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अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया तीन पैसे की तेजी के साथ 82.44 प्रति डॉलर पर

मुंबई, आठ दिसंबर (भाषा) घरेलू शेयर बाजार की तेजी के साथ अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया बृहस्पतिवार को तीन पैसे बढ़कर 82.44 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.34 के स्तर पर खुला और कारोबार के अंत में यह तीन पैसे की तेजी के साथ 82.44 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान रुपये ने 82.26 के उच्च स्तर और 82.47 के निचले स्तर को छुआ। इससे पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 82.47 प्रति डॉलर के भाव

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.34 के स्तर पर खुला और कारोबार के अंत में यह तीन पैसे की तेजी के साथ 82.44 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान रुपये ने 82.26 के उच्च स्तर और 82.47 के निचले स्तर को छुआ।

इससे पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 82.47 प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ था।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज विदेशी मुद्रा पूर्वानुमान के विदेशी मुद्रा एवं सर्राफा विश्लेषक गौरांग सोमैया ने कहा, ‘‘उम्मीद के अनुरूप रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की एक और वृद्धि की है। इसने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के पूर्वानुमान को भी सात प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। इसके बावजूद रुपया सीमित दायरे में रहते हुए मजबूत हुआ।’’

इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.29 प्रतिशत की तेजी के साथ 105.40 हो गया।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.63 प्रतिशत बढ़कर 77.66 डॉलर प्रति बैरल हो गया।

बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 160 अंक बढ़कर 62,570.68 अंक पर बंद हुआ।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने बुधवार को 1,241.87 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों को शुद्ध बिक्री की।

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विदेशी मुद्रा पूर्वानुमान

महंगाई की चिंता के दबाव में रहेगा रुपया (आईएएनएस का मुद्रा पूर्वानुमान)

महंगाई की चिंता के दबाव में रहेगा रुपया (आईएएनएस का मुद्रा पूर्वानुमान)

मुम्बई, 26 मार्च (आईएएनएस)। कमोडिटी के बढ़ते दाम को लेकर महंगाई बढ़ने की आशंका से आगामी सप्ताह रुपये पर दबाव बना रहेगा।

इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों में आयी तेजी और अन्य कच्चे माल के दाम में उछाल से भी महंगाई बढ़ने की संभावना है।

विश्लेषकों की राय में अगर यही स्थिति आगे भी बनी रहेगी तो विकास की संभावनायें तो कम होंगी ही साथ ही ब्याज दर में बढ़ोतरी करने का दबाव भी बढ़ जायेगा।

हालांकि, डॉलर की बिकवाली से फिलहाल रुपये की गिरावट थमी हुई है। अगले सप्ताह डॉलर के मुकाबले रुपये के 76 रुपये से 76.50 रुपये प्रति डॉलर के बीच रहने की संभावना है।

एडलविज की फॉरेक्स एंड रेट्स प्रमुख सजल गुप्ता का कहना है विदेशी मुद्रा पूर्वानुमान कि कच्चे तेल में तेजी और अमेरिकी बांड यील्ड के बढ़ने के बीच यूक्रेन युद्ध ने भारतीय मुद्रा पर दबाव बनाया हुआ है। पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ने की चिंता हावी हो गयी है और इसका कोई तत्काल समाधान भी नहीं दिख रहा है। इन्हीं के कारण रुपया अभी कमजोर बना रहेगा।

गत सप्ताह मजबूत डॉलर , कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और जोखिम भरे निवेश से निवेशकों के कतराने से रुपया आधा प्रतिशत टूट गया था।

गत सप्ताह भारतीय मुद्रा 75.80 रुपये प्रति डॉलर से 76.50 रुपये प्रति डॉलर के बीच रहती हुई अंतत: 76.20 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुई थी।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के उप शोध प्रमुख देवर्श वकील ने कहा कि रुपये पर सर्वाधिक असर कच्चे तेल की कीमतों और शेयर बाजार में निवेशकों के रुझान का रहता है।

उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक रुपये को मौजूदा स्तर के आसपास स्थिर रखने विदेशी मुद्रा पूर्वानुमान के लिये विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल करना जारी रखेगा।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विश्लेषक गौरांग सौमैया ने कहा कि अगले सप्ताह निवेशकों को नजर कच्चे तेल की कीमतों पर बनी रहेगी और विदेशी संस्थागत निवेशकों के रुझान पर नजर रहेगी।

अगले सप्ताह वित्तीय घाटे और व्यापार संतुलन के आंकड़े भी जारी होने हैं, जो रुपये को प्रभावित करेंगे।

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भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 612 अरब 73 करोड़ डॉलर हुआ

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 16 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान 83 करोड़ 50 लाख डॉलर की वृद्धि हुई और यह 612 अरब 73 करोड़ डॉलर हो गया। रिजर्व बैंक की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में 46 करोड़ 30 लाख डॉलर की बढोतरी हुई और यह पांच सौ 68 अरब 74 करोड़ 80 लाख डॉलर का हो गया। पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा पूर्वानुमान 1 अरब 88 करोड़ 30 लाख डॉलर की वृद्धि हुई थी। 16 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान स्वर्ण भंडार में 37 करोड़ 70 लाख डॉलर की बढोतरी हुई और यह 37 अरब 34 करोड़ डॉलर मूल्य का हो गया। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से देश के विशेष आहरण अधिकार में दस लाख डॉलर की वृद्धि हुई और यह एक अरब 54 करोड़ 80 लाख डॉलर हो गया। जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के साथ आरक्षित भंडार में 70 लाख डॉलर की कमी आई और यह पांच अरब 10 करोड़ डॉलर पर आ गया।

भविष्‍य में तेज बनी रहेगी भारत की वृद्धि दर, IMF ने कहा मजबूती से बढ़ रही है आगे

वित्‍त वर्ष 2018-19 में भारत की वृद्धि दर के लिए अपने पहले के पूर्वानुमान को हल्का कम करने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि भारत की वृद्धि दर भविष्य में काफी मजबूत रहेगी।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: July 18, 2018 15:34 IST

Maurice Obstfeld- India TV Hindi

Photo: MAURICE OBSTFELD

वॉशिंगटन। कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और कड़ी मौद्रिक नीति के चलते वित्‍त वर्ष 2018-19 में भारत की वृद्धि दर के लिए अपने पहले के पूर्वानुमान को हल्का कम करने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि भारत की वृद्धि दर भविष्य में काफी मजबूत रहेगी।

मोदी सरकार के लिए बहुत दिनों बाद आई अच्‍छी खबर, विदेशी मुद्रा भंडार 87.95 करोड़ रुपए बढ़ा

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आईएमएफ ने सोमवार को 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने और 2019 में 7.5 प्रतिशत रहने विदेशी मुद्रा पूर्वानुमान का अनुमान जताया, जो उसके अप्रैल में जताए गए अनुमान से क्रमश: 0.1 प्रतिशत और 0.3 प्रतिशत कम है। आईएमएफ के शोध विभाग के निदेशक और आर्थिक सलाहकार मौरिस ऑब्स्टफेल्ड ने संवाददाताओं से कहा कि विदेशी मुद्रा पूर्वानुमान भारत की वृद्धि भविष्य में तेज बनी रहेगी। यह अभी यह कम है, लेकिन यह मजबूती से आगे बढ़ रही है।

ऑब्स्टफेल्ड ने कहा कि भारत की वृद्धि दर के अनुमान को कम करने के कारकों में कच्चे तेल की कीमतों का बढ़ना और वैश्विक स्तर पर वित्तीय स्थितियों का कठिन होना प्रमुख है। तेल की कीमतें बढ़ने से मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ेगा क्योंकि भारत ईंधन के मामले में आयात पर अधिक निर्भर है। इसके अलावा वैश्विक वित्तीय परिस्थियां पहले से अधिक मुश्किल हुई हैं, जिससे अगले साल भी भारत की वृद्धि पर थोड़ा असर पड़ेगा।

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