डीमैट अकाउंट क्या है, इसके प्रकार और Demat Account खोलने की प्रक्रिया 2022

जब कुछ साल पहले आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते थे, तो वो कंपनी आपको उन शेयर से जुड़े कुछ कागज़ात भेजती थी। वो कागज़ इस बात का सबूत होते थे की आपने उस कंपनी में निवेश किया है, कंपनी में शेयर खरीद रखें है पर Demat Account के आगमन के बाद से सब बदल सा गया है।

अब किसी भी कंपनी में शेयर खरीदने के बाद यानि किसी कंपनी में निवेश करने पर आपको जो सर्टिफिकेट और आपके शेयर की जानकारी इसी डीमैट अकाउंट के द्वारा दी जाती है। आप अपने मोबाइल में डीमैट अकाउंट लॉगिन करके ऑनलाइन सारी जानकारी देख सकते हैं। आइये जानते हैं, इसकी पूरी जानकरी विस्तार से.

आखिर ये डीमैट अकाउंट क्या है और ये इतना जरुरी क्यूँ है ?

जब कोई पहली बार बॉन्ड, स्टॉक, शेयर या सम्बंधित अन्य चीजों में निवेश करने का निर्णय लेते हैं, तो उनके सामने एक नया शब्द आता है Demat Account. डीमैट से डीमैट खाता क्या है आपके सारे दस्तावेज सुरक्षित रहते हैं, आप ट्रेडिंग से जुड़े धोखाधड़ी के नुकसान से भी राहत मिलती है इससे आप आसानी से लोन भी ले सकते हैं और ऑनलाइन ट्रेडिंग से समय की काफी बचत होती है। आप आसानी से शेयर्स को ट्रैक कर सकते हैं। यदि आप भी शेयर बाजार की यात्रा शुरू करना चाहते हैं, तो आज ही अपना डीमैट खाता खोलें।

डीमैट खाता का अर्थ क्या है या यह आपकी सहायता कैसे कर सकता है। इस बारे में तो इस पोस्ट में चर्चा आगे करेंगे, उससे पहले कुछ महत्वपूर्ण बाते आपको जान लेनी चाहिए ।

डीमैट अकाउंट क्या है ?

शेयर खरीदने, बेचने और शेयर की जानकारी रखने के लिए जिस प्लेटफार्म की आवश्यकता होती है उसे डीमैट अकाउंट ( Demat Account ) कहते हैं।

डीमैट अकाउंट यानि डीमटेरियलाइज्ड अकाउंट एक प्रकार का अकाउंट है जो किसी निवेशक के पास शेयर और सिक्योरिटीज़ की संख्या रिकॉर्ड करता है। सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) द्वारा यह अनिवार्य है कि शेयर ट्रांज़ैक्शन ( शेयर की खरीद – बिक्री ) डीमैट खाता क्या है से पहले आपके पास एक डीमैट अकाउंट हो। डीमैट अकाउंट में कुछ न्यूनतम शुल्क डीमैट खाता क्या है जैसे डीमैट ओपनिंग फीस, वार्षिक मेंटेनेंस शुल्क (एएमसी), कस्टोडियन फीस और ट्रांज़ैक्शन शुल्क शामिल हैं।

अकाउंट धारक डिपॉजिटरी प्रतिभागी के मध्यस्थता के साथ डीमैट अकाउंट का संचालन करता है। डिपॉजिटरी के कामकाज, रेगुलेशन और निरीक्षण को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा नियंत्रित किया जाता है।

ट्रेडिंग के लिए Demat अकाउंट चाहिए तो अब तक का सबसे किफायती और आसान तरीका अपनाइए

भारत ने NSE पर व्यापार के लिए वर्ष 1996 में Demat अकाउंट प्रणाली की प्रक्रिया की शुरुआत हुई थी। इसमें आप रुपए या पैसे नहीं बल्कि शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म के रूप में डीमैट खाता क्या है सुरक्षित रख सकते हैं।

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। अगर आप भी शेयर मार्केट (Share Market ) में ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं लेकिन Demat खाता खोलने, उसे समझने और उसके संचालन करने की बेसिक से ब्रॉड जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो इसके लिए अब आपको बिल्कुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि अब यह सभी काम पर आप अपने मोबाइल पर घर बैठे बिना किसी की मदद के कर सकते हैं। इसके लिए बस आपको अपने फोन के गूगल प्ले स्टोर पर जाना होगा और वहां से 5paisa App डाउनलोड कर लेना है।

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क्या Demat खाता भी बैंक खाते डीमैट खाता क्या है की तरह ही होता है?

भारत ने NSE पर व्यापार के लिए वर्ष 1996 में Demat अकाउंट प्रणाली की प्रक्रिया की शुरुआत हुई थी। डीमैट खाता एक तरह से बैंक अकाउंट की तरह ही होता है। लेकिन इसमें आप रुपए या पैसे नहीं बल्कि शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म के रूप में सुरक्षित रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का वास्तविक अर्थ डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है, जिसकी मदद से शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज , म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को डीमैट खाता क्या है रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। इस खाते के माध्यम से शेयरों व संबंधित डॉक्यूमेंट्स के रखरखाव की परेशानियां दूर हो जाती हैं।

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5paisa में कैसे लॉगिन करें अपना Demat Account

यदि आपके पास 5paisa App है तो अच्छा है लेकिन अगर आपके डीमैट खाता क्या है पास यह एप नहीं है तो तुरंत अपने फोन पर यह एप डाउनलोड कर लीजिए। क्योंकि ऑनलाइन ट्रेड के लिए यह पहला पड़ाव है। इस खाते की मदद से कोई भी निवेशक फिजिकल शेयर को डिमैडिमैटेरियलाइज कर सकता है।

इस एप पर डीमैट खाता क्या है डीमैट खाता खोलने वाले इच्छुक निवेशक के पास केवल उसका व्यक्तिगत पैन कार्ड, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र,पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए। इसके अलावा पते का प्रमाण जैसे राशन कार्ड, बिजली का बिल, टेलीफोन बिल, संपत्ति कर की रसीद, पासपोर्ट, बैंक पासबुक, मतदाता पहचान पत्र, या आधार कार्ड भी मान्य होगा।

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वहीं खाता खोलने के कैंडिडेट्स को आय का प्रमाण जैसे आयकर रिटर्न (ITR) की फोटोकॉपी, हाल की सैलरी स्लिप, वर्तमान बैंक का बैंक खाता विवरण, या स्वयं का कैंसिल चेक।

शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज

How to open a Demat Account : डीमैट खाता खोलने की प्रक्रिया बहुत आसान होती है. इसके लिए सबसे पहले आपको एर फॉर्म ऑनलाइन भरना होता है. जिसके बाद ई वेरिफिकेशन होता है. ये प्रोसेस पूरी होते ही आपका डीमैट खाता खुल जाता है.

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Demat Account : शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए जरूरी है डीमैट अकाउंट. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

शेयर बाजार में ट्रेडिंग (Share Market Trading) कर पैसा बहुत से लोग बनाना चाहते हैं लेकिन शेयर्स खरीदने और बेचने के लिए जिस डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है, उसके बारे में कम ही जानकारी होती है. डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है, इस खाते को खोलने के लिए जरूरी कागजात कौन से होते हैं और कितनी फीस डीमैट खाते को खोलने के लिए डीमैट खाता क्या है खर्च करनी पड़ती है. ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब हम आपको इस खबर की मदद से दे रहे हैं क्योंकि शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है, इसके बिना ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है.

तो आइए जानते हैं डीमैट खाते से जुड़ी हर जरूरी जानकारी.

क्या होता है डीमैट खाता

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जिस तरह से बैंक अकाउंट होता है. इसी तरह से डीमैट अकाउंट भी बैंक खाते की तरह काम करता है. शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था डीमैट खाता क्या है SEBI के साफ निर्देश हैं कि बिना डीमैट खाते के शेयरों को किसी भी अन्य तरीके से खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है.

डीमैट खाते की सबसे अच्छी बात होती है ये जीरो अकाउंट बैलेंस के साथ भी खोला जा सकता है. इसमें मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है. शेयर बाजार में निवेश के लिए निवेशक के पास बैंक अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट खाता होने चाहिए क्योंकि डीमैट खाते में आप शेयरों को डिजिटल रूप से अपने पास रख सकते है. तो वहीं ट्रेडिंग अकाउंट से मदद से शेयर, म्युचुअल फंड और गोल्ड डीमैट खाता क्या है में निवेश किया जा सकता है.

कैसे खोलें डीमैट खाता

- शेयरों में ऑनलाइन निवेश करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी डीमैट खाता होता है. आप इसे HDFC सिक्योरिटीज, ICICI डायरेक्ट, Axis डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास खुलवा सकते हैं.

- ब्रोकरेज फर्म का फैसला लेने के बाद आप उसकी वेबसाइट पर जाकर डीमैट अकाउंट ओपन करने का फॉर्म सावधानी से भरने के बाद उसकी KYC प्रोसेस को पूरा करें.

- KYC के लिए फोटो आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ के लिए डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी. जब ये प्रोसेस पूरी हो जाएगा तो उसके बाद इन-पर्सन वेरिफिकेशन होगा. संभव है जिस फर्म से आप डीमैट अकाउंट खुलवा रहे हों, वो अपने सर्विस प्रोवाइडर के दफ्तर आपको बुलवाएं.

- इस प्रोसेस को पूरा होने के बाद आप ब्रोकरेज फर्म के साथ टर्म ऑफ एग्रीमेंट साइन करते है. ऐसा करने के बाद आपका डीमैट अकाउंट खुल जाता है.

- फिर आपको डीमैट नंबर और एक क्लाइंट आईडी दी जाएगी.

कौन खोलेगा डीमैट खाता

इंडिया में डीमैट खाता खोलने का काम दो संस्थाएं करती है. जिसमें पहली है NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी है CDSL (central securities depository limited). 500 से अधिक एजेंट्स इन depositories के लिए काम करते है, जिनको आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. इनका काम डीमैट अकाउंट खोलना होता है.

जरूरी शर्तें

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शर्त होती है कि जो व्यक्ति शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खुलवा रहा हो उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही इसके लिए उस व्यक्ति के पास पैन कार्ड, बैंक अकाउंट आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ होना जरूरी है.

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