Updated on: November 13, 2022 6:55 IST
Stock Selection Tips: शेयर बाजार में ऐसे करें कमाई वाले स्टॉक्स का चयन, हो सकता है मोटा मुनाफा
Stock Tips शेयर बाजार में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आप सही शेयरों का चयन निवेश के लिए करें। हमारे एक्सपर्ट आपको बता रहे हैं कि मुनाफा देने वाले स्टॉक्स की पहचान कैसे करें।
नई दिल्ली, राहुल जैन। रत्न (Gems) मतलब फायदे की चीजें हर जगह मौजूद हैं और स्टॉक मार्केट (Stock Market) भी इससे परे नहीं है। स्टॉक मार्केट के रत्नों की पहचान और निवेश से आप अपने पोर्टफोलियो में वैल्यू ऐड कर सकते हैं। इससे लंबी अवधि में आपको धन सृजन में मदद मिलती है। अब सवाल ये है कि आप स्टॉक मार्केट के Gems की पहचान कैसे करेंगे जबकि आम तौर पर इस पर कोई गौर नहीं करता और इसकी वैल्यू हमेशा कम करके आंकी जाती है। इन रत्नों की पहचान के लिए आपको ट्रेंड से परे हटकर कुछ चीजों पर गौर करना होगा, जो इस प्रकार हैं।
कंपनी के कर्ज पर करें गौर
किसी कंपनी के कुल कर्ज पर गौर करना काफी अधिक महत्वपूर्ण है। कंपनी के प्रॉफिट में होने के बावजूद हमें ऐसा करना चाहिए। इसकी वजह ये है कि अगर किसी कंपनी पर कर्ज का बोझ बहुत ज्यादा है तो वह लंबे समय तक नहीं टिकेगी। काफी अधिक कर्ज में डूबी कंपनी बहुत संभव है कि अपने पूरे प्रॉफिट का इस्तेमाल कर्ज के भार को कम करने के लिए करेगी और इस तरह प्रॉफिटेबल नहीं रह जाएगी। इस तरह किसी भी कंपनी के स्टॉक में निवेश करने से पहले उसके कर्ज की रकम पर गौर करना चाहिए।
कंपनी के कर्ज के बोझ के आकलन के लिए उसके फाइनेंशियल रिकॉर्ड पर नजर रखिए। अगर कंपनी साल दर साल बहुत अधिक कर्ज में है तो ऐसी कंपनियों से दूर रहना ही बेहतर होता है।
कंपनी के मैनेजमेंट का ट्रैक रिकॉर्ड और शेयरहोल्डिंग पैटर्न
किसी स्टॉक पर गौर करने के सबसे अहम पैमानों में कंपनी के मैनेजमेंट के ट्रैक रिकॉर्ड पर गौर करना भी शामिल होता है। यह वस्तुतः कंपनी का परिचालन करने वाले लोगों के फैसले पर निर्भर करता है और इसी आधार पर आपके पैसे का निवेश किया जाता है। इसलिए ट्रैक रिकॉर्ड पर गौर करना अहम होता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि कंपनी प्रतिस्पर्धी स्थिति में है और प्रॉफिटेबल रिजल्ट दे सकती है।
इसके साथ ही कंपनी के शेयरहोल्डिंग पैटर्न पर गौर करिए। सामान्य तौर पर जिन कंपनियों में प्रमोटर्स की होल्डिंग मजबूत होती है, उनके प्रॉफिटेबल होने की गुंजाइश ज्यादा होती है। इसकी वजह ये है कि प्रमोटर्स अपनी ज्यादा होल्डिंग की वजह से कंपनी को प्रॉफिटेबल बनाने में रुचि रखते हैं क्योंकि कंपनी के प्रॉफिटेबल होने से उन्हें किसी भी अन्य व्यक्ति की तुलना में ज्यादा फायदा होता है।
कंपनी के कारोबार का भविष्य
यह आकलन के लिहाज से एक और अहम पहलू है। किसी भी कंपनी के स्टॉक में निवेश से पहले कंपनी के बिजनेस पर गौर कीजिए और उसकी भविष्य से जुड़ी संभावनाओं का आकलन कीजिए। लंबी अवधि में सकारात्मक संभावनाओं से भरी कंपनी में निवेश करना अहम होता है। आप एक्सपर्ट की राय और अपने खुद के रिसर्च से इस बारे में एक आइडिया ले सकते हैं।
कंपनी की मार्केटिंग स्ट्रेटजी भी है महत्वपूर्ण
इन सबसे इतर कंपनी के फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस के साथ-साथ कंपनी की मार्केटिंग स्ट्रेटेजी पर गौर करके आप कंपनी की वास्तविक क्षमता का आकलन कर सकते हैं और सही विकल्प चुन सकते हैं। जल्दबाजी मत कीजिए और सही निर्णय के लिए जांच-पड़ताल जरूर कीजिए।
(लेखक Edelweiss Wealth Management में पर्सनल वेल्थ के प्रेसिडेंट एवं हेड हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)
मल्टीबैगर शेयरों की इस तरह करें पहचान, गिरते बाजार में भी होगी बंपर कमाई
मल्टीबैगर स्टॉक उस शेयर को कहते हैं जो निवेशकों को काफी कम सयम में कई गुना रिटर्न देता है। कोरोना के बाद भारत में मल्टीबैगर स्टॉक की कोई कमी नहीं है।
Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: November 13, 2022 6:55 IST
Photo:INDIA TV मल्टीबैगर शेयर
Share Market में निवेश करने वालों की संख्या करोड़ों में पहुंच गई है। ऐसे में यह संभव है कि आप भी शेयर बाजार में निवेश करते हों। आप को ऐसे खबरें सुनने में आती होगी कि इस एक शेयर ने निवेशकों को मालामाल कर दिया है। एक साल में 10 हजार रुपये को 1 लाख बना दिया है। वहीं, किसी दूसरे शेयर में निवेशक ने 10 लाख लगाया तो वह दो साल में ही 3 करोड़ हो गया है। इस तरह के शेयर को बाजार की भाषा में मल्टीबैगर स्टॉक (Multibagger Stocks) कहते हैं। हालांकि, एक निवेश के लिए इस तरह के स्टॉक की पहचान करना काफी मुश्किल होता है। ज्यादातर निवेशक जब किसी शेयर में निवेश करते हैं तो वह टूटकर नीचे चला आता है। इससे निवेशकों को नुकसान होने लगता है। अब सवाल उठता है कि मल्टीबैगर स्टॉक की पहचान कैसे की जाए। तो आइए, हम आपको बताते हैं कि आप किस तरह मल्टीबैगर स्टॉक की पहचान कर सकते हैं।
मल्टीबैगर स्टॉक का चुनाव इन 8 पैरामीटर पर करें
- सक्षम और मजबूत प्रबंधन: कोई शेयर मल्टीबैगर तभी हो सकता है जब उसका मैनेजमेंट यानी प्रबंधन सक्षम और मजबूत हो। इसलिए किसी भी कंपनी के शेयर के चुनने से पहले उसका मौनेजमेंट देंखे। अगर वह सक्षम और मजबूत है तो वह शेयर मल्टीबैगर बन सकता है।
- मजबूत प्रमोटर होल्डिंग: अगर कंपनी में प्रमोटर की होल्डिंग 50 फीसदी से अधिक है तो यह दर्शाता कि उस कंपनी पर प्रमोटर का विश्वास है। यानी वह कंपनी आगे तेजी से ग्रो करेगी और शेयर के भाव बढ़ेंगे।
- कमाई में लगातार वृद्धि: अगर कंपनी की कमाई लगतार बढ़ रही है तो उस कंपनी के शेयर में आगे बढ़ने की पूरी उम्मीद है। इस तरह के शेयर का चुनाव मल्टीबैगर चुनते समय जरूर करें।
- उच्च मार्जिन वाला कारोबार: मल्टीबैगर में उस तरह के शेयर चुनें जिस कंपनी का कारोबार उच्च मार्जिन वाला है। उच्च मार्जिन होने से कंपनी का मुनाफा तेजी से बढ़ेगा। इसका लाभ शेयर को होगा। शेयर का भाव तेजी से बढ़ेगा।
- कर्ज का बोझ: किसी भी कंपनी में निवेश से पहले उसपर कर्ज का बोझ जरूर देंखे। अगर कंपनी पर कर्ज का बहुत ज्यादा बोझ है तो वह मल्टीबैगर नहीं बन सकता है।
- बढ़ता कैश फ्लो: किसी कंपनी के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए किसी कंपनी का नकदी प्रवाह सबसे सटीक पैमाना है। कैश फ्लो स्टेटमेंट भविष्य में कंपनी की कमाई बढ़ाने की क्षमता को निर्धारित करता है। अगर मैनेजमेंट कंपनी संचालन से नकदी उत्पन्न करने में सक्षम है, तो उसे अपने व्यवसाय को बढ़ाएगा। यानी उस कंपनी के शेयर मल्टीबैगर बन सकते हैं।
- इंडस्ट्री की पहचान: मल्टीबैगर स्टॉक का चुनाव में इंडस्ट्री की पहचान बहुत जरूरी है। पहले यह आंकलन करें कि भविष्य में कौन सी इंडस्ट्री तेजी से बढ़ने वाली है। कौन से उद्योग मजबूत रूप से उभर रहे हैं और क्यों? किसी क्षेत्र के लिए विकास की संभावना क्या है और यह दूसरों से कैसे भिन्न है। फिर उस सेक्टर की कंपनी के शेयर की पहचान करें।
- कंपनी का कारोबारी मॉडल: कोई भी स्टॉक मल्टीबैगर तभी बनता है जब उस कंपनी का कारोबारी मॉडल और उत्पाद की बाजार में मांग होती है। इसलिए ऐसी कंपनी का चुनाव करें, जिसके उत्पाद की जबरदस्त् मांग है या होने वाली है। साथ ही उसके कंपटीटर कम हो।
मल्टीबैगर स्टॉक किसे कहते हैं?
मल्टीबैगर स्टॉक उस शेयर को कहते हैं जो निवेशकों को काफी कम सयम में कई गुना रिटर्न देता है। अगर आपने किसी 50 रुपये के शेयर में निवेश किया है और वह काफी समय में 700 रुपये हो गया तो इसे म्लटीबैगर स्टॉक कहते हैं। Multibagger शब्द की शुरुआत सबसे पहले अमेरिका के निवेशक और म्युचुअल फंड मैनेजर पीटर लिंच ने की थी। लिंच बेसबॉल के फैन थे और multibagger भी इसी खेल से निकला हुआ शब्द है। यह किसी बेसबॉल के खिलाड़ी के औसत से बेहतर प्रदर्शन को बताने के लिए इस्तेमाल किय जाता है। जानकारों का कहना था कि लिंच ने टेनबैगर शब्द दिया था जिसका मतलब जो शेयर अपने मौजूदा प्राइस से काफी कम समय में 10 गुना बढ़ जाए। कोरोना के बाद Stock Market क्या है और इससे कमाई कैसे होती है? भारत में मल्टीबैगर स्टॉक की कोई कमी नहीं है।
Options Trading: क्या होती है ऑप्शंस ट्रेडिंग? कैसे कमाते हैं इससे मुनाफा और क्या हो आपकी रणनीति
Options Trading: निश्चित ही ऑप्शंस ट्रेडिंग एक जोखिम का सौदा है. हालांकि, अगर आप बाजार के बारे में जानकारी रखते हैं और कुछ खास रणनीति बनाकर चलते हैं तो इससे मुनाफा अर्जित कर सकते हैं.
By: मनीश कुमार मिश्र | Updated at : 18 Oct 2022 03:40 PM (IST)
ऑप्शंस ट्रेडिंग ( Image Source : Getty )
डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) भारतीय बाजार के दैनिक कारोबार में 97% से अधिक का योगदान देता है, जिसमें ऑप्शंस एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता है. निवेशकों के बीच बाजार की जागरूकता बढ़ने के साथ, ऑप्शंस ट्रेडिंग (Options Trading) जैसे डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) में रिटेल भागीदारी में उछाल आया है. इसकी मुख्य वजह उच्च संभावित रिटर्न और कम मार्जिन की आवश्यकता है. हालांकि, ऑप्शंस ट्रेडिंग में उच्च जोखिम शामिल है.
क्या है ऑप्शंस ट्रेडिंग?
Options Trading में निवेशक किसी शेयर की कीमत में संभावित गिरावट या तेजी पर दांव लगाते हैं. आपने कॉल और पुष ऑप्शंस सुना ही होगा. जो निवेशक किसी शेयर में तेजी का अनुमान लगाते हैं, वे कॉल ऑप्शंस (Call Options) खरीदते हैं और गिरावट का रुख देखने वाले निवेशक पुट ऑप्शंस (Put Options) में पैसे लगाते हैं. इसमें एक टर्म और इस्तेमाल किया जाता है स्ट्राइक रेट (Strike Rate). यह वह भाव होता है जहां आप किसी शेयर या इंडेक्स को भविष्य में जाता हुआ देखते हैं.
जानकारी के बिना ऑप्शंस ट्रेडिंग मौके का खेल है. ज्यादातर नए निवेशक ऑप्शंस में पैसा खो देते हैं. ऑप्शंस ट्रेडिंग में जाने से पहले कुछ बुनियादी बातों से परिचित होना आवश्यक है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के हेड - इक्विटी स्ट्रैटेजी, ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन हेमांग जानी ने ऑप्शंस ट्रेडिंग को लेकर कुछ दे रहे हैं जो आपके काम आ सकते हैं.
धन की आवश्यकता: ऑप्शंस की शेल्फ लाइफ बहुत कम होती है, ज्यादातर एक महीने की, इसलिए व्यक्ति को किसी भी समय पूरी राशि का उपयोग नहीं करना चाहिए. किसी विशेष व्यापार के लिए कुल पूंजी का लगभग 5-10% आवंटित करना उचित होगा.
ऑप्शन ट्रेड का मूल्यांकन करें: एक सामान्य नियम के रूप में, कारोबारियों को यह तय करना चाहिए कि वे कितना जोखिम उठाने को तैयार हैं यानी एक एग्जिट स्ट्रेटजी होनी चाहिए. व्यक्ति को अपसाइड एग्जिट पॉइंट और डाउनसाइड एग्जिट पॉइंट को पहले से चुनना होगा. एक योजना के साथ कारोबार करने से व्यापार के अधिक सफल पैटर्न स्थापित करने में मदद मिलती है और आपकी चिंताओं को अधिक नियंत्रण में रखता है.
जानकारी हासिल करें: व्यक्ति Stock Market क्या है और इससे कमाई कैसे होती है? को ऑप्शंस और उनके अर्थों में आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ जार्गन्स से परिचित होने का प्रयास करना चाहिए. यह न केवल ऑप्शन ट्रेडिंग से अधिकतम लाभ प्राप्त करने में मदद करेगा बल्कि सही रणनीति और बाजार के समय के बारे में भी निर्णय ले सकता है. जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, सीखना संभव हो जाता है, जो एक ही समय में आपके ज्ञान और अनुभव दोनों को बढ़ाता है.
इलिक्विड स्टॉक में ट्रेडिंग से बचें: लिक्विडिटी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह व्यक्ति को ट्रेड में अधिक आसानी से आने और जाने की अनुमति देता है. सबसे ज्यादा लिक्विड स्टॉक आमतौर पर उच्च मात्रा वाले होते हैं. कम कारोबार वाले स्टॉक Stock Market क्या है और इससे कमाई कैसे होती है? अप्रत्याशित होते हैं और बेहद स्पेक्युलेटिव होते हैं, इसलिए यदि संभव हो तो इससे बचना चाहिए.
होल्डिंग पीरियड को परिभाषित करें: वक्त ऑप्शंस के मूल्य निर्धारण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. प्रत्येक बीतता दिन आपके ऑप्शंस के मूल्य को कम करता है. इसलिए व्यक्ति को भी पोजीशन को समय पर कवर करने की आवश्यकता होती है, भले ही पोजीशन प्रॉफिट या लॉस में हो.
मुख्य बात यह जानना है कि कब प्रॉफिट लेना है और कब लॉस उठाना है. इनके अलावा, व्यक्ति को पोजीशन की अत्यधिक लेवरेज और एवरेजिंग से भी बचना चाहिए. स्टॉक ट्रेडिंग की तरह ही, ऑप्शंस ट्रेडिंग में ऑप्शंस खरीदना और बेचना शामिल है या तो कॉल करें या पुट करें.
ऑप्शंस बाइंग के लिए सीमित जोखिम के साथ एक छोटे वित्तीय निवेश की आवश्यकता होती है अर्थात भुगतान किए गए प्रीमियम तक, जबकि एक ऑप्शंस सेलर के रूप में, व्यक्ति बाजार का विपरीत दृष्टिकोण रखता है. ऑप्शंस को बेचते वक्त माना गया जोखिम मतलब नुकसान मूल निवेश से अधिक हो सकता है यदि अंतर्निहित स्टॉक (Underlying Stocks) की कीमत काफी गिरती है या शून्य हो जाती है.
ऑप्शंस खरीदते या बेचते समय कुछ नियमों का पालन करना चाहिए:
- डीप-आउट-ऑफ-द-मनी (OTM) विकल्प केवल इसलिए न खरीदें क्योंकि यह सस्ता है.
- समय ऑप्शन के खरीदार के खिलाफ और ऑप्शन के विक्रेता के पक्ष में काम करता है. इसलिए समाप्ति के करीब ऑप्शन खरीदना बहुत अच्छा विचार नहीं है.
- अस्थिरता ऑप्शन के मूल्य को निर्धारित करने के लिए आवश्यक कारकों में से एक है. इसलिए आम तौर पर यह सलाह दी जाती है कि जब बाजार में अस्थिरता बढ़ने की उम्मीद हो तो ऑप्शंस खरीदें और जब अस्थिरता कम होने की उम्मीद हो तो ऑप्शंस बेचें.
- प्रमुख घटनाओं या प्रमुख भू-राजनीतिक जोखिमों से पहले ऑप्शंस बेचने के बजाय ऑप्शंस खरीदना हमेशा बेहतर होता है.
नियमित अंतराल पर प्रॉफिट की बुकिंग करते रहें या प्रॉफिट का ट्रेलिंग स्टॉप-लॉस रखें. अगर सही तरीके से अभ्यास किया जाए तो ऑप्शंस ट्रेडिंग से कई गुना रिटर्न्स प्राप्त किया जा सकता है.
(डिस्क्लेमर : प्रकाशित विचार एक्सपर्ट के निजी हैं. शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की राय अवश्य लें.)
Published at : 18 Oct 2022 11:42 AM (IST) Tags: Options Trading Derivatives Call Option Put Option Trading in Options Stop loss हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
Share Market क्या होता है, BSE, NSE में पैसा कैसे लगाएँ?
शेयर मार्केट में पैसा लगाओं और दुगने रिटर्न पाओ. ये बात आपने कई लोगों से सुनी होगी और कई लोगों से ये भी सुना होगा की Share Market में पैसा लगाने से पैसा डूब जाता है. आपने सही सुना है. Share Market में कुछ भी हो सकता है इसलिए Share Market में पैसा लगाने से पहले आपको ये जानना जरूरी है की आखिर शेयर मार्केट क्या होता है.
क्या होता है Share Market?
शेयर मार्केट या Stock market एक ऐसा मार्केट होता है जिसमें कंपनियाँ अपने शेयर को बेचती है. इन शेयर को खरीदने वाले आप और हम जैसे कई लोग होते हैं जो मुनाफा होने की उम्मीद में अपना पैसा लगा देते हैं. और आखिर में Profit या नुकसान उठाते हैं. Share Market में फायदा हो ये जरूरी नहीं इसमे बस आप अपने पैसों पर दाव खेल सकते हैं. कंपनी फायदें में गई तो आपको फायदा होगा और नुकसान हुआ तो आपको नुकसान होगा.
शेयर मार्केट को कैसे समझे?
शेयर मार्केट को समझने के लिए आपको पहले ये समझना होगा की कंपनियाँ शेयर मार्केट में क्यूँ आती हैं. कंपनियाँ शेयर मार्केट में आती है पैसा कमाने के लिए. किसी भी कंपनी को जब अपनी कंपनी की ग्रोथ के लिए पैसों की जरूरत होती है तो कंपनी शेयर बाजार में अपने शेयर लाती है और बेचती है. बेचे गए शेयर का पैसा कंपनी को मिलता है और कंपनी उसका उपयोग करती है.
शेयर मार्केट में कंपनी कैसे लिस्ट होती है? How is the company listed in the stock market?
शेयर मार्केट में अगर किसी कंपनी को लिस्ट करवाना है तो आपको सबसे पहले SEBI के पास जाना पड़ेगा. वहाँ आपको Red herring prospectus नाम का Document जमा करना होगा. रेड हेरिंग प्रोस्पेक्टस में आपको आपकी कंपनी की पूरी जानकारी, आपकी जानकारी, शेयर मार्केट से मिलने वाले पैसे को आप कहाँ लगाएंगे उसकी जानकारी आदि देनी होती है.
शेयर मार्केट में कंपनी लिस्ट होने के बाद सबसे पहले IPO जारी करती है. IPO क्या होता है. IPO का पूरा नाम होता है Initial public offering. जब भी कोई कंपनी पहली बार शेयर मार्केट में आती है और बोलती है की हमारे शेयर ख़रीदों यही होता है Initial public offering.जब पहली बार के आपके सारे शेयर बिक जाते हैं तो आप फिर से अपने शेयर जारी कर सकते हैं और कंपनी की ग्रोथ कर सकते हैं.
शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगाएँ? how to invest money in the stock market
शेयर मार्केट में पैसा लगाना वैसे तो बहुत आसान है लेकिन इसमें सोच समझ कर ही पैसा लगाना चाहिए. शेयर मार्केट में पैसा लगाने के लिए आपके पास तीन अकाउंट होने चाहिए 1) सेविंग अकाउंट 2) डीमेट अकाउंट 3) ट्रेडिंग अकाउंट
सबसे पहले आपके पास सेविंग अकाउंट होना चाहिए इसके बाद आप डीमेट अकाउंट खुलवाए. डीमेट अकाउंट को आप दो तरीकों से खुलवा सकते हैं. एक तो स्वयं बैंक में जाकर खुलवा सकते हैं और दूसरा किसी ब्रोकर की मदद से. तीसरा अकाउंट होता है ट्रेडिंग अकाउंट जो ब्रोकर के पास ही खुलता है.
डीमेट अकाउंट क्या है? What is a Demat Account?
डीमेट अकाउंट एक ऐसा अकाउंट होता है जो शेयर मार्केट में पैसा लगाने के काम आता है. आपके सेविंग अकाउंट में जमा पैसों को आपको इसमे ट्रांसफर करना पड़ता है. इसके बाद ही आप डीमेट अकाउंट से पैसा शेयर मार्केट में पैसा लगा पाएंगे. वही दूसरी ओर शेयर मार्केट से मिलने वाला मुनाफा भी इसी अकाउंट में आता है.
ट्रेडिंग अकाउंट एक ऐसा अकाउंट होता है जिससे आप शेयर को खरीद और बेच सकते हैं. इसे आप ब्रोकर के पास ही खुलवा सकते हैं. इस अकाउंट को आपको अन्य दो अकाउंट से लिंक करवाना होता है ताकि आप समय पर किसी भी अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर सकें.
भारत में दो शेयर मार्केट है. 1) NSE 2) BSE
NSE नेशनल स्टॉक एक्स्चेंज है. इसमें कुल 1952 कंपनी लिस्ट है.
BSE बॉम्बे स्टॉक एक्स्चेंज है. इसमें कुल 5439 कंपनी लिस्ट है.
Sensex क्या है?
सेंसेक्स शब्द Sensitive और index शब्दों से बना है. सेंसेक्स में उन कंपनियों के शेयर के भाव बताए जाते हैं जो BSE में लिस्ट हैं. इसके भाव रोज बदलते हैं और भारत में ये काफी ज्यादा प्रचलन में है. इसे भारत का सबसे पुराना शेयर मार्केट माना जाता है.
NIFTY क्या है?
NIFTY शब्द National और fifty शब्द से बना है. इसमें उन 50 कैटेगरी की कंपनियों के शेयर के भाव है जो NSE में लिस्टेड हैं. ये भी भारत का बड़ा शेयर मार्केट है. इसके भाव भी रोज बदलते हैं.
शेयर मार्केट में पैसा लगाना काफी आसान काम है लेकिन इस काम को आप काफी सोच-समझ कर करें. शेयर मार्केट में पैसा लगाने से पहले उस कंपनी के बारे में अच्छे से जानकारी लें. उसके बारे में पढे की वो कंपनी आपका पैसा कहाँ Stock Market क्या है और इससे कमाई कैसे होती है? लगाने वाली है.
घर बैठे शेयर बाजार से बिना रिस्क करें कमाई, ये है इसका खास तरीका
शेयर बाजार हमेशा से जोखिम भरा रहा है. शेयरों में उतार-चढ़ाव आम आदमी के समझ नहीं आते. लेकिन, बाजार की रिकॉर्ड ऊंचाई और लगातार मिलने वाला बड़ा रिटर्न आकर्षित जरूर करता है.
- इस साल शेयर बाजार ने 18 फीसदी का रिटर्न दिया है
- नए निवेशक बाजार में कुछ छोटी पूंजी से शुरुआत कर सकते हैं
- अच्छे शेयरों में लंबी अवधि का निवेश हमेशा फायदेमंद रहता है
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नई दिल्ली: शेयर बाजार हमेशा से जोखिम भरा रहा है. शेयरों में उतार-चढ़ाव आम आदमी के समझ नहीं आते. लेकिन, बाजार की रिकॉर्ड ऊंचाई और लगातार मिलने वाला बड़ा रिटर्न आकर्षित जरूर करता है. शेयर बाजार ही एकमात्र साधन है जिसकी मदद से कम पूंजी के जरिए बड़ी पूंजी बनाई जा सकती है, क्योंकि शेयर बाजार ने ही लंबे पीरियड में बेहतरीन रिटर्न दिया है. अगर आप भी शेयर बाजार में पैसा लगाना चाहते हैं लेकिन पैसा खोने का डर है तो रिस्क फ्री कमाई का एक तरीका है. इसके लिए आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं. हम शेयर बाजार में निवेश करके पैसा कमाने के कुछ खास तरीके बता रहे हैं, जिनकी मदद से बिना जोखिम अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.
इस साल मिला 18 फीसदी रिटर्न
ट्रेडबुल्स के डायरेक्टर और सीओओ ध्रुव देसाई का कहना है कि इस साल शेयर बाजार ने 18 फीसदी का रिटर्न दिया है. लिहाजा नए निवेशक बाजार में कुछ छोटी पूंजी से शुरुआत कर सकते हैं. बाजार में लगातार तेजी देखने को मिल रही है. लिहाजा निवेश करने के लिए देर नहीं Stock Market क्या है और इससे कमाई कैसे होती है? हुई है. अच्छे शेयरों में लंबी अवधि का निवेश हमेशा फायदेमंद रहता है.
टैक्स फ्री होता है निवेश
शेयर बाजार में 1 साल बाद कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता है तो इक्विटी में निवेश अच्छा विकल्प है. हालांकि, सिर्फ टैक्स से बचने के लिए निवेश नहीं करना चाहिए और इसे एक अच्छे निवेश साधन के रूप में देखना चाहिए.
लंबी अवधि के लिए लगाएं दांव
शेयर बाजार के एक्सपर्ट्स बताते हैं कि शेयर बाजार में आप जितने कम समय के नजरिए से पैसे लगाते हैं, आपका जोखिम उतना ही अधिक होता है. अगर आप किसी शेयर में कुछ घंटों या कुछ दिनों के लिए पैसे लगा रहे हैं तो यह जुए की तरह है, यानी शेयर बाजार में जोखिम कम करने का सबसे पहला तरीका यह है कि आप लंबी अवधि के लिए निवेश करें. यहां लंबी अवधि कहने से मतलब है कम से कम तीन साल. इससे अधिक आप कितने साल Stock Market क्या है और इससे कमाई कैसे होती है? तक बने रहते हैं, यह आपकी इच्छा पर निर्भर है.
इन शेयरों से बनाएं दूरी
शेयर बाजार में आपको ढेरों ऐसे शेयर मिल जाएंगे, जिनकी कीमत काफी कम है. आपको एक रुपए से कम के भी ढेरों शेयर मिल जाएंगे. ऐसे शेयर देखकर काफी लोग लालच में पड़ जाते हैं. निवेशकों को लगता है कि 50 पैसे का शेयर कुछ ही दिनों में एक रुपए का हो सकता है. इस तरह कुछ ही दिनों में उनकी पूंजी दो गुनी हो जाएगी. लेकिन आपके लिए यह जानना जरूरी है कि अगर ये शेयर आज इतने कम भाव में मिल रहे हैं, तो उसकी वजह यह है कि फंडामेंटल रूप से इनकी कंपनियां मजबूत नहीं है. ऐसे में बेहतर यही होगा कि आप ऐसे शेयरों से दूर रहें.
समझ आने पर ही करें निवेश
अक्सर आपने अपने दोस्तों, परिचितों को यह कहते सुना होगा कि फ्यूचर्स और ऑप्शंस में उन्होंने काफी पैसे कमाए हैं. ऐसे ही लोग यह भी कहते हैं कि मार्जिन पर काम करके आप कम पैसे में अधिक पूंजी बना सकते हैं, लेकिन अगर आप अपने आप को जोखिम से बचाना चाहते हैं तो इन भुलावों में न पड़ें. इन तरीकों का इस्तेमाल केवल तभी करना चाहिए, जब आपको इनके बारे में काफी अच्छी जानकारी हो जाए. तब आप इनके फायदे और नुकसान दोनों से परिचित हो जाते हैं.
जानकारी बढ़ेगी, रिस्क घटेगा
आप कोई छोटा से छोटा काम भी करते हैं, तो उसके बारे में पूरी जांच पड़ताल करते हैं. आप बाजार से सब्जी भी खरीदने जाते हैं तो पूरा मोलभाव करते हैं. लेकिन जब आप शेयर बाजार में पैसे लगाते हैं तो कुछ परिचितों के या ब्रोकर के कहने पर ही ऐसा कर देते हैं. जरूरी है कि आप शेयर बाजार से संबंधित जानकारी बढ़ाते जाएं. जैसे-जैसे आपकी जानकारी बढ़ती जाएगी, आप खुद ही यह पाएंगे कि आपका जोखिम घटता चला जाएगा.
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