क्या हो रणनीति?
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि मौजूदा स्तरों से सोने में थोड़ी-थोड़ी खरीदारी की जा सकती है. आप हर महीने गोल्ड ईटीएफ का यूनिट खरीद सकते हैं. अगर आप आधे ग्राम की यूनिट खरीदना चाहें, तो यह अभी मिल सकती है. आप हर महीने कम से कम एक यूनिट की खरीदारी से शुरुआत कर सकते हैं. हर महीने थोड़ा-थोड़ा सोना खरीदने की इस रणनीति के जरिए जहां एक तरफ सोने में आपका एक्सपोजर बढ़ेगा, वहीं भविष्य के लिए पूंजी भी तैयार होगी.
पैसे निवेश करने के सर्वोत्तम तरीके
आजकल, बहुत से लोग पैसा निवेश करने के सर्वोत्तम तरीकों की तलाश करते हैं, लेकिन ज्यादातर लोग अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने वाले सही निवेश साधन को चुनने में भ्रमित होते हैं। हालाँकि,निवेश पैसा या निवेश का निर्णय लेना इतना आसान नहीं है, क्योंकि निवेशक सिर्फ एक साधन में कई उद्देश्यों की तलाश करते हैं। इसलिए एक सवाल उठता है-कहां निवेश करें? वैसे, पैसा निवेश करने के लिए विविध विकल्प हैं, लेकिन हमने कुछ को शॉर्टलिस्ट किया है जो विचार करने योग्य हैं!
म्यूचुअल फंड्स पैसा निवेश करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक माना जाता है। शब्द के अनुसार, एक म्युचुअल फंड धन का एक सामूहिक पूल है जिसका उद्देश्य प्रतिभूतियों की खरीद (फंड के माध्यम से) करना है। यह निवेशकों को एक मार्ग क्या ETF में पैसा लगाने का ये सही समय है? प्रदान करता हैपैसे बचाएं और समय के साथ रिटर्न कमाते हैं। म्यूचुअल फंड विविध निवेश विकल्प प्रदान क्या ETF में पैसा लगाने का ये सही समय है? करते हैं जैसेबांड, कर्ज,इक्विटीज, आदि, निवेशकों को अलग खरीदारी और व्यापार करने की आवश्यकता के बिना। विभिन्न हैंम्यूचुअल फंड के प्रकार जिस पर आप पैसा निवेश करने की योजना बनाते समय विचार कर सकते हैं।
सावधि जमा (एफडी)
सावधि जमा पैसा निवेश करने के सबसे आम तरीकों में से एक है। हर एकबैंक में विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करता हैएफडीजो आकर्षक रिटर्न की ओर ले जाएगा। FD एक निश्चित परिपक्वता अवधि के साथ आती है। साथ ही, चूंकि इसकी परिपक्वता अवधि 15 दिनों से लेकर पांच वर्ष तक होती है, इसलिए इसे अल्पकालिक और दीर्घकालिक निवेश दोनों के लिए माना जा सकता है। निवेशक औसतन 9.5% प्रति वर्ष की ब्याज दर से कमा सकते हैं। इसलिए, यदि आप एक सुरक्षित निवेश चाहते हैं तो FD पैसे निवेश करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है।
रियल एस्टेट सबसे पसंदीदा निवेश विकल्प है। मूल रूप से, अचल संपत्ति निवेश करती है और स्वामित्व, भूमि या संपत्ति (संपत्ति) की खरीद से संबंधित है। किसी भी प्रकार की संपत्ति में निवेश करने से पहले, पहले गहराई से विवरण प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, आपको संपत्ति/भूमि के स्थान पर विचार करना चाहिए, थोक संपत्तियों की तलाश करनी चाहिए, आदि। इसमें निवेश करने के लिए एक बड़ी राशि लग सकती है, लेकिन यह उच्च रिटर्न निवेश के साथ कम जोखिम वाला है। हालांकि, अगर आप पैसे निवेश करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक की तलाश कर रहे हैं तो रियल एस्टेट सोचने लायक है!
आपके निवेश का मकसद क्या है?
निवेश से जुड़े किसी भी फैसले से पहले अपने आप से एक सवाल जरूर करें. सवाल ये कि आपके इस निवेश का लक्ष्य या खास मकसद क्या है? अगर आप इस बारे में सोचे बिना निवेश करेंगे तो ऐसे विकल्पों में पैसे लगा सकते हैं, जो आपकी जरूरत के हिसाब से सही नहीं हैं. मिसाल के तौर पर अगर आपको दो साल बाद अपने बच्चों की पढ़ाई के क्या ETF में पैसा लगाने का ये सही समय है? लिए या फिर नई कार खरीदने के लिए 2 लाख रुपयों की जरूरत पड़ने वाली है, तो आप उसी हिसाब से हर महीने रिकरिंग डिपॉजिट में पैसे जमा करने के बारे में सोच सकते हैं. या फिर किसी ऐसे एफडी में निवेश कर सकते हैं, जिसकी मैच्योरिटी आपकी जरूरत से मेल क्या ETF में पैसा लगाने का ये सही समय है? खाती हो. अगर आपने इस बारे में सोचे बिना इक्विटी म्यूचुअल फंड में पैसे लगा दिए, तो हो सकता है दो साल बाद आपको बाजार की उथल-पुथल के कारण अपनी मनचाही रकम न मिल पाए.
बाजार की चाल का अंदाजा लगाने के चक्कर में न पड़ें
आम निवेशकों को लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट से जुड़े फैसले करते समय बाजार की चाल का सटीक अंदाजा लगाने के चक्कर में ज्यादा नहीं पड़ना चाहिए. बल्कि सही म्यूचुअल फंड का चुनाव करने के बाद उसमें नियमित निवेश पर ध्यान देना चाहिए. सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) इसका सबसे बेहतर तरीका है. इससे न सिर्फ नियमित निवेश का लाभ मिलता है, बल्कि बाजार के उतार-चढ़ावों के बीच संतुलित रिटर्न पाने में भी मदद मिलती है. ऐसा करने की जगह अगर आप बाजार के तलहटी पर पहुंचने पर निवेश करने और फिर पीक पर बेचकर मोटा मुनाफा कमाने का ख्वाब देखेंगे, तो कामयाबी मिलने की गुंजाइश बहुत ही कम रहेगी. ऐसा इसलिए, क्योंकि बाजार कब अपने सबसे निचले स्तर पर है और कब पीक पर, ये पक्के तौर पर किसी को पता नहीं होता. इसीलिए कहा जाता है कि लगातार नियमित रूप से निवेश करना और अपनी पूंजी को बढ़ने के लिए पूरा टाइम देना, बाजार की सही टाइमिंग से ज्यादा जरूरी है.
बहुत ज्यादा स्कीम्स में निवेश करना सही नहीं
कई निवेशकों को लगता है कि अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने के लिए एक साथ बहुत सारे म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना जरूरी है. हमें ये बात याद रखनी चाहिए कि दरअसल हर म्यूचुअल फंड स्कीम अपने आपमें एक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो है, जिसमें अलग-अलग तरह के इंस्ट्रूमेंट्स शामिल रहते हैं. बहुत ज्यादा स्कीम्स में निवेश करने पर आपके लिए उन्हें अच्छी तरह समझना और ट्रैक करना मुश्किल हो सकता. बेहतर यही होगा कि क्या ETF में पैसा लगाने का ये सही समय है? अच्छी तरह जांच-परख करके दो-तीन अच्छी म्यूचुअल फंड स्कीम्स को चुनें और उनमें नियमित रूप से निवेश करते रहें.
सीधे इक्विटी में निवेश करने के मुकाबले म्यूचुअल फंड में निवेश करना आम तौर पर कम जोखिम वाला होता है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि सभी म्यूचुअल फंड में एक बराबर क्या ETF में पैसा लगाने का ये सही समय है? रिस्क होता है. जिस तरह डेट फंड के मुकाबले इक्विटी फंड में ज्यादा रिस्क होता है, उसी क्या ETF में पैसा लगाने का ये सही समय है? तरह अलग-अलग इक्विटी फंड में जोखिम की आशंका भी अलग-अलग होती है. इसलिए सही स्कीम का चुनाव करते समय जोखिम उठाने की अपनी क्षमता यानी रिस्क प्रोफाइल को भी जरूर ध्यान में रखें. बाजार में तेजी के दौर में कई बार ऐसे निवेशक भी ज्यादा रिटर्न के लालच में इक्विटी फंड की तरफ चले जाते हैं, जिनकी रिस्क लेने की क्षमता बेहद कम है. इसी तरह ब्लूचिप फंड्स या लार्ज कैप फंड्स के मुकाबले मिड-कैप या स्मॉल कैप फंड्स में जोखिम और भी ज्यादा होता है. इसीलिए निवेश का फैसला करते समय जोखिम उठाने की अपनी क्षमता को कभी न भूलें.
पूरी रकम एक साथ न लगाएं
निवेशकों को म्यूचुअल फंड में अपनी पूरी रकम एक साथ लगाने से बचना चाहिए. अगर आपके पास निवेश के लिए एक साथ मोटी रकम मौजूद है, तो भी उसे धीरे-धीरे करके निवेश करना बेहतर रहता है. आप इसके लिए सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (STP) की मदद ले सकते हैं. एसटीपी भी एसआईपी की तरह ही काम करता है, जिसमें आपकी रकम का कुछ हिस्सा हर महीने आपकी बताई स्कीम में निवेश किया जा सकता है. इससे आपके निवेश को बाजार की तेज उथल-पुथल के असर से बचाने में मदद मिलती है.
म्यूचुअल फंड्स दरअसल अलग-अलग तरह के एसेट क्लास में निवेश करने का जरिया हैं. इनके माध्यम से आप गोल्ड, इक्विटी, बॉन्ड जैसे अलग-अलग विकल्पों में पैसे लगाते हैं. लेकिन निवेश करने के बाद उसे पूरी तरह भूल न जाएं. अपने फंड्स को लगातार ट्रैक करते रहें और बीच-बीच में उनके प्रदर्शन की समीक्षा भी करते रहें. अगर कोई स्कीम बाजार की तुलना में लगातार कम रिटर्न दे रही है, तो आप उसकी जगह किसी बेहतर स्कीम में निवेश का फैसला भी कर सकते हैं. अगर आपने ऐसा नहीं किया, तो लंबे समय में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
सोने में पैसा लगाकर की जा सकती है कमाई, ये है निवेश का सबसे बेहतरीन तरीका
जानकारों का मानना है कि सोने की कीमतों में तेजी जारी रहेगी. एक्सपर्ट्स की सलाह है कि पोर्टफोलियो में सोने को शामिल किया जा सकता है. हालांकि, बहुत ज्यादा मात्रा में नहीं.
सोने में निवेश करने वालों निवेशकों को पिछले दो महीने में शानदार रिटर्न मिला है.
महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus pandemic) की वजह से सोने की कीमतों को बड़ा सपोर्ट मिला है. ग्लोबल इकोनॉमी पर Covid-19 का असर दिख रहा है. इसलिए जानकारों का मानना क्या ETF में पैसा लगाने का ये सही समय है? है कि सोने की कीमतों में तेजी जारी रहेगी. एक्सपर्ट्स की सलाह है कि पोर्टफोलियो में सोने को शामिल किया जा सकता है. हालांकि, बहुत ज्यादा मात्रा में नहीं. दुनियाभर के बाजार निगेटिव रिटर्न दे रहे हैं. लेकिन, सोना अपने रिकॉर्ड हाई पर है. सोने की कीमतें इस वक्त 46 हजार के पार हैं.
क्या ईटीएफ में पैसा लगाने का ये सही समय है कैसा है मिरे का नया ईएसजी एनएफओ :-
वैसे तो भारत में ईटीएफ का अस्तित्व पिछले 20 साल से है, लेकिन ईटीएफ में बढ़त वास्तव में पिछले 5-6 साल में देखी गई है. भारत में ईटीएफ का एयूएम बढ़ने की कुछ वजहें इस प्रकार है |
सरकारें ईटीएफ का इस्तेमाल विनिवेश के एक पसंदीदा मार्ग के रूप में कर रही हैं, इसकी वजह से छोटे निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है.ईपीएफओ और क्या ETF में पैसा लगाने का ये सही समय है? निजी पीएफ संस्थाएं ईटीएफ का इस्तेमाल शेयर बाजार में अपना निवेश बढ़ाने के लिए कर रही हैं |
Diwali 2022: सोने की ज्वेलरी नहीं, गोल्ड ईटीएफ में करें निवेश, जानिए क्यों
Diwali 2022: दिवाली पर गोल्ड (Gold) खरीदना शुभ माना जाता है। हर साल अगर दिवाली पर कुछ पैसा आप गोल्ड में इनवेस्ट करते हैं तो लंबी अवधि में आपके पास अच्छा सोना जमा हो जाता है। इसका इस्तेमाल आप बच्चों की शादी के दौरान कर सकते हैं। तब आप पर गोल्ड खरीदने का दबाव नहीं होगा। पिछले कुछ सालों में गोल्ड में निवेश के कई विकल्प आ गए हैं। इनमें गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF), गोल्ड फंड (Gold Fund) और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) शामिल हैं।
एक्सपर्टस का कहना है कि आप दिवाली पर फिजिकल गोल्ड (Physical Gold) की जगह गोल्ड ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ खरीदना बहुत आसान है। गोल्ड ईटीएफ आपके डीमैंट अकाउंट में रहता है, जिससे इसके खोने या चोरी होने का कोई डर नहीं रहता है। अगर प्योरिटी की बात करें तो गोल्ड ईटीएफ स्कीमें 99.5 प्योरिटी वाले गोल्ड खरीदती हैं। इसे शेयरों की तरह एक्सचेंजों में कभी भी खरीदा या बेचा जा सकता है। निवेशक चाहे तो गोल्ड की एक यूनिट भी खरीद सकता है।
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