© आज तक द्वारा प्रदत्त Anil Agarwal
इस उद्योगपति से सुनाई अपनी कहानी, कहा- सफल होना है तो करें ये दो काम!
माइनिंग व मेटल बिजनेस (Mining And Metal Business) का बड़ा साम्राज्य खड़ा करने वाले वेदांता ग्रुप के चेयरमैन (Vedanta Group Chairman) अनिल अग्रवाल सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. वो युवाओं का मनोबल बढ़ाने के लिए अपने अनुभव या कोई घटना शेयर करते रहते हैं. आज एक बार फिर से उन्होंने युवा एंटरप्रेन्योर्स को शानदार सलाह दी है. उन्होंने एंटरप्रेन्योर्स से दो चीजों को अपने बिजनेस में अप्लाई करने को कहा है.
एंटरप्रेन्योर्स को दी सलाह
उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा कि अक्सर एंटरप्रेन्योर्स मुझसे पूछते हैं कि वे अपने बिजनेस को कैसे आगे बढ़ाएं? मैं उन्हें केवल दो सलाह देता हूं. पहला कि अपने युवा टैलेंट को मजबूत बनाएं और दूसरा ये कि स्थानीय लोगों को बिजनेस चलाने की आजादी दें. इस दौरान अनिल अग्रवाल ने एक किस्से का भी जिक्र किया.
सिर्फ 1 से 2 लाख रुपए में शुरू करें ये 5 छोटे बिजनेस, हो सकती है बढ़िया कमाई
अपना बिजनेस कौन मैं दिन के कारोबार में कैसे सफल हो सकता हूं शुरू नहीं करना चाहता, लेकिन पैसा न होने के कारण बहुत से लोग बिजनेस शुरू नहीं कर पाते. साथ ही यह भी संशय रहता है कि कौन सा बिजनेस उनके लिए सही साबित होगा.
यह ऐसे बिजनेस हैं, जिनके लिए मोदी सरकार की तरफ से मुद्रा स्कीम के तहत लोन मिलता है. (प्रतीकात्मक)
अपना बिजनेस कौन शुरू नहीं करना चाहता, लेकिन पैसा न होने के कारण बहुत से लोग बिजनेस शुरू नहीं कर पाते. साथ ही यह भी संशय रहता है कि कौन सा बिजनेस उनके लिए सही साबित मैं दिन के कारोबार में कैसे सफल हो सकता हूं होगा. लेकिन, कई ऐसे छोटे बिजनेस हैं, जिन्हें शुरू करके आप अच्छी कमाई कर सकते हैं. साथ ही इसमें सिर्फ 1-2 लाख रुपए तक का खर्च आएगा. आज हम आपको ऐसे ही पांच बिजनेस की जानकारी दे रहे हैं, जो सिर्फ 2 लाख रुपए तक की पूंजी से शुरू किए जा सकते हैं.
अगर आपकी दुकान या व्यापार ठीक से नहीं चल रहा हैं तो अपनाएं ये उपाय
कुछ लोगों को अक्सर यह कहते सुना जा सकता हैं कि हमारी दुकान, शोरुम या फिर अन्य कोई व्यापार के स्थल पर हर संभव प्रयास के बाद भी ग्राहक आते ही नहीं या फिर बहुत कम आते है, और इसको लेकर वे काफी परेशान भी रहते है । कुछ लोग तो इसके लिए तरह तरह के टोने टोटके या अन्य उपाय भी करते रहते हैं, कुछ तो सफल हो जाते है तो कुछ असफल । इसके कुछ कारण वास्तु दोष भी हो सकते है मैं दिन के कारोबार में कैसे सफल हो सकता हूं और कुछ प्रतिष्ठान के मालिक या वहां काम करने वाले अन्य लोगों की । अगर आप भी इस प्रकार की समस्या से परेशान है तो एक बार जरूर इन उपायों के आजमाइयें निश्चत ही आपके प्रतिष्ठान, व्यापार दिन दुनी रात चौगुनी प्रगती करेंगे और ग्राहकों की लाईन लगेगी ।
भास्कर इंटरव्यू: मैं अपनी खुशी, विकास मैं दिन के कारोबार में कैसे सफल हो सकता हूं और रोजगार के लिए व्यापार करता हूं, बिजनेस की कुर्सी पर बैठ चैरिटी नहीं करता, चादर से ज्यादा पैर भी नहीं फैलाता
हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति वाले देश के 953 अमीरों की सूची में शामिल कोल कारोबारी विनोद अग्रवाल बिजनेस को लेकर अपना टेंशन नहीं बढ़ाते। पिता की खूबियों और मां के भरोसे के साथ बेटे की नई सोच को लेकर आगे बढ़ते हैं।
संजय पटेल: आपके लिए बिजनेस के मायने क्या है?
विनोद अग्रवाल: मैं व्यापार करता हूं रोजगार, खुशी और विकास के लिए, टेंशन के लिए नहीं। बिजनेस की कुर्सी से चैरिटी नहीं करता, चादर से ज्यादा पैर भी नहीं फैलाता। कमा सकता हूं तो बिलकुल कमाता हूं। मेरा हर आदमी हम्माली नहीं करता। विकास पर बात करता है। सरकार के साथ चलना भी जरूरी है।
अपने कर्मचारियों को प्रेरणा और प्रशिक्षण दें तथा उन्हें आपका कारोबार बढ़ाने में मददगार होने के लिए तैयार करें।
अदिसा लान्साह याकुबू अफ्रीका 2000 नेटवर्क के लिए घाना की नेशनल प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर हैं। वे विशेषकर घाना के उत्तरी क्षेत्र में वंचित समुदायों में महिला समूहों के साथ काम कर रही हैं ताकि आमदनी देने वाली गतिविधियों की व्यवस्था और यौन तथा प्रजनन स्वास्थ्य के जरिये उनका रहन-सहन का स्तर सुधारा जा सके।
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किस्से कहानी
मैं 26 साल से भी अधिक समय से घाना के गांव में महिलाओं के साथ काम कर रही हूं और मेरा मानना है कि महिलाएं अपनी गरीबी खुद ही मिटा सकती हैं। उत्तरी घाना में हर कोई जानता है कि शिया मक्खन कैसे बनाया जाता है। इसलिए जब मैंने गांवों की महिलाओं से पूछा कि गरीबी से छुटकारा पाने का क्या तरीका है तो उन सबने यही मक्खन बनाने की बात कही।
महिलाएं खुद जो शिया मक्खन बनाती थीं उसे इस्तेमाल करने में पहली समस्या यह थी कि उसकी क्वालिटी बहुत अच्छी नहीं थी। दुनिया के बाजार में टक्कर लेने के लिए हमें अपनी महिला कर्मचारियों को सिखाना पड़ा कि बढि़या किस्म का शिया मक्खन कैसे बनाया जाए मैं दिन के कारोबार में कैसे सफल हो सकता हूं और उसकी आकर्षक पैकिंग कैसे की जाए। हमारे पास सिर्फ 8 कर्मचारी थीं। हमने बहुत सारी तस्वीरों के साथ बहुत व्यावहारिक प्रशिक्षण का कार्यक्रम तैयार किया जिससे हमारी एसोसिएशन में मौजूद 700 से अधिक पूरी तरह निरक्षर महिलाएं सामग्री को अच्छी तरह से समझ सकें।
क्या सीखा
1. कर्मचारियों का निरंतर प्रशिक्षण एवं विकास: अपने कर्मचारियों के कौशल और प्रतिभा को विकसित करने की दीर्घकालिक सोच आपके कारोबार को लगातार बढ़ाने में मदद मैं दिन के कारोबार में कैसे सफल हो सकता हूं करेगी।
2. मानव संसाधन प्रबंधन: ध्यान रखें कि आपके कर्मचारियों के पास आपके कारोबार को बढ़ाने और स्वयं अच्छा प्रदर्शन करने के लिए आवश्यक जानकारी, कौशल और प्रशिक्षण हो।
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