Capital Market क्या हैं? हिंदी में
पूंजी बाजार क्या हैं? [What is Capital Market ?] [In Hindi]
Capital Market वे स्थान हैं जहां बचत और निवेश उन आपूर्तिकर्ताओं के बीच होते हैं जिनके पास पूंजी है और जिन्हें पूंजी की जरूरत है। जिन संस्थाओं के पास पूंजी है उनमें खुदरा (Retails) और संस्थागत निवेशक (Institutional Investors) शामिल हैं जबकि पूंजी की तलाश करने वालों में व्यवसाय, सरकारें और लोग शामिल हैं।
Capital Market Primary और Secondary बाजारों से बने होते हैं। सबसे आम पूंजी बाजार शेयर बाजार और बांड बाजार हैं।
पूंजी बाजार लेनदेन क्षमता में सुधार करना चाहते हैं। ये बाजार पूंजी रखने वालों और पूंजी चाहने वालों को एक साथ लाते हैं शेयर बाजार का फाउंडेशन प्रोग्राम और एक ऐसा स्थान प्रदान करते हैं जहां संस्थाएं प्रतिभूतियों का आदान-प्रदान कर सकती हैं।
'पूंजी बाजार' की परिभाषा [Definition of 'Capital Market'] [In Hindi]
पूंजी बाजार एक ऐसा बाजार है जहां खरीदार और विक्रेता वित्तीय प्रतिभूतियों जैसे बांड, स्टॉक आदि के व्यापार में संलग्न होते हैं। खरीद / बिक्री प्रतिभागियों जैसे व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा की जाती है।
पूंजी बाजार को समझना [Understanding Capital Markets] [In Hindi]
Capital Market शब्द मोटे तौर पर उस स्थान को परिभाषित करता है शेयर बाजार का फाउंडेशन प्रोग्राम जहां विभिन्न संस्थाएं विभिन्न वित्तीय साधनों का व्यापार करती हैं। इन स्थानों में शेयर बाजार, बांड बाजार और मुद्रा और विदेशी मुद्रा बाजार शामिल हो सकते हैं। अधिकांश बाजार न्यूयॉर्क, लंदन, सिंगापुर और हांगकांग सहित प्रमुख वित्तीय केंद्रों में केंद्रित हैं।
capital market suppliers और धन के उपयोगकर्ताओं से बना है। आपूर्तिकर्ताओं में परिवार और उनकी सेवा करने वाली शेयर बाजार का फाउंडेशन प्रोग्राम संस्थाएं शामिल हैं-पेंशन फंड, जीवन बीमा कंपनियां, धर्मार्थ फाउंडेशन और गैर-वित्तीय कंपनियां- जो निवेश के लिए उनकी जरूरतों से परे नकदी उत्पन्न करती हैं। फंड के उपयोगकर्ताओं में घर और मोटर वाहन खरीदार, गैर-वित्तीय कंपनियां, और बुनियादी ढांचे के निवेश और परिचालन व्यय के वित्तपोषण वाली सरकारें शामिल हैं।
पूंजी बाजार बचतकर्ताओं से अधिशेष निधियों को संस्थानों में स्थानांतरित करने में मदद करते हैं जो फिर उन्हें उत्पादक उपयोग में निवेश करते हैं। आम तौर पर, यह बाजार ज्यादातर लंबी अवधि की प्रतिभूतियों में कारोबार करता है।
Capital Market में प्राथमिक बाजार और द्वितीयक बाजार होते हैं। प्राथमिक बाजार स्टॉक शेयर बाजार का फाउंडेशन प्रोग्राम और अन्य प्रतिभूतियों के नए मुद्दों के व्यापार से संबंधित है, जबकि द्वितीयक बाजार मौजूदा या पहले जारी प्रतिभूतियों के आदान-प्रदान से संबंधित है। पूंजी बाजार में एक और महत्वपूर्ण विभाजन व्यापार की सुरक्षा की प्रकृति, यानी शेयर बाजार और बांड बाजार के आधार पर किया जाता है।
क्या पूंजी बाजार वित्तीय बाजारों के समान हैं? [Are capital markets the same as financial markets?] [In Hindi]
जबकि कभी-कभी बहुत अधिक ओवरलैप होता है, इन दोनों शब्दों के बीच कुछ मूलभूत अंतर होते हैं। वित्तीय बाजारों में व्यापक श्रेणी के स्थान शामिल हैं जहां लोग और संगठन एक दूसरे के साथ संपत्ति, प्रतिभूतियों और अनुबंधों का आदान-प्रदान करते हैं, और अक्सर द्वितीयक बाजार होते हैं। दूसरी ओर, पूंजी बाजार का उपयोग मुख्य रूप से धन जुटाने के लिए किया जाता है, आमतौर पर एक फर्म के लिए, संचालन शेयर बाजार का फाउंडेशन प्रोग्राम में या विकास के लिए उपयोग किया जाता है।
प्राथमिक बनाम द्वितीयक बाजार क्या है? [What is Primary vs Secondary Market?] [In Hindi]
नई पूंजी स्टॉक और बॉन्ड के माध्यम से जुटाई जाती है जो प्राथमिक पूंजी बाजार में निवेशकों को जारी और बेची जाती है, जबकि व्यापारी और निवेशक बाद में द्वितीयक पूंजी बाजार में उन प्रतिभूतियों को एक दूसरे के बीच खरीदते और बेचते हैं, लेकिन जहां फर्म को कोई नई पूंजी प्राप्त नहीं होती है।
इस स्टोर पर टूट पड़े लोग, महज 69 दिन में 10 लाख ऑर्डर हुआ यह प्रॉडक्ट
जानकारों के मुताबिक, ऑनलाइन स्टोर से लोगों ने अधिक कंडोम इसलिए ऑर्डर किए क्योंकि उन्हें दुकानों पर जाकर कंडोम खरीदने में शर्मिंदगी होती है।
सांकेतिक तस्वीर। (Source: Thinkstock Images)
भारत में ऑनलाइन फ्री कंडोम स्टोर से सिर्फ 69 दिनों में 9.56 लाख कंडोम ऑर्डर किए गए शेयर बाजार का फाउंडेशन प्रोग्राम हैं। एड्स हेल्थकेयर फाउंडेशन की ओर से 28 अप्रैल को फ्री कंडोम स्टोर को शुरू किया गया था। इस स्टोर से लोग फोन या ईमेल भेजकर कंडोम मंगा सकते हैं। दरअसल भारत के गर्भनिरोधक बाजार में कंडोम का शेयर सिर्फ 5 फीसदी है, यानि बहुत कम लोग कंडोम का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन फ्री कंडोम स्टोर डाटा एक नए रुझान की ओर इशारा कर रहा है। हालांकि करीब 10 लाख में 5.14 लाख कंडोम कम्यूनिटी और एनजीओ की ओर से ऑर्डर किए गए, जबकि आम लोगों ने सिर्फ 4.41 लाख कंडोम ऑर्डर किया।
आम लोगों में दिल्ली और कर्नाटक के लोगों की संख्या काफी अधिक रही। एड्स हेल्थकेयर फाउंडेशन ने हिन्दुस्तान लैटेक्स लिमिटेड के साथ मिलकर स्पेशल ब्रांड का कंडोम बनाने का फैसला किया था। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, फाउंडेशन के इंडिया प्रोग्राम डायरेक्टर वी सैम प्रसाद ने कहा है कि उन्होंने सोचा था, 10 लाख कंडोम दिसंबर तक चलेगा। लेकिन यह जुलाई के पहले हफ्ते में ही खत्म हो गया। कंडोम के लिए नए ऑर्डर दे दिए गए हैं।
जानकारों के मुताबिक, ऑनलाइन स्टोर से लोगों ने अधिक कंडोम इसलिए ऑर्डर किए क्योंकि उन्हें दुकानों पर जाकर कंडोम खरीदने में शर्मिंदगी होती है।
सर्दी में इन 5 सब्जियों को भूलकर भी फ्रिज में नहीं रखें, बॉडी में ज़हर की तरह करती हैं असर, जानिए कैसे
Diabetes Control: डायबिटीज में मूंगफली खाना चाहिए या नहीं? इसका सेवन करने से ब्लड शुगर पर कैसा असर पड़ता है एक्सपर्ट से जानिए
टेक महिंद्रा फाउंडेशन का एडब्लूएस रिस्टार्ट के साथ सहयोग
नई दिल्ली। देश में नि:शुल्क क्लाउड कंप्यूटिंग प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए टेक महिंद्रा फाउंडेशन ने एडब्लूएस रिस्टार्ट प्रोग्राम के साथ सहयोग किया है। टेक महिंद्रा लिमिटेड के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) इकाई टेक महिंद्रा फाउंडेशन ने बेरोजगारी या अल्परोजगार के शिकार लोगों को क्लाउड कंप्यूटिंग टेक्नॉलॉजी में कॅरियर शुरू करने में समर्थ बनाने के लिए एमेजॉन इंटरनेट सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड (एआईएसपीएल) के साथ गठबंधन किया। कंपनी ने बताया कि एडब्लूएस रिस्टार्ट प्रोग्राम 12 हμतों का व्यक्तिगत कौशल आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जिसमें शेयर बाजार का फाउंडेशन प्रोग्राम मूलभूत एडब्लूएस क्लाउड कौशल एवं व्यवहारिक कॅरियर के कौशल, जैसे इंटरव्यू एवं रेज्यूम बनाने, लोगों को क्लाउड में एंट्री-लेवल के पदों की तैयारी कराना शामिल है।
यह कार्यक्रम लर्नर्स के लिए बिना लागत के आॅनलाइन होगा
यह कार्यक्रम हैदराबाद, मोहाली, विशाखापट्नम, बैंगलोर, दिल्ली, मुंबई, और पुणे में टेक महिंद्रा स्मार्ट एकेडेमीज़ ऑफ डिजिटल टेक्नॉलॉजीज द्वारा ऑनलाइन लर्निंग के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। यह कार्यक्रम लर्नर्स को बिना लागत के प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें आवेदन के लिए टेक्नॉलॉजी का कोई पूर्व अनुभव आवश्यक नहीं है। परिद्दश्य आधारित अभ्यास, प्रायोगिक प्रयोगशालाओं, एवं कोर्सवेयर के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रोग्रामिंग लैंग्वेज (लीनक्स एवं पायथन) बनाना, नेटवर्किंग, सिक्योरिटी एवं रैशोनल डेटाबेस स्किल्स आदि सिखाए जाएंगे। अंत में प्रतिभागियों को ऑपरेशंस, साइट की विश्वसनीयता एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट आदि क्षेत्रों में क्लाउड में एंट्री-लेवल के कार्यों के लिए तैयार किया जाएगा।
39 देशों में एक साथ चलाया जा रहा एक वैश्विक प्रोग्राम
एडब्लूएस रिस्टार्ट प्रोग्राम द्वारा यह फाउंडेशन लोगों को इन-डिमांड क्लाउड कौशल का विकास करने और उन्हें नौकरियों के लिए तैयार करने में मदद देने के लिए उत्साहित है। एडब्लूएस सटिर्फाईड क्लाउड प्रैक्टिशनर सर्टिफिकेशन परीक्षा में बैठने का खर्च व उसकी तैयारी की लागत इस प्रोग्राम में शामिल है। इसके द्वारा लोगों को उद्योग में मान्यता प्राप्त क्रेडेंशियल के साथ अपने क्लाउड कौशल की पुष्टि करने का अवसर मिलता है। एडब्लूएस रिस्टार्ट 39 देशों में चलाया जा रहा एक वैश्विक प्रोग्राम है। यह 90 प्रतिशत से ज्यादा ग्रेजुएट्स को नौकरी के इंटरव्यू के अवसर प्रदान करता है। टेक महिंद्रा फाउंडेशन अपने प्रशिक्षण व प्लेसमेंट पार्टनर्स के साथ भारत में प्रोग्राम ग्रेजुएट्स के लिए प्लेसमेंट की व्यवस्था करता है।
देश के सबसे पिछड़े 117 जिलों को आगे बढ़ाने में निजी क्षेत्र भागीदारी और बढ़ाएं: नीति आयोग
इन जिलों के आगे बढ़ने से वृद्धि दर में करीब 1 से 1.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी.शेयर बाजार का फाउंडेशन प्रोग्राम
- तीन साल के भीतर ये 117 जिले भारत की तकदीर बदलने को प्रतिबद्ध हैं.
- सरकार ने पिछड़ा जिला कार्यक्रम की सफलता के लिए उठाया है बीड़ा
- कांत ने कहा- हमें निजी क्षेत्र से बड़े पैमाने पर निवेश शेयर बाजार का फाउंडेशन प्रोग्राम की जरूरत है.
6
5
5
5
नई दिल्ली: नीति आयोग ने सरकार के पिछड़ा जिला कार्यक्रम की सफलता के लिए निजी क्षेत्र से और भागीदारी का मंगलवार को आह्वान किया. इस कार्यक्रम का मकसद देश के सर्वाधिक पिछड़े 117 जिलों में व्यापक बदलाव लाना है. नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विकास के लिहाज से इन जिलों के पटरी पर आने से देश की वृद्धि को भी गति मिलेगी.
भारत-अमेरिका चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा, तीन साल के भीतर ये 117 जिले भारत की तकदीर बदलने को प्रतिबद्ध हैं. और अगर इनमें रूपांतरण आता है तो भारत भी तेजी से स्वयं में बदलाव लाएगा क्योंकि वृद्धि दर में करीब 1 से 1.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी.
ये जिले वृद्धि के प्रमुख चालक होंगे. कांत ने कहा कि लेकिन सरकार अकेले इतने बड़े स्तर पर बदलाव नहीं ला सकती तथा निजी कंपनियों को इस अभियान में जुड़ना चाहिए.
उन्होंने कहा, हमें निजी क्षेत्र से बड़े पैमाने पर निवेश की जरूरत है. सरकार के लिए अकेले इतने बड़े स्तर पर बदलाव की कोई संभावना है. हमें सरकार तथा निजी क्षेत्र के बीच बड़ी भागीदारी की जरूरत है और यही हमें सतत विकास की ओर ले जाएगा.
फिलहाल टाटा ट्रस्ट, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, पीरामल, आईटीसी प्रमुख इकाइयां इस कार्यक्रम से जुड़ी हुई हैं. सरकार ने पिछड़े जिलों शेयर बाजार का फाउंडेशन प्रोग्राम में विकास को रफ्तार देने के लिए इस साल की शुरुआत में कार्यक्रम की शुरुआत की. इसका मकसद 117 सर्वाधिक पिछड़े जिलों में तेजी से और तीव्रता से बदलाव लाना है.
वेदांता अगले 5 साल में समाजिक कामों पर शेयर बाजार का फाउंडेशन प्रोग्राम करेगी 5,000 करोड़ रुपये खर्च
Vedanta Resources: सोशल इंपेक्टिंग प्रोग्राम पोषण, महिला और बाल विकास, स्वास्थ्य देखभाल, पशु कल्याण पर ध्यान केंद्रित करेगा.
- PTI
- Updated On - July 3, 2021 / 12:58 PM IST
Vedanta Resources: वेदांता रिसोर्सेज ने अगले पांच वर्षों में समाज पर 5,000 करोड़ रुपये खर्च करने का वादा किया है.
कंपनी के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने महत्वाकांक्षी रोड मैप का अनावरण करते हुए कहा “हम पांच वर्षों में कम्युनिटी के विकास के लिए 5,000 करोड़ रुपये खर्च करेंगे.
” कंपनी ने 20 लाख लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले 1,000 गांवों के लिए वैक्सीन सहित एंड-टू-एंड स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘स्वस्थ गांव अभियान’ पहल भी शुरू की.
कोरोनावायरस-मुक्त गांव परियोजना
5,000 करोड़ रुपये का सोशल इंपेक्टिंग प्रोग्राम पोषण, महिला और बाल विकास, स्वास्थ्य देखभाल, पशु कल्याण और जमीनी स्तर के खेल पर ध्यान केंद्रित करेगा.
इसके अलावा कई राज्यों में कोरोनावायरस-मुक्त गांव परियोजना के लिए प्रमुख वित्तीय सहायता प्रदान करेगा. कार्यक्रम अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के तत्वावधान में चलाया जाएगा.
अगले पांच वर्षों में इन लक्ष्यों की दिशा में काम करने के लिए सर्वांगीण विकास प्रदान करेगी.
स्वस्थ गांव अभियान
स्वस्थ गांव अभियान एक मेगाप्रोजेक्ट होगा, जो देश को एक आवश्यक सेवा के रूप में सामाजिक विकास और बुनियादी ढांचा प्रदान करने के उनके समग्र उद्देश्य के हिस्से के रूप में, कोविड -19 के न्यूनतम प्रभाव को सुनिश्चित करने के लिए कम्युनिटी में इम्यूनिटी को बढ़एगा.
इसके अलावा, यह नौकरी के अवसरों को भी बढ़ाएगा. युवाओं को फिर से कौशल प्रदान करेगा और स्थिरता और प्रगति लाएगा, जो देश के लिए आर्थिक विकास की कुंजी है.
1,000 गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की योजना
इस विशाल कार्यक्रम को लागू करने में केपीएमजी अनिल अग्रवाल फाउंडेशन का रणनीतिक भागीदार होगा. इस पहल के तहत, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन ने देश के 12 राज्यों के 24 जिलों के 1,000 गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं को समर्थन और मजबूत करने की योजना बनाई है, जिससे 20 लाख से अधिक लोगों के जीवन प्रभावित होंगे.
पहल के तहत जिला स्तर पर ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, टेलीमेडिसिन सेवाएं, चिकित्सा मोबाइल मेडिकल वैन जैसी सुविधाएं मुहैया होंगी.
गुणवत्तापूर्ण उपचार सुनिश्चित करने के लिए जिलावार अस्पतालों और स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों में भी चिकित्सा सुविधाओं का प्रावधान किया जा रहा है.अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के लिए फोकस का नया क्षेत्र पशु कल्याण के लिए आश्रय और सहायता प्रदान करना होगा.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 269