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दीपावली सप्ताह के दौरान 20 साल में पहली बार प्रचलन में मुद्रा में गिरावट: एसबीआई इकोरैप

Currency in circulation declines

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई)ने 3 नवंबर 2022 को प्रकाशित अपनी नवीनतम शोध रिपोर्ट इकोरैप (Ecowrap) में कहा है कि इस साल दिवाली वाली सप्ताह में ‘प्रचलन में मुद्रा ‘(currency in circulation) में 7,600 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। यह पिछले 20 वर्षों में पहली बार था जब दिवाली त्योहार के मौसम में नकदी परिसंचरण में कमी आई है, जहां आम तौर पर खर्च में बढ़ोतरी होती है।

रिपोर्ट के अनुसार 2009 में प्रचलन में मुद्रामें 950 करोड़ रुपये की गिरावट आई थी लेकिन गिरावट की मुद्रा यह वैश्विक वित्तीय संकट के कारण हुए देश में आर्थिक मंदी के कारण था, जिसके कारण इसे अपवाद माना गया ।

प्रचलन में मुद्रा में गिरावट का कारण

रिपोर्ट के अनुसार नकदी के प्रचलन में गिरावट का मुख्य कारण भारतीय भुगतान प्रणाली में नकदी से स्मार्टफोन आधारितभुगतान अर्थव्यवस्था में बदलाव है ।

फिनटेक में नवाचार ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई), वॉलेट और प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स जैसे इंटरऑपरेबल पेमेंट सिस्टम के विकास को बढ़ावा दिया है, जिसके कारण ,जिनके पास बैंक खाते नहीं हैं, उनके लिए भी डिजिटल रूप से पैसा ट्रांसफर करना आसान और सस्ता हो गया है।

रिपोर्ट सरकार की नकद के बजाय डिजिटल भुगतान प्रणाली को आगे बढ़ाने की पहल को भी इसका श्रेय देती है।

भविष्य के अनुमान

रिपोर्ट के अनुसार देश में प्रचलन में मुद्रा की हिस्सेदारी में उत्तरोत्तर गिरावट आई है और डिजिटल भुगतान की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई है।

भुगतान प्रणाली में प्रचलन में मुद्रा की हिस्सेदारी 2015-16 में 88% थी जो 2021-22 में घटकर 20% रह गई। 2026-27 में इसके और कम होकर 11.15% होने का अनुमान है।

नतीजतन, डिजिटल लेनदेन की हिस्सेदारी 2015-16 में 11.26% से बढ़कर 2021-22 में 80.4% हो गई है और 2026-27 में 88% तक पहुंचने की उम्मीद है।

प्रचलन में मुद्रा क्या है?

प्रचलन में मुद्रा, आम जनता और वित्तीय संस्थानों के पास अंकित मूल्य पर दर्ज बैंकनोटों और प्रचलन में सिक्कों को कहते हैं।

बैंक नोट वे मुद्रा नोट हैं जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं। एक रुपये के नोट और सिक्के भारत सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं।

हालांकि जारी किए गए सभी नोट और सिक्के प्रचलन में नहीं होते हैं। कुछ बैंक नोट और सिक्के प्रचलन में नहीं हैं जैसे करेंसी नोट और सिक्के जो आरबीआई की तिजोरी में रखे जाते हैं, बैंकों को नकद आरक्षित अनुपात आवश्यकताओं को बनाए रखना के लिए भी बैंकनोटों को अपने पास रखना होता है आदि।

Dollar vs Rupee: डॉलर के मुकाबले 26 पैसे मजबूत हुआ रुपया, अमेरिकी मुद्रा में एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट

Dollar vs Rupee: कोटक सिक्योरिटीज के एनालिस्ट रविंद्र राव के अनुसार बुधवार को एफओएमसी बैठक के मिनट्स जारी होने के बाद अमेरिकी डॉलर गिर गया। यह पहले से अपेक्षित था, यह दर्शाता है कि अधिकांश नीति निर्माता धीमे दर वृद्धि के दृष्टिकोण के साथ थे क्योंकि हाल ही में फेड के आक्रामक रुख से आर्थिक विकास प्रभावित हुआ है।

Rupee Vs Dollar

अमेरिकी डॉलर के ऊंचे स्तर से गिरने के कारण गुरुवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 26 पैसे मजबूत होकर 81.67 रुपये के लेवल पहुंच गया। इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज पर घरेलू इकाई डॉलर के मुकाबले 81.72 पर खुली, फिर अपने पिछले बंद भाव से 26 पैसे की वृद्धि दर्ज करते हुए 81.67 पर पहुंच गई।

व्यापक आधार वाली डॉलर की कमजोरी से शुरुआती कारोबार में रुपया मजबूत हुआ है। IFA ग्लोबल रिसर्च एकेडमी ने एक रिसर्च नोट में कहा है कि साइडवेज प्राइस एक्शन के साथ इसके 81.55-81.85 के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। डॉलर सूचकांक जो छह मुद्राओं की एक बास्केट की तुलना में 0.41 प्रतिशत गिरकर 105.63 पर आ गया है ऐसा कमजोर अमेरिकी डेटा और फेड के मिनट्स जारी किए जाने के बाद हुआ है।

आईएफए ग्लोबल रिसर्च एकेडमी के अनुसार "फेड की नवीनतम बैठक के मिनट्स से संकेत मिले हैं कि अधिकांश फेड सदस्य दर वृद्धि की गति को धीमा करने के समर्थन में थे, लेकिन 'विभिन्न' फेड सदस्यों ने दरों को भी प्राथमिकता दी है।

कोटक सिक्योरिटीज के एनालिस्ट रविंद्र राव के अनुसार बुधवार को एफओएमसी बैठक के मिनट्स जारी होने के बाद अमेरिकी डॉलर गिर गया। यह पहले से अपेक्षित था, यह दर्शाता है कि अधिकांश नीति निर्माता धीमे दर वृद्धि के दृष्टिकोण के साथ थे क्योंकि हाल ही में फेड के आक्रामक रुख से आर्थिक विकास प्रभावित हुआ है।

पिछले सत्र में अमेरिकी डॉलर सूचकांक 106.03 के दिन के निचले स्तर के करीब बंद हुआ, जो 1% से अधिक की गिरावट है। हालांकि फेड के मिनट्स ने जंबो दर वृद्धि के अंत के संकेत दिए हैं, लेकिन नीति निर्माता इस बात को लेकर अनिश्चित दिखे कि दर वृद्धि का अंत कब होगा। फेड द्वारा छोटी दरों में बढ़ोतरी जोखिम वाले लोगों के साथ-साथ सोने जैसी सुरक्षित आश्रय संपत्ति के लिए सकारात्मक है क्योंकि यह डॉलर की कमजोरी का समर्थन करता है।

ग्लोबल ऑयल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 0.21 फीसदी गिरकर 85.23 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। घरेलू इक्विटी बाजार में, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 180.14 अंक या 0.29 प्रतिशत बढ़कर 61,690.72 पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह, व्यापक एनएसई निफ्टी 66.50 अंक या 0.36 प्रतिशत बढ़कर 18,333.75 पर पहुंच गया। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक (गिरावट की मुद्रा FIIs) बुधवार को पूंजी बाजार में नेट सेलर रहे, उन्होंने कुल 789.86 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

विस्तार

अमेरिकी डॉलर के ऊंचे स्तर से गिरने के कारण गुरुवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 26 पैसे मजबूत होकर 81.67 रुपये के लेवल पहुंच गया। इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज पर घरेलू इकाई डॉलर के मुकाबले 81.72 पर खुली, फिर अपने पिछले बंद भाव से 26 पैसे की वृद्धि दर्ज करते हुए 81.67 पर पहुंच गई।

व्यापक आधार वाली डॉलर की कमजोरी से शुरुआती कारोबार में रुपया मजबूत हुआ है। IFA ग्लोबल रिसर्च एकेडमी ने एक रिसर्च नोट में कहा है कि साइडवेज प्राइस एक्शन के साथ इसके 81.55-81.85 के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। डॉलर सूचकांक जो छह मुद्राओं की एक बास्केट की तुलना में 0.41 प्रतिशत गिरकर 105.63 पर आ गया है ऐसा कमजोर अमेरिकी डेटा और फेड के मिनट्स जारी किए जाने के बाद हुआ है।

आईएफए ग्लोबल रिसर्च एकेडमी के अनुसार "फेड की नवीनतम बैठक के मिनट्स से संकेत मिले हैं कि अधिकांश फेड सदस्य दर वृद्धि की गति को धीमा करने के समर्थन में थे, लेकिन 'विभिन्न' फेड सदस्यों ने दरों को भी प्राथमिकता दी है।

कोटक सिक्योरिटीज के एनालिस्ट रविंद्र राव के अनुसार बुधवार को एफओएमसी बैठक के मिनट्स जारी होने के बाद अमेरिकी डॉलर गिर गया। यह पहले से अपेक्षित था, यह दर्शाता है कि अधिकांश नीति निर्माता धीमे दर वृद्धि के दृष्टिकोण के साथ थे क्योंकि हाल ही में फेड के आक्रामक रुख से आर्थिक विकास प्रभावित हुआ है।

पिछले सत्र में अमेरिकी डॉलर सूचकांक 106.03 के दिन के निचले स्तर के करीब बंद हुआ, जो 1% से अधिक की गिरावट है। हालांकि फेड के मिनट्स ने जंबो दर वृद्धि के अंत के संकेत दिए हैं, लेकिन नीति निर्माता इस बात को लेकर अनिश्चित दिखे कि दर वृद्धि का अंत कब होगा। फेड द्वारा छोटी दरों में बढ़ोतरी जोखिम वाले लोगों के साथ-साथ सोने जैसी सुरक्षित आश्रय संपत्ति के लिए सकारात्मक है क्योंकि यह डॉलर की कमजोरी का समर्थन करता है।

ग्लोबल ऑयल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 0.21 फीसदी गिरकर 85.23 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। घरेलू इक्विटी बाजार में, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 180.14 अंक या 0.29 प्रतिशत बढ़कर 61,690.72 पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह, व्यापक एनएसई निफ्टी 66.50 अंक या 0.36 प्रतिशत बढ़कर 18,333.75 पर पहुंच गया। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) बुधवार को पूंजी बाजार में नेट सेलर रहे, उन्होंने कुल 789.86 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

भारत के बल्ले-बल्ले, गिरावट की मुद्रा देश की विदेशी मुद्रा भंडार में आया रिकॉर्ड उछाल

इस महीने भारत के लिए ये दूसरी सबसे अच्छी खबर आई है। पहली खबर ये थी, जिसमें भारत में महंगाई के आंकड़ों में गिरावट देखी गई थी। अब विदेशी मुद्रा भंडार में रिकॉर्ड उछाल देखा गया है।

India TV Business Desk

Edited By: India TV Business Desk
Published on: November 19, 2022 18:07 IST

देश की विदेशी मुद्रा भंडार में आया रिकॉर्ड उछाल- India TV Hindi

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ये महीने भारत के विकास के लिए कई मायनों में अच्छा है। इस महीने भारत में महंगाई के आंकड़ों में गिरावट भी देखी गई थी। अब विदेशी मुद्रा भंडार में रिकॉर्ड उछाल देखा गया है। देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के रुख को पलटते हुए 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह में यह 14.72 अरब डॉलर बढ़कर 544.72 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह अगस्त 2021 के बाद सबसे तेज वृद्धि है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शनिवार को यह जानकारी दी।

मार्च के बाद आई थी गिरावट

हालांकि, मार्च के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में 110 अरब डॉलर से अधिक की गिरावट आई है। वैश्विक अस्थिरता के बीच आरबीआई द्वारा रुपये को सहारा देने के चलते यह कमी हुई है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 14.72 अरब डॉलर बढ़कर 544.72 अरब डॉलर हो गया। चार नवंबर को यह 529.99 अरब डॉलर के स्तर पर था।

केंद्रीय बैंक ने दी जानकारी

केंद्रीय बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 11.8 अरब डॉलर बढ़कर 482.53 अरब डॉलर हो गईं। स्वर्ण भंडार का मूल्य 2.64 अरब डॉलर बढ़कर 39.70 अरब डॉलर रहा। इससे पहले 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 117.93 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर रहा था। आरबीआई ने सितंबर में शुद्ध आधार पर 10.36 अरब डॉलर मूल्य की विदेशी मुद्रा की बिक्री की है। सितंबर में डॉलर के मुकाबले रुपया 79.5 के भाव से गिरकर 81.5 पर आ गया। अक्टूबर में यह 83.29 के रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिर गया था। इसके बाद 21 अक्टूबर से 11 नवंबर के बीच रुपया 2.3 प्रतिशत चढ़ा और शुक्रवार को 10 पैसे गिरकर 81.74 पर बंद हुआ।

लगातार सातवीं बार गिरावट के साथ सामने आए विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार के आंकड़े

लगातार सातवीं बार गिरावट के साथ सामने आए विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार के आंकड़े

राज एक्सप्रेस। देश में जितना भी विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार जमा होता है, उसके आंकड़े समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाते हैं। इन आंकड़ों में उतार-चढ़ाव होता रहता है, लेकिन पिछले कुछ समय से इसमें लगातार गिरावट ही दर्ज की जा रही है। हालांकि, बीच में विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) में कुछ बढ़त दर्ज की गई थी। वहीं, एक बार फिर इसमें बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। उधर स्वर्ण भंडार में भी इस बार गिरावट दर्ज हुई है। इस बात का खुलासा RBI द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों से हुआ है। बता दें, यदि विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज की जाती है तो, कुल विदेशी विनिमय भंडार में भी बढ़त दर्ज होती है।

विदेशी मुद्रा भंडार के ताजा आंकड़े :

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 22 अप्रैल 2022 समाप्त सप्ताह में 3.271 अरब डॉलर घटकर 600.423 अरब डॉलर पर आ गिरा है। जबकि, इससे पहले 15 अप्रैल 2022 समाप्त सप्ताह में 31.1 करोड़ डॉलर घटकर 603.694 अरब डॉलर पर आ गिरा था। वहीं, उससे पहले भी 8 अप्रैल 2022 को समाप्त सप्ताह में इसमें 2.471 करोड़ डॉलर की गिरावट ही देखने मिली थी और महीने की शुरुआत में यानी 1 अप्रैल, 2022 को समाप्त सप्ताह में 11.173 अरब डॉलर घटकर 606.475 अरब डॉलर पा आ गिरा है। जबकि, 25 मार्च 2022 को समाप्त सप्ताह में 2.03 अरब डॉलर घटकर 617.648 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। बता दें, विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार सातवीं बार गिरावट दर्ज हुई है।

गोल्ड रिजर्व की वैल्यू :

बताते चलें, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत के गोल्ड रिजर्व की वैल्यू में भी पिछले कुछ समय से गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन अब समीक्षाधीन सप्ताह में गोल्ड रिजर्व की वैल्यू 3.77 करोड डॉलर घटकर42.768 अरब डॉलर पर जा पहुंची हैं। हालांकि, इससे पहले भी गोल्ड रिजर्व में गिरावट ही दर्ज की गई थी। रिजर्व बैंक (RBI) ने बताया कि, आलोच्य सप्ताह के दौरान IMF के पास मौजूद भारत के भंडार में मामूली वृद्धि हुई। बता दें, विदेशी मुद्रा संपत्तियों (FCA) में आई गिरावट के चलते विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है। आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को समाप्त सप्ताह में FCA 2.835 अरब डॉलर घटकर 533.933 अरब डॉलर रह गया। RBI के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज होने की वजह से कुल विदेशी विनिमय भंडार में बढ़त गिरावट की मुद्रा हुई है और विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का एक अहम भाग मानी जाती हैं।

आंकड़ों के अनुसार IMF :

रिजर्व बैंक (RBI) के साप्ताहिक आंकड़ों पर नजर डालें तो, विदेशीमुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होती हैं। बता दें, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में बढ़कर होने की वजह से मुद्रा भंडार में बढ़त दर्ज की गई है। इस प्रकार अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) में देश का मुद्रा भंडार 1.6 करोड़ डॉलर घटकर 5.086 अरब डॉलर पर पहुंच गया। जबकि, IMF में देश का विशेष आहरण अधिकार (SDR) 3.3 करोड़ डॉलर घटकर 18.662 अरब डॉलर पर आ पंहुचा है।

क्या है विदेशी मुद्रा भंडार ?

विदेशी मुद्रा भंडार देश के रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इसका उपयोग आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में भी किया जाता है। कई लोगों को विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी का मतलब नहीं पता होगा तो, हम उन्हें बता दें, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट की मुद्रा बढ़ोतरी अच्छी बात होती है। इसमें करंसी के तौर पर ज्यादातर डॉलर होता है यानि डॉलर के आधार पर ही दुनियाभर में कारोबार किया जाता है। बता दें, इसमें IMF में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार के फायदे :

विदेशी मुद्रा भंडार से एक साल से अधिक के आयात खर्च की पूर्ति आसानी से की जा सकती है।

अच्छा विदेशी मुद्रा आरक्षित रखने वाला देश विदेशी व्यापार का अच्छा हिस्सा आकर्षित करता है।

यदि भारत के पास भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है तो, सरकार जरूरी सैन्य सामान की तत्काल खरीदी का निर्णय ले सकती है।

विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की प्रभाव पूर्ण भूमिका होती है।

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रुपये में रिकॉर्ड गिरावट, दिसंबर तक 83 रुपये प्रति डॉलर तक जा सकता है भाव, विदेशी मुद्रा भंडार में कमी

मौजूदा वित्त वर्ष (FY23) के दौरान देश की जीडीपी विकास दर का अनुमान 7.2 फीसदी के स्तर पर बरकरार रहने की उम्मीद है। लेकिन रुपये में आ रही गिरावट की वजह से विदेशी मुद्रा भंडार में काफी कमी आने की आशंका है।

रुपये में रिकॉर्ड गिरावट, दिसंबर तक 83 रुपये प्रति डॉलर तक जा सकता है भाव, विदेशी मुद्रा भंडार में कमी

Rupee vs Dollar: भारतीय रुपये में लगातार गिरावट हो रही है। बुधवार को भारतीय रुपया डॉलर की तुलना में कमजोर होकर 81.93 डॉलर पर पहुंच गया, जो उसका अब तक का सबसे निचला स्तर है। साल 2022 में भारतीय रुपये में 10 फीसदी की गिरावट आ चुकी है, और गिरावट का सिलसिला जारी है। परेशानी की बात ये है कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट का सिलसिला आने वाले दिनों में और तेज़ होने के आसार हैं। रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) ने बुधवार को जारी अपनी रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि दिसंबर तक एक डॉलर का भाव 83 रुपये तक जा सकता है। माना जा रहा है कि ग्लोबल इक्विटी और करेंसी मार्केट में गिरावट का असर भारतीय करेंसी पर भी दिखाई दे रहा है।

क्या होगा इसका असर?

2008 और 2013 में डॉलर के मुकाबले रुपये में आई कमजोरी के बाद जिस रफ्तार से विदेशी मुद्रा भंडार में तब कमी आई थी उससे भी तेज गति से इस बार विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है। एक साल पहले आरबीआई के पास 642 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार था, जिसमें अब 100 अरब डॉलर की कमी आ गई है और ये घटकर 545 अरब डॉलर रह गया है। माना जा रहा है कि दिसंबर तक इसमें और कमी आ सकती है और विदेशी मुद्रा भंडार 500 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।

क्या हैं इसके उपाय?

इस बीच बुधवार को आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की 3 दिवसीय बैठक शुरू हो चुकी है। शुक्रवार को इसमें लिए गए फैसलों का एलान हो सकता है। बाजार के विशेषज्ञों के मुताबिक रुपये की गिरावट पर नियंत्रण के लिए आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी किए जाने का ऐलान हो सकता है। डॉलर (Dollar) के मुकाबले रुपये हर रोज आ रहे रिकॉर्ड गिरावट को थामने के लिए आरबीआई ( RBI) को दखल देना पड़ सकता है। ऐसे में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ( Forex Reserves) में भारी कमी आने की आशंका है।

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