लेकिन निर्यात कर एक असाधारण और अपवादस्वरूप उपाय है तथा इसे तभी सही ठहराया जा सकता है, जब तेल की कीमतें बहुत अधिक बढ़ी हैं. भारत सरकार पर राज्यों को मुआवजा देने का वित्तीय भार भी है, जो वस्तु एवं सेवा कर के संग्रहण में कमी के कारण देना होता है. राज्य सरकारों पर अपने कर्ज का भी बड़ा बोझ है और 10 राज्यों की स्थिति तो खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है, जो उनके दिवालिया होने का कारण भी बन सकता है.
विनिमय दर और विनिमय दर और विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन
चीनी राजकीय विदेशी मुद्रा प्रबंधन ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इस सितंबर के अंत तक चीन का विदेशी मुंद्रा भंडार 30 खरब 29 अरब अमेरिकी डॉलर रहा ,विनिमय दर और विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन जिसमें इस अगस्त के अंत की तुलना में 0.85 प्रतिशत की गिरावट दर्ज विनिमय दर और विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन की गयी।
चीनी राजकीय विदेशी मुद्रा प्रबंधन ब्यूरो की उप निदेशक और प्रवक्ता वांग छुनइंग के मुताबिक इस साल सितंबर में सीमा पार पूंजी की बहाली आम तौर पर स्थिर रही ।विदेशी मुद्रा की सप्लाई और मांग संतुलित बनी रही ।
उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय बाजार में अमेरिकी डॉलर का सूचकांक और विनिमय दर और विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन बढ़ रहा है और वैश्विक वित्तीय संपत्ति की कीमतों में बड़ी गिरावट नजर आ रही है ।विनिमय दर और संपत्ति की कीमतों के विनिमय दर और विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन बदलाव से इस सितंबर में विदेशी मुद्रा भंडार का पैमाना थोड़ा कम हुआ है विनिमय दर और विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन ।(वेइतुंग)
विदेशी मुद्रा का प्रबंधन जरूरी
बीते आठ महीनों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शेयर और बॉन्ड की बिकवाली कर लगभग 40 अरब विनिमय दर और विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन डॉलर भारत से निकाल लिया है. इसी अवधि में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 52 अरब डॉलर की कमी हुई है. अमेरिकी डॉलर की तुलना में भारतीय रुपये के मूल्य में गिरावट जारी है. निर्यात की अपेक्षा आयात में तेजी से वृद्धि हो रही है. इसका मतलब है कि हमें भुगतान के लिए निर्यात से प्राप्त डॉलर से कहीं अधिक डॉलर की जरूरत है.
सामान्य परिस्थितियों में भी भारत के पास डॉलर की संभालने लायक कमी रहती आयी है, जो अमूमन सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) का एक से विनिमय दर और विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन दो प्रतिशत होती है. आम तौर पर यह 50 अरब डॉलर से कम रहती है और आयात से विनिमय दर और विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन अधिक निर्यात होने पर इसमें बढ़ोतरी होती है. इस कमी की भरपाई शेयर बाजार में विदेशी निवेश, विदेशी कर्ज, निजी साझेदारी या बॉन्ड खरीद से की जाती है.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार
(प्रारंभिक परीक्षा के लिए – विदेशी मुद्रा भंडार, विशेष विनिमय दर और विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन आहरण अधिकार, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ रिज़र्व ट्रेंच)
(मुख्य परीक्षा के लिए, सामान्य अध्यन पेपर 3 - भारतीय अर्थव्यवस्था, मौद्रिक नीति)
चर्चा में क्यों ?
भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 30 सितंबर को 532.66 अरब डॉलर हो गया, जो जुलाई 2020 के बाद से अब तक का सबसे निम्नतम स्तर है।
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार नौवें सप्ताह गिरावट दर्ज की गई।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 425