds) ने इस अवधि में छह अरब डॉलर का निवेश कर बाजार में अपना हिस्सा बढ़ाया है।
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मार्च, 2022 में जहां एफपीआई का घरेलू बाजार में स्वामित्व घटा, तो वहीं घरेलू कोषों (Domestic Funds) ने इस अवधि में छह अरब डॉलर का निवेश कर अपना स्वामित्व बढ़ाया। इस रिपोर्ट के मुताबिक, समूचे वित्त वर्ष 2021-22 में घरेलू कोषों ने 14.6 अरब डॉलर का निवेश किया है।
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