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पूर्व अनुमोदित माइक्रो पीएल
यह उत्पाद ऑफलाइन (पीओएस) एवं ऑनलाइन (ऑनलाइन ई-कॉमर्स एग्रीग्रेटर्स) रु. 50,000/- तक की खरीद को 9,12,15 और 18 माह की आसान ईएमआई में परिवर्तित करने का विकल्प अथवा मोबाइल बैंकिंग एप्लीकेशन (बॉब वर्ल्ड) के माध्यम से तत्काल रु. 50,000/- की क्रेडिट की सुविधा प्रदान करता है. ग्राहक इस योजना के तहत नियमों और शर्तों ट्रेडिंग के महत्वपूर्ण नियम के अधीन ब्रांडों से कैश बैक (यदि कोई हो) के लिए पात्र हैं.
पूर्व अनुमोदित माइक्रो पीएल : लाभ
पूर्व अनुमोदित माइक्रो पीएल : विशेषताएं
- Pre-approved limit of up to Rs. 50,000 only available on bob World app
- Avail loan on purchase up to Rs. 50,000 on e-commerce websites
- Purchases should be processed through Debit Card EMI
- Flexible loan repayment period ranging from 9 - 18 months
- SMS*or an email will be sent to eligible customers for awareness
- Documentation not required
- Zero processing charges
- No Pre-closure charges
Note: *SMS charges are applicable as per the operator
पूर्व अनुमोदित माइक्रो पीएल : पात्रता
इस योजना के अंतर्गत कौन पात्र है?
व्यक्तिगत बचत बैंक खाता धारक, जो बैंक के पूर्व-निर्धारित आंतरिक नियमों के अनुसार पात्रता रखते हैं.
इस योजना के अंतर्गत पात्र होने के लिए ग्राहक की न्यूनतम आयु कितनी होनी चाहिए?
इस योजना के अंतर्गत पात्र होने के लिए ग्राहक की न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए.
मुझे मेरी पात्रता की जानकारी कैसे प्राप्त होगी ?
पात्र ग्राहकों को एसएमएस/ ई-मेल के माध्यम से सूचित किया जाएगा. विकल्प के तौर पर ग्राहक अपनी पात्रता एवं सीमा के संबंध अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर “पीएपीएल” टाइप करके 8422009988 पर मैसेज भेजकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
पूर्व अनुमोदित माइक्रो पीएल : ब्याज दर और प्रभार
सभी अवधियों के लिए लागू ब्याज दर @16% प्रति वर्ष है.
पूर्व अनुमोदित माइक्रो पीएल : Do’s and Dont’s.
Read the terms and conditions
Read the terms and conditions of the loan, carefully, like the rate of interest before proceeding to click on ‘I accept terms and conditions’ checkbox.
Check the particulars
Carefully select the loan period and the amount you wish to avail.
Maintain sufficient balance
Maintain sufficient balance or schedule monthly reminders to ensure that you do not miss even a single payment. Your payment history is a major part of your credit score, missing payments can negatively impact your credit report and reduce your credit score.
Don’ts
Don’t disclose your credentials
Please do not share your passwords or do not store such information in your smartphone.
Don’t fall prey to phishing attacks
Never open any mails or click on links that may seem suspicious. Bank of Baroda does not make calls, asking for your mobile banking passwords. If any caller pretends to be from our Bank/Contact Centre, please do not entertain such requests as they are fraudulent entities.
पर्सनल फाइनेंस: स्टॉक ट्रेडर्स होना निवेशक होने से पूरा अलग है, अनुभव के साथ समर्पण और शिक्षा के साथ अनुशासन बहुत जरूरी है
स्टॉक ट्रेडिंग के महत्वपूर्ण नियम ट्रेडर्स बाजार में नियमित निवेशकों से काफी अलग होते हैं। वे शेयरों में तुरंत लाभ कमाने की रणनीतियों को समझते हैं और बाजार के साथ सक्रिय रूप से जुड़े होते हैं। उन्हें व्यक्तिगत अनुशासन और ध्यान के साथ बाजार और behavioural finance की पूरी तरह से समझ होती है जो व्यापार में सफलता के लिए आवश्यक है। अनुशासन, समर्पण, शिक्षा और अनुभव स्टॉक ट्रेडिंग में सफल होने के लिए अनुशासन, समर्पण, शिक्षा और अनुभव जैसी बातों पर ध्यान देना चाहिए।
तो ट्रेडर होने में क्या लगता है? और कुछ आवश्यक नियम क्या हैं जिन्हें एक अच्छा ट्रेडर बनने के लिए उसे अपनाना चाहिए?
ट्रेडिंग एक जरूरत है, जुआ नहीं
सबसे पहले यह जान लेना बहुत ही आवश्यक है कि ट्रेडिंग एक जरूरत है, जुआ नहीं। एक ट्रेडर अपने व्यवहार को गंभीर बिजनेस के रूप में देखता है। मार्केट और ट्रेडिंग पर दांव लगाने के बीच बहुत मामूली फर्क होता है। ट्रेडिंग के लिए बाजार के रुझानों की भविष्यवाणी करने के लिए गणित की गिनती के एप्लीकेशन और टेक्निकल एनालिसिस की आवश्यकता होती है।
आवश्यक ज्ञान इस क्षेत्र में सफलता के लिए बहुत जरूरी है। जीवन के किसी भी सीख की तरह जितना ज्यादा ज्ञान और अनुभव आपके पास होगा आपकी सफलता का अवसर उतना ज्यादा होगा।
आप प्लान बनाने में फेल हैं तो आप फेल होने का प्लान बनाते हैं
बिजनेस में एक पुरानी कहावत है: यदि आप प्लान बनाने में फेल रहते हैं, तो आप फेल होने का प्लान बनाते हैं। यह अजीब लग सकता है, लेकिन ट्रेडर्स को इन शब्दों का पालन करना चाहिए। एक ट्रेडिंग प्लान अनिवार्य रूप से एक स्ट्रक्चर है जो बाजार में पूरी प्रक्रिया से एक ट्रेडर को मार्गदर्शन करता है। प्लान उन शर्तों को निर्धारित करती है जिनके तहत कोई ट्रेड में प्रवेश करेगा। बाजार की पहचान करेगा। ट्रेड से बाहर निकलेगा और रास्ते में जोखिमों से बचाव करेगा।
यह जानना कि किसी व्यापार से बाहर कब निकलना है, यह जानना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि कब प्रवेश करना है।
इमोशनल से दूरी और तनाव मुक्त होना जरूरी
ट्रेडिंग एक इमोशनल रोलर-कोस्टर हो सकता है। इसलिए तनाव मुक्त रहना जरूरी है। कई नौसिखिए ट्रेडर उस इमोशनल रोलर-कोस्टर की सवारी करते हैं, जो जीत के बाद दुनिया के टॉप पर महसूस करते हैं और नुकसान के बाद धड़ाम से नीचे आ जाते हैं। इसलिए, तनाव का स्तर जितना कम होगा, ट्रेड करते समय आप इमोशनल से बचे रहेंगे।
अवसरों का इंतजार करना ज्यादा जरूरी है
कई बार एक बहुत ही उबाऊ गतिविधि हो सकती है। आपको धैर्य रखने की जरूरत है, क्योंकि सही अवसरों की प्रतीक्षा करना ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। हमेशा ध्यान में रखने वाला नियम यह है कि उस पैसे के साथ व्यापार मत करिए जिसे आप खोना बर्दाश्त नहीं कर सकते। मुश्किल वक्त के लिए रखे गए धन से बिजनेस करेंगे तो इस बात की संभावना बढ़ जाएगी कि आप इमोशनल रूप से जुड़े रहेंगे। यह आपको जोखिम की स्थिति में डाल सकता है। यह आपको तर्कहीन निर्णय लेने के लिए बाध्य कर सकता है।
नुकसान बिजनेस का हिस्सा है, उससे सीखें, आगे बढ़ें
यह भी महत्वपूर्ण बात है कि हम कैसे नुकसान को झेलते हैं और कैसा जवाब देते हैं। यह नुकसान से अधिक महत्वपूर्ण है । जब आप अपने नुकसान को स्वीकार करते हैं और उससे सीखते हैं। आप पाएंगे कि आप अपने नुकसान में कटौती करने में सक्षम होते हैं। बेहतर व्यापार के लिए अपनी योग्यता को सीखने और विकसित करने के लिए प्रेरणा के रूप में अपने नुकसान का उपयोग करें। बेशक, नुकसान व्यापार का हिस्सा है, उन्हें ट्रेडिंग के महत्वपूर्ण नियम स्वीकार करें, उनसे सीखें और आगे बढ़ें।
बाजार न तो आपके लिए है, ना आपके खिलाफ है। बाजार जो है वही है
किसी ट्रेडिंग के महत्वपूर्ण नियम ने ठीक ही कहा है कि व्यापार हर किसी की चाय का प्याला नहीं है। एक सफल व्यापारी हमेशा व्यापार घाटे को चालाकी से संभालता है। सफल व्यापारी अपने व्यापार को सीखने और बेहतर बनाने के अवसर के रूप में लेता है। एक सफल व्यापारी बनने के लिए, आपको अपने जोखिम प्रोफ़ाइल के साथ बिजनेस की स्ट्रेटेजी में तालमेल बिठाने पर ध्यान लगाने की कोशिश करनी चाहिए। बाजार न तो आपके लिए है, न आपके खिलाफ है। बाजार जो है, वही है।
Technical View: वीकली चार्ट पर निफ्टी ने बनाया लॉन्ग बेयरिश कैंडल, 18000 के नीचे रहने पर बढ़ेगी बिकवाली
Kotak Securities के अमोल अठावले ने कहा कि निफ्टी ने वीकली चार्ट पर एक लॉन्ग बेयरिश कैंडल बनाया। ये पैटर्न आम तौर पर निगेटिव संकेत देता है। अमोल ने ट्रेडिंग के महत्वपूर्ण नियम कहा कि जब तक इंडेक्स 18,000 से नीचे टिका रहता है। तब तक इस पर मंदड़ियों की पकड़ हावी होती हुई दिखेगी। ऐसा होने पर इंडेक्स 17,600-17,500 तक लुढ़क सकता है
बैंक निफ्टी जब तक 42,000 से नीचे टिका रहता है तब तक ये 41,250 और 41,000 तक लुढ़क सकता है। हालांकि ऊपर की तरफ इसमें 42,000 और 42,250 पर रेजिस्टेंस दिखाई दे रहा है
हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार 23 दिसंबर को निफ्टी कमजोर हो गया। आज ये मनोवैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण 18,000 के लेवल के नीचे बंद हुआ। कमजोर वैश्विक संकेतों और कोविड की वापसी का असर देखने को मिला। यूएस फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) द्वारा दरों में अधिक बढ़ोतरी ने भी बाजार को परेशान किया। आज निफ्टी 17,977 पर खुला और इसमें गिरावट जारी रही। इसके बाद फिसलते हुए इंडेक्स दिन के निचले स्तर 17,779 पर पहुंच गया। इंडेक्स 320 अंक या 1.77 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,807 पर बंद हुआ। इस हफ्ते इसमें 2.5 प्रतिशत की गिरावट रही। लगातार तीसरे हफ्ते में इंडेक्स गिर कर बंद हुआ।
सोमवार को कैसी रहेगी निफ्टी की चाल
Kotak Securities के अमोल अठावले ने कहा कि लंबे समय के बाद इंडेक्स 50-डे एसएमए (सिंपल मूविंग एवरेज) के नीचे बंद हुआ। वीकली चार्ट पर इसने एक लॉन्ग बेयरिश कैंडल बनाया। ये पैटर्न मोटे तौर पर निगेटिव होता है।
सेबी के नए मार्जिन नियम आज से लागू, यहां जानिए अपने हर सवाल का जवाब
कैश मार्केट में मार्जिन से जुड़े ने नियम 1 सितंबर से लागू हो गए हैं. सेबी ने इसे कुछ समय टालने की अपील ठुकरा दी है
सेबी मार्जिन के दो तरह के नियमों को लागू करना चाहता है. पहला नियम कैश मार्केट में अपफ्रंट मार्जिन से संबंधित है.
मैं मार्जिन को पूरी तरह से नहीं समझता, क्या मुझे इसके बारे में विस्तार से बता सकते हैं?
मार्जिन का मतलब उस रकम से है, जो आपके ट्रेडिंग अकाउंट में होती है. सामान्य रूप से निवेशक को अपने ट्रेडिंग अकाउंट में जमा रकम से शेयर खरीदने की इजाजत होनी चाहिए. लेकिन, व्यवहार में मामला थोड़ा अलग है. कई ब्रोकिंग कंपनियां अपने क्लाइंट को शेयर खरीदने के लिए रकम उधार देती हैं. इसे लिवरेज या मार्जिन ट्रेडिंग कहते हैं. इंट्राडे ट्रेडिंग में यह ज्यादा देखने को मिलता है.
फिर, 1 सितंबर से क्या बदलने जा रहा है?
पहले हम यह समझते हैं कि शेयरों की डिलीवरी किस तरह होती है. अभी ट्रेडिंग के महत्वपूर्ण नियम बाजार में डिलीवरी के लिए टी+2 (ट्रेडिंग प्लस दो दिन) मॉडल का पालन होता है. इसका मतलब है कि अगर आप सोमवार को शेयर खरीदते या बेचते हैं तो यह बुधवार को डेबिट या क्रेडिट होगा. इसी तरह शेयर का पैसा भी बुधवार को आपके अकाउंट में आएगा या उससे जाएगा. इस मॉडल में ब्रोकर्स क्लाइंट के अकाउंट में पैसा नहीं होने पर भी शेयर खरीदने की इजाजत देते हैं. यह इस शर्त पर किया जाता है कि आप पैसा टी+1 या टी+2 दिन में चुका देंगे.
अब सेबी ने जो नया नियम बनाया है, उसमें ब्रोकर को सौदे की कुल वैल्यू का 20 फीसदी क्लाइंट से अपफ्रंट लेना होगा. इसका मतलब यह है कि सौदे के वक्त क्लाइंट (रिटेल निवेशक) को 20 फीसदी रकम चुकाना होगा. उदाहरण के लिए अगर रिटेल निवेशक रिलायंस इंडस्ट्रीज के एक लाख रुपये मूल्य के शेयर खरीदता है तो ऑर्डर प्लेस करने से पहले उसके ट्रेडिंग अकाउंट में कम से कम 20,000 रुपये होने चाहिए. बाकी पैसा वह टी+1 या टी+2 दिन में या ब्रोकर के निर्देश के मुताबिक चुका सकता है. सेबी के नए नियम के मुताबिक शेयर बेचते वक्त भी आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मार्जिन होना चाहिए.
शेयर बेचने के लिए मेरे ट्रेडिंग अकाउंट में मार्जिन क्यों होना चाहिए?
सेबी ने सोच-समझकर यह नियम लागू किया है. इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं. मान लीजिए आप सोमवार को 100 शेयर बेचते हैं. ये शेयर आपको अकाउंट से बुधवार को डेबिट होंगे. लेकिन, अगर आप मंगलवार (डेबिट होने से पहले) को इन शेयरों को किसी दूसरे को ट्रांसफर कर देते हैं तो सेटलमेंट सिस्टम में जोखिम पैदा हो जाएगा.
ब्रोकिंग कंपनियों के पास ऐसा होने से रोकने के लिए हथियार होते हैं. 95 फीसदी मामलों में ऐसा नहीं होता है. सेबी ने यह नियम इसलिए लागू किया है कि 5 फीसदी मामलों में भी ऐसा न हो.
यह नियम कुछ ज्यादा सख्त लगता है, क्या इसका कोई दूसरा तरीका नहीं है?
इसका दूसरा तरीका है. सेबी ने बगैर मार्जिन शेयर बेचने की इजाजत दी है. लेकिन, इसमें शर्त यह है कि ब्रोकर के पास ऐसा सिस्टम होना चाहिए, जिसमें शेयर बेचने के दिन वह शेयरों को क्लाइंट के अकाउंट से अपने अकाउंट में ट्रांस्फर कर लें. लेकिन, इसमें कुछ ऑपरेशनल दिक्कतें हैं.
इस नियम का बाजार पर क्या असर पड़ेगा?
विश्लेषकों और इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि नए नियमों से ट्रेडिंग वॉल्यूम घटेगा. लेकिन, कुछ लोगों का मानना है कि पिछले 25 साल में जब भी नए नियम लागू किए गए, बाजार ने उसके हिसाब से खुद को ढाल लिया. नए नियम बाजार में जोखिम घटाने और निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए लागू किए जाते हैं.
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ट्रेडिंग के महत्वपूर्ण नियम
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड
South Eastern Coalfields Limited
(भारत सरकार का उपक्रम)
(A Government of India Undertaking)
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